21 दावंे का संदायः-

विभाग दावे की रकम का संदाय देय होने की तारीख से दो मास के भीतर-भीतर ऐसे संदाय प्राधिकार या चैक (सरकार द्वारा जब कभी भी ऐसा विनिश्चत किया जाये) द्वारा करेगी, जो जारी किये जाने की तारीख से तीन मास के भीतर भीतर संदेय हो।


(22) दावे के विलम्बित निपटारे या प्रीमियम के प्रतिदाय पर ब्याज का संदायः-

(1) (I) प्रीमियम की अधिक वसूली, यदि की गयी हो, कटौती के मास से तीन मास के भीतर-भीतर प्रतिदाय कर देने के मामले के सिवाय 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर ब्याज सहित संदत्त की जायेगी। (II) परिपक्वता, मृत्यु या अध्यर्पण के दावे, जब उनके देय होने के दो मास के पश्चात् संदत्त किये जाये, विभागीय स्तर पर विलम्ब के लिए दायित्व नियत करने के पश्चात् 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर ब्याज सहित संदत्त किये जायेंगे।


(2) ब्याज का संदाय निम्नलिखित द्वारा प्राधिकृत किया जा सकेगा:-
(I) दो वर्ष की सीमावधि तक सहायक निदेशक / उपनिदेशक,राज्य बीमा एवम् प्रावधायी निधि विभाग, और
(II) संदाय प्राधिकार के जारी करने की वास्तविक तारीख तक निदेशक / अपर निदेशक, राज्य बीमा एवम् प्रावधायी निधि विभाग।


23 बीमाकृत राशिः-


बीमाकृत राशि (अर्थात काटे गये प्रीमियम द्वारा प्रत्याभूत) बीमा के प्रारम्भ की तारीख को, बीमाकृत व्यक्ति को अगली जन्मतिथि को होने वाली आयु के सन्दर्भ में से, इन नियमों से संलग्न सारणियों से अवधारित की जायेगी।


24 बीमा का प्रारम्भः-


प्रत्येक बीमा या अतिरिक्त बीमा उस मास में जिसमें से मासिक प्रीमियम की कटौती की गयी है, के ठीक बाद वाले मास के प्रथम दिन से प्रारम्भ हुआ समझा जायेगा।


25 आयु का साक्ष्यः-


विभाग जन्मतिथि के साक्ष्य के रूप में केवल कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गयी प्रविष्टि को ही स्वीकार करेगा।