Questions and Answers Regarding Rajasthan Service Rules

उप प्रधानाचार्य पद के लिए दायित्व मानदंड एवं कार्यों का निर्धारण

राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग द्वारा 22 जुलाई 2022 को विभाग के शासकीय आदेश के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता के मध्य नजर शैक्षिक परिवीक्षण तंत्र को सुदृढ़ करने एवं शिक्षा प्रशासन का शैक्षिक कार्यों के सुचारू संचालन एवं संचालन में कार्यकुशलता अभिवृद्धि की प्रत्याशा हेतु राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में राजस्थान शिक्षा सेवा अधिनियम में उप प्रधानाचार्य पद के लिए दायित्व मानदंड एवं कार्यों का निर्धारण किया गया है। विद्यालय के प्रशासनिक कार्य पूर्व की भांति प्राचार्य द्वारा किए जाएंगे। उप प्रधानाचार्य विद्यालय के प्राचार्य के नियंत्रण में रहते हुए विद्यालय के निम्नलिखित कार्यों में दायित्व निभाएंगे।

  • उप प्रधानाचार्य प्रति सप्ताह कम से कम 18 कालांश शिक्षण कार्य करेंगे।
  • प्राचार्य की अनुपस्थिति में जैसे पद रिक्त होने, अवकाश या यात्रा की स्थिति में उप प्रधानाचार्य कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में विद्यालय के संचालन संबंधी सभी दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
  • उप प्राचार्य नामांकन कार्य वह नामांकन लक्ष्यों की पूर्ति एवं ठहराव सुनिश्चित करते हुए विद्यालय के क्षेत्राधिकार में ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की संख्या को शून्य स्तर पर लाने का कार्य करेंगे।
  • विद्यालय में प्रवेश संबंधी संपूर्ण प्रक्रिया का संचालन करेंगे तथा प्रवेश संबंधी अभिलेख एवं उन्हें शाला दर्पण पर अपडेशन का कार्य करवाएंगे।
  • प्रधानाचार्य कक्षावार एवं शिक्षकवार विद्यालय समय सारणी (Time-Table) का निर्माण करेंगे एवं उसकी पालना करवाएंगे।
  • विद्यालय योजना का निर्माण करना,SDMC से अनुमोदन करवाना एवं उसकी पालना करवाना।
  • प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन एवं प्रबोधन।
  • प्रत्येक माह कक्षा शिक्षण एवं गृह कार्य का परिवीक्षण करेंगे। प्रति 3 माह में प्रत्येक शिक्षक के दो घोषित व दो अघोषित परिवीक्षण।
  • स्थानीय परीक्षा एवं सामयिक परखों का संचालन करेंगे
  • शिक्षकों द्वारा भरी जाने वाली दैनिक डायरी का अवलोकन एवं सत्यापन करेंगे।
  • धूम्रपान निषेध अधिनियम(COPTA) के तहत विद्यालय परिसर में 100 मीटर की परिधि में धूम्रपान मुक्त क्षेत्र बनाए रखने की सुनिश्चित करेंगे। वृक्षारोपण, स्वच्छ भारत, सेनेटरी नैपकिन योजना, शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के पदेन प्रभारी रहेंगे तथा इन कार्यक्रमों के प्रावधानों को विद्यालय में लागू करने हेतु प्राचार्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।
  • कक्षा 5, 8,10 एवं 12 की बोर्ड परीक्षा परिणाम उन्नयन हेतु कार्य योजना तैयार करेंगे एवं उसकी क्रियान्विति के लिए प्राचार्य का सहयोग करेंगे।
  • विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं हेतु पूर्व तैयारी व उनके क्रियान्वयन का कार्य करना।
  • उप प्रधानाचार्य कक्षा 5 व 8 की परीक्षा परिणाम हेतु उत्तरदायी होंगे।
  • विभिन्न अकादमिक प्रतियोगिताओं जैसे-विज्ञान मेला, कला उत्सव, बोर्ड सर्जनात्मक प्रतियोगिताएं, प्रतिभा खोज परीक्षाएं, NMMS स्कॉलरशिप परीक्षा, इंस्पायर अवार्ड, वार्षिक उत्सव, बालसभा एवं विभाग द्वारा समय-समय पर आयोज्य या निर्देशित विभिन्न गतिविधियों एवं क्रियाकलापों इत्यादि में विद्यालय के विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
  • मिड डे मील के तहत पोषाहार वितरण संबंधी गतिविधियों का संचालन हेतु पदेन प्रभारी होंगे।
  • विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल-शाला दर्पण अपडेशन, ऑनलाइन उपस्थिति, छात्रवृत्ति पोर्टल एवं अन्य समस्त ऑनलाइन कार्य हेतु प्रभारी होंगे
  • जिन विद्यालयों में दो पारियों में विद्यालय संचालित है उनमें उप प्रधानाचार्य द्वितीय पारी के पदेन प्रभारी होंगे जिस पारी में पांचवी एवं आठवीं कक्षा का संचालन किया जा रहा हो।
  • उप प्रधानाचार्य विद्यालय के कार्मिकों एवं शिक्षकों के आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे
  • SDMC में सदस्य के रूप में कार्य करते हुए बैठकों के आयोजन एवं उनमें पारित निर्णयों की पालना एवं रिकॉर्ड संधारण का कार्य संपन्न करेंगे।
  • प्राचार्य एवं उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर सौंपे गए समस्त कार्य करेंगे।

इस तरह से उप प्रधानाचार्य विद्यालय की शैक्षिक और गैर शैक्षिक सभी कार्यों में प्रभारी के रूप में रहते हुए कार्यों को करवाएंगे और प्राचार्य के सहयोगी के रूप में कार्य करेंगे।

 वाइस प्रिंसिपल पदोन्नति पर वेतन निर्धारण कैसे होगा (Fixation on Promotion on the Post of Vice- Principal) ?

(1) कोई व्याख्याता L-12 में 67000 वेतन आहरित कर रहे है तो वाइस प्रिंसिपल पदोन्नति पर वेतन निर्धारण कैसे होगा?

उत्तर:- इस केस में 26A के लाभ अनुसार एक इंक्रीमेंट सहित pay लेवल 14 में समान स्टेज एवम समान स्टेज नही होने पर अगली स्टेज पर वेतन निर्धारण होगा। इस केस में 14 में 69000 पर वेतन निर्धारण होगा।

(2) व्याख्याता वर्तमान में L-13 मूल वेतन 77900 पर हैं वाइस प्रिंसिपल में डीपीसी होने पर L-14 में पे फिटिंग कहां पर होगी?

उत्तर:- जो व्याख्याता एसीपी ले कर L13 में वेतन आहरित कर रहे है उनको 26 A इंक्रीमेंट का लाभ नही मिलेगा केवल L14 में सेम स्टेज एवम सेम स्टेज नही होने पर अगली स्टेज पर फिटिंग होगा। इस केस में L14 में 80000 रु पर वेतन निर्धारण होगा।

(3) जो व्याख्याता एसीपी लगने से L14 या L15 में वेतन आहरित रहे है उनका वाइस प्रिंसिपल पदोन्नति पर वेतन निर्धारण कैसे होगा?

उत्तर:- इनका वही वेतन रहेगा जो आहरित कर रहे है । कोई चेंज नही होगा क्योकि वाइस प्रिंसिपल का pay लेवल भी L14 ही है।

नोट:- (1) वाइस प्रिंसिपल पदोन्नति पर वेतन निर्धारण चयन तिथि से होगा जो काल्पनिक रहेगा एवं उसका आर्थिक लाभ पदोन्नति पर वर्तमान आदेश की पालना में वाइस प्रिंसिपल के पद पर जॉइन करने की तिथि से मिलेगा।

(2) वेतन निर्धारण पुनरीक्षित वेतनमान 2017 के नियम 20 (1) के तहत किया जाएगा।

प्रश्न:-वेतन अथवा पेंशन प्राप्त होने वाले बैंक खाते में नॉमिनी रजिस्टर्ड करने बाबत आवश्यक जानकारी देवे?

उत्तर:-1-आपके जिस बैंक खाते में वेतन अथवा पेंशन प्राप्त होती है उसमें नॉमिनी को मनोनीत अवश्य करवावे बैंक की शाखा से निर्धारित फॉर्म अथवा सिम्पल आवेदन पत्र शाखा प्रबंधक को प्रस्तुत करें।

2.  यदि आपका वेतन/पेंशन सयुक्त खाते (Joint a/c) में जमा हो रही है तो भी उस खाते में नॉमिनी का मनोनयन अवश्य करवावे जिससे किसी दुखांत दुर्घटना में जॉइंट खाता धारक दोनो की डेथ हो जाने पर कोई परेशानी नही रहे।

3. यदि अपने अपने बैंक खाते में पहले से नॉमिनी ऐड करवा रखा है एवं उसकी मृत्यु/तलाक/परित्याग या अन्य कोई कारण रहा है एवं आप नॉमिनी बदलना चाहे तो आप बैंक की शाखा में जा कर नॉमिनी को बदल कर अपडेट करवा देवे।

4.यदि किसी बैंक में आपने कोई रकम फिक्स डिपॉजिट के रुप में जमा करवाई  है तो उस मे भी नॉमिनेशन दर्ज करवावे।

5. बैंक खाते में नॉमिनेशन मनोनीत नही करने पर कार्मिक/पेंशनर की डेथ होने के बाद आश्रित परिवार को खाते में जमा राशि हस्तांतरण के लिए लंबी विधिक प्रक्रिया के बाद उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र सक्षम न्यायालय से जारी करवाना पड़ता है जिसमे अधिक समय लगता है  एवम पैसा भी खर्च होता है तथा भुगतान मिलने में बहुत विलम्ब होता है उक्त परेशानी से बचने का केवल  एक ही उपाय है अपने बैंक खाते में नॉमिनेशन को अपडेट रखे।

नोट:-सेवारत कार्मिक  DC&RG का नॉमिनेशन DDO को प्रस्तुत उसकी प्रति को सर्विस बुक में चस्पा करवा देवे एवम विभिन्न  स्किम SI/GPF/NPS/GIS /LIC आदि में भी नॉमिनेशन अनिवार्य अपडेट रखे।

प्रश्न:- पेंशन की गणना विधि की जानकारी दीजिये(Pension Rules for Rajasthan Government Employees)।

उत्तर:-  नियमानुसार सेवानिवृति पर न्यूनतम 10 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा पूर्ण करने पर मासिक पेंशन मिलती है। 10 वर्ष से कम की पेंशन योग्य सेवा होने पर केवल एकमुश्त ग्रेच्युटी ही मिलती है।

पेंशन की गणना विधि को हम इन चार बिंदुओं से भलीभांति समझ सकते हैं।

(क) 30-6-2013 तक सेवानिवृत्त कार्मिक को 33 वर्ष की अर्हक सेवा करने पर वेतन की 50 प्रतिशत पेंशन देय होगी।

(ख) 1-7-2013 व इसके पश्चात 28 वर्ष या अधिक अवधि की सेवा पूर्ण करने पर देय मासिक पेंशन:-  उपरोक्त मामले में सेवानिवृति के ठीक पूर्व कार्मिक की परिलाभों (दिनांक 1-9-2006) से राज्य में अधिकतम वेतन सीमा 77000/- रुपये थी जो  दिनांक 1-1-2016 से 218600/- रुपये हो गई है) के 50% के बराबर मासिक पेंशन देय होगी। उदाहरणार्थ यदि कुल परिलब्धियां 80200/- रुपये प्रतिमाह हो तो पेंशन 50% यानि 40100/- प्रतिमाह होगी।

(ग) 1-7-2013 व इसके पश्चात सेवानिवृत्त होने वाले राज्यकर्मी की 28 वर्ष से कम किंतु 10 वर्ष या अधिक अवधि की पेंशन योग्य सेवा पूर्ण करने पर:-

इसमे पेंशन का फार्मूला निम्न प्रकार है।

परिलब्धियां/2 * पूरे किए गए छ माही के खण्ड/56

उदाहरण:- कुल परिलब्धियां 80200 है कुल सेवाकाल 22 वर्ष है तो अनुपातिक पेंशन 80200/2* 44/56=31508 रुपये प्रतिमाह पेंशन होगी।

नोट 1:- 1-1-2016 या इसके पश्चात सेवानिवृत्त कार्मिक के लिए गणना करने पर पेंशन/ पारिवारिक पेंशन यदि 8850/- रुपये से कम आती है तो न्यूनतम पेंशन 8850/- प्रतिमाह देय होगी।

नोट 2:- दिनांक 1-9-1996 से न्यूनतम/पारिवारिक पेंशन 1275 रुपये थी। दिनांक 1-7-2004 से मूल वेतन में 50% महंगाई भत्ता वेतन में महंगाई वेतन के रूप में समाहित करने पर न्यूनतम पेंशन/ पारिवारिक पेंशन 1913/- रुपये हो गई तथा दिनांक 1-1-2006 से पुनरीक्षित वेतनमान 2008 लागू होने पर  न्यूनतम पेंशन/ पारिवारिक पेंशन 3025/- प्रतिमाह कर दी गई जिसका नकद लाभ दिनांक 1-1-2007 से देय रहा है। 1-7-2013 से न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 3450/- प्रतिमाह थी जो 1-1-2016 से 8850/- रुपये  हो गई। (नकद लाभ 1-1-2017 से देय)

नोट 3:- राज्य सरकार ने संशोधित वेतनमान नियम क. F.12(6)FD/rules/2017 दिनांक 30-10-2017 से जारी किए जिन्हें 1-10-2017 से लागू किया गया था। पुनः समसंख्यक आदेश दिनांक 9-12-2017 से इन्हें 1-1-2016 से लागू किया गया। दिनांक 1-1-2016 से 31-12-2016 तक कि अवधि का कोई एरियर भुगतान देय नही है अर्थात नकद लाभ दिनांक 1-1- 2017 से ही देय होगा।

नोट 4:- वेतन की अधिकतम सीमा 218600/- दिनांक 1-1-2016 से लागू मानी गई है।

(घ) 10 वर्ष से कम अवधि की सेवा होने पर देय एकमुश्त सेवा उपादान-

यदि कोई कार्मिक 10 वर्ष की पेंशन योग्य सेवा पूर्ण करने से पूर्व ही सेवानिवृत हो जाता है तो उसे मासिक पेंशन नही मिलेगी बल्कि केवल एकमुश्त राशि सेवा उपादान (ग्रेच्यूटी) के रूप में प्राप्त होगी जो प्रत्येक छः माही सेवा अवधि के लिए आधे माह की परिलब्धि की दर से संगणित की जाएगी। (नियम 54(1))

प्रश्न :क्या चाइल्ड केयर लिव पुरुष कार्मिक (Childcare Leave Rules for Rajasthan Government Employees) को भी देय है? हाँ तो कब l

उत्तर : हाँ, चाइल्ड केयर लिव पुरुष कार्मिक को दिया जाता है – यदि पुरुष कार्मिक एकल हो जैसे विधुर या तलाकशुदा हो तो नियमानुसार संपूर्ण सेवा काल में दो सन्तान पर 730 दिवस के लिए दिया जा सकता है l

DDO द्वारा अपने स्तर पर स्वीकृत किये जा सकने वाले अवकाश एवं उनकी अधिकतम अवधि –

राजस्थान सेवा नियमो के अंतर्गत निम्न प्रकार के अवकाश DDO स्तर पर स्वीकृत किये जा सकते हैं यह सामान्य जानकारी शेयर की जा रही है विस्तृत दिशा निर्देश हेतु RSR के नियम देखे।

(1) उपार्जित अवकाश:- सेवा नियम 91 (3) के अनुसार DDO एक समय में 120 दिनों तक यह अवकाश स्वीकृत कर सकते है।

(2) समर्पित अवकाश:- नियम 91 (A) के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में 15 दिन का समर्पित किया जा सकता है। अवकाश नगद भुगतान के लिए के किसी भी कार्मिक के DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।

(3) सेवानिवृति पर शेष जमा अवकाश का नगद भुगतान:- नियम 91(B) के अनुसार सेवानिवृति पर अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के एवज में अधिकतम 300 दिन PL का नगद भुगतान हेतु DDO द्वारा स्वीकृत किया जाता है।   (4) अर्द्ध वेतन अवकाश (HPL):-नियम 93 (A) के अनुसार निजी किसी कारण से या चिकित्सा कारण से 120 दिन तक का अर्द्धवेतन अवकाश (HPL) DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है। इसमें अर्द्ध वेतन का नियमानुसार भुगतान किया जाता है।

(5) रूपांतरित अवकाश (commuted leave):-नियम 93 (B) के अनुसार स्थाई सेवा के कार्मिक के चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अर्द्ध वेतन अवकाश को रूपांतरित अवकाश में परिवर्तित कर 120 दिन तक का यह अवकाश DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है। किसी कार्मिक के रूपांतरित अवकाश स्वीकृत करने पर उसके दुगनी संख्या में अवकाश के दिनों को HPL लेखा मे से घटाया ( डेविट) किया जाता है एवम कार्मिक को full pay के हिसाब से वेतन का भुगतान प्राप्त होता है। नियुक्ति तिथि के 3 वर्ष बाद यह अवकाश स्वीकृत किया जाता है (नियम 93 (4))

(6) अदेय अवकाश (Leave not due):- स्थाई कार्मिक के निम्न शर्तों पर अदेय अवकाश एक बार में 90 दिनों तक ही Ddo द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है इसके साथ ही यदि Hpl पहले की जमा हो तो 120 तक Ddo सेक्शन कर सकते है।

संपूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 360 दिनों तक स्वीकृत किया जा सकता है, जिसमें से 180 दिन का अदेय अवकाश चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर एवं शेष 180 दिन अन्य आधार पर स्वीकृत किया जा सकता है जो निदेशालय से स्वीकृत किया जायेगा।

(1) सक्षम अधिकारी के संतुष्ट होने पर की कर्मचारी अदेय अवकाश के बाद सेवा पर वापिस उपस्थित हो जाएगा।
(2) अदेय अवकाश की संख्या उस अनुपातिक संख्या से अधिक नहीं होगी जो कर्मचारी अवकाश से वापस आ कर उतनी संख्या में HPL अर्जित कर सके।
(3) अदेय अवकाश स्वीकृत किये जाने पर वह कर्मचारी के HPL खाते में माईनस में (डेबिट) लिखा जाएगा जिसका समायोजन भविष्य में अर्जित HPL से होता रहेगा।
(4) इस अवकाश में कार्मिक को अर्द्ध वेतन की दर से वेतन का भुगतान किया जाता है।

(7) असाधारण अवकाश (Extra ordinary leave):- स्थाई कार्मिक के चिकित्सा या कोई पाठ्य क्रम पूरा करने के लिए एक समय मे तीन महीने से 18 माह तक असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। जिसने एक साथ तीन महीने से अधिक का असाधारण अवकाश वित्त विभाग की पूर्व सहमति से उक्त शिथिलता के बाद ही स्वीकृत किया जा सकता है। DDO स्तर पर 120 दिनों तक यह अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के असाधारण अवकाश की स्वीकृति के लिए DDO 120 दिनो से अधिक अवधि की सेक्शन भी कर सकते है।
प्रोबेशनकाल में 30 दिन तक का असाधारण अवकाश नियुक्ति अधिकारी एवं उससे अधिक अवधि का प्रशासनिक विभाग द्वारा स्वीकृत किया जाता है।

(8) मातृत्व अवकाश:- सेवा नियम 103 के अनुसार स्थाई कार्मिक एवं प्रोबेशनर कार्मिक को चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश DDO द्वारा स्वीकृत किया जाता है।  

(9) पितृत्व अवकाश:- सेवा नियम 103 (A) के अनुसार स्थाई कार्मिक एवं प्रोबेशनर कार्मिक को पत्नी की प्रसुति से 15 दिन पूर्व से प्रसुति के तीन माह की अवधि में पुरुष कार्मिक को 15 दिन का पितृत्व अवकाश पत्नी की देख भाल हेतु DDO द्वारा स्वीकृत किया जाता है जो बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकृत होता है।

(10) चाइल्ड केयर लीव (CCL) वित्त विभाग के आदेश दिनांक 22/05/2018 एवं 10/09/2018 के अनुसार महिला कर्मिको को चाइल्ड केयर लिय की सुविधा प्रदान की गई है। उक्त 120 दिनो तक की चाइल्ड केयर लीव Ddo द्वारा स्वीकृत की जा सकती है।

प्रश्न:PM श्री योजना (PM Shree Yojna) क्या है ? इसके आवेदन प्रक्रिया के बारे में बताए।

उतर: -हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने पुराने स्कूलों को एक नया स्वरूप देने एवं बच्चों को स्मार्ट शिक्षा से जोड़ने के लिए एक नई योजना को शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना का नाम PM SHRI Yojana है। जिसे शुरू करने की घोषणा प्रधानमंत्री जी ने 5 सितंबर 2022 की है।
➡️केन्द्र प्रवर्तित नवीन पीएमश्री (PM Schools for Rising India) योजना अन्तर्गत प्रत्येक ब्लॉक से दो विद्यालयों का चयन किया जाना है।
➡️इस योजना में वे ही विद्यालय आवेदन कर सकेंगे जिनकी सूची Bench Mark विद्यालयों के रूप में प्रदर्शित हो रही है।
➡️विद्यालयों द्वारा आवेदन करने की समस्त प्रक्रिया स्वतः अग्रेषित होती रहेगी जिसे प्रक्रिया के अंतिम चरण में Submit करना होगा।
➡️ विद्यालयों द्वारा इस नवीन योजना के अन्तर्गत ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 30.11.2022 है।
➡️पीएम श्री योजना के तहत चयन के लिए, केवल प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-5/1-8) और माध्यमिक / सीनियर केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों/स्थानीय स्व-सरकारों द्वारा प्रबंधित माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 1-10/1-12/6-10/6-12) पर विचार किया जाएगा।
➡️शहरी क्षेत्रों के स्कूलों को न्यूनतम 70% स्कोर करने की आवश्यकता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को पीएम श्री स्कूलों के रूप में चुने जाने के लिए न्यूनतम 60% स्कोर करने की आवश्यकता है।
आवेदन प्रक्रिया-
➡️सबसे पहले गूगल में वेबसाइट https://pmshrischools.education.gov.in पर जाना है।
➡️उक्त वेबसाइट पे pmshri स्कूल लॉगिन पर क्लिक करना उसके बाद udise कोड और रजिस्टर्ड मोबाइल no डालना है उसके बाद otp आयेगा कैप्चा डालने के बाद लॉगिन होते ही स्कूल की पूरी डिटेल दिखाई देगी।
➡️इस पोर्टल में विद्यालय से रिलेटेड कुल 7 सेक्शन(A से G)होंगे जिसमे कुछ qustions होंगे,उनको पूरा करना है इनको पूरा करने पर मार्क्स stutus इत्यादि शो होंगे।
➡️इसके बाद स्कूल के बैक और फ्रंट इमेज और सरपंच या लोकल बॉडी और prncipal का लेटर जो 500kb से कम का हो अपलोड करना है। इसके बाद otp द्वारा फाइनल सबमिट करना है।

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