42 सरकारी सेवा में नहीं रह जाने वाले कर्मचारियों के लिए उपलब्ध विकल्पः-


(1) जब बीमाकृत व्यक्ति पाॅलिसी के निबंधनों के अधीन परिपक्वता कीे तारीख के पूर्व सरकार की सेवा में या पंचायत समिति, जिला परिषद् या ऐसे संगठन की सेवा में, जो सरकार के आदेश द्वारा इन नियमों के अन्तर्गत आ गया है, नहीं रह जाता है तो वह 6 मास के भीतर निम्न लिखित में से कोई भी एक मार्ग चुन सकेगाः-

(क) अपने बीमे या बीमों पर देय प्रीमियम तब तक जारी रखना जब तक पाॅलिसी में विनिर्दिष्ट अंतिम प्रीमियम के संदाय की तारीख को प्रीमियम बंद न हो जाये।
(ख) इन नियमों में संलग्न सारणी के अनुसार नियमों में यथा विहित पाॅलिसी का नकद अध्यर्पण मूल्य लेना।
(ग) कम बीमाकृत राशि के लिये परिदत्त बीमा लेना, जो आगे के प्रीमियमों के संदाय से मुक्त हो। ऐसी कम बीमाकृत राशि का मूल बीमाकृत राशि के साथ वही अनुपात होगा, जो बीमा के अधीन संदत्त कुल प्रीमियमों
की रकम का, उन कुल प्रीमियमों की रकम से है, जिनका संदाय उस दशा में किया गया होता, जब मूल बीमे, पाॅलिसी में विनिर्दिष्ट अंतिम प्रीमियम के संदाय की तारीख तक प्रवृत बने रहते।

(2) तथापि उपर्युक्त विकल्पों में से तीसरे विकल्प का प्रयोग, इन नियमों के अधीन किये गये प्रथम बीमे के अधीन कम से कम बारह मासों की प्रीमियम संदत्त कर देने के पश्चात् ही किया जा सकता है।

(3) यदि उस तारीख से, जिससे बीमाकृत व्यक्ति सेवा में नहीं रह जाता है या सेवा में नहीं रह जाने के आदेश के जारी होने की तारीख से, जो भी पश्चात्वर्ती हो, छः मास के भीतर उपर्युक्त विकल्पों में से किसी एक को चुनने की लिखित सूचना देते हुए कोई सूचना निदेशक के पास नहीं पहुॅचती है तो पाॅलिसी स्वतः ही उस तारीख से, जिससे बीमाकृत व्यक्ति सेवा में नहीं रह जाता है, अभ्यर्पित पाॅलिसी में परिवर्तित हो जायेगी और बीमाकृत व्यक्ति को संदाय का प्राधिकार पत्र जारी होने की तारीख तक 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर ब्याज सहित अध्यर्पण मूल्य संदाय किया जायेगा। यदि उपर्युक्त विकल्पों में से किसी एक को चुनने की सूचना पहले ही निदेशक के पास पहंचाये बिना उक्त छः मास की अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो पाॅलिसी पूरी बीमाकृत राशि के लिए प्रवृत्त रही हुई समझी जायेगी और दावे का संदाय, उस मास के जिसमें मृत्यु
हुई, अंतिम दिन तक असंदत्त प्रीमियम को 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष के ब्याज सहित कटौती करने के पश्चात् पूरी बीमाकृत राशि के लिए प्रवृत्त पाॅलिसियों पर लागू नियमों के अनुसार किया जायेगा।

परन्तु उस तारीख से, जिसको बीमाकृत व्यक्ति सेवा में नहीं रह जाता है या सेवा में नहीं रहने के आदेश के जारी होने की तारीख से, जो भी पश्चातवर्ती हो, छः माह के भीतर प्रीमियम जारी रखने को पाॅलिसी जारी रखने का विकल्प समझा जायेगा।

(4) तथापि, जहाॅं कोई बीमाकृत व्यक्ति राजस्थान सरकार द्वारा गठित किसी भी स्वशासी निकाय में, जिस पर सरकार नियंत्रण रखती है, स्थायी रूप से आमेलित हो जाता है तो वह इन नियमों के उपबंधों के अनुसार अपनी पाॅलिसी संविदाओं को जारी रख सकता है और अपने प्रीमियम में वृद्धि कर सकता है।

स्पष्टीकरणः- अखिल भारतीय सेवा के किसी राज्य संवर्ग के पद पर पदोन्नत कोई राज्य सेवा का अधिकारी सरकार की सेवा में ही बना रहेगा और इस नियम के अधीन दिये गये विकल्प उसे उपलब्ध नहीं होंगे।