शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 12 ( 1 ) (ग) के अन्तर्गत गैर-सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश, भौतिक सत्यापन व विद्यालयों की फीस के पुनर्भरण के लिए दिशा-निर्देश ( सत्र 2022 – 23 से प्रभावी)

अध्याय – 1 : पृष्ठभूमि

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, राज्य में 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ, जिसकी धारा 12 (1) (ग) के अनुसार गैर सरकारी विद्यालयों को अपनी एन्ट्री लेवल कक्षा की 25 प्रतिशत सीट्स पर “दुर्बलवर्ग” एवं “असुविधाग्रस्त समूह” के बालक-बालिकाओं को प्रवेश देकर कक्षा 8 तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवानी होगी। गैर सरकारी विद्यालयों को बालकों की फीस का पुनर्भरण अधिनियम की धारा 12 (2) तथा राजस्थान निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम 11 के अनुसार सरकार द्वारा किया जाता है।

राज्य में इस प्रावधान के अन्तर्गत गैर सरकारी विद्यालयों में सत्र 2012-13 से प्रवेश दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार पात्र प्रवेशार्थियों की फीस का पुर्नभरण भी किया जा रहा है।

राज्य में लगभग 39,000 गैर सरकारी विद्यालय संचालित है। इन सभी गैर सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क प्रवेश प्रक्रिया को नियमानुसार सम्पन्न करवाना, समय पर पुर्नभरण करवाना एवं समस्त कार्य की मॉनिटरिंग करवाने का कार्य श्रमसाध्य है। इसको दृष्टिगत रखते हुये सत्र 2013-14 से राज्य सरकार ने यह सम्पूर्ण कार्य ऑन लाइन किये जाने का निर्णय लिया।

स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा NIC के सहयोग से वेब पोर्टल का निर्माण किया तथा सत्र 2013-14 से प्रवेश, भौतिक सत्यापन की मॉनटरिंग व पुनर्भरण की प्रक्रिया को ऑन लाइन किया गया। समस्त कार्यों को ऑन लाइन करने से अभिभावकों, विद्यालयों व शिक्षा विभाग के कार्यालयों का कार्यभारतो कम हुआ ही साथ ही समस्त व्यवस्थाओं में पारदर्शिता भी स्थापित हुई। वर्ष 2020-21 के दौरान विद्यालयों में प्रवेश, भौतिक सत्यापन व पुनर्भरण में अनुभव की गयी कुछ समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शैक्षिक सत्र 2022-23 के लिए आंशिक संशोधित दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं।

ये दिशा-निर्देश गैर सरकारी विद्यालयों, माता-पिता एवं अभिभावकों तथा विभागीय अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण होंगे दिशा निर्देश शिक्षा का अधिकार मूल अधिनियम, 2009 एवं राज्य नियम, 2011 तथा समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं / आदेश / परिपत्रों के आधार पर तैयार किये गये है। (संलग्न परिशिष्ट- 1) यदि इनमें और मूल अधिनियम/नियम/ अधिसूचना / निर्देश / आदेश में कोई विसंगति लगे तो मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / निर्देश / आदेश ही मान्य होंगे।