राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021

भाग 5
पदोन्नति द्वारा भर्ती की प्रक्रिया

31. विभागीय पदोन्नति समिति का गठन – समिति का गठन निम्नानुसार होगा : (क) आयोग के कार्यक्षेत्र के भीतर आने वाले ऐसे पद (पदों) के लिए, जहां नियुक्तियां सरकार द्वारा की जाती हैं:

1.  आयोग का अध्यक्ष या उसके द्वारा नामनिर्दिष्ट कोई सदस्यअध्यक्ष  
2.  प्रशासनिक विभाग का प्रभारी शासन सचिव या उसका नामनिर्देशिती जो शासन उप सचिव की रैंक से नीचे का न हो  सदस्य  
3.  कार्मिक विभाग का प्रभारी शासन सचिव या उसका नामनिर्देशिती जो शासन उप सचिव की रैंक से नीचे का न होसदस्य  
4.  निदेशक, माध्यमिक शिक्षासदस्य सचिव

(ख) आयोग के कार्यक्षेत्र के भीतर आने वाले पद (पदों) के लिए, जहां नियुक्तियां निदेशक द्वारा की जाती हैं:

1.आयोग का अध्यक्ष या उसके द्वारा नामनिर्दिष्ट कोई सदस्यअध्यक्ष
2.संयुक्त शासन सचिव / शासन उप सचिव, शिक्षा विभागसदस्य
3.संयुक्त शासन सचिव / शासन उप सचिव, कार्मिक विभागसदस्य
4.निदेशक, माध्यमिक शिक्षा या यथास्थिति, प्रारंभिक शिक्षासदस्य
5.संबंधित रेंज का उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षासदस्य सचिव

(ग) आयोग के कार्यक्षेत्र के भीतर नहीं आने वाले पद (पदों) के लिए, जहां नियुक्तियां संबंधित रेंज के संयुक्त निर्देशक द्वारा की जाती हैं:

1.  संबंधित रेंज का संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षाअध्यक्ष
2.  निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा नामनिर्दिष्ट एक उप निर्देशकसदस्य
3.निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा नामनिर्दिष्ट एक जिला शिक्षा अधिकारी  सदस्य ।

परन्तु यदि समिति के गठन में सम्मिलित कोई सदस्य या, यथास्थिति, सदस्य सचिव संबंधित पद पर नियुक्त नहीं किया गया है तो उस पद का तत्समय प्रभार धारण करने वाला अधिकारी समिति का सदस्य या, यथास्थिति, सदस्य-सचिव होगा।

32. पदोन्नति के लिए कसौटी, पात्रता और प्रक्रिया– (1) इन नियमों के नियम 15 के अधीन नियुक्ति प्राधिकारी जैसे ही रिक्तियों की संख्या अवधारित करे और यह विनिश्चत करे कि कतिपय संख्या में पद पदोन्नति द्वारा भरे जाने अपेक्षित हैं तो वह उप-नियम ( 6 ) के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हुए. ऐसे वरिष्ठतम व्यक्तियों की सही एवं पूर्ण सूची तैयार करेगा, जो वरिष्ठता-एवं- योग्यता या योग्यता के आधार पर पदोन्नति के लिए इन नियमों के अधीन पात्र और अर्हित हैं।

(2) अनुसूची-I या, यथास्थिति, अनुसूची-II के स्तम्भ 6 में प्रगणित व्यक्ति चयन वर्ष के अप्रैल मास के प्रथम दिन को उनके द्वारा पदोन्नति के लिए स्तम्भ 7 में यथाविनिर्दिष्ट अर्हता और अनुभव रखने के अध्यधीन रहते हुए स्तम्भ 4 में उपदर्शित सीमा तक उसके स्तम्भ 2 में उनके सामने विनिर्दिष्ट पद पर पदोन्नति के लिए पात्र होंगे:

परन्तु –

(i) वरिष्ठ अध्यापक पर परिवीक्षाकाल के दौरान उसके द्वारा दिये गये विकल्प के अनुसार, विशिष्ट विषय के प्राध्यापक, अतिरिक्त ब्लाक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी या प्रधान अध्यापक माध्यमिक विद्यालय के पद पर केवल उसकी पदोन्नति के लिए ही विचार किया जायेगा। परिवीक्षाकाल के दौरान एक बार दिया गया विकल्प अंतिम होगा। जो व्यक्ति जो इन नियमों के प्रारंभ से पूर्व वरिष्ठ अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे उनसे इन नियमों के प्रारंभ के पश्चात् छ मास के भीतर-भीतर यथापूर्वोक्त विकल्प के चयन की अपेक्षा की जायेगी। कोई वरिष्ठ अध्यापक जो यथापूर्वोक्त चयन नहीं करता है, ऐसे व्यक्तियों की पदोन्नति के पश्चात् जिन्होंने विकल्प दिया था, रिक्तियों की उपलब्धता के अध्यधीन रहते हुए उनकी वरिष्ठता एवं पात्रता के अनुक्रम में किसी पद अर्थात् विशिष्ट विषय का प्राध्यापक, अतिरिक्त ब्लाक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी या प्रधान अध्यापक, माध्यमिक विद्यालय पर पदोन्नति के लिए विचार किया जायेगा।

(ii) जो वरिष्ठ अध्यापक परिवीक्षाकाल पूर्ण करने के समय स्नातकोत्तर नहीं थे। उनसे स्नातकोत्तर अर्हता अर्जित करने के पश्चात् पदोन्नति के लिए, स्नातकोत्तर अर्हता प्राप्त करने के पश्चात् से तीन माह की कालावधि भीतर-भीतर विकल्प देने की अपेक्षा की जायेगी ।

(iii) वरिष्ठ अध्यापक, जो अपना विकल्प देता / देती है उसको इसे बदलने का अवसर नहीं दिया जायेगा ।

(iv) वरिष्ठ अध्यापक, जिसने विकल्प देने के पश्चात् अन्य किसी विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है, उसे स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् से तीन मास की कालावधि के भीतर-भीतर अपना विकल्प बदलने का अवसर दिया जायेगा ।

(3) सेवा में किसी भी व्यक्ति की प्रथम पदोन्नति के लिए तब तक विचार नहीं किया जायेगा जब तक कि वह उस पद पर, जिससे पदोन्नति की जानी हो, इन नियमों के उपबंधों के अधीन विहित भर्ती की किसी एक रीति के अनुसार नियमित रूप से चयनित न हुआ / हुई हो।

स्पष्टीकरण: यदि किसी वर्ष विशेष में पदोन्नति द्वारा नियमित चयन के पूर्व किसी पद पर सीधी भर्ती कर ली गयी हो तो ऐसे व्यक्तियों की पदोन्नति के लिए भी विचार किया जायेगा जो भर्ती की दोनों रीतियों से उस पद पर नियुक्ति के लिए पात्र हैं या थे और जो पहले सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किये गये हैं।

(4) ऐसे किसी भी व्यक्ति की पदोन्नति पर उस तारीख जिसको उसकी पदोन्नति देय हो जाती है, से तीन भर्ती वर्षों तक विचार नहीं किया जायेगा, यदि उसके 1 जून, 2002 को या उसके पश्चात् दो से अधिक संतानें हीं :

परन्तु –

(i) दो से अधिक संतानों वाला व्यक्ति पदोन्नति के लिए तब तक निरर्हित नहीं समझा जायेगा जब तक कि उसकी संतानों की उस संख्या में, जो 1 जून, 2002 को थी, बढ़ोतरी नहीं होती है।

(ii) जहां किसी व्यक्ति के पूर्वतर प्रसव से एक ही संतान है, किन्तु पश्चात्वर्ती किसी एकल प्रसव से एक से अधिक संतानें पैदा हो जाती हैं वहां संतानों की कुल संख्या की गणना करते समय इस प्रकार पैदा हुई संतानों को एक इकाई समझा जायेगा ।

(iii) किसी अभ्यर्थी की संतानों की कुल संख्या की गणना करते समय ऐसी संतान को नहीं गिना जायेगा जो पूर्व के प्रसव से पैदा हुई हो और निःशक्तता से ग्रस्त हो ।

(iv) ऐसा कोई अभ्यर्थी जिसने पुनर्विवाह किया है जो किसी विधि के विरुद्ध नहीं है और वह ऐसे पुनर्विवाह से पूर्व इस उप-नियम के अधीन नियुक्ति के लिए निरहित नहीं है तो उसे निरर्हित नहीं किया जायेगा यदि ऐसे पुनर्विवाह से एकल प्रसव द्वारा किसी संतान का जन्म हुआ हो ।

( 5 ) सेवा में सम्मिलित पदपर पदोन्नति के लिए चयन वरिष्ठता-एवं- योग्यता के आधार पर किया जायेगा :

परन्तु –

(i) राज्य सेवा में के उच्चतम पद पर पदोन्नति, यदि यह कम से कम तीसरी पदोन्नति है, केवल योग्यता के आधार पर ही की जायेगी।

(ii) यदि समिति का यह समाधान हो जाता है कि किसी वर्ष-विशेष में सर्वथा योग्यता के आधार पर पद पर पदोन्नति द्वारा चयन के लिए उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध नहीं हैं तो पद पर वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर पदोन्नति द्वारा चयन उसी रीति से किया जा सकेगा जो इन नियमों में विनिर्दिष्ट है।

(6) (i) पदोन्नति के लिए पात्र व्यक्तियों के संबंध में विचार की संख्या सीमा निम्नलिखित होगी:-

रिक्तियों की संख्याविचार किये जाने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या
(क) एक रिक्ति के लिएपांच पात्र व्यक्ति
(ख) दो रिक्तियों के लिएआठ पात्र व्यक्ति
(ग) तीन रिक्तियों के लिएदस पात्र व्यक्ति
(घ) चार या अधिक रिक्तियों के लिएरिक्तियों की संख्या का तीन गुना

(ii) जहां उच्चतर पद पर पदोन्नति के लिए पात्र व्यक्तियों की संख्या ऊपर विनिर्दिष्ट संख्या से कम हो वहां इस प्रकार पात्र समस्त व्यक्तियों के बारे में विचार किया जायेगा।

(iii) जहां अनुसूचित जातियों या, यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थी पर्याप्त संख्या में ऊपर विनिर्दिष्ट विचार की संख्या सीमा के भीतर उपलब्ध नहीं हों वहां विचार की संख्या सीमा रिक्तियों की संख्या के सात गुना तक बढ़ायी जा सकेगी और इस प्रकार बढ़ायी गयी विचार की संख्या सीमा के भीतर आने वाले अनुसूचित जातियों या, यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों (कोई अन्य नहीं) के अभ्यर्थियों पर भी उनके लिए आरक्षित रिक्तियों के प्रति विचार किया जायेगा।

(iv) इन नियमों से संलग्न अनुसूचियों में अन्यथा उपबन्धित के सिवाय, सेवा में के किसी पद के लिए –

( क) यदि पदोन्नति पे मैट्रिक्स में समान लेवल में एक से अधिक पद-प्रवर्गों में से होनी हो तो पे मैट्रिक्स में समान लेवल में के पदों के प्रत्येक प्रवर्ग से संख्या में दो तक के पात्र व्यक्तियों पर पदोन्नति के लिए विचार किया जायेगा ।

(ख) यदि पदोन्नति पे मैट्रिक्स में भिन्न-भिन्न लेवल वाले एक से अधिक पद-प्रवर्गों में से होनी हो तो पे मैट्रिक्स के उच्चतर लेवल में के पात्र व्यक्तियों पर पदोन्नति के लिए पहले विचार किया जायेगा और यदि पे मैट्रिक्स के उच्चतर लेवल में योग्यता या, यथास्थिति, वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर कोई उपयुक्त व्यक्ति पदोन्नति के लिए उपलब्ध नहीं हो तो केवल तब ही पे मैट्रिक्स में निम्नतर लेवल में के अन्य पद-प्रवर्गों के पात्र व्यक्तियों की पदोन्नति पर विचार किया जायेगा और यह क्रम इसी प्रकार चलता रहेगा। इस मामले में पात्रता के लिए विचार की संख्या सीमा कुल मिलाकर पांच वरिष्ठतम पात्र व्यक्तियों तक ही सीमित रहेगी।

(7) इस नियम में अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय, पदोन्नति के लिए पात्रता की शर्तें, समिति का गठन और चयन के लिए प्रक्रिया वही होगी जो इन नियमों में अन्यत्र यथा विहित हैं।

( 8 ) समिति, ऐसे समस्त वरिष्ठतम व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी जो इन नियमों के अधीन संबंधित पद ( पदों) के वर्ग में पदोन्नति के लिए पात्र और अर्हित हैं और इन नियमों में अधिकथित पदोन्नति की कसौटी के अनुसार वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर या, यथास्थिति, योग्यता के आधार पर उपयुक्त पाये गये व्यक्तियों के नाम अन्तर्विष्ट करते हुए, इन नियमों के अधीन अवधारित रिक्तियों की संख्या के बराबर, नामों की एक सूची तैयार करेगी। वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर और / या, यथास्थिति, योग्यता के आधार पर इस प्रकार तैयार की गयी सूची, पद (पदों) के उस प्रवर्ग के वरिष्ठता क्रम में व्यवस्थित की जायेगी, जिसमें से चयन किया गया है।

( 9 ) समिति, इन नियमों में अधिकथित पदोन्नति की कसौटी के अनुसार, वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर या, यथास्थिति, योग्यता के आधार परभी एक पृथक् सूची तैयार कर सकेगी जिसमें अस्थायी या स्थायी रिक्तियों को, जो बाद में आयी हों, भरने के लिए उपर्युक्त उप-नियम (8) के अधीन तैयार की गयी सूची में चयनित व्यक्तियों से अनधिक व्यक्तियों के नाम अंतर्विष्ट होंगे। वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर या यथास्थिति, योग्यता के आधार पर इस प्रकार तैयार की गयी सूची पद के उस प्रवर्ग में, जिसमें से चयन किया गया है, वरिष्ठता क्रम में रखी जायेगी। ऐसी सूची को उस समिति द्वारा पुनर्विलोकित और पुनरीक्षित किया जायेगा जिसकी बैठक पश्चात्वर्ती वर्ष में हो और ऐसी सूची, ऐसे वर्ष के अंतिम दिन तक जिसके लिए विभागीय समिति की बैठक की जाये प्रवृत्त रहेगी।

(10) उप-नियम (8) और ( 9 ) के अधीन तैयार की गयी सूचियां, उनमें सम्मिलित समस्त अभ्यर्थियों के और ऐसे अन्यों के, जिनका चयन नहीं किया गया हो, यदि कोई हो, के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदनों / वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन और अन्य सेवा अभिलेखों के साथ, नियुक्ति प्राधिकारी को भेजी जायेंगी;

स्पष्टीकरण: योग्यता के आधार पर पदोन्नति हेतु चयन के प्रयोजन के लिए, किसी भी व्यक्ति का चयन नहीं किया जायेगा यदि उसका उस वर्ष से, जिसके लिएसमिति की बैठक आयोजित की गयी है, पूर्ववर्ती सात वर्षों में से कम से कम चार वर्ष का अभिलेख “उत्कृष्ट” या “बहु अच्छा” न हो।

(11) इन नियमों के प्रख्यापन के पश्चात् यदि किसी पश्चात्वर्ती वर्ष में, किसी पूर्ववर्ती वर्ष से संबंधित रिक्तियां, जिन्हें पदोन्नति द्वारा भरा जाना अपेक्षित था, इन नियमों के अधीन अवधारित की जाती हैं तो समिति उस वर्ष जिसमें समिति की बैठक आयोजित की जाती है, का विचार किये बिना ऐसे समस्त व्यक्तियों के मामलों पर विचार करेगी जो उस वर्ष में, जिससे रिक्तियां संबंधित हैं, पात्र होते और ऐसी पदोन्नतियां उस वर्ष विशेष में, जिससे ऐसी रिक्तियां संबंधित हैं, पदोन्नति के लिए लागू कसौटी और प्रक्रिया द्वारा विनियमित होंगी और इस प्रकार पदोन्नत किये गये किसी पदधारी की ऐसी कालावधि की सेवा / अनुभव को, जिसके दौरान उसने ऐसे पद के कर्तव्यों का वास्तव में पालन नहीं किया है, जिस पर उसे पदोन्नत किया गया होता, उच्चतर पद पर पदोन्नति के लिए गिना जायेगा। इस प्रकार पदोन्नत किये गये व्यक्ति का वेतन ऐसे वेतन पर पुनर्निधारित किया जायेगा जो वह अपनी पदोन्नति के समय प्राप्त कर रहा होता किन्तु वेतन का कोई भी बकाया उसे अनुज्ञात नहीं किया जायेगा।

(12) सरकार या नियुक्ति प्राधिकारी, अभिलेख को देखने से ही प्रकट किसी भूल या गलती के कारण या समिति के विनिश्चय को सारवान रूप से प्रभावित करने वाली किसी तथ्यात्मक गलती के कारण या किन्हीं भी अन्य पर्याप्त कारणों से उदाहरणार्थ वरिष्ठता में परिवर्तन, रिक्तियों का गलत अवधारण, किसी भी न्यायालय या अधिकरण का निर्णय / निदेश या जहां किसी व्यक्ति के गोपनीय प्रतिवेदनमें की प्रतिकूल प्रविष्टियों को निकाल दिया गया है या उन्हें अस्वीकार कर दिया गया है, या उसे दिया गया दण्ड अपास्त या कम कर दिया गया है, पूर्व में हुई समिति की कार्यवाहियों के पुनर्विलोकन के लिए आदेश दे सकेगा। पुनर्विलोकन समिति की बैठक आयोजित किये जाने के पूर्व कार्मिक विभाग की और आयोग बोर्ड (जहां आयोग बोर्ड सहबद्ध हो) की सहमति सदैव प्राप्त की जायेगी।

( 13 ) जहां आयोग से परामर्श करना आवश्यक हो वहां समिति द्वारा तैयार की गयी सूचियां नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा ऐसे समस्त व्यक्तियों की जिनके नामों पर समिति द्वारा विचार किया गया है, वैयक्तिक पत्रावलियों और वार्षिक गोपनीय पंजियों / वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदनों सहित, आयोग को अग्रेषित की जायेंगी।

( 14 ) आयोग, समिति द्वारा तैयार की गयी सूचियों, साथ ही नियुक्ति प्राधिकारी से प्राप्त अन्य सुसंगत दस्तावेजों पर विचार करेगा और जब तक उसमें किसी प्रकार का परिवर्तन करना आवश्यक न समझा जाये, सूचियों का अनुमोदन करेगा। यदि आयोग नियुक्ति प्राधिकारी से प्राप्त सूचियों में कोई परिवर्तन करना आवश्यक समझे तो वह अपने द्वारा प्रस्तावित परिवर्तनों की सूचना नियुक्ति प्राधिकारी को देगा। आयोग की टिप्पणियों पर, यदि कोई हों, विचार करने के पश्चात् नियुक्ति प्राधिकारी उन सूचियों का ऐसे उपान्तरणों सहित, जो उसकी राय में न्यायसंगत एवं उचित प्रतीत हों, अंतिम रूप से अनुमोदन कर सकेगा और जब नियुक्ति प्राधिकारी सरकार का कोई अधीनस्थ प्राधिकारी हो तो आयोग द्वारा अनुमोदित सूचियों में हेरफेर सरकार के अनुमोदन से ही किया जायेगा ।

(15) नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा नियुक्तियां उप-नियम (14) के अधीन अंतिम रूप से अनुमोदित सूचियों में के व्यक्तियों में से उसी क्रम में की जायेंगी जिस क्रम में उन्हें सूचियों में रखा गया है, जब तक कि ऐसी सूचियां निःशेष या पुनर्विलोकित और पुनरीक्षित न हो जायें या, यथास्थिति, प्रवृत्त न रह जायें।

( 16 ) सरकार, ऐसे व्यक्तियों की पदोन्नतियों, नियुक्तियों या अन्य आनुषंगिक मामलों में साम्यापूर्ण और उचित रीति से अनंतिम तौर पर संव्यवहार करने के लिए अनुदेश जारी कर सकेंगी जो उस समय निलम्बनाधीन हों या जिनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चल रही हो, जब किसी ऐसे पद पर की पदोन्नतियों पर विचार किया जा रहा हो जिसके लिए वे पात्र हैं या ऐसे निलंबन या ऐसी जांच या कार्यवाही के लम्बित रहने के सिवाय पात्र होते ।

( 17 ) इन नियमों के किसी भी उपबंध में अंतर्विष्ट किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी इस नियम के उपबंध प्रभावी होंगे।

33. पदोन्नतियां छोड़ देने वाले व्यक्तियों की पदोन्नति पर निर्बंधन– यदि कोई व्यक्ति अगले उच्चतर पद पर या तो अर्जेण्ट अस्थायी नियुक्ति के आधार पर या समिति की सिफारिश पर नियमित आधार पर पदोन्नति द्वारा नियुक्त होने पर अपने लिखित अनुरोध द्वारा ऐसी नियुक्ति छोड़ देता है, और यदि संबंधित नियुक्ति प्राधिकारी उसके अनुरोध को स्वीकार कर लेता है तो संबंधित व्यक्ति को, पश्चात्वर्ती दो भर्ती वर्षों के लिए, जिनके लिए समिति की बैठक होती है, पदोन्नति हेतु (अर्जेण्ट अस्थायी नियुक्ति के आधार पर या नियमित आधार पर दोनों ही मामलों में) विचार करने के लिए विवर्जित किया जायेगा और ऐसे व्यक्ति का नाम, जो पदोन्नति छोड़ देता है, पश्चात्वर्ती दो भर्ती वर्षों की विभागीय पदोन्नति समिति के समक्ष रखी जाने वाली वरिष्ठता एवं पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं किया जायेगा।