राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021

भाग 3
भर्ती

6- भर्ती की रीतियां– (1 ) इन नियमों के प्रारंभ के पश्चात् सेवा में के पद पर भर्ती अनुसूची-I या, यथास्थिति, अनुसूची-II के स्तम्भ 3 और 4 में यथा उपदर्शित अनुपात में निम्नलिखित रीतियों से की जायेगी, अर्थात् :

(क) इन नियमों के भाग 4 में विहित प्रक्रिया के अनुसार सीधी भर्ती द्वारा; और

(ख) इन नियमों के भाग 5 में विहित प्रक्रिया के अनुसार पदोन्नति द्वारा |

(2) उपर्युक्त रीतियों द्वारा सेवा में भर्ती इस प्रकार की जायेगी कि प्रत्येक रीति से सेवा में नियुक्त किये गये व्यक्ति किसी भी समय इन नियमों / अनुसूचियों में अधिकथित प्रत्येक प्रवर्ग के लिए समय-समय पर यथा स्वीकृत कुल संवर्ग संख्या के प्रतिशत से अधिक नहीं हो;

    परन्तु यदि नियुक्ति प्राधिकारी का, जहां आवश्यक हो, आयोग से परामर्श करके यह समाधान हो जाये कि किसी वर्ष विशेष में भर्ती की किसी भी रीति से नियुक्ति के लिए उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध नहीं हैं तो विहित अनुपात को शिथिल करते हुए, अन्य रीति से नियुक्ति उसी प्रकार की जा सकेगी जैसी इन नियमों में विनिर्दिष्ट है।

(3) अनुसूची-II अधीनस्थ सेवा पद’ के “समूह कः अध्यापन विंग” में यथा निर्दिष्ट अध्यापकों के मामले में 100 प्रतिशत रिक्तियां, पंचायत समितियों के अधीन विद्यालयों में कार्यरत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों के स्थानांतरण द्वारा भरी जायेंगी:

परन्तु-

(क) अध्यापक सर्वथा वरिष्ठता के आधार पर उपलब्ध करवाये जायेंगे;
(ख) वे इन नियमों के अधीन पदों के लिए विहित न्यूनतम अर्हता रखते हो; और
(ग) उनका अभिलेख संतोषप्रद पाया गया हो ।

(4) इन नियमों में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, किसी आपात के दौरान थ सेना / वायुसेना / नौसेना में पदग्रहण करने वाले किसी व्यक्ति की भर्ती नियुक्ति, पदोन्नति, वरिष्ठता और स्थायीकरण आदि ऐसे आदेशों और अनुदेशों द्वारा विनियमित होगी जो सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किये जायें, बशर्ते कि इन्हें भारत सरकार द्वारा इस विषय पर जारी किये गये अनुदेशों के अनुसार, यथावश्यक परिवर्तन सहित विनियमित किया जाये ।

7- मृत / स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों / पैरा-मिलिटरी कार्मिकों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति- (1) इन नियमों में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी नियुक्ति प्राधिकारी, सुसंगत सेवा नियमों के अधीन विहित शैक्षिक अर्हताओं और अन्य सेवा शर्तों को पूरा करने और कार्मिक विभाग और यदि पद आयोग के कार्यक्षेत्र के भीतर आता है तो राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहमति के अध्यधीन रहते हुए –

(i) सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले समय समय पर यथा संशोधित पे मैट्रिक्स में लेवल 9 तक के पदों की रिक्तियां राज्य के सशस्त्र बलों / पैरा मिलिटरी बलों के ऐसे किसी सदस्य, जो 01.04.1999 को या उसके पश्चात् विद्रोह की जवाबी कार्रवाइयों और आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाइयों सहित किसी प्रतिरक्षा कार्रवाई में स्थायी रूप से अशक्त हो जाता है, के किसी एक आश्रित को अनुकम्पात्मक आधार पर नियुक्त करके;

(ii) सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले समय समय पर यथा संशोधित पे मैट्रिक्स में लेवल-10 तक के पदों की रिक्तियां राज्य के सशस्त्र बलों / पैरा-मिलिटरी बलों के ऐसे किसी सदस्य, जो 01.04.1999 को या उसके पश्चात् विद्रोह की जवाबी कार्रवाइयों और आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाइयों सहित किसी प्रतिरक्षा कार्रवाई में मारा जाता है, के किसी एक आश्रित को अनुकम्पात्मक आधार पर नियुक्त करके :

(iii) सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले समय-समय पर यथा संशोधित पे मैट्रिक्स में लेवल-9 तक के पदों की रिक्तियां राज्य के सशस्त्र बलों के ऐसे किसी सदस्य, जो 01.01.1971 से 31.03.1999 तक की कालावधि के दौरान युद्ध या विद्रोह की जवाबी कार्रवाइयों और आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाइयों सहित किसी प्रतिरक्षा कार्रवाई में मारा गया था या स्थायी रूप से अशक्त हो गया था, के किसी एक आश्रित को अनुकम्पात्मक आधार पर नियुक्त करके,

भर सकेगा:

परन्तु –

(i) यदि सशस्त्र बलों / पैरा-मिलिटरी के स्थायी रूप से अशक्त कार्मिक राज्य सरकार के अधीन स्वयं के लिए रोजगार प्राप्त करने में समर्थ और इच्छुक हों तो उन्हें रोजगार दिया जायेगा;

(ii) यदि सशस्त्र बलों / पैरा मिलिटरी का कार्मिक, जिसकी मृत्यु हो गयी है या जो स्थायी रूप से अशक्त हो गया है, की विधवा या संतानें तुरन्त रोजगार प्राप्त करने की स्थिति में नहीं हैं तो नियुक्ति के लिए पात्रता अर्जित करने पर उन्हें रोजगार दिया जायेगा ।

(2) सशस्त्र बलों / पैरा-मिलिटरी बलों के कार्मिक के आश्रित को नियुक्ति केवल तब दी जायेगी जब उनमें से किसी एक ने भारत सरकार के विद्यमान संबंधित सेवा नियमों के उपबंधों के अधीन किसी भी पद पर नियुक्ति नहीं पा ली है।

(3) यदि सशस्त्र बलों / पैरा मिलिटरी बलों के कार्मिक की मृत्यु के समय उसका कोई भी अन्य आश्रित केन्द्रीय / किसी राज्य सरकार के अधीन या केन्द्रीय / किसी राज्य सरकार के पूर्णतः या भागतः स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा नियंत्रित कानूनी बोर्ड / संगठन / निगम के अधीन नियमित आधार पर पहले से नियोजित हो तो ऐसे आश्रित को नियुक्ति नहीं दी जायेगी :

  परन्तु यह शर्त वहां लागू नहीं होगी जहां विधवा स्वयं के लिए रोजगार चाहती है।

(4) ऐसा आश्रित उक्त प्रयोजन के लिए आवेदन सशस्त्र बलों के मामले में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को और पैरा-मिलिटरी बलों के मामले में पैरा मिलिटरी यूनिट के कमान अधिकारी को सम्बोधित करेगा जो उस यूनिट के प्रधान द्वारा सम्यक् रूप से सत्यापित हो जहां सशस्त्र बलों / पैरा मिलिटरी बलों का मृत / स्थायी रूप से अशक्त सदस्य मृत्यु / स्थायी रूप से अशक्त होने के समय सेवारत था। ऐसे आवेदन पर सामान्य भर्ती नियमों को शिथिल करते हुए इस शर्त के अध्यधीन विचार किया जायेगा कि आश्रित ऐसे पद के लिए विहित शैक्षिक अर्हताएं और अनुभव, सिवाय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति के, जिसके लिए शैक्षिक अर्हता शिथिल की जायेगी तथा पद के लिए विहित आयु सीमा पूरी करता है और आवेदक सरकारी सेवा के लिए अन्यथा अर्हित भी है।

(5) ऐसे आश्रित का आवेदन आश्रित द्वारा रखी जाने वाली अर्हताओं के अनुसार उपयुक्त नियुक्ति के लिए संबंधित जिला कलक्टर को अग्रेषित किया जायेगा। संबंधित जिले में रिक्ति उपलब्ध न होने की दशा में आवेदन खण्ड आयुक्त को भेजा जायेगा जो अपनी अधिकारिता के अधीन के किसी भी जिले में नियुक्ति की व्यवस्था करेगा यदि खण्ड आयुक्त की अधिकारिता के अधीन कोई रिक्त पद उपलब्ध नहीं हो तो नियुक्ति देने के लिए खण्ड आयुक्त द्वारा आवेदन, सरकार के कार्मिक विभाग को निर्दिष्ट किया जायेगा। (6) आवेदन में निम्नलिखित सूचनाएं होंगी :

(i) सशस्त्र बल / पैरा मिलिटरी बल के मृत / स्थायी रूप से अशक्त कार्मिक का नाम और पदनाम :
(ii) यूनिट जिसमें वह मृत्यु / स्थायी रूप से अशक्त होने के पूर्व कार्यरत था / थी;
(iii) युद्ध में हताहत या स्थायी रूप से अशक्त घोषित करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ मृत्यु की तारीख और स्थान और
(iv) आवेदक का नाम, जन्म की तारीख, शैक्षिक अर्हता और मृतक के साथ उसका संबंध (प्रमाणपत्रों सहित)

स्पष्टीकरण: इस नियम के प्रयोजन के लिए –

(क) “सशस्त्र बल” से संघ की थल सेना, नौसेना और वायुसेना अभिप्रेत है;
(ख) “आश्रित” से, मृत / स्थायी रूप से अशक्त व्यक्ति का पति या पत्नी, पुत्र / दत्तक पुत्र, अविवाहित पुत्री / अविवाहित दत्तक पुत्री अभिप्रेत है जो मृत / स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिक / पैरा-मिलिटरी कार्मिक पर पूर्णतया आश्रित थे ;
टिप्पण: दत्तक पुत्र / पुत्री से मृत / स्थायी रूप से अशक्त व्यक्ति द्वारा उसके जीवनकाल में वैध रूप से दत्तक ग्रहण किया गया पुत्र / पुत्री अभिप्रेत है ।
(ग) “पैरा-मिलिटरी बल” से सीमा सुरक्षा बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और कोई अन्य पैरा मिलिटरी बल अभिप्रेत है जो केन्द्रीय और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाये ; और
(घ) “स्थायी रूप से अशक्त” से वह व्यक्ति अभिप्रेत है जो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 ( 2016 का केन्द्रीय अधिनियम सं. 49 ) में यथा परिभाषित “सदर्भित दिव्यांगजन” पद की परिभाषा के अधीन आता है।

8- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण.- (1) अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण, भर्ती के समय अर्थात् सीधी भर्ती और पदोन्नति, ऐसे आरक्षण के लिए सरकार के प्रवृत्त आदेशों के अनुसार होगा।
(2) पदोन्नति के लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां वरिष्ठता एवं योग्यता तथा योग्यता द्वारा भरी जायेंगी।
(3) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरने के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के ऐसे पात्र अभ्यर्थियों को अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका कौनसा रैंक है, इस पर ध्यान न देते हुए नियुक्ति के लिए उसी क्रम में विचार किया जायेगा, जिस क्रम में उनके नाम, सीधी भर्ती के लिए आयोग / बोर्ड या, यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा और पदोन्नत व्यक्तियों के मामले में विभागीय पदोन्नति समिति या, यथास्थिति नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा तैयार की गयी सूची में दिये गये हैं।
(4) नियुक्तियां सर्वथा सीधी भर्ती और पदोन्नति के लिए विहित किये गये पृथक् पृथक् रोस्टरों के अनुसार ही की जायेंगी।
(5) किसी वर्ष विशेष में सीधी भर्ती के लिए अनुसूचित जातियों या, यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों में के पात्र तथा उपयुक्त अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की दशा में उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को पश्चात्वर्ती तीन भर्ती वर्ष के लिए अग्रनीत किया जायेगा। तीन भर्ती वर्ष की समाप्ति के पश्चात् ऐसी अग्रनीत की गयी रिक्तियां सामान्य प्रक्रिया के अनुसार भरी जायेंगी :

परन्तु यदि किसी भर्ती वर्ष में भर्ती आयोजित नहीं की जाती है, तो ऐसे भर्ती वर्ष को इस उप-नियम के प्रयोजन के लिए संगणित नहीं किया जायेगा:

परन्तु यह और कि इस उप-नियम के अधीन सामान्य प्रक्रिया के अनुसार रिक्तियों का भरा जाना पद आधारित रोस्टर के अनुसार पदों के आरक्षण को प्रभावित नहीं करेगा और रोस्टर में आरक्षित पदों पर उपलब्ध रिक्तियों को अनुसूचित जातियों या, यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों में से भरा जा सकेगा जिनके लिए ऐसी रिक्ति पश्चात्वर्ती वर्षों में उपलब्ध हो ।

8- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण.– (1) अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण, भर्ती के समय अर्थात् सीधी भर्ती और पदोन्नति, ऐसे आरक्षण के लिए सरकार के प्रवृत्त आदेशों के अनुसार होगा।

(2) पदोन्नति के लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां वरिष्ठता एवं योग्यता तथा योग्यता द्वारा भरी जायेंगी।

(3) इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को भरने के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के ऐसे पात्र अभ्यर्थियों को अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में उनका कौनसा रैंक है, इस पर ध्यान न देते हुए नियुक्ति के लिए उसी क्रम में विचार किया जायेगा, जिस क्रम में उनके नाम, सीधी भर्ती के लिए आयोग / बोर्ड या, यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा और पदोन्नत व्यक्तियों के मामले में विभागीय पदोन्नति समिति या, यथास्थिति नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा तैयार की गयी सूची में दिये गये हैं।

(4) नियुक्तियां सर्वथा सीधी भर्ती और पदोन्नति के लिए विहित किये गये पृथक् पृथक् रोस्टरों के अनुसार ही की जायेंगी।

(5) किसी वर्ष विशेष में सीधी भर्ती के लिए अनुसूचित जातियों या, यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों में के पात्र तथा उपयुक्त अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की दशा में उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियों को पश्चात्वर्ती तीन भर्ती वर्ष के लिए अग्रनीत किया जायेगा। तीन भर्ती वर्ष की समाप्ति के पश्चात् ऐसी अग्रनीत की गयी रिक्तियां सामान्य प्रक्रिया के अनुसार भरी जायेंगी :

परन्तु यदि किसी भर्ती वर्ष में भर्ती आयोजित नहीं की जाती है, तो ऐसे भर्ती वर्ष को इस उप-नियम के प्रयोजन के लिए संगणित नहीं किया जायेगा:

परन्तु यह और कि इस उप-नियम के अधीन सामान्य प्रक्रिया के अनुसार रिक्तियों का भरा जाना पद आधारित रोस्टर के अनुसार पदों के आरक्षण को प्रभावित नहीं करेगा और रोस्टर में आरक्षित पदों पर उपलब्ध रिक्तियों को अनुसूचित जातियों या, यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों के व्यक्तियों में से भरा जा सकेगा जिनके लिए ऐसी रिक्ति पश्चात्वर्ती वर्षों में उपलब्ध हो ।

9. पिछड़े वर्गों और अति पिछड़े वर्गों के लिए रिक्तियों का आरक्षण- पिछड़े वर्गों और अति पिछड़े वर्गों के लिए रिक्तियों का आरक्षण सीधी भर्ती के समय प्रवृत्त विधि के उपबंधों के अनुसार होगा। किसी वर्ष विशेष में पिछड़े वर्गों और अति पिछड़े वर्गों के पात्र और उपयुक्त अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां सामान्य प्रक्रिया के अनुसार भरी जायेंगी।

10. आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए रिक्तियों का आरक्षण:- सीधी भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए रिक्तियों का आरक्षण विद्यमान आरक्षण के अतिरिक्त, 10 प्रतिशत होगा। किसी वर्ष-विशेष में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में से पात्र और उपयुक्त अभ्यर्थी के उपलब्ध न होने की दशा में उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां सामान्य प्रक्रिया के अनुसार भरी जायेंगी।

स्पष्टीकरण: इस नियम के प्रयोजन के लिए ‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग’ वे व्यक्ति होंगे जो राजस्थान के मूल निवासी हैं और जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों, अति पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की विद्यमान स्कीम के अन्तर्गत नहीं आते हैं और जिनके कुटुम्ब की कुल वार्षिक आय 8.00 लाख रुपये से कम है। इस प्रयोजन के लिए ‘कुटुम्ब’ में, वह व्यक्ति, जो आरक्षण का फायदा चाहता है, उसके माता-पिता और 18 वर्ष से कम आयु की बहिन भाई, उसका / उसकी पति / पत्नी और 18 वर्ष से कम आयु की सन्तानें भी सम्मिलित होंगी। ‘आय’ में समस्त स्रोतों अर्थात् वेतन, कृषि, कारबार, वृत्ति आदि से आय सम्मिलित होगी और यह आवेदन के वर्ष से पूर्व के वित्तीय वर्ष की आय होगी।

11. महिलाओं के लिए रिक्तियों का आरक्षण-उन पदों को छोड़कर जो केवल महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं या बने हैं, अन्य समस्त पदों के लिए सीधी भर्ती में, महिला अभ्यर्थियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण 30 प्रतिशत प्रवर्गवार होगा जिसमें से एक तिहाई विधवाओं और विछिन्न विवाह महिला अभ्यर्थियों के लिए 80:20 के अनुपात में होगा। किसी वर्ष विशेष में या तो विधवा या विच्छिन्न विवाह-महिलाओं में से किसी में भी पात्र और उपयुक्त अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में रिक्तियों को प अन्तर परिवर्तन द्वारा अर्थात् विधवाओं के लिए आरक्षित रिक्तियों को विच्छिन्न विवाह महिलाओं से विपर्ययेन, भरा जा सकेगा। पर्याप्त रूप से विधवा और विच्छिन्न विवाह अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में न भरी गयी रिक्तियां उसी प्रवर्ग की अन्य महिलाओं द्वारा भरी जायेंगी और पात्र तथा उपयुक्त महिला अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां उस प्रवर्ग जिसके लिए रिक्तियां आरक्षित हैं के पुरुष अभ्यर्थियों द्वारा भरी जायेंगी। महिला अभ्यर्थियों के लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्ति पश्चात्वर्ती वर्ष के लिए अग्रनीत नहीं की जायेगी। विधवाओं और विछिन्न विवाह महिलाओं सहित, महिलाओं के लिए आरक्षण को प्रवर्ग के भीतर क्षैतिज आरक्षण माना जायेगा अर्थात् प्रवर्ग की सामान्य योग्यता में चयनित महिलाओं को पहले महिला कोटे के विरूद्ध समायोजित किया जायेगा ।

स्पष्टीकरण- विधवा के मामले में, उसे अपने पति की मृत्यु का सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा और विच्छिन्न विवाह-महिला के मामले में उसे विवाह विच्छेद का सबूत प्रस्तुत करना होगा।

12. उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण-उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण उस वर्ष में सेवा के अधीन सीधी भर्ती के लिए चिह्नित, आयोग के कार्यक्षेत्र से बाहर की कुल रिक्तियों का 2 प्रतिशत होगा। किसी वर्ष विशेष में पात्र और उपयुक्त खिलाड़ियों की अनुपलब्धता की दशा में, उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां सामान्य प्रक्रिया के अनुसार भरी जायेंगी और ऐसी रिक्तियां पश्चात्वर्ती भर्ती वर्ष के लिए अग्रनीत नहीं की जायेंगी। खिलाड़ियों के लिए आरक्षण क्षैतिज आरक्षण माना जायेगा तथा इसे उस प्रवर्ग में समायोजित किया जायेगा, जिससे वे खिलाड़ी संबंधित हैं।

स्पष्टीकरण : “उत्कृष्ट खिलाड़ियों” से ऐसे खिलाड़ी अभिप्रेत हैं जो राजस्थान राज्य के मूल निवासी हैं, और जिन्होंने,-

(i) नीचे दी गई सारणी के स्तम्भ संख्यांक 2 उल्लिखित अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स निकाय द्वारा आयोजित उक्त सारणी के स्तम्भ संख्यांक 3 में उल्लिखित किसी खेलकूद के अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेण्ट / चैम्पियनशिप में व्यक्तिशः या टीम स्पर्धा में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया हो-

सारणी

क्र.सं.अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स निकायटूर्नामेण्ट / चैम्पियनशिप का नाम  
1.2.3.
1.अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आई.ओ. सी.)ओलंपिक खेल (ग्रीष्मकालीन)
2.एशिया ओलंपिक परिषद् (ओ.सी.ए.)एशियाई खेल
3.   दक्षिण एशियाई ओलंपिक परिषद् (एस.ए.ओ.सी.)दक्षिण एशियाई खेल; सामान्यतः एस.ए.एफ गेम्स के रूप में जाना जाता है
4.कॉमन वेल्थ गेम्स फेडरेशन (सी.जी.एफ.)कॉमनवेल्थ गेम्स
5.  आई.ओ.सी. से संबद्ध अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशनवर्ल्ड कप / वर्ल्ड चैम्पियनशिप  
6.  ओ.सी.ए. से संबद्ध एशियाई स्पोर्ट्स फेडरेशनएशियाई चैम्पियनशिप
7.  अंतरराष्ट्रीय स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन (आई.एस.एस.एफ.)अंतरराष्ट्रीय स्कूल खेल / चैम्पियनशिप  
8.  एशियाई स्कूल स्पोर्ट्स फेडरेशन (ए.एस.एस.एफ.)एशियाई स्कूल खेल /चैंपियनशिप  

या

(ii) भारत के स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित किसी खेलकूद के स्कूल नेशनल गेम्स में व्यक्तिशः या टीम स्पर्धा में मेडल जीता हो

या

(iii) इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन या उससे संबद्ध नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन(एन.एस.एफ) द्वारा आयोजित किसी खेलकूद के राष्ट्रीय टूर्नामेण्ट / चैम्पियनशिप में व्यक्तिशः या टीम स्पर्धा में मेडल जीता हो;

(iv) इण्डियन यूनिवर्सिटीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित किसी खेलकूद में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय में व्यक्तिशः या टीम स्पर्धा में मेडल जीता हो;

या

(v) भारत ओलंपिक एसोसिएशन / भारत पैरा ओलम्पिक समिति या उससे संबद्ध राष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित किसी खेलकूद के राष्ट्रीय खेल / राष्ट्रीय पैरा गेम्स या राष्ट्रीय चैम्पियनशिप / पैरा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में व्यक्तिशः या टीम स्पर्धा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया हो ।

14-राष्ट्रीयता – सेवा में नियुक्ति के अभ्यर्थी के लिए यह आवश्यक है कि वह
( क ) भारत का नागरिक हो या
(ख) नेपाल का प्रजाजन हो; या
(ग) भूटान का प्रजाजन हो; या
(घ) भारत में स्थायी रूप से बसने के आशय से 1 जनवरी, 1962 के पूर्व भारत में आया तिब्बती शरणार्थी हो; या
(ङ) भारतीय मूल का ऐसा व्यक्ति हो जो भारत में स्थायी रूप से बसने के आशय से पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका और पूर्वी अफ्रीकी देश कीनिया, युगाण्डा तथा संयुक्त तनजानिया गणतंत्र (पूर्ववर्ती टांगानिका और जंजीबार), जाम्बिया, मालावी, जैरे और इथियोपिया से आया हो :

         परन्तु (ख), (ग), (घ) और (ङ) प्रवर्गों का कोई अभ्यर्थी ऐसा व्यक्ति होगा जिसके पक्ष में सरकार के गृह एवं न्याय विभाग द्वारा समुचित सत्यापन के पश्चात् पात्रता प्रमाणपत्र जारी किया गया हो।

14. अन्य देशों से भारत में आये व्यक्तियों की पात्रता की शर्तें -इन नियमों में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी ऐसे व्यक्ति के बारे में, जो भारत में स्थायी रूप से बसने के आशय से अन्य देशों से भारत में आया हो, सेवा में भर्ती की पात्रता हेतु राष्ट्रीयता, आयु सीमा और फीस या अन्य रियायतों संबंधी उपबंध ऐसे आदेशों या अनुदेशों द्वारा विनियमित होंगे जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किये जायें और ऐसे आदेश या अनुदेश भारत सरकार द्वारा उस विषय पर जारी किये गये अनुदेशों के अनुसार, यथावश्यक परिवर्तन सहित विनियमित किये जायेंगे।

15. रिक्तियों का अवधारण- (1) इन नियमों के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, नियुक्ति प्राधिकारी वित्तीय वर्ष के दौरान होने वाली रिक्तियों की वास्तविक संख्या प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को अवधारित करेगा।

(2) जहां कोई पद अनुसूचियो में यथाविहित किसी एकल रीति से भरा जाना हो वहां इस प्रकार अवधारित रिक्तियां उस रीति से भरी जायेंगी।

(3) जहां कोई पद अनुसूचियों में यथाविहित एक से अधिक रीतियों से भरा जाना हो वहां ऐसी प्रत्येक रीति के लिए उपर्युक्त उप-नियम (1) के अधीन अवधारित रिक्तियों का प्रभाजन पहले ही भर लिये गये पदों की संपूर्ण संख्या के विहित अनुपात को बनाये रखते हुए किया जायेगा। यदि ऊपर विहित रीति से रिक्तियों के प्रभाजन के पश्चात् रिक्तियों का कोई भाग छूट जाये तो उसे पदोन्नति कोटे में अग्रता देते हुए निरंतर चक्रीय क्रम में विहित विभिन्न रीतियों के कोटे के प्रति प्रभाजित किया जायेगा।

(4) नियुक्ति प्राधिकारी, पूर्वतर वर्षों की रिक्तियों को भी जिन्हें पदोन्नति द्वारा भरा जाना अपेक्षित था, वर्षवार अवधारित करेगा यदि ऐसी रिक्तियां पहले अवधारित न की गयी हों और उस वर्ष में, जिसमें उनका भरा जाना अपेक्षित था, भरी न गयी हों।

16. आयु– सेवा में सीधी भर्ती का कोई अभ्यर्थी आवेदनों की प्राप्ति के लिए नियत अंतिम तारीख के ठीक बाद आने वाले जनवरी के प्रथम दिन को,-

(क) राज्य सेवा में के पद के लिए 21 वर्ष की आयु प्राप्त किया हुआ होना चाहिए और 40 वर्ष की आयु प्राप्त किया हुआ नहीं होना चाहिए,
(ख) अधीनस्थ सेवा में के पद ( पदों) के लिए 18 वर्ष की आयु प्राप्त किया हुआ होना चाहिए और 40 वर्ष की आयु प्राप्त किया हुआ नहीं होना चाहिए:

परन्तु-

(i) उपरिउल्लिखित ऊपरी आयु सीमा को –
(क) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अति पिछड़े वर्गों के पुरुष अभ्यर्थियों के मामले में 5 वर्ष तक ;
(ख) सामान्य प्रवर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिला अभ्यर्थियों के मामले में 5 वर्ष तक ;
(ग) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अति पिछड़े वर्गों की महिला अभ्यर्थियों के मामले में 10 वर्ष तक, शिथिल किया जायेगा;

(ii) उपरिउल्लिखित ऊपरी आयु सीमा ऐसे भूतपूर्व कैदी के मामले में लागू नहीं होगी, जो उसकी दोषसिद्धि के पूर्व सरकार के अधीन किसी पद पर अधिष्ठायी तौर पर सेवा कर चुका था और इन नियमों के अधीन नियुक्ति का पात्र था :

(iii) अन्य भूतपूर्व कैदियों के मामले में, उपरिवर्णित ऊपरी आयु सीमा को, भुक्त कारावास की अवधि के बराबर की कालावधि तक शिथिल किया जायेगा यदि वह दोषसिद्धि के पूर्व अधिकायु का नहीं था / थी और इन नियमों के अधीन नियुक्ति का पात्र था;

(iv) कैडेट अनुदेशकों के मामले में उपरिउल्लिखित ऊपरी आयु सीमा को, उनके द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.) में दी गयी सेवा के बराबर की कालावधि तक शिथिल किया जायेगा और यदि पारिणामिक आयु विहित अधिकतम आयु सीमा से तीन वर्ष से अधिक न हो तो उन्हें विहित आयु सीमा में ही समझा जायेगा;

(v) राज्य, पंचायत समिति तथा जिला परिषद् और राज्य पब्लिक सेक्टर उपक्रम / निगम के कार्यकलापों के संबंध में अधिष्ठायी हैसियत में सेवा दे रहे व्यक्तियों के लिए ऊपरी आयु सीमा 40 वर्ष होगी;

(vi) निर्मुक्त आपात कमीशन प्राप्त अधिकारियों को एवं लघु सेवा कमीशन प्राप्त अधिकारियों को सेना से निर्मुक्त होने के पश्चात् जब वे सीधी भर्ती के लिए आयोग, बोर्ड या, यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी के समक्ष उपस्थित हों, आयु सीमा में समझा जायेगा चाहे उन्होंने आयु सीमा पार कर ली हो यदि वे सेना में कमीशन ग्रहण करने के समय आयु सीमा की दृष्टि से पात्र थे;

(vii) विधवाओं और विच्छिन्न विवाह महिलाओं के मामले में कोई ऊपरी आयु सीमा  नहीं होगी;

स्पष्टीकरण : विधवा के मामले में उसे अपने पति की मृत्यु का सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा और विच्छिन्न विवाह महिला के मामले में उसे विवाह विच्छेद का सबूत प्रस्तुत करना होगा ।

(viii) सेवा में के किसी पद पर अस्थायी रूप से नियुक्त किये गये व्यक्तियों को, यदि वे प्रारंभिक रूप से नियुक्ति किये जाने के समय आयु सीमा में होते, आयु सीमा में ही समझा जायेगा, चाहे उन्होंने आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी के समक्ष अंतिम रूप से उपस्थित होने के समय ऊपरी आयु सीमा पार कर ली हो और यदि वे अपनी प्रारंभिक नियुक्ति के समय इस प्रकार पात्र थे तो उन्हें दो अवसर तक अनुज्ञात किये जायेंगे; और

(ix) यदि कोई अभ्यर्थी ऐसे किसी वर्ष में जिसमें ऐसी कोई भर्ती नहीं की गयी थी, अपनी आयु के संबंध में सीधी भर्ती के लिए, हकदार था तो उसे ठीक आगामी भर्ती के लिए पात्र समझा जायेगा यदि वह 3 वर्ष से अधिक की अधिकायु का / की नहीं हुआ / हुई है।

17. शैक्षणिक और तकनीकी अर्हताएं और अनुभव -अनुसूची-I या यथास्थिति, अनुसूची-II में विनिर्दिष्ट पद पर सीधी भर्ती का कोई अभ्यर्थी निम्नलिखित अर्हता रखेगा, –

(i) अनुसूची-I या, यथास्थिति, अनुसूची-II के स्तम्भ 5 में यथा विहित अर्हताएं और अनुभव; और
(ii) देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी का व्यावहारिक ज्ञान और राजस्थानी संस्कृति का ज्ञान:
परन्तु ऐसा व्यक्ति, जो सीधी भर्ती के लिए नियमों या अनुसूचियों में यथा उल्लिखित पद के लिए अपेक्षित शैक्षिक अर्हता वाले ऐसे पाठ्यक्रम के अन्तिम वर्ष की परीक्षा में उपस्थित हो चुका है या उपस्थित हो रहा है, उस पद के लिए आवेदन करने का पात्र होगा किन्तु उसे,-
(क) जहां चयन लिखित परीक्षा के दो प्रक्रमों और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता हो, मुख्य परीक्षा में उपस्थित होने से पूर्व;
(ख) जहां चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता हो, वहां साक्षात्कार में उपस्थित होने से पूर्व; या
(ग) जहां चयन केवल लिखित परीक्षा या, यथास्थिति, केवल साक्षात्कार के माध्यम से किया जाता हो, वहां लिखित परीक्षा या साक्षात्कार में उपस्थित होने से पूर्व, समुचित चयन एजेंसी को अपेक्षित शैक्षिक अर्हता अर्जित कर लेने का सबूत प्रस्तुत करना होगा।

18. चरित्र -सेवा में सीधी भर्ती के अभ्यर्थी का चरित्र ऐसा होना चाहिए जो उसे सेवा में नियोजन के लिए अर्हित करे। उसे विश्वविद्यालय या महाविद्यालय, जिसमें उसने अंतिम बार शिक्षा पायी थी, के प्राचार्य / शैक्षणिक अधिकारी द्वारा प्रदत्त सच्चरित्रता का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा और साथ ही ऐसे दो प्रमाणपत्र, जो आवेदन प्रस्तुत करने की तारीख से छह मास से अधिक पूर्व के लिखे हुए न हों, ऐसे दो उत्तरदायी व्यक्तियों के प्रस्तुत करने होंगे जो उसके महाविद्यालय या विश्वविद्यालय से सम्बद्ध न हों और न उसके संबंधी हों।

टिप्पण: (1) किसी न्यायालय द्वारा की गयी दोषसिद्धि मात्र में ही सच्चरित्रता प्रमाणपत्र दिये जाने

विधि द्वारा स्थापित सरकार को हिंसात्मक तरीकों से उलटना हो तो दोषसिद्धि मात्र को निरर्हता नहीं समझा जाना चाहिए।

(2) ऐसे भूतपूर्व कैदियों के साथ, जिन्होंने कारावास में अपने अनुशासित जीवन से और पश्चात्वर्ती सदाचरण से अपने आप को पूर्णतया सुधरा हुआ सिद्ध कर दिया हो, सेवा में नियोजन के प्रयोजन के लिए इस आधार पर विभेद नहीं किया जाना चाहिए कि वे पहले सिद्धदोष ठहराये जा चुके हैं। उन व्यक्तियों को, जिन्हें ऐसे अपराधों के लिए सिद्धदोष ठहराया गया है जिनमें नैतिक अधमता अन्तर्ग्रस्त नहीं है, पूर्णतया सुधरा हुआ मान लिया जायेगा, यदि वे पश्चात्वर्ती देखरेख गृह के अधीक्षक की, या यदि किसी जिला विशेष में ऐसे गृह नहीं हैं तो उस जिले के पुलिस अधीक्षक की, इस आशय की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दें।

(3) उन व्यक्तियों से, जिन्हें ऐसे अपराधों के लिए, जिनमें नैतिक अधमता अन्तर्ग्रस्त है, सिद्धदोष ठहराया गया है, पश्चात्वर्ती देखरेख गृह के अधीक्षक का या यदि किसी जिला विशेष में ऐसा गृह नहीं है तो उस जिले के पुलिस अधीक्षक का कारागार के महानिरीक्षक द्वारा पृष्ठांकित इस आशय का, कि उन्होंने कारावास के दौरान अपने अनुशासित जीवन से तथा पश्चात्वर्ती देखरेख गृह में अपने पश्चात्वर्ती सदाचरण से यह सिद्ध कर दिया है कि वे अब पूर्णतः सुधर गये हैं अतः नियोजन के लिए उपयुक्त हैं, प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जायेगी।

19. शारीरिक उपयुक्तता – सेवा में सीधी भर्ती के किसी अभ्यर्थी को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए और उसमें किसी प्रकार का ऐसा कोई मानसिक और शारीरिक नुक्स नहीं होना चाहिए जिससे सेवा के सदस्य के रूप में उसके कर्तव्यों का दक्षतापूर्वक पालन करने में बाधा आने की संभावना हो और यदि वह चयनित हो जाये तो उसे सरकार द्वारा उस प्रयोजन के लिए अधिसूचित किसी चिकित्सा प्राधिकारी का इस आशय का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। नियुक्ति प्राधिकारी ऐसे अभ्यर्थी के मामले में जो पहले से राज्य के कार्यकलाप के संबंध में सेवारत हो, ऐसा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने से अभिमुक्त कर सकेगा यदि पूर्ववर्ती नियुक्ति के लिए उसकी स्वास्थ्य परीक्षा पहले ही कर ली गयी हो और उसके द्वारा धारित दोनों पदों के लिए स्वास्थ्य परीक्षा का आवश्यक मापमान नये पदों के कर्तव्यों के दक्षतापूर्ण पालन के तुल्य हो और उसकी आयु के कारण उस प्रयोजन के लिए उसकी कार्यदक्षता में कोई कमी न आयी हो।

20. अनियमित या अनुचित साधनों का प्रयोग -कोई अभ्यर्थी, जो प्रतिरूपण करने का या बनावटी दस्तावेजों जिनमें गड़बड़ की गयी है, प्रस्तुत करने का या ऐसे कथन करने का जो सही नहीं हैं या मिथ्या हैं या महत्वपूर्ण सूचना छिपाने का या परीक्षा या साक्षात्कार में अनुचित साधनों का प्रयोग करने या उनका प्रयोग करने का या परीक्षा में प्रवेश पाने या साक्षात्कार में उपस्थित होने के लिए किसी भी प्रकार के अन्य अनियमित या अनुचित साधन काम में लेने का दोषी है या आयोग/ बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी / समिति द्वारा दोषी घोषित किया गया है, वह दाण्डिक कार्यवाही किये जाने का दायी होने के अतिरिक्त –

(क) अभ्यर्थियों के चयन हेतु आयोग / बोर्ड / समिति / नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा आयोजित किसी परीक्षा में प्रवेश पाने या किसी साक्षात्कार में उपस्थित होने से आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा और

(ख) सरकार के अधीन नियोजन से सरकार द्वारा, या तो स्थायी तौर पर या किसी विनिर्दिष्ट कालावधि के लिए विवर्जित किया जायेगा।

21. संयाचना – इन नियमों के अधीन अपेक्षित से अन्यथा, भर्ती के लिए किसी प्रकार की लिखित या मौखिक सिफारिश पर विचार नहीं किया जायेगा। अभ्यर्थी द्वारा अपने पक्ष में समर्थन प्राप्त करने के लिए किसी भी तरीके से किया गया प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रयत्न उसे भर्ती के लिए निरर्हित कर सकेगा।