राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021

भाग 4
सीधी भर्ती के लिए प्रक्रिया

22. प्रतियोगी परीक्षा- सेवा में के विभिन्न पदों की समस्त सीधी भर्तियां, अनुसूची-III में विनिर्दिष्ट परीक्षा की स्कीम और पाठ्य विवरण के अनुसार प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से की जायेगी।

23. परीक्षा संचालित करने के लिए प्राधिकरी, पाठ्य विवरण और परीक्षा की आवृत्ति –

(1) परीक्षा आयोग या बोर्ड द्वारा समय-समय पर विहित पाठ्य विवरण के अनुसार आयोग या, यथास्थिति, बोर्ड द्वारा संचालित की जायेगी।

(2) अनुसूचियों में विनिर्दिष्ट पद पर सीधी भर्ती, वर्ष में कम से कम एक बार आयोजित की जायेगी, जब तक कि सरकार यह विनिश्चित न करे कि इन पदों के लिए सीधी भर्ती किसी वर्ष विशेष में आयोजित नहीं की जायेगी ।

24. आवेदन आमंत्रित करना (1) आयोग, बोर्ड या, यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा, सेवा में के पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन, राजपत्र में या ऐसी अन्य रीति से, जो ठीक समझी जाये, भरी जाने वाली रिक्तियों को विज्ञापित करके, आमंत्रित किये जायेंगे। विज्ञापन में यह खण्ड होगा कि ऐसे किसी अभ्यर्थी को, जो उसे प्रस्तावित किये जा रहे पद का कर्तव्यभार स्वीकार करता है, परिवीक्षा की कालावधि के दौरान, सरकार द्वारा समय-समय पर नियत दर से मासिक नियत पारिश्रमिक संदत्त किया जायेगा और विज्ञापन में अन्यत्र यथादर्शित पद के पे मैट्रिक्स के लेवल में वेतन, इन नियमों में उल्लिखित परिवीक्षा की कालावधि सफलतापूर्वक पूरी करने की तारीख से ही अनुज्ञात किया जायेगा :

परन्तु इस प्रकार विज्ञापित रिक्तियों के लिए अभ्यर्थियों का चयन करते समय यदि, आयोग / बोर्ड / समिति / यथास्थिति नियुक्ति प्राधिकारी यदि उन्हें / उसे विज्ञापित रिक्तियों के 50 प्रतिशत से अनधिक की अतिरिक्त आवश्यकता की सूचना चयन करने से पूर्व प्राप्त हो जाये तो, ऐसी अतिरिक्त आवश्यकता की पूर्ति के लिए उपयुक्त व्यक्तियों का चयन भी कर सकेगा।

( 2 ) इन नियमों के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी / समिति, नोटिस के साथ या ऐसी अन्य रीति से जो वे / वह उचित समझें/समझे, अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए निम्नलिखित ब्यौरों पर सूचना देते हुए ऐसे अनुदेश जो वे / वह आवश्यक समझें / समझे जारी कर सकेंगे / सकेगा:-

(i) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों, अति पिछड़े वर्गों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं इत्यादि से संबंधित अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रिक्तियों की संख्या उपदर्शित करते हुए, सीधी भर्ती द्वारा भरी जाने वाली रिक्तियों की संख्या;
(ii) परीक्षा में उपस्थित होने की अनुज्ञा के लिए आवेदनों के प्रस्तुतीकरण की तारीख और प्रस्तुतीकरण की रीति,
(iii) अभ्यर्थियों के लिए अपेक्षित अर्हताएं और रीतियां जिसके द्वारा ये अर्हताएं स्थापित की जायेंगी;
(iv) परीक्षा का स्थान और तारीख और
(v) परीक्षा का पाठ्य विवरण |

25. आवेदन का प्ररूप और परीक्षा में प्रवेश. (1) आवेदन आयोग / बोर्ड / यथास्थिति नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा विहित प्ररूप में किया जायेगा और उसे आयोग / बोर्ड / यथास्थिति नियुक्ति प्राधिकारी के कार्यालय से ऐसी फीस का संदाय करके, जो आयोग / बोर्ड या नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर नियत की जाये प्राप्त किया जा सकेगा।

( 2 ) परीक्षा में उपस्थित होने से पूर्व अभ्यर्थी को नियमों में यथा उपबंधित आयु शैक्षिक / वृत्तिक अर्हताओं, अनुभव इत्यादि के संबंध में अपनी पात्रता सुनिश्चित कर लेनी चाहिए। परीक्षा / साक्षात्कार लेने के लिए अनुज्ञात किया जाना मात्र ही किसी अभ्यर्थी को पात्रता की उपधारणा का हकदार नहीं बनाता। नियम 28 के अधीन सूची तैयार करने से पूर्व, आयोग / बोर्ड / यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी, तत्पश्चात् केवल ऐसे अभ्यर्थी जो नियुक्ति के लिए उपयुक्त पाये गये हैं के आवेदनों की संवीक्षा करेगा ।

( 3 ) परीक्षा में प्रवेश के लिए किसी अभ्यर्थी की पात्रता या अन्यथा के संबंध में आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी का विनिश्चय अंतिम होगा।

26. आवेदन फीस– ( 1 ) सेवा में किसी पद पर सीधी भर्ती का कोई अभ्यर्थी आयोग बोर्ड / यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी को उनके / उसके द्वारा समय-समय पर नियत फीस का, ऐसी रीति से, जो उनके / उसके द्वारा उपदर्शित की जाये, संदाय करेगा।

( 2 ) परीक्षा फीस के प्रतिदाय के लिए किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जायेगा और न ही फीस किसी अन्य परीक्षा के लिए आरक्षित रखी जायेगी, सिवाय उस मामले के जब आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा किसी कारण से विज्ञापन रद्द कर दिया गया है, जिसमें आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा यथा नियत रकम प्रतिदाय करने से पूर्व काटी जायेगी।

27. आवेदनों की संवीक्षा. – आयोग / बोर्ड / यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी उनके / उसके द्वारा प्राप्त आवेदनों की संवीक्षा करेंगे / करेगा और इन नियमों के अधीन नियुक्ति के लिए अर्हित इतने अभ्यर्थियों से जितने वे / वह वांछनीय समझें / समझे, साक्षात्कार / लिखित परीक्षा में उपस्थित होने की अपेक्षा करेंगे / करेगा :

परन्तु किसी अभ्यर्थी की पात्रता या अन्यथा के संबंध में आयोग / बोर्ड / नियुक्ति प्राधिकारी का विनिश्चय अन्तिम होगा।

28. आयोग / बोर्ड / समिति / नियुक्ति प्राधिकारी की सिफारिशें– आयोग / बोर्ड या समिति या, यथास्थिति नियुक्ति प्राधिकारी ऐसे अभ्यर्थियों की, जिन्हें वे संबंधित पद पर नियुक्ति के लिए उपयुक्त समझें, लिखित परीक्षा / साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर योग्यताक्रम में क्रमांकित नामों की एक सूची तैयार करेंगे और उसे नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रेषित करेंगे। आयोग / बोर्ड या समिति या, यथास्थिति, नियुक्ति प्राधिकारी किसी ऐसे अभ्यर्थी की सिफारिश नहीं करेंगे जो प्रतियोगी परीक्षा के प्रत्येक प्रश्नपत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में असफल रहा है:

परन्तु –

(i) उपर्युक्त यथा नियत प्रतिशत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए 5 प्रतिशत तक शिथिल किया जायेगा ।

(ii) आयोग / बोर्ड / समिति विज्ञापित रिक्तियों 50 प्रतिशत सीमा तक, उपयुक्त अभ्यर्थियों के नाम भी प्रवर्गवार आरक्षित सूची में रख सकेगी। आयोग / बोर्ड नियुक्ति प्राधिकारी को, अध्यपेक्षा किये जाने पर उस तारीख से जिसको मूल सूची, उनके / उसके द्वारा नियुक्ति प्राधिकारी को अग्रेषित की गयी है, ऐसे अभ्यर्थियों के नामों की योग्यताक्रम में सिफारिश, छह मास के भीतर भीतर कर सकेगा।

29. नियुक्ति के लिए निरर्हताएं- (1) कोई भी अभ्यर्थी, जिसके एक से अधिक जीवित पत्नियां / पति हैं, सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र तब तक होगा / होगी जब तक सरकार यह समाधान कर लेने के पश्चात् कि ऐसा करने के लिए वैयक्तिक विधि के अधीन विशेष आधार अनुज्ञ हैं, किसी अभ्यर्थी को इस नियम के प्रवर्तन से छूट न दे दे।

(2 ) कोई भी अभ्यर्थी, जिसका विवाह ऐसे व्यक्ति से हुआ हो जिसके पहले से कोई जीवित पत्नी / पति है, सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र तब तक नहीं होगा / होगी जब तक सरकार, यह समाधान कर लेने के पश्चात् कि ऐसा करने के लिए विशेष आधार हैं, किसी अभ्यर्थी को इस नियम के प्रवर्तन से छूट न दे दे।

(3) कोई भी विवाहित अभ्यर्थी सेवा में नियुक्ति का पात्र नहीं होगा / होगी यदि उसने अपने विवाह के समय या उसके पश्चात् किसी भी समय कोई दहेज स्वीकार किया हो ।

स्पष्टीकरण: इस नियम के प्रयोजन के लिए ‘दहेज’ का वही अर्थ है जो दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 (1961 का केन्द्रीय अधिनियम सं. 28) में दिया गया है।

(4) ऐसा कोई भी अभ्यर्थी, जिसके 1 जून, 2002 को या उसके पश्चा संतानें हों, सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा : दो से अधिक

परन्तु –

(i) दो से अधिक संतानों वाला अभ्यर्थी तब तक नियुक्ति के लिए निरर्हित नहीं समझा जायेगा जब तक उसकी संतानों की उस संख्या में, जो 1 जून, 2002 को है, बढ़ोतरी नहीं होती है।

(ii) जहां किसी अभ्यर्थी के पूर्वतर प्रसव से एक ही संतान है किन्तु पश्चात्वर्ती किसी एकल प्रसव से एक से अधिक संतानें पैदा हो जाती हैं वहां संतानों की कुल संख्या की गणना करते समय इस प्रकार पैदा हुई संतानों को एक इकाई समझा जायेगा।

(iii) इस उप-नियम के उपबंध राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम, 1996 के उपबंधों के अधीन किसी विधवा को दी जाने वाली नियुक्ति पर लागू नहीं होंगें।

(iv) किसी अभ्यर्थी की संतानों की कुल संख्या की गणना करते समय ऐसी संतान को नहीं गिना जायेगा जो पूर्व के प्रसव से पैदा हुई हो और निःशक्तता से ग्रस्त हो ।

(v) ऐसा कोई अभ्यर्थी जिसने पुनर्विवाह किया है जो किसी विधि के विरुद्ध नहीं है और वह ऐसे पुनर्विवाह से पूर्व इस उप-नियम के अधीन नियुक्ति के लिए निरर्हित नहीं है तो उसे निरर्हित नहीं किया जायेगा यदि ऐसे पुनर्विवाह से एकल प्रसव द्वारा किसी संतान का जन्म हुआ हो।

30. नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा चयन– नियुक्ति प्राधिकारी नियम 8,9,10,11 और 12 के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए, नियम 28 के अधीन तैयार की गयी सूची में से योग्यताक्रम में अभ्यर्थियों का चयन करेगा:

परन्तु किसी अभ्यर्थी का नाम सूची में सम्मिलित हो जाने मात्र से ही उसे नियुक्ति का अधिकार प्राप्त नहीं हो जाता जब तक कि नियुक्ति प्राधिकारी का, ऐसी जांच के पश्चात् जो वह आवश्यक समझे, यह समाधान न हो जाये ऐसा अभ्यर्थी संबंधित पद पर नियुक्ति के लिए अन्य सभी प्रकार से उपयुक्त है।