राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021

भाग 7
वेतन

41. वेतनमान– सेवा में के किसी पद पर नियुक्त किसी व्यक्ति का पे मैट्रिक्स के लेवल में मासिक वेतन वह होगा जो नियम 43 में निर्दिष्ट नियमों के अधीन अनुज्ञेय हो या जो सरकार द्वारा समय-समय पर स्वीकृत किया जाये ।

42. परिवीक्षा के दौरान वेतन– सीधी भर्ती द्वारा सेवा में नियुक्त किसी परिवीक्षाधीन–प्रशिक्षणार्थी को, परिवीक्षाकाल के दौरान ऐसी दर से मासिक रूप से नियत पारिश्रमिक संदत्त किया जायेगा जो सरकार द्वारा समय-समय पर नियत किया जाये :

परन्तु सरकारी सेवा में इन नियमों के उपबंधों के अनुसार नियमित रूप से चयनित किसी कर्मचारी को परिवाक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के रूप में सेवा के दौरान पद के पे मैट्रिक्स में उसके स्वयं के लेवल में परिलब्धियां या राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम 24 के उपबंधों के अनुसार नये पद का नियत पारिश्रमिक, अनुज्ञात किया जा सकेगा।

43. वेतन, छुट्टी, भत्ते, पेंशन, अंशदायी पेंशन आदि का विनियमन – इन नियमों में यथा उपबंधित के सिवाय, सेवा के किसी सदस्य के वेतन, भत्ते, पेंशन, अंशदायी पेंशन, छुट्टी और सेवा की अन्य शर्ते निम्नलिखित द्वारा विनियमित होंगी :

(i) राजस्थान सेवा नियम, 1951, समय-समय पर यथा-संशोधित :
(ii) राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1958, समय समय पर यथा-संशोधित :
(iii) राजस्थान यात्रा भत्ता नियम, 1971, समय-समय पर यथा-संशोधित;
(iv) राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1971, समय-समय पर यथा-संशोधित;
(v)राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996, समय-समय पर यथा- संशोधित;
(vi) राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतनमान) नियम, 1998, समय-समय पर यथा- संशोधित :
(vii) राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम, 2005 समय-समय पर यथा-संशोधित :
(viii) राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2008, समय समय पर यथा-संशोधित :
(ix) राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017, समय-समय पर यथा-संशोधित; और
भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक के अधीन समुचित प्राधिकारी द्वारा बनाये गये अन्य कोई नियम जो सेवा की सामान्य शर्ते विहित करते हों और तत्समय प्रवृत्त हों।

44. नियमों के शिथिलीकरण की शक्ति– अपवाद सापेक्ष मामलों में जहां सरकार के प्रशासनिक विभाग का यह समाधान हो जाये कि भर्ती के लिए आयु के बारे में या अनुभव की आवश्यकता के संबंध में किसी विशिष्ट मामले में नियमों के प्रवर्तन से अनावश्यक कठिनाई होती है या जहां सरकार की यह राय हो कि किसी व्यक्ति की आयु या अनुभव के संबंध में इन नियमों के किन्हीं उपबंधों को शिथिल करना आवश्यक या समीचीन है वहां वह कार्मिक विभाग की सहमति तथा आयोग के परामर्श से, जहां आवश्यक हो, आदेश द्वारा इन नियमों के सुसंगत उपबंधों को, ऐसी सीमा तक और ऐसी शर्तों के अध्यधीन रहते हुए, जो किसी मामले को न्यायोचित एवं साम्यापूर्ण रीति से निपटाने के लिए आवश्यक माने जायें, अभिमुक्त या शिथिल कर सकेगी :

परन्तु-

(i) ऐसा शिथिलीकरण इन नियमों में पहले से अन्तर्विष्ट उपबंधों से कम अनुकूल नहीं होगा। शिथिलीकरण के ऐसे मामले संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा आयोग को निर्दिष्ट किये जायेंगे
(ii) इस नियम के अधीन विहित सेवा काल या अनुभव में शिथिलीकरण विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित होने के पूर्व किसी पद पर पदोन्नति के लिए विहित सेवा या अनुभव की केवल एक तिहाई कालावधि की सीमा तक ही मंजूर किया जायेगा ।
(iii) जहां किसी पद पर पदोन्नति के लिए अनुभव की विहित कालावधि 6 वर्ष से कम है वहां प्रमुख सचिव, वित्त प्रमुख सचिव / सचिव, कार्मिक विभाग और प्रमुख सचिव / सचिव, प्रशासनिक विभाग से गठित मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति उन मामलों पर विचार करेगी जहां 45 प्रतिशत या उससे अधिक पद रिक्त हैं। समिति अनुभव में शिथिलीकरण की इतनी मात्रा सुझाने के लिए सशक्त होगी जो ऐसे मामलों में, पदोन्नति वाले पदों में रिक्तियों की बड़ी संख्या के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए, ऐसी शर्त कि अनुभव में ऐस शिथिलीकरण दो वर्ष से अधिक न हो के अध्यधीन प्रदान की जायेगी ।

45. शंकाओं का निराकरण- यदि इन नियमों के लागू होनेऔर उनकी व्याप्ति के बारे में कोई शंका उत्पन्न हो तो मामला सरकार के कार्मिक विभाग को निर्दिष्ट किया जायेगा जिसका उस पर विनिश्चय अंतिम होगा।

48. निरसन और व्यावृत्ति – राजस्थान शिक्षा सेवा नियम, 1970 और राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम, 1971 और इन नियमों के अंतर्गत आने वाले मामलों के संबंध में जारी तथा इन नियमों के प्रारंभ के ठीक पूर्व प्रवृत्त समस्त नियम और आदेश इसके द्वारा निरसित किये जाते हैं

परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों और आदेशों के अधीन की गयी कोई भी कार्रवाई इन नियमों के उपबंधों के अधीन की गयी समझी जायेगी।