राजस्थान शिक्षा सेवा नियम, 1970 एवं राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 लगभग 49 50 वर्ष पुरानी स्थितियों में होने के कारण शिक्षा विभाग पुरानी व्यवस्थाओं पर चल रहा था। उक्त दोनों नियमों में अनेक संशोधन हो चुके हैं तथा वर्तमान परिपेक्ष्य में कई संशोधन अपेक्षित होने के कारण उक्त नियमों की विसंगतियों एवं जटिलताओं को दूर कर उक्त दोनों नियमों का पुनर्लेखन किया जाकर राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम-2021 बनाये गये हैं।

उक्त नियमों के पुनर्लेखन का कार्य पिछले कई वर्षों से प्रक्रियाधीन था, इस कारण शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुये माननीय शिक्षा राज्यमंत्री महोदय के निवेदन पर जनकल्याणकारी सरकार के जननायक माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने उक्त सेवा नियमों को केबिनेट से सहमति प्रदान कर दी है।

उक्त नवीन सेवा नियमों से कई संवर्ग में रुकी हुई पदोन्नतियां हो सकेगी। वहीं शिक्षा विभाग के उच्च पदों पर अधिकारी उपलब्ध होगें, जिससे विद्यालयों/ कार्यालयों के शैक्षिक / प्रशासनिक / निरीक्षण कार्यो को गति प्रदान होगी तथा पुराने सेवा नियमों की विसंगतियां भी दूर होगी। उक्त नवीन नियमों में मुख्य रूप से निग्नानुसार संशोधन / प्रावधान किया जा रहा है :-

क्र. सं.नियमविभाग को लाभकार्मिकों / विद्यार्थियों को लाभ
1-राजस्थान शिक्षा सेवा नियम, 1970 एवं राजस्थान अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियम 1971 लगभग 49-50 वर्ष पुरानी स्थितियों में है।
-उक्त दोनों नियमों में अनेक संशोधन हुये है।
-वर्तमान परिपेक्ष्य में कई संशोधन अपेक्षित होने के साथ-साथ ही उक्त नियमों की विसंगतियों एवं जटिलताओं को दूर किया जाना है।
-उक्त दोनों नियमों का पुनर्लेखन किया जाकर राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम 2021 बनाये जा रहे हैं।  
-शिक्षा  विभाग के विभाग में कई संवर्गों में रूकी हुई पदोन्नति मिल समस्त सकेगी।
-शिक्षा विभाग के कार्यों को गति प्रदान होगी।
-पुराने सेवा नियमों की विसंगतियां भी दूर होगी।
शैक्षिक / प्रशासनिक / पर्यवेक्षण / सम्बन कार्यो को गति मिलेगी।  
शिक्षा विभाग के समस्त लगभग 04 लाख से अधिक कार्यरत कार्मिकों तथा लाखों बेरोजगारों को रोगजार सुगमता से उपलब्ध होगा।  
2अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति हेतु संयुक्त निदेशक के एक वर्ष के अनुभव के साथ कुल 04 वर्ष का अनुभव का प्रावधान किया गया है। (पहले संयुक्त निदेशक के पद का 3 वर्ष का अनुभव आवश्यक था )-पदोन्नति हेतु समय पर तथा लम्बे समय के लिये अधिकारी उपलब्ध हो सकेगें।
प्रशासनिक / पर्यवेक्षण / सम्बलन कार्यों को गति मिलेगी  
19 JD
53 DD
461 DEO
कुल 533 तथा उससे निम्न पद वाले सम्बन्धित कार्मिक  
3इसी प्रकार संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति हेतु उप निर्देशक के एक वर्ष के अनुभव के साथ कुल 04 वर्ष का अनुभव का प्रावधान किया गया है। (पहले जिला शिक्षा अधिकारी के पद का 3 वर्ष का अनुभव आवश्यक था )-पदोन्नति हेतु समय पर तथा लम्बे समय के लिये अधिकारी उपलब्ध हो सकेगें।
 प्रशासनिक / पर्यवेक्षण / सम्बलन कार्यों को गति मिलेगी  
53 DD
461 DEO
कुल 514 तथा उससे निम्न पद वाले सम्बन्धित कार्मिक  
4जिला शिक्षा अधिकारी के पदों को 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाने के प्रावधान का विलोपन कर शत-प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है।  -वर्तमान में विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी के 323 रिक्त पदों को भरे जाने का कार्य पूर्ण हो सकेगा।  लगभग प्रधानाचार्य 323 तथा उससे निम्न पद वाले सम्बन्धित कार्मिक  
5प्रधानाचार्य एवं समकक्ष पदों हेतु व्याख्याता पर एवं प्रधानाध्यापक से पदोन्नति के लिये अनुपात को 80:20 किया गया है।  विभाग को रिक्त पदों पर प्रधानाचार्य समय पर तथा लम्बे समय के लिये मिल सकेगें।लगभग 1500 से अधिक व्याख्याताओं के पदोन्नति के अवसर उपलब्ध होगें तथा इससे निम्न पद वाले सम्बन्धित कार्मिक  
6प्रधानाध्यापक पद की योग्यता को भी स्नातक से अधिस्नातक किया गया हैं।उच्च योग्यता वाले प्रधानाध्यापक उपलब्ध होगें।  उच्च योग्यता प्राप्त करने का प्रोत्साहन मिलेगा।  
7व्याख्याता की सीधी भर्ती एवं पदोन्नति हेतु  अधिरनातक (Post Graduation) के साथ-साथ स्नातक (Graduation) स्तर पर उसी विषय के अध्ययन को अनिवार्य किया गया है।  विषय की आधारभूत जानकारी रखने वाले व्याख्याताओं का चयन हो सकेगा।  कक्षा 11 व 12 अध्ययनरत लगभग 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों हेतु अध्यापन स्तर में गुणात्मक सुधार होगा।  
8व्याख्याता-शारीरिक शिक्षा के पद को एनकैडर किया गया है।  विभाग को 254 शिक्षक व्याख्याता-शारीरिक उपलब्ध होगें।  कक्षा 11 व 12 अध्ययनरत 10 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होगें। एवं 254 वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक तथा 254 शारीरिक शिक्षक ग्रेड-III को पदोन्नति का अवसर उपलब्ध होगें।  
9इसी प्रकार पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-प्रथम का पद एनकैडर किया गया है।  विभाग को 41 पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-प्रथम उपलब्ध होगें।  कक्षा 11 व 12 अध्ययनरत 10 लाख से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होगें । एव 41 पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-II तथा 41 ग्रेड-III पुस्तकालयाध्यक्ष को पदोन्नति का अवसर उपलब्ध होगें।  
10पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-द्वितीय के पदों पर सीधी भर्ती एवं पदोन्नति पर लगी रोक को हटा दिया गया है।  पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-द्वितीय उपलब्ध हो सकेगें।  कक्षा 09 व 10 अध्ययनरत 15 लाख अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होगें। एवं 613 पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-III तथा 1224 (612 ग्रेड-II व 612 ग्रेड-III) बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
11शारीरिक शिक्षक ग्रेड-III, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-द्वितीय एवं तृतीय की योग्यता एनसीटीई के अनुसार संशोधित की गई है।एनसीटीई की योग्यतानुसार कार्मिक उपलब्ध होगें।  फर्जी डिग्री लाने वाले व्यक्तियों पर अंकुश लगेगा।  
126 डी से तृतीय श्रेणी अध्यापकों के सैटअप परिवर्तन हेतु 3 वर्ष की सेवा की शर्त का विलोपन किया गया हैं।  शिक्षा विभाग को तृतीय श्रेणी अध्यापक समय पर उपलब्ध हो सकेगें।  पंचायती राज विभाग में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के पदों पर रीट के माध्यम से नियमित रूप से भर्ती की जा सकेगी ।बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होगें।
13प्रतियोगी परीक्षाओं से चयन हेतु न्यूनतम उत्तीर्णांक का प्रावधान किया गया हैं। (40 प्रतिशत  न्यूनतम उतीर्णाक तथा नियमानुसार छूट)विषय की आधारभूत जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ व्याख्याताओं का चयन हो सकेगा।  इससे ऋणात्मक अंक वाले अभ्यर्थियों के चयन पर रोक लगेगी तथा विद्यार्थियों हेतु अध्यापन स्तर में गुणात्मक सुधार होगा।  
14माइक्रोबॉयोलोजी, बॉयोटेक्नोलोजी और बॉयोकेमेस्ट्री विषयों को भर्तियों/पदोन्नतियों हेतु मान्य किया गया है। इससे पाठ्यक्रम समकक्षता निर्धारण समिति में नहीं जाना पड़ेगा)  विभाग को नवीन तकनीकों की जानकारी रखने वाले व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक तथा  प्रयोगशाला सहायक उपलब्ध होगें।  कक्षा 9 से 12 तक अध्ययनरत लगभग के 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों नवीन तकनीकों की जानकारी के साथ-साथ अध्यापन स्तर में गुणात्मक सुधार होगा।