गैर सरकारी विद्यालयों को ऑनलाइन मान्यता दिये जाने संबंधी दिशा-निर्देश 2021-22

अध्याय-1 : परिचय

राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था (मान्यता, सहायता अनुदान और सेवा शर्ते आदि) नियम 1993 में विभिन्न स्तर की गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं को मान्यता देने का प्रावधान है। राज्य में इन अधिनियम एवं नियमों के अन्तर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर की 40000 हजार से अधिक संस्थाऐं संचालित हैं। इन संस्थाओं का राज्य में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन संस्थाओं की अनुभूत कठिनाइयों तथा विभाग की आवश्यकताओं को देखते हुए रामय रामय पर अधिनियम एवं नियमों के दायरे में अनेक अधिसूचनाओं में संशोधन, नई आज्ञा एवं नए आदेश जारी किए गए हैं। गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं की सुविधा तथा विभागीय कार्यालयों के कार्य को सुगम एवं पारदर्शी बनाने की दृष्टि से शैक्षिक सत्र 2016-17 से समस्त प्रकार की मान्यताओं को ऑनलाइन किया गया है। शैक्षिक सत्र 2021-22 में ऑनलाइन मान्यता / कमोन्नति आदि हेतु शैक्षिक संस्थाओं एवं विभागीय कार्यालयों के लिए करणीय कार्यों के सम्बन्ध में राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवं नियम, 1993 तथा समय-समय पर जारी अधिसूचनाओं / आदेश / परिपत्रों के आधार पर तैयार कर पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर हेतु विस्तृत दिशा निर्देश प्रसारित किए जा रहे हैं। यदि इन दिशा निर्देशों में और मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / आदेश / परिपत्रों में कोई विसंगति / उल्लेख नही होने पर मूल अधिनियम / नियम / अधिसूचना / आदेश / परिपत्र ही मान्य होंगे।

ध्यातव्य बिन्दुः

मान्यता आवेदन एवं आरटीई पुर्नभरण को एकीकृत मान्यता मोड्यूल से जोड़ा गया है। अतः विद्यालयों द्वारा एकीकृत मान्यता मोड्यूल में प्रविष्टि कर लॉक किये जाने पर हीं आवेदन हेतु पात्र माना जायेगा। आवेदन का अनुमोदन होने के उपरान्त संबंधित जिशिअ द्वारा एकीकृत मान्यता प्रमाण पत्र जारी होने के उपरान्त हीं मान्यता / क्रमोन्नति आदि के आवेदन के संबंध में प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।

स्थान परिवर्तन की स्वीकृति / अनुमोदन उपरान्त संबंधित विद्यालय द्वारा राज्य स्तरीय समाचार पत्र में विद्यालय द्वारा किये गये स्थान परिवर्तन एवं आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों की आवागमन की सुविधा विद्यालय द्वारा निःशुल्क उपलब्ध करवाये जाने की सूचना की जानकारी समाचार पत्र में प्रकाशित कर जन सामान्य को सूचना दी जावे (स्थानीय समाचार पृष्ठ पर) एवं जिशिअ इस बात की सुनिश्चित करे कि पूर्व स्थान पर विद्यालय का संचालन नहीं हो रहा हो। साथ ही संबंधित जिशिअ द्वारा प्रेस नोट के माध्यम से समाचार पत्रों के स्थानीय संस्करणों में समाचार प्रकाशित किये जाने हेतु कार्यवाही की जाये ताकि जन साधारण को सूचना प्राप्त हो सकें ।

खेल मैदान विद्यालय परिसर में ही होना अनिवार्य है। निर्धारित मापदण्ड अनुसार भूमि पूर्ण होने पर यदि विद्यालय परिसर में खेल मैदान उपलब्ध नहीं है तो विद्यालय से 100 मीटर के दायरे में खेल मैदान उपलब्ध किराए / स्वयं की भूमि / सामुदायिक होने पर अनुमति प्रदान की जायेगी। इससे अधिक दूरी पर नहीं जायेगी। खेल मैदान सामुदायिक होने पर संबन्धित बोर्ड / निगम / पंचायत / पालिका / परिषद आदि के सक्षम स्तर से जारी एनओसी प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। खेल मैदान सामुदायिक पार्क / भूमि होने की स्थिति में आवेदन प्रपत्र में केवल विद्यालय परिसर का माप लिखा जाये जो कि विद्यालय के भूमि मापदण्ड शहरी/ग्रामीण / टीएरापी हेतु निर्धारित मापदण्डानुसार हो । खेल मैदान सामुदायिक होने पर खेल मैदान का माप विद्यालय की भूमि के माप में नहीं जोड़ा जाएगा

अतिरिक्त माध्यम कक्षा 01 से ही स्वीकृत किया जायेगा। पूर्व में यदि कक्षा 01 के स्तर से अतिरिक्त माध्यम का संचालन जिन विद्यालयों द्वारा नहीं किया जा रहा उनको अतिरिक्त माध्यम के संचालन हेतु कक्षा 01 से संचालित किये जाना अनिवार्य करते हुए ऑनलाइन आवेदन कर मान्यता लेना अनिवार्य होगा। इस संबंध में विद्यालय द्वारा समुचित कार्यवाही की जाये।

आवेदन करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं हेतु ऑनलाईन आवेदन लॉक किये जाने के 05 दिवस (निरीक्षण से पूर्व) में आवेदन एडिट करने की सुविधा पोर्टल पर उपलब्ध करवाई गई हैं। नवीन मान्यता हेतु आवेदन करने वाली गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा मान्यता पोर्टल पर एक बार रजिस्ट्रेशन कर पीएसपी कोड जनरेट होने के पश्चात् उसी संस्था / विद्यालय का नया पीएसपी कोड दोबारा जनरेट कर आवेदन नहीं किया जाये। विद्यालय द्वारा एक शैक्षणिक सत्र में एक ही बार आवेदन किया जा सकेगा।

विद्यालय द्वारा प्रस्तुत रजिस्टर्ड किराये नामे में भूमि की माप, प्लॉट नम्बर, खसरा नम्बर का उल्लेख करना अनिवार्य है। किरायनामा में भूमि माप वर्ग मीटर में हीं दर्शायी जावे। बीघा / विस्वा / एयर / गज / फुट एवं अन्य माप को वर्गमीटर में बदल कर ही दर्शायी जावे यह अति आवश्यक है। रजिस्टर्ड किरायेनामे के साथ किराए के पक्षकार की भूमि स्वामित्व के दस्तावेजों की स्वप्रमाणित प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। रजिस्टर्ड किरायानामा जरिये संस्था सचिव के नाम से हीं मान्य होगा।

प्रस्तुत ब्ल्यू प्रिंट में विद्यालय का नाम एवं विद्यालय की कुल भूमि का उल्लेख होना चाहिए। साथ ही निर्मित एरिया का उल्लेख करते हुए प्रत्येक कक्षा कक्ष के माप का अंकन किया जाना अनिवार्य है। ब्लू प्रिंट में जिस भूमि का ब्लू प्रिंट दिया जा रहा है उसका खसरा नं०, प्लॉट नं, आसा पासा आदि लिखा हो। साथ ही खेल मैदान यदि विद्यालय परिसर में है तो उसका भी अंकन किया जाये। जैसे विद्यालय परिसर की कुल भूमि में (निर्मित खेल मैदान) का स्पष्ट अंकन किया जाये। खेल मैदान विद्यालय परिसर से अलग होने पर उसका विद्यालय से दूरी (पैदल दूरी) एवं माप का उल्लेख हो ।

प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों हेतु भूमि का गाप (शहरी कुल 500 वर्गमीटर खेल मैदान सहित एवं ग्रामीण 2000 वर्गमीटर खेल मैदान सहित) कक्षा कक्ष का माप प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों हेतु ( 65 वर्गमीटर) माप होना अनिवार्य है। कक्षा 1-5/1-8 के बाद क्रमोन्नति / अति. संकाय अति. विषय आदि हेतु भूमि के माप (टीएसपी ( शहरी एवं ग्रामीण) / शहरी क्षेत्र में आने वाले विद्यालयों हेतु 1000 वर्ग मीटर एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु 4000 वर्ग मीटर), कक्षा कक्ष (माध्यमिक हेतु 14 कक्षा कक्ष एवं उ.मा.वि स्तर हेतु 16 कक्षा कक्ष मापदण्ड 68), रजिस्टर्ड किरायानामा, भूरूपान्तरण, खेल मैदान आदि के नवीनतम दस्तावेज एवं निर्धारित मानदण्ड पूर्ण करने अनिवार्य होंगे।

यदि विद्यालय द्वारा भविष्य में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर की क्रमोन्नति चाहीं जाती है तो उसे भूमि / मदन आदि के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के मापदण्ड पूर्ण करने होंगे । विद्यालय में कक्षा कक्षों की उपलब्धता के आधार पर यदि कोई विद्यालय अतिरिक्त सेक्शन चलाना चाहता है तो इस स्थिति में वांछित सेक्शन संचालन हेतु आवेदन करना होगा। आवेदन में वांछित सेक्शन एवं उपलब्ध कक्षा-कक्षों के आधार पर मान्यता / क्रमोन्नति के आदेशों में रोक्शन के संचालन हेतु छात्र छात्रा की क्षमता का अंकन कर आदेश जारी किया जायेगा। विभाग द्वारा जारी अनुमति से अतिरिक्त सेक्शन चलाने हेतु प्रति वर्ष विद्यालय को आवेदन कक्षा कक्षों की उपलब्धता बताते हुए विभाग से अनुमति ली जानी होगी। बिना विभागीय अनुमति के स्वीकृत छात्र संख्या से अधिक का प्रवेश वर्जित होगा।

शासन के पत्र क्रमांक:- प.9 (1) शिक्षा – 5 / भूमि रूपान्तरण / 2016 दिनांक 25.11.20 एवं 12.01.21 के अनुसरण में मान्यता पोर्टल पर शैक्षिक सत्र 2021-22 में मान्यता / क्रमोन्नति / अति विषय, अति.माध्यम आदि समस्त प्रकार के आवेदनों हेतु गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के शैक्षणिक प्रयोजनार्थं भू-रूपान्तरण नहीं होने की स्थिति में पोर्टल पर आवेदन किया जाना संभव नहीं होगा। साथ हीं भूमि का मापदण्ड शहरी क्षेत्र (1000 वर्गमीटर) एवं ग्रामीण क्षेत्र ( 4000 वर्गमीटर) तथा टीएसपी क्षेत्र शहरी/ग्रामीण (1000 वर्गमीटर) नहीं होने की स्थिति में / कक्षा कक्ष कम (माध्यमिक हेतु 14 कक्ष एवं उ.मा.वि स्तर पर 16 कक्षा कक्ष / कक्षा कक्ष मापदण्डानुसार (6+8 वर्गमीटर) नहीं होने की स्थिति में पीएसपी पोर्टल पर आवेदन किया जाना संभव नहीं हो। इस हेतु पोर्टल पर आवश्यक संशोधन करावें ।

विज्ञप्ति में जारी टाईम फ्रेम शासन स्तर से अनुमोदित है अतः विज्ञप्ति में जारी टाईम फ्रेम का पालन विद्यालय एवं कार्यालय द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाना अनिवार्य है। विद्यालय द्वारा टाईम फ्रेम का पालन नहीं करने की स्थिति में आवेदन हेतु अपात्र हो जायेंगे। निरीक्षण दल / कार्यालय स्तर पर टाईम फ्रेम का पालन नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी / कार्मिक का उत्तरदायित्व निर्धारित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।