राजस्थान सेवा नियम (RSR)

राजस्थान सेवा नियम (RSR)सेवा की सामान्य शर्ते (नियम 8 से 23 (ब) तक

नियम 8:- प्रोबेशनर प्रशिक्षणार्थी:- स्थाई पद पर दो वर्ष के लिए अस्थाई नियुक्ति ।

>> 13 मार्च 2006 की अधिसूचना के आधार पर ये नियम 20 जनवरी 2006 से प्रभावी हुआ।

>> इसमें कर्मचारियों को 02 वर्ष के लिए एक स्थिर पारिश्रमिक मिलता है तथा उनके स्थिर मानदेय पर कोई कटौती नही होती। इन्हें किसी प्रकार का अवकाश देय नहीं होता। (नियम 103 की सीरिज को छोड़कर)

नियम 8():- प्रथम नियुक्ति के समय आयु:-(15 से 35 वर्ष ):- सामान्य तौर पर नई नियुक्ति की आयु 16-35 वर्ष मानी है, प्रतिभुति से जुड़े मामलों में 18 -35 वर्ष मानी गई है ।

>> दिनांक 24.05.2004 के बाद महिलाओं हेतु अधिकतम आयु 42 वर्ष मानी गई है ।

>> दिनांक 06.03.2012 के बाद राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा में अधिकतम आयु 45 वर्ष कर दी गई है।

>> देवस्थान विभाग के पुजारियों हेतु अधिकतम आयु किसी भी परिस्थिति में 35 वर्ष के बाद नहीं की जावेगी।

>> दिनांक 25.11.1996 से अनु. जाति/ अनु, जनजाति को अधिकतम आयु में 05 वर्ष की छूट तथा ओ.बी.सी. को 03 वर्ष की छुट दी जायेगी । > आरक्षित वर्ग की महिला को दिनांक 24.02.2007 से अधिकतम आयु में 10 वर्ष की छूट।

नियम 8() नाम परिवर्तन:- इस नियम के तहत एक निर्धारित प्रपत्र में सूचनायें एकत्रित करके कर्मचारी द्वारा कार्यालय अध्यक्ष को दी जायेगी तथा कार्यालयाध्यक्ष इन्हें एजी कार्यालय प्रेषित करेगा। तत्पश्चात् एजी के द्वारा सत्यापन की सम्पूर्ण जानकारी राजस्थान के राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद कर्मचारी का नाम परिवर्तन हो जायेगा। प्रथम नियुक्ति के समय वेतन बिल की जांच कोषाधिकारी करते है।

नियम 9:- नई नियुक्ति पर चिकित्सा प्रमाण पत्र:- इस नियम के तहत कर्मचारी की किसी भी सेवा में नई नियुक्ति होने पर उसे चिकित्सकीय कारणों से स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र देना होगा।

नियम 10:- चिकित्सा प्रमाण पत्र का प्रारूप:- इस नियम के तहत सरकार द्वारा चिकित्सा प्रमाण पत्र का प्रारूप तैयार किया गया है।

नियम 11:– चिकित्सा प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर एवं प्रतिहस्ताक्षर करने वालाः- चिकित्सा प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर जिले स्तर पर राजकीय अस्पताल के पीएमओ द्वारा किये जाते है। किसी राजकीय अस्पताल के विभागाध्यक्ष को भी कुछ सीमा तक चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने की छूट है।

नियम 12:- चिकित्सा प्रमाण पत्र से किसको छूट है:-

1. वे सभी भर्तियां जो पहले ही शारीरिक परीक्षण के दौर से गुजरे।

2. सेवानिवृति की तिथि के बाद तुरन्त ही पुनः नियुक्त होने वाले कर्मचारी।

3. चतुर्थ सेव से ऊपर उच्च सेवा तक के अस्थायी कर्मचारियों को 03 माह तक की छूट ।

4. महिला कर्मचारियों की चिकित्सा जांच के समय चिकित्सा बोर्ड में एक महिला चिकित्सक अनिवार्य।

नियम 13:- सेवा की आधारभूत शर्ते:- इस नियम के तहत प्रत्येक सरकारी कर्मचारी 24 घण्टे सरकार को अपना समय देगा तथा दैनिक कर्तव्य से अधिक किये गये कर्तव्य के बदले वह भुगतान हेतु कोई दावा प्रस्तुत नहीं कर सकता।

नियम 14:- एक पद एक व्यक्ति का सिद्धान्त:- इस नियम के तहत एक स्थायी पद पर एक समय में एक ही व्यक्ति कार्य करेगा। अस्थायी पदों में एक समय में दो या दो से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते है।

नियम 15:- पदाधिकार:- स्थायी पद पर स्थायी रूप से नियुक्ति।

नियम 16:- पदाधिकार कब तक बना रहेगा:

1. अवकाश के दौरान ।

2. निलम्बित अवस्था के दौरान।

3. विदेश सेवा के मामले में कर्मचारी 03 साल तक अपने पद पर रहता है।

नियम 17:- पदाधिकार का निलम्बन:- यदि कर्मचारी के विरूद्ध सीसीए नियम 1958 के तहत कार्यवाही की जावें तो कर्मचारी को पदाधिकार से निलम्बित किया जा सकता है।

नियम 18:- पदाधिकार को समाप्त करना:- यदि कर्मचारी पर सीसीए नियम 1958 के तहत कार्यवाही की गई हो तथा वह दोषी पाया जाये तो उसका पदाधिकर समाप्त हो जायेगा । दिनांक 20.08.2001 के बाद यदि कर्मचारी लगातार 05 साल से अवकाश पर हो तो उसे पद से बर्खास्त कर दिया जायेगा।

नियम 19:- पदाधिकार का स्थानान्तरण:

1. सरकार के सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए ।

2. दिनांक 02.08.2005 के बाद सरकार द्वारा किया गया पदाधिकार का स्थानान्तरण जनहित में होना आवश्यक है।

3. यदि सरकार कर्मचारी पर कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही करें तो पदाधिकार का स्थानान्तरण करें।

नियम 20:- राज्य कर्मचारी का स्थानान्तरण:- नियम 19 के समान

नियम 21:- जीवन बीमा या भविष्य निधि की सदस्यता:

नियम 21(अ):- आरपीएमएफ (राज. पेंशनर मेडिकल फण्ड) दिनांक 01.01.1981 से शुरू दिनांक 01.01.2004 को बंद ।

नियम 21(ब):- प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को जीपीएफ की सदस्यता अनिवार्य। दिनांक 01.01.2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर लागू नहीं। नियम 21(स):- सामान्य प्रावधायी निधि (जीपीएफ) राज्य कर्मचारियों की प्रत्येक कटौती जीपीएफ में होगी।

नियम 22:- प्रशिक्षण काल में दिया हुआ भुगतान पुनः जमा कराना:- इस नियम के तहत परिशिष्ट 18 (ए) के तहत बंध प भरवाया जावेगा। यदि बन्ध पत्र के अनुरूप सेवा ना हो तो कर्मचारी से मूल रकम वसूली जावेगी।

नियम 22 ():-बन्ध पत्र में सेवा करने की अवधि:- इस नियम के तहत परिशिष्ट 18 (ब) के तहत बंधपत्र भरा जावेगा।

बंध पत्र की शर्त:

यदि प्रशिक्षण 03 से 06 माह हो तो- 01 वर्ष

यदि प्रशिक्षण 06 माह से 01 वर्ष हो तो- 02 वर्ष

31.05.2012 के बादः-यदि प्रशिक्षण 01 से 02 वर्ष हो तो 03 वर्ष

नियम 23:- स्थिति जब कर्मचारी सरकारी नियोजन में नहीं रहेगा: – यदि कर्मचारी पर सीसीए नियम 1958 के तहत कार्यवाही की गई हो। यदि कर्मचारी दिनांक 20.08.2001 के बाद निरन्तर 05 साल की सेवा से अनुपस्थित हो।

नियम 23():- अस्थायी कर्मचारियों को सेवा समाप्ति से पूर्व नरेटिसः– यदि कर्मचारी 03 साल से ज्यादा अस्थायी पद पर नियुक्त है तो उसे 03 माह पूर्व नोटिस देंगें। यदि कर्मचारी ने 03 वर्ष से कम सेवा की है तो 01 माह पूर्व नोटिस देंगें।

नियम 23(ब):- अस्थायी पदों में कटौती कनिष्ठता के आधार परः- इस नियम के तहत जो कर्मचारी पहले नियुक्त होते है, वह बाद में सेवा से जाते है तथा जो बाद में नियुक्त होते है वे पहले जाते है।