राजस्थान सेवा नियम (RSR)कार्यग्रहण काल-1981 (नियम 127 से 140)

राजस्थान सिविल सेवा कार्यग्रहण काल – 1981

दिनांक 17 मार्च 1981 की अधिसूचना के आधार पर अध्याय 12 को (नियम 127 – 140 ) विलोपित कर कार्यग्रहण काल नियम 1981 दिनांक 01 अप्रैल 1981 से प्रभावी हुए ।

(अ) कार्यग्रहण काल किन पर लागु है:

राजस्थान के वह समस्त कर्मचारी जो आरएसआर के नियंत्रण में आते है, उन पर कार्यग्रहण काल नियम लागु है।

अपवादः- 1. जो अनुबंध पर नियुक्त हो।
2. वर्कचार्ल्ड कर्मचारी।
3. वे कर्मचारी जो भुगतान आकस्मिक निधि से प्राप्त करें।

(ब) परिभाषाये:

1. विभागाध्यक्ष:- (परिशिष्ट 14) आरएसआर के परिशिष्ट 14 में दी गई कर्मचारियों की सूची (वर्तमान में 51ए)

2. कार्यग्रहण कालः- एक पद से दूसरे पद पर स्थानान्तरण होने पर कर्मचारी को नवीन पद पर कार्यग्रहण करने के लिए दिया गया समय ।

3. स्थानान्तरण:– एक पद से दूसरे पद पर नियुक्त होना 1. स्वयं की मर्जी 2. सरकार द्वारा (जनहित में) 3. अनुशासनात्मक 

4. कार्यग्रहण काल की देयता:- स्वेच्छा से स्थानान्तरण होने पर किसी प्रकार का कार्यग्रहण काल देय नहीं है।

दिनांक 02.08.2005 के बाद स्थानान्तरण आदेश पर जनहित में शब्द अंकित होने पर कार्यग्रहण काल देय होता है। यदि कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत स्थानान्तरण होता है तो उसे कार्यग्रहण काल सक्षम अधिकारी के विवेक पर देय होता है।

यदि कर्मचारी का 180 दिन तक अस्थायी स्थानान्तरण होता है तो कर्मचारी को किसी भी प्रकार का कार्यग्रहण काल देय नहीं होता है।

5. कालग्रहण काल में वेतन व भत्तेः- पूर्ण वेतन व पूर्ण भत्ते (यात्रा भत्ता को छोड़कर) 

6. अनुपयोगी कार्यग्रहण दिन:– यदि कर्मचारी कार्यग्रहण अवधि से पूर्व अपने नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण कर लेता है तो उसके कार्यग्रहण अवधि के शेष बचे हुये दिन उसके उपार्जित अवकाश में जोड़ दिये जाते है। 

7. कार्यग्रहण काल अवधि:-कर्मचारी का स्थानीय स्थानान्तरण होने पर 02 किमी. तक उसे 01 दिन का कार्यग्रहण काल देय होता है।

लोकल 02 किमी तक 01 दिन
स्थानीय परन्तु 200 किमी तक10 दिन
0 से 1000 किमी तक रेल से 10 दिन
0 से 1000 किमी तक बस से 12 दिन
1000 से 2000 किमी तकरेल से 12 दिन, बस से 15 दिन
2000 किमी. से अधिक 15 दिन
जयपुर-जोधपुर में 07 दिन (जिला कोषागार में)
अन्य कोषागार में 03 दिन

उदाहरणः- दिनांक 16 को कोई स्थानान्तरण आदेश हो तो कार्यग्रहण काल 17 से प्रभावी होगा। 800 किमी – 10 दिन (दिनांक 17 से 26 तक) कार्यग्रहण सार्वजनिक अवकाश तो अगला दिन होगा।

यह एक दिन की अवधि उसी स्थानीय स्थानान्तरण पर प्रभावी है, जिसमें कर्मचारी का आवास परिवर्तन न हो। एपीओ के मामलें में 04 दिन का कार्यग्रहण काल देय है। (दूरी चाहे कितनी हो)

यदि कर्मचारी के पास सरकारी भण्डारों का चार्ज है तो 07 दिन का कार्यग्रहण काल देय है।

8. कार्यग्रहण अधिक लेने पर सजा का प्रावधान:– सामान्य तौर पर नियत तिथि तक कोई कर्मचारी कर्मचारी नवीन पद पर कार्यभार ग्रहण न करे तो सम्बन्धित अधिकारी उसकी पिछली सेवा को जब्त कर सकता है। उपयुक्त कारण बता दे तो उसके द्वारा ज्यादा ली गई अवधि नियम 96 के तहत मानेगें ।

9. कार्यग्रहण काल की व्याख्या/संशोधनः- वित्त विभाग राज्यपाल की अनुमति के आधार पर कर सकता है।

 10. कार्यग्रहण काल में बढ़ोतरी:- प्रारम्भिक स्तर पर कार्यग्रहण काल में बढ़ोतरी 30 दिन तक की विभागाध्यक्ष (परिशिष्ट-9) के तहत कर सकता है। आगे यदि कोई बढ़ोतरी करनी हो तो वित्त विभाग कर सकता है। (30 दिन तक) बढ़ी हुई अवधि सदैव नियम 96 के तहत मानी जायेगी। विपरीत परिस्थितियों में सक्षम अधिकारी की अनुमति से कार्यग्रहण काल में ब़ोतरी । जैसे:- भुकम्प, तुफान, चकवात आदि के मामलों में कार्यग्रहण काल में सक्षम अधिकारी अपने विवेक के आधार पर बढ़ोतरी कर सकता है तथा विपरीत परिस्थितियों के तहत बढ़ा हुआ कार्यग्रहण काल पूर्व के कार्यग्रहण काल के समकक्ष देय होता है।

11. कार्यग्रहण काल के दौरान सार्वजनिक अवकाशों का संयोजन:- यदि कार्यग्रहण के दौरान कोई सार्वजनिक अवकाश आदि हो तो उसे कार्यग्रहण काल में ही गिना जायेगा।

12. कार्यग्रहण काल के बाद वेतन व भत्ते प्राप्त करने की शर्त:

13. कार्यग्रहण अवधि का प्रारम्भ होना:- ये अवधि हमेशा स्थानान्तरण के अगले दिन से प्रभावी होती है।

14. परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को कार्यग्रहण अवधिः- इनको सदैव यात्रा करने में लगा समय ही देय होता है। दिनांक 21.08.2007 के बाद कार्यग्रहण काल में वेतन व भत्ते (पूर्ण वेतन+ भत्ते) देय होगें।