अजमेर 31 मार्च। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोना के व्यापक प्रसार को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लिया है कि वर्ष 2021 की सीनियर सैकण्डरी की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए बाहय परीक्षकों की नियुक्ति नहीं की जायेगी। प्रायोगिक परीक्षायें विद्यालय के विषय अध्यापक द्वारा ही ली जायेगी ।

बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डी.पी. जारोली ने बताया कि बोर्ड की पूर्ववर्त्ती व्यवस्था के अनुसार सीनियर सैकण्डरी की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए प्रत्येक विद्यालय के लिए बोर्ड स्तर पर बाह्य परीक्षक की नियुक्ति की जाती थी, जो 4-5 दिन में 5 से 7 विद्यालयों की प्रायोगिक परीक्षा लेते रहे है । इस कारण परीक्षकों को अपने कार्यस्थल से न्यूनतम 40-50 कि.मी. की यात्रा करनी होती थी | वर्तमान में कोविड- 19 का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है तथा राज्य सरकार द्वारा भी अनेक प्रकार की सावधानी बरतने के निर्देश भी जारी किये जा रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना के प्रसार को लेकर गंभीर है और उनके स्तर पर भी इस महामारी से बचाव के लिए विभिन्न स्तरों पर बार- बार सावधानी बरतने के निर्देश जारी किये जा रहे है। इसको दृष्टिगत रखते हुए बोर्ड ने विषय-विशेषज्ञों की 5 सदस्यीय समिति का गठन किया समिति ने अपनी अनुशंषा में कहा कि कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए विद्यार्थी और शिक्षक हित में केवल वर्ष 2021 की प्रायोगिक परीक्षायें विद्यालय में आन्तरिक स्तर पर आयोजित की जाये।

समिति ने अपनी अनुशंषा में कहा कि विद्यालय में कार्यरत योग्य शिक्षक ही प्रायोगिक परीक्षाओं में परीक्षक का कार्य करेंगे। शाला प्रधान परीक्षा तिथि एवं समय का निर्धारण करके संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को परीक्षा कार्यक्रम से दो दिन पहले आवश्यक रूप से सूचित करेंगे। जिन विद्यालयों में उपयुक्त शिक्षक, परीक्षक बनने हेतु उपलब्ध नहीं है ऐसे विद्यालय में आवश्यकता अनुसार प्रायोगिक परीक्षा विषयवार परीक्षक की नियुक्ति हेतु प्रधानाचार्य जिले के जिला शिक्षा अधिकारी से सम्पर्क कर परीक्षक नियुक्त करवा सकेंगे।

डॉ. जारोली ने बताया कि बोर्ड स्तर पर राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) मुख्यालय और उनके अधीनस्थ सभी सी.बी.ई.ओ. को बोर्ड के प्रायोगिक परीक्षा मापदण्डों के अनुसार परीक्षा आयोजन सुनिश्चित करने के लिए सभी राजकीय और निजी विद्यालयों का निरीक्षण करने के लिए अधिकृत किया गया है।
उप निदेशक (जनसम्पर्क)