18 प्रीमियम के संदाय की अवधि:-


(1) इन नियमों के प्रारम्भ होने के पश्चात् विभाग द्वारा किये जाने वाले सभी बीमों के अधीन प्रीमियम प्रत्येक मास बीमाकृत व्यक्ति को मृत्यु तक या प्रथम कटौति के समय लागू पाॅलिसी परिपक्वता तारीख से ठीक पूर्ववर्ती फरवरी मास तक संदेय होगा।


(2) तथापि, ऐसे बीमाकृत व्यक्ति के मामले में, जिसने इसके आगे के नियम-39(2) में यथा उपबंधित विकल्प दिया है, प्रीमियम परिपक्वता की वर्धित तारीख से ठीक पूर्व के फरवरी मास तक संदेय होगा। ऐसा प्रीमियम बीमाकृत व्यक्ति को सेवानिवृति तक वेतन से वसूलीय होगा और संचित असंदत्त प्रीमियम बिना ब्याज के दावे के रकम में से वसूलीय होगा।

(3) इन नियमों के प्रारम्भ के समय प्रवृत्त अतिरिक्त बीमों सहित सभी बीमों के अधीन के प्रीमियम प्रत्येक मास बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु तक या उस मास से जिसमें प्रथम बीमा संविदा पाॅलिसी परिपक्व होने वाली है, तीन मास पूर्व तक संदेय होगा। वसूलीय रहा प्रीमियम बिना ब्याज के बीमाकृत राशि में से वसूल किया जायेगा। संदेहों के निराकरण के लिए यह स्पष्ट किया जाता है कि दावेदार को दावे का परिनिर्धारण पूर्व में कर लिए जाने पर भी मृत्यु की तारीख को प्रवृत संविदा के अधीन, बीमाकृत रकम की दुगुनी रकम का उस में से पूर्व संदत्त रकम घटाकर संदाय किया जाएगा।


(4) जब कभी सरकार सेवानिवृत्ति की आयु में परिवर्तन करने का विनिश्चिय करे तब या बीमाकृत व्यक्ति की सेवानिवृति की तारीख बढ़ा दिये जाने पर बीमाकृत व्यक्ति के लिए यह समझा जाएगा कि उसने उसको जारी सभी संविदाओं को उसकी सेवानिवृति की नयी तारीख तक परिवर्तित करने का विकल्प दिया है।


19. बीमाकृत राशि कब संदेय है:-


(1) इन नियमों के अधीन की बीमा संविदाओं के अधीन बीमाकृत राशि उस घटना के होने पर संदेय होगी, जिसके बारे में बीमाकृत राशि संदेय है।
(2) प्रत्येक दावे के साथ मूल पाॅलिसी और बीमा अभिलेख पुस्तक, यदि उसे जारी की गयी हो, लगायी जायेगी।

20. दावा करने की प्रक्रियाः-


(1) निदेशक, पाॅलिसी की परिपक्वता की तारीख से तीन मास पूर्व एक नोटिस बीमाकृत व्यक्ति को, पाॅलिसी के साथ दावा पेश करने के लिए जारी करेगा।


(2) बीमाकृत व्यक्ति उस मास में, जिसमें प्रीमियम की वसूली बन्द होनी है, किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा सम्यक रूप से सत्यापित दावा प्रारूप अपने आहरण और सवितरण अधिकारी के माध्यम से या सीधे विभाग को पाॅलिसी के साथ प्रस्तुत करेगा।


21 दावंे का संदायः-

विभाग दावे की रकम का संदाय देय होने की तारीख से दो मास के भीतर-भीतर ऐसे संदाय प्राधिकार या चैक (सरकार द्वारा जब कभी भी ऐसा विनिश्चत किया जाये) द्वारा करेगी, जो जारी किये जाने की तारीख से तीन मास के भीतर भीतर संदेय हो।


(22) दावे के विलम्बित निपटारे या प्रीमियम के प्रतिदाय पर ब्याज का संदायः-


(1) (i) प्रीमियम की अधिक वसूली, यदि की गयी हो, कटौती के मास से तीन मास के भीतर-भीतर प्रतिदाय कर देने के मामले के सिवाय 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर ब्याज सहित संदत्त की जायेगी।

(ii) परिपक्वता, मृत्यु या अध्यर्पण के दावे, जब उनके देय होने के दो मास के पश्चात् संदत्त किये जाये, विभागीय स्तर पर विलम्ब के लिए दायित्व नियत करने के पश्चात् 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर ब्याज सहित संदत्त किये जायेंगे।
(2) ब्याज का संदाय निम्नलिखित द्वारा प्राधिकृत किया जा सकेगा:-
(i) दो वर्ष की सीमावधि तक सहायक निदेशक / उपनिदेशक,राज्य बीमा एवम् प्रावधायी निधि विभाग, और
(ii) संदाय प्राधिकार के जारी करने की वास्तविक तारीख तक निदेशक / अपर निदेशक, राज्य बीमा एवम् प्रावधायी निधि विभाग।