23 बीमाकृत राशिः-

बीमाकृत राशि (अर्थात काटे गये प्रीमियम द्वारा प्रत्याभूत) बीमा के प्रारम्भ की तारीख को, बीमाकृत व्यक्ति को अगली जन्मतिथि को होने वाली आयु के सन्दर्भ में से, इन नियमों से संलग्न सारणियों से अवधारित की जायेगी।


24 बीमा का प्रारम्भः-


प्रत्येक बीमा या अतिरिक्त बीमा उस मास में जिसमें से मासिक प्रीमियम की कटौती की गयी है, के ठीक बाद वाले मास के प्रथम दिन से प्रारम्भ हुआ समझा जायेगा।


25 आयु का साक्ष्यः-


विभाग जन्मतिथि के साक्ष्य के रूप में केवल कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गयी प्रविष्टि को ही स्वीकार करेगा।


26 छुट्टी के दौरान् प्रीमियम की वसूलीः


जब कोई बीमाकृत व्यक्ति, बिना वेतन के छुट्टी के सिवाय छुट्टी पर रहता है, तो प्रीमियम तब वसूल किया जायेगा जब वेतन का आहरण किया जाये। इस कालावधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में रहेगी।


27. निलम्बन की कालावधि के दौरान् प्रीमियम की वसूलीः-


जब किसी बीमाकृत व्यक्ति को निलम्बित कर दिया जाये तो प्रीमियम का उसके निर्वाह भत्ते से वसूल किया जाना जारी रखा जावेगा। यदि उसके निलम्बन की कालावधि के दौरान् प्रीमियम की वसूली नहीं की जाती है तो वह उसके प्रीमियम देय होने की तारीख से जमा करने की तारीख तक 12 प्रतिशत् प्रति वर्ष की दर पर साधारण ब्याज सहित पाॅलिसी पर ऋण के रूप में वसूलीय होगी। निलम्बन कालावधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में समझी जायेगी।

28 बिना वेतन के छुट्टी के दौरान प्रीमियम की वसूलीः-


जब किसी बीमाकृत व्यक्ति को किसी भी कालावधि की बिना वेतन की छुट्टी मंजूर की जाये तो इस अवधि के दौरान ऐसे बीमाकृत व्यक्ति द्वारा संदत्त नहीं किया गया प्रीमियम 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर साधारण ब्याज सहित पाॅलिसी पर ऋण होगा और यदि अन्यथा संदत्त नहीं किये जाये तो उसके भावी वेतन में से वसूलीय होगा। इस अवधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में रही समझी जायेगी।


29 युद्ध की जोखिमों का अपवर्जनः-

ऐसे किसी भी व्यक्ति की, जिसका जीवन बीमा किया जा चुका है, संघ के सशस्त्र बलों में सेवा ग्रहण करने के पश्चात् युद्ध जैसी सक्रियाओं में या किराया संदाय करने वाले यात्री के रूप में के सिवाय, प्रत्यक्षः या अप्रत्यक्षः विमानन में लगने के परिणाम स्वरूप मृत्यु हो जाने की दशा में दावा संदत्त प्रीमियमों की रकम तक सीमित रहेगा।


30 तथ्यों का दुव्र्यपदेशनः-


यदि किसी भी समय यह प्रतीत हो कि प्रथम घोषणा के प्रारूप सं-1 में कोई असत्य या गलत प्रक्थ्न अंतर्विष्ट है, जिसके कारण पाॅलिसी जारी की गयी है और यह कि उसमें (प्रारूप 1में) दी गयी या निर्दिष्ट कोई भी बात सत्यतापूर्वक और उचित रूप से नहीं बतायी गयी है या यह कि कोई भी तत्विक सूचना छिपाई गई है तो बीमा अकृत और शून्य हो जायेगा और उसके अधीन संदत्त समस्त प्रीमियम निधि में समपहृत हो जायेगें।

31 नाम निर्दिशिती की नियुक्ति:-


बीमाकृत व्यक्ति ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों को नामनिर्देशित करने का हकदार होगा जिनको, उसकी मृत्यु होने की दशा में, उसके जीवन पर की गई सभी बीमा संविदाओं के अधीन बीमाकृत रकम का संदाय किया जाना चाहिए। ऐसा नाम निर्देशन प्रारूप सं. 2 में दिये गये विहित प्रारूप में होगा और उस पर कार्यालय के उससे ठीक वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये जायेगें और उसे निदेशक को भेजा जायेगा, जो पुस्तकों में नामनिर्देशन को रजिस्ट्रीकृत करेगा और बीमाकृत व्यक्ति को नाम निर्देशन की प्राप्ति को लिखित अभिस्वीकृति भेजेगाः परन्तु यह कि बीमाकृत व्यक्ति के विवाह के पूर्व किसी भी व्यक्ति के पक्ष में किया गया और तत्पश्चात् रद्द नहीं किया गया नाम निर्देशन उसके विवाह के पश्चात् उसकी पत्नी/पति के पक्ष में स्वतः रद्द किया हुआ समझा जायेगा।