(4)सरकार की प्रत्याभूति:-


विभाग द्वारा की गयी बीमा संविदा (संविधाओं) के अधीन संदेय फायदों और अन्य राशियों के संदाय सरकार द्वारा राज्य की संचित निधि में से प्रत्याभूत है।

(5)लेखें:-


विभाग की सभी प्राप्तियाॅं और संवितरण बीमा निधि नाम से पृथक खाता शीर्ष में ले जाये जायेंगे और ऐसे खाते में 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष या समय समय पर यथा-विनिश्चित की दर पर ब्याज प्रत्येक वर्ष जमा किया जायेगा। परन्तु ब्याज स्वयं उसी वर्ष में केवल छः मास की अवधि के लिए और पश्चात् वर्षों के खाते में पूरे बारह मासों के लिए अनुज्ञेय होगा।

(6)लेखों की संपरीक्षा:-


बीमा निधि के लेखें प्रत्येक वर्ष 30 सितम्बर को बंद किये जायेंगे और महालेखाकार, राजस्थान और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त चार्टर्ड अकाउण्टेंट फर्म द्वारा संपरीक्षित किये जायेंगे।

(7)सरकार को रिपोर्ट:-


(1) प्रशासनिक रिपोर्टः-
पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान बीमा स्कीम के प्रशासन और काम काज के बारे में एक रिपोर्ट निदेशक द्वारा प्रत्येक वर्ष 31 दिसम्बर के पूर्व सरकार को प्रस्तुत की जावेगी।
(2) बीमांकिक अन्वेषण:-
निदेशक प्रत्येक वर्ष किसी बीमांकक द्वारा बीमांकिक अन्वेषण करवायेगा और बीमांकिक की रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करवायेगा। बीमांकक द्वारा वितरण के लिए उपलब्ध घेषित किसी भी अधिशेष को बीमांकक की सिफारिश के अनुसार या तो बोनस के रूप में पाॅलिसी धारकों में वितरित किया जायेगा या यदि सरकार ऐसा विनिश्चय करती है तो अवितरित अग्रनीत किया जायेगा।

(8)बीमा का आवश्यक होना:-


(1) सरकार, जिला परिषद्, पंचायत समितियों या ऐसे संगठनों, जो सरकार द्वारा इस आशय का आदेश जारी करके विनिर्दिष्ट किये जायें, के अधीन किसी अधिष्ठायी पद पर राजस्थान सेवा नियमों के अधीन स्थायी रूप से या अस्थायी रूप से नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति विभाग को बीमा स्कीम में अभिदाय करके अपने जीवन का बीमा करायेगा।
(2) बीमा उस वित्तीय वर्ष के, जिसमें उक्त व्यक्ति नियुक्त हुआ है, मार्च मास से किया जायेगा।
(3) बीमा इस शर्त के अध्यधीन किया जायेगा कि कर्मचारी क्षय रोग, अस्थमा, कैंसर, मधुमेह,एड्स या सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित किसी भी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित न हो। वह इस आशय की घोषणा अपने प्रथम घोषणा पत्र में करेगा।

टिप्पणीः- यदि नियुक्ति अधिकारी या आहरण एवम् संवितरण अधिकारी मार्च मास के वेतन बिल पर ये प्रमाणित करता है कि किसी अस्थायी सरकारी कर्मचारी या पंचायत समिति और जिला परिषदों के कर्मचारी के स्थायी होने की संभावना नहीं है तो उसे आगामी फरवरी मास के अंत तक नियम-8 के प्रवर्तन से छूट दी जायेगी।

(9)बीमे का ऐच्छिक होना:-

विभाग, राजस्थान सरकार के अधीन के किसी पब्लिक सेक्टर उपक्रम के अधीन पद धारण करने वाले किसी कर्मचारी का इस बीमा स्कीम के अधीन बीमा करने के लिए स्वतंत्र होगा यदि उक्त उपक्रम के 50 प्रतिशत या उससे अधिक कर्मचारी बीमा कराने के लिए सहमत हो और निदेशक के समाधानप्रद रूप से प्रीमियम प्राप्त करने के लिए संबंधित उपक्रम के साथ समुचित रीति निर्धारित कर ली जाये। एक बार की गयी बीमा-संविदा सीमा-क्षेत्र की कालवधि तक जारी रहेगी, जब तक कि वह व्यपगत न हो जाये या अभ्यर्पित कर दी जाये।