4. सामुदायिक सहभागिता

4.1 विद्यालय एवं आमजन मध्य बेहतर संबंध स्थापित किया जाकर विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके इस हेतु निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय प्रबन्धन समिति का गठन किया गया है। इस समिति की नियमित बैठक यथासमय आयोजित किया जाना उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक एवं प्राथमिक विद्यालय के लिए उस विद्यालय में पदस्थापित वरिष्ठतम अध्यापक का उत्तरदायित्व है।

4.2 विद्यालय प्रबन्धन समिति में जो अभिभावक सदस्य हैं उनको मासिक / त्रैमासिक बैठकों में उपस्थित होने हेतु अध्यापकगण व्यक्तिशः सम्पर्क स्थापित कर उन्हे सूचित करेंगे तथा अधिकतम सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित कर विद्यालय विकास की योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति करेंगे ।

4.3 ग्रीष्मावकाश में विद्यालय खुलने से पूर्व भामाशाहों के सहयोग से विद्यालय की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई आदि की जाकर विद्यालय का वातावरण सुन्दर बनाया जावे । कम से कम कक्षा प्रथम के लिए पृथक से लहर कक्ष की भांति एक कक्ष सुसज्जित किया जावे जिससे कि कक्षा प्रथम के नवप्रवेशित विद्यार्थियों का विद्यालय के प्रति आकर्षण हो सके।

4.4 विद्यालय प्रबन्धन समिति की बैठक में विद्यार्थियों व अध्यापकों की नियमित उपस्थिति, शैक्षिक प्रगति का आकलन, एवं विद्यालय विकास की कार्य योजना तैयार की जाकर उन्हें जनसहभागिता से हल करने का प्रयास किया जावे।

4.5 विद्यालय प्रबन्धन समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों / भामाशाहों आदि को आमंत्रित कर विद्यालय के विकास में उनसे अपेक्षित सहयोग लिया जावे ।

5. विद्यालय स्वच्छता एवं भौतिक विकास

5.1 विद्यालय सुविधा अनुदान के तहत प्राप्त राशि का उपयोग गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयों के विकास एवं उनकी दैनिक / भौतिक विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किया जावे। इस राशि का उपयोग एसएमसी के मार्फत किया जावे।

5.2 “स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय” अभियान के तहत माह के प्रथम शनिवार एवं तृतीय शनिवार को विद्यालय भवन एवं विद्यालय परिसर की साफ सफाई की जावे। इस कार्य में अध्यापकों, अभिभावकों, छात्रों, जनप्रतिनिधियों, भामाशाहों आदि का सहयोग लिया जावे।

5.3 स्कूल स्वच्छता अनुदान के तहत पंचायत राज विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रतिवर्ष रूपये 5000 उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इस राशि का वर्ष पर्यन्त स्वच्छता से संबंधित कार्य यथा बाल्टी एवं मग, नेल कटर, कचरा पात्र, आइना, हाथ धोने के लिये साबुन, शौचालय की सफाई हेतु आवश्यक सामग्री, शौचालय की नियमित साफ-सफाई हेतु पारिश्रमिक एवं पानी की टंकी के नियमित साफ-सफाई हेतु पारिश्रमिक के रूप में उपयोग लिया जावे।

5.4 निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में स्वच्छ पेयजल एवं बालक बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय / मूत्रालय सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। अतः संस्था प्रधान / शिक्षक विद्यालय में स्वच्छ पेयजल एवं बालक बालिकाओं के लिए पृथक पृथक शौचालय / मूत्रालय सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे ।

5.5 स्वच्छ पेयजल एवं बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय / मूत्रालय सुविधा विद्यालय में उपलब्ध न हो तो विद्यालय प्रबन्धन समिति / जनप्रतिनिधि / भामाशाह आदि के सहयोग से सुविधाओं की उपलब्धता का प्रयास संस्था प्रधान / शिक्षक द्वारा सुनिश्चित किया जावे। फिर भी उपलब्ध न होने पर संबंधित ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा / जिला शिक्षा अधिकारी को विस्तृत प्रस्ताव प्रेषित किये जावें ।

5.6 विद्यार्थियों की संख्या एवं कक्षाओं की आवश्यकता अनुसार विद्यालय में कक्ष एवं अन्य आवश्यक भौतिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना संस्था प्रधान / शिक्षक का उत्तरदायित्व होगा। अतिरिक्त मांग होने पर विद्यालय विकास योजना का निर्माण किया जाकर विद्यालय प्रबन्धन समिति / जनप्रतिनिधि / भामाशाह आदि के सहयोग से निर्माण / पूर्ति कराने के प्रयास किये जावें फिर भी उपलब्ध न होने पर संबंधित ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा / जिला शिक्षा अधिकारी को विस्तृत प्रस्ताव प्रेषित किये जावें ।

5.7 विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण की जानकारी विद्यार्थियों को उपलब्ध कराते हुए हरित क्रान्ति लाने के अन्तर्गत शिक्षकों / विद्यार्थियों द्वारा अधिक से अधिक वृक्षारोपण विद्यालय परिसर में करने हेतु संस्था प्रधान विशेष प्रयास करेंगे। साथ ही स्थापित वृक्षों को पोषित करने हेतु विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे।

5.8 विद्यालय समन्वित होने के पश्चात अथवा अन्य कारणों से प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अधीन ग्रामीण क्षेत्र में जो सरकारी विद्यालय भवन खाली उपलब्ध हैं उन भवनों का उपयोग निम्न कार्यों में किया जावे –
(अ) प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों / कार्मिकों के आवास हेतु प्राथमिकता के आधार पर ।
(ब) आंगनबाड़ी केन्द्र / स्वास्थ्य केन्द्र / पंचायत भवन / पटवार घर आदि के संचालन के लिये ।
(स) स्थानीय स्तर पर सामूहिक कार्यक्रम यथा विवाह, सामाजिक कार्यक्रम, मेले, त्यौहार आदि के लिये ।

5.9 किराये की निर्धारित प्राप्त राशि का उपयोग निम्नानुसार किया जावे –
(अ) शिक्षकों / कार्मिकों को आवास व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने पर उन्हें मकान किराये भत्ते के रूप में वेतन के साथ मिलने वाली राशि ही किराये की राशि होगी, जिसे विद्यालय प्रबंधन समिति के खा में प्रत्येक माह की 10 तारीख तक जमा करवाकर रसीद प्राप्त करनी होगी।
(ब) भवन का उपयोग आंगनबाड़ी केन्द्र / स्वास्थ्य केन्द्र / पंचायत भवन / पटवार घर आदि के संचालन के लिये दिये जाने पर किराये की राशि विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा तय की जायेगी।
(स) स्थानीय स्तर पर सामूहिक कार्यक्रम यथा विवाह सामाजिक कार्यक्रम, मेले, त्यौहार आदि के लिये दिये जाने पर किराये की राशि विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा तय की जायेगी ।
(द) विद्यालय प्रबंधन समिति के द्वारा किराये का निर्धारण करते वक्त स्थानीय पंचायत राज / सर्व शिक्षा अभियान / सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता / कनिष्ठ अभियंता को भी सम्मिलित किया जाये ।
(य) किराया राशि का उपयोग उस विद्यालय एवं उसके भवन के रखरखाव हेतु किया जा सकेगा।
(र) बिजली, पानी आदि के संबंध में किया जाने वाला व्यय संबंधित शिक्षक / किराये पर लेने वाले कार्यालय / संस्था / विभाग / संबंधित के द्वारा ही वहन किया जायेगा।

6. प्रगति प्रतिवेदन

6.1 राजकीय प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों को विद्यालय स्तर की प्रगति संलग्न प्रपत्र ” अ,ब,सद एवं य” में अपने ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करनी है जिनमें प्रपत्र- अ प्रत्येक माह की 16 तारीख को तथा शेष प्रपत्र प्रत्येक माह की 07 तारीख को प्रेषित किये जाने हैं।