3. विद्यालय प्रबन्धन

3.1 विद्यालय का समय राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष जारी किये जाने वाले शिविरा पंचांग के अनुसार होगा।

3.2 अध्यापक एवं विद्यालय का समस्त स्टॉफ विद्यार्थियों के लिए निर्धारित शाला समय से 15 मिनट पूर्व शाला में उपस्थिति देंगे। इस अवधि में शिक्षक शाला के शैक्षिक एवं सहशैक्षिक गतिविधियों एवं अध्ययन अध्यापन की दैनिक कार्ययोजना तैयार करेंगे। कालांशवार समय विभाजन चक्र में 6 कालांश 40 मिनट के एवं अंतिम 02 कालांश 35 मिनट के रखे जायेंगे । प्रतिदिन कुल 08 कालांश होगे । दो कालांश पश्चात 10 मिनट का लघु विश्राम का प्रावधान किया गया है। प्रार्थना सभा हेतु 20 मिनट का समय निर्धारित किया गया है इस अवधि में प्रार्थना, योगभ्यास, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, समाचार वाचन, प्रतिज्ञा, राष्ट्रगान आ गतिविधियाँ आयोजित होगी। 25 मिनट का मध्यान्तर अवकाश होने पर विद्यार्थियों के शिक्षण हेतु कुल शाला समय 6 घंटे 15 मिनट का होगा।

3.3 शिविरा पंचांग के अनुसार निर्धारित उत्सव व त्यौहारों को मनाया जावे। उत्सव दिवस को यदि रविवार / या अन्य राजकीय अवकाश हो तो उत्सव उस दिवस से एक दिन पहले / बाद में मनाया जावे। उत्सव के दिन निर्धारित 08 कालांश में शिक्षण कार्य हो एवं प्रत्येक कालांश से 05-05 मिनट घटाकर शेष समय में उत्सव मनाया जावे। 15 अगस्त तथा 26 जनवरी को पूर्ण अवकाश होते हुए भी उत्सव मनाया जाना अनिवार्य है एवं शिक्षकों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों की स्वयं के विद्यालय में उपस्थिति अनिवार्य है।

3.4 उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक एवं प्राथमिक विद्यालय के लिए उस विद्यालय में पदस्थापित वरिष्ठतम अध्यापक विद्यालय के बेहतर प्रबन्धन हेतु उत्तरदायी होंगे। विद्यालय में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति, शिक्षकों के पदीय कर्तव्यों का समुचित निर्वहन, विद्यालय में आकर्षक वातावरण निर्माण, टीम भावना से कार्यों का निर्वहन, विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति विद्यार्थियों की प्रगति अभिभावकों को यथासमय प्रेषण करने के साथ-साथ संस्था प्रधान यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय का वातावरण साफ-सुथरा हो ।

3.5 उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक एवं प्राथमिक विद्यालय के लिए उस विद्यालय में पदस्थापित वरिष्ठतम अध्यापक आवश्यकतानुसार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जाँच व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ।

3.6 निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 17 के अनुसार किसी बालक को शारीरिक दण्ड या मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जायेगा और ऐसा किया जाने पर उत्तरदायी कार्मिक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। अतः संस्था प्रधान एवं शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय में बच्चों के लिए भयमुक्त वातावरण निर्मित हो सके और किसी भी विद्यार्थी का मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न नही किया जावे।

3.7 उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक एवं प्राथमिक विद्यालय के लिए उस विद्यालय में पदस्थापित वरिष्ठतम अध्यापक यह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय में किसी विद्यार्थी के साथ नैतिक दुराचरण, मानसिक उत्पीड़न एवं किसी प्रकार का भेदभाव किया जावे ऐसा परिवाद प्राप्त होने पर उसी दिवस आरोपी कार्मिक के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही दर्ज कराने के साथ-साथ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी तत्काल अमल में लाई जावे ।

3.8 विद्यालय में संस्था प्रधान कक्ष के बाहर एक सुझाव पेटिका संधारित की जावे जिसमें आमजन / शिक्षक / विद्यार्थी अपने सुझाव डाल सकें । संस्था प्रधान प्रतिदिवस इस सुझाव पेटिका का अवलोकन कर इनके निदान के प्रयास किया जाना सुनिश्चित करेंगे ।

3.9 विभाग द्वारा विद्यालयों में मिड-डे मील योजना के अन्तर्गत विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। संस्था प्रधान / शिक्षकों का यह उत्तरदायित्व होगा कि बच्चों को साफ-सुथरे वातावरण में पोषाहार वितरित किया जावे एवं यह सुनिश्चित किया जाये कि विद्यालय में विद्यार्थी अपने हाथ अच्छी तरह से धोकर ही पोषाहार ग्रहण करें।

3.10 राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रोत्साहन योजनाएं यथा छात्रवृति, निःशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना, विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना आदि संचालित हैं। संस्था प्रधान / शिक्षकों का यह उत्तरदायित्व होगा कि इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाकर यह सुनिश्चित किया जावे कि विद्यालय में प्रत्येक पात्र विद्यार्थी को इन योजनाओं का लाभ मिल सके ।

3.11 उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक या प्रभारी अध्यापक एवं प्राथमिक विद्यालय के लिए उस विद्यालय में पदस्थापित वरिष्ठतम अध्यापक का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह विद्यालय में कार्यालय एवं शैक्षणिक अभिलेखों यथा पोषाहार, एस.आर, कैशबुक, कार्मिकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजिकाएं, परीक्षा परिणाम स्टॉक रजिस्टर, आवक-जावक रजिस्टर, मूवमेन्ट रजिस्टर, निरीक्षण, पुस्तकें एवं उनके वितरण का रजिस्टर, विद्यालय प्रबन्धन समिति का अभिलेख भली भांति •संधारण करते हुए उन्हें नियमित रूप से अद्यतन भी करेंगे ।

3.12 उत्कृष्ट कार्य किये जाने वाले शिक्षकों का 15 अगस्त / 26 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सम्मान किया जावे। इसी प्रकार दानदाता / भामाशाह को भी इन कार्यक्रमों में सम्मान के लिए आमंत्रित किया जावे।

3.13 विद्यालयो में गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस भव्य समारोह के साथ मनाया जावे इन समारोहों में जनप्रतिनिधियों एवं भामाशाहों के साथ गणमान्य नागरिकों को भी आमंत्रित किया जावे। दानदाताओं के सहयोग से ऐसे समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों / कार्मिकों को सम्मानित किया जावे। इसी प्रकार विद्यालय में उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम एवं अन्य गतिविधियों में श्रेष्ठ परिणाम देने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया जावे |

3.14 विद्यालय के संस्था प्रधान / प्रभारी शिक्षक का यह दायित्व होगा कि वह शाला से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेख का संधारण करे।