अनुचित साधनों के प्रयोग के बारे में दण्ड देते हुए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया

इस प्रकार के समस्त साधनों के प्रयोग के मामलों पर विचार के लिए विद्यालय स्तर पर निम्नांकित सदस्यों की समिति का गठन किया जायेगा-

1. सीनियर माध्यमिक विद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों के लिए- 1. संस्था प्रधान, 2. परीक्षा प्रभारी सम्बंधित संस्था, 3. संस्था प्रधान द्वारा मनोनीत संस्था का वरिष्ठतम शिक्षक। 2. उक्त समिति समस्त प्रकरणों पर निर्णय परीक्षा समाप्त होने के तीन दिन के भीतर कर लेगी। तब तक सम्बंधित परीक्षार्थी का परीक्षा परिणाम रोक कर रखा जायेगा। 3. समिति की सिफारिश पर अन्तिम निर्णय लेकर सम्बंधित जिला शिक्षा अधिकारी का निर्णय अन्तिम होगा।

दण्ड- प्रकरण की गम्भीरता के अनुरूप समिति निम्नांकित में से किसी एक दण्ड को दे सकेंगी।

>>जिस विषय में यह पाया जाये कि नकल की सामग्री लाई तो गई थी परन्तु उसका उपयोग नहीं किया गया। ऐसे मामले में प्राप्त अंको से 10 प्रतिशत अंक कम कर दिये जायेंगे।

>>अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पाये जाने पर प्रथम उत्तर-पु स्तिका को निरस्त कर दूसरी उत्तर-पुस्तिका के आधार पर जांच की जायेगी।

>>दोषी परीक्षार्थी की परीक्षा निरस्त।

>> परीक्षार्थी की सम्पूर्ण परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।

>> जहां विस्तृत पैमाने पर नकल की गई थी, वहां पर जिस प्रशन पत्र से सम्बंधित हो वह परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।

>>जहां कहीं ऐसे दोष में किसी/किन्हीं शिक्षक अथवा कर्मचारी के लिप्त होने पर करके विरूद्ध नियमों के अन्तर्ग तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही सक्षम अधिकारियों को प्रस्तावित की जावे।

अन्य नियम –

>>किसी भी परिक्षार्थी को अधिकार नहीं होगा कि अपना प्रतिधिनित्व किसी वैधानिक परामर्शदाता, एडवोकेट या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा केन्द्राधीक्षक अथवा उक्त समीति के समक्ष करा सकें।

>>यदि परीक्षा के समय का अथवा उससे कोई मामला उपर्यु क्त किसी प्रावधान के अन्तर्गत न आये तो भी संस्था प्रधान यदि आवश्यक समझें तो उस मामले में इन नियमों में बताई गई पद्धति के अनुसार कार्यवाही करने का अधिकारी होगा।

>>माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर द्वारा समय-समय पर प्रस्तावित सम्बंध आदेशों के अनुरूप इन नियमों में संशोधन मान्य होंगे।

>>परीक्षा सम्बंधित इन नियमों के अन्तर्गत नहीं आये विषयों पर विभागाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर का निर्णय अन्तिम होगा।