राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् जयपुर के आदेश क्रमाक : प.6/ रास्कूशिप/जय/केजीबीवी/2020-21/18059 दिनांक : 08/1/2021द्वारा विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियां पुनः प्रारम्भ किये जाने पर केजीबीवी के सम्बन्ध में निम्नानुसार दिशा निर्देश जारी किये गए है –
राज्य में कन्टेन्टमेंट जोन के बाहर के विद्यालयों में कक्षा 9-12 तक के विद्यार्थियों को समस्त माध्यमिक, उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों (राजकीय एवं गैर राजकीय) एवं कोचिंग संस्थानों को दिनांक 18.01.2021 से शिक्षण कार्य प्रारम्भ करने की स्वीकृति प्रदान की गई है इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की निरन्तरता में कक्षा 9-12 में अध्ययनरत बालिकाऐं जो कि केजीबीवी में रहकर अध्ययन कर रही है, के सम्बन्ध में दिशा -निर्देश निम्नानुसार है:-
केजीबीवी खुलने से पूर्व एवं खुलने के पश्चात के दिशा-निर्देश
>>छात्रावास के समस्त परिसर, फर्नीचर उपकरण, बेड -बेडिंग, स्टेशनरी शौचालय, भण्डार कक्ष, पानी की टंकियां अथवा अन्य स्थान, किचन, प्रयोगशाला एवं अन्य समस्त स्थानों को संक्रमण मुक्त करने के लिये सेनेटाईज कर स्वच्छ एवं व्यवस्थित किया जाना संस्था प्रधान / वार्डन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।
>> छात्रावास में हाथ धोने की सुविधा सुनिश्चित की जावे इस हेतु लिक्वड़ हैंडवाश एवं जल की नियमित व्यवस्था का दायित्व छात्रावास का होगा छात्राओं को इस हेतु अभ्यस्त किया जाये।
>>छात्रावास को संक्रमण मुक्त रखने के लिये हर समय अतिरिक्त फेसमास्क, सोडियम हाईपोक्लोराईड घोल, सेनेटाईजर इत्यादि उपलब्ध रखा जाना सुनिश्चित करना संस्थाप्रधान/वार्डन का दायित्व होगा, जिससे जरूरत पड़ने पर बालिकाओं को दिया जा सके। इस हेतु दिशा-निर्देशों में दिये गये निर्देशानुसार मेडिकल मद से राशि व्यय की जा सकती है ।
>>छात्रावास में बालिकाएं अलग -अलग भोजन करें ऐसी व्यवस्था की जाये, जिसमें भोजन करते समय निर्धारित दूरी बनी रहे।
>>पीने के पानी के लिये प्रत्येक बालिका अपनी बोतल / जग/गिलास को ही उपयोग में ले। उपरोक्त साधनों के पारस्परिक उपयोग से बचने हेतु पाबन्ध किया जाये ।
>>सम्पूर्ण छात्रावास परिसर की पूर्ण साफ-सफाई एवं शौचालयों, स्नानघर की स्वच्छता मानदण्डों के अनुरूप अच्छी प्रकार से की जाये। पानी की टंकियों की साफ सफाई आवश्यक रूप से करवाई जाये। इस हेतु मेनटिनेन्स/कन्टेनजेन्सी आदि मद से राशि का उपयोग किया जाये।
>>छात्रावास में सम्पूर्ण स्टाफ एवं बालिकाओं को छात्रावास अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के लिए सख्ती से पाबन्द किया जाए बिना मास्क / फेस कवर के किसी भी आगन्तुक को छात्रावास परिसर में प्रवेश नहीं दिया जावे बालिकाओं को प्रयुक्त मास्क की नियमित धुलाई / सफाई/बदलाव हेतु निर्देशित कर बन्द करे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्थान (Public Place) को संक्रमण मुक्त रखने के संबंध में जारी गाईड लाईन की पालना सुनिश्चित की जावें।
>>भारत सरकार एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, समग्र शिक्षा द्वारा भेजे गये प्रचार सामग्री (IEC Material ) को अध्यापकों के माध्यम से सभी बच्चों एवं अभिभावकों तक पहुंचाया जाना सुनिश्चित करे साथ ही 03 Key message मास्क अनिवार्य, 02 गज शारीरिक दूरी एवं हैण्ड हाईजीन की जागरूकता कोविड-19 की गाईडलाईन के प्रावधानों के अनुरूप की जावे।
>>छात्रावास प्रवेशद्वार एवं प्रत्येक कक्ष में पृथक से सेनेटाईजर एवं साबून/हैंडवॉश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
>>दूसरे स्थानों से यात्रा कर छात्रावास आने वाली बालिकाओं को हिदायत दी जावे कि वे इस दौरान दूसरी बालिकाओं से न्यनूतन सम्पर्क बनाए ।
>>स्वास्थ्य विभाग से समन्वय ऐसी व्यवस्था की जावे कि छात्रावास प्रारम्भ करते समय तथा बाद में नियमित अन्तराल पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक एवं कार्मिक छात्रावास में आकर बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच करे। यह स्वास्थ्य दल किचन एवं शौचालय आदि का निरीक्षण कर आवश्यक सुझाव भी देवें।
>>कोविड-19 की गाइडलाईन के अनुरूप छात्रावास की क्षमता की समीक्षा कर आवश्यकतानुसार बालिकाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था रखें।
>> टाईप-3 के छात्रावासों में बालिकाओं की क्षमता के अनुरूप कक्षा 9 से 12 की बालिकाओं को दोनो भवनों में 50-50 प्रतिशत ठहरने की व्यवस्था की जाए।
>>छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं के मानसिक एवं संवेगात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन परामर्श देना सुनिश्चित करें एवं निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सको से सम्पर्क कर चिकित्सको की विजिट केजीबीवी में करवाई जावें।
>>बालिकाओं के बार-बार बाहर अथवा निवास स्थान की यात्रा पर प्रतिबंध रखा जावे तथा छात्रावास में अवांछित आंगतुकों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध रखा जाए।
>> आकस्मिक स्थिति के लिये पूर्व तैयारी रखी जावे तथा आवश्यक दूरभाष नम्बर छात्रावास के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किये जावें। छात्रावास प्रारम्भ करने से पूर्व अभिभावकों के साथ ऑफलाईन/ऑनलाईन मीटिंग कर उनसे वांछित लिखित सहमति प्राप्त की जावें।
>>छात्रावास की किचन पूर्णतः संक्रमण मुक्त हो एवं उसमें उपयोग में आने वाली सामग्री को संक्रमण मुक्त रखने के लिये आवश्यक उपाय करने के पश्चात् ही काम में लिया जावे।
>>सेनेटाइजर एवं सेनेटाईजर से सम्बन्धित अन्य सामग्री किचन के बाहर रखी जाये तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि खाद्य सामग्री पूर्णतः सेनेटाईजर से दूर रहे। किचन सेनेटाईज करते समय खाद्य सामग्र को पूर्णतः सुरक्षित एवं कवर करके रखा जाये जिससे की सेनेटाईजर खाद्य सामग्री एवं उपयोग में आ रहे वर्तनो पर नहीं गिरे यह ध्यान रखा जाये।
>> छात्रावास के बेड-वेडिंग तथा रजाई, गद्दे एवं तकीया को उपयोग में लिये जाने से पूर्व भली प्रकार धूप लगाये एवं चादर/ कवर आदि की धुलाई करवाया जाना सुनिश्चित करे। भोजन के दौरान न्यूनतम शारीरिक दूरी रखे जाने का ध्यान रखा जावे तथा भोजन के बर्तनों को पूर्णतः झागदार साबुन से धोने के बाद उपयोग में लाया जावें।
>> समूह में भोजन नहीं करवाया जाये एवं भोजन परोसने वाले के हाथ पूर्णतः साबुन से साफ किये होने चाहिए।
>>छात्रावास का समस्त स्टाफ एवं बालिकाएं बार-बार साबुन से हाथ धोए जावें, इसके लिए जल की पर्याप्त व्यवस्था की जावें।
>> छात्रावास में फुट ओपेरेटेड सेनेटाईज मशीन लगाई जाएगी।
>>केवल उन्हीं बालिकाओं को छात्रावास में बुलाया जावे जिनकी नियमित कक्षाएं प्रारम्भ की गई है।
>>आपातकालीन दूरभाष नम्बर छात्रावास के नोटिस बोर्ड एवं वार्डन की टेबिल पर उपलब्ध रहें।
>> छात्रावास में कोविड़-19 के बचाव एवं रोकथाम के लिए पोस्टर/चार्ट आदि लगाये जावे।
>>एसओपी में उल्लेखित प्रावधानो एवं व्यवस्थाओं की पालना सुनिश्चित की जाये।
2.-स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं संरक्षा के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (छात्रावास खुलने के उपरांत)
>>सम्पूर्ण छात्रावास उसके परिसर की प्रतिदिवस सफाई की जावे तथा सफाई किये गये परिक्षेत्र का रिकॉर्ड संधारित किया जाये।
>>आवासीय कक्ष, डोरमेट्री, पुस्ताकालय एवं कोमन रूम के प्रवेशद्वार तथा उपयोग में आने वाले स्थानों को प्रतिदिवस सेनेटाईज किया जावे।
>>स्वास्थ्य एवं स्वाच्छता को देखते हुए बालिकाओं को सीधे परिसर की सफाई संबंधी कार्यों से मुक्त रखा जावें।
>>सेनेटरी नेपकीन निस्तारण निर्धारित प्रक्रियानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।
>>गंदे पानी और अपशिष्ट की निकासी की पर्याप्त एवं सुचारू व्यवस्था हो, जिससे यह किसी गंदगी का करण न बन सके।
>>बार-बार छुए जाने वाले उपकरणों, धरातल यथा कक्षा-कक्ष का फर्श दरवाजे के हैंडल, नल आदि की सफाई बार-बार की जानी सुनिश्चित की जावें।
>> रोज उपयोग में आने वाली सामग्री जैसे कुर्सी, दरी, स्टूल, बोर्ड, कम्प्यूटर एवं उसके उपकरण अत्यादि को प्रति दिवस संक्रमणमुक्त करने के लिए सेनेटाईज किया जावे।
>>प्रत्येक कक्षा के बाहर डस्टबिन रखे जावे तथा उन्हें अलग-अलग कचरे के अनुसार रखें तथा तदनुसार नष्ट करने की व्यवस्था करें।
>>सभी डस्टबिन साफ तथा ढके हुए हों इसे नष्ट करने के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल की पालना की जावे ।
>>प्रतिदिन हाथ लिये साबुन एवं साफ जल की व्यवस्था के लिये किसी शिक्षक को मनोनीत किया जावे, जो इसकी उपलब्धता की मॉनेटरिंग करेंगे।
>>प्रवेश द्वार पर सेनेटाईजर उपलब्ध कराया जावे।
>>प्रत्येक कार्य यथा शिक्षक के कालांश पूर्ण होने, लंच के उपरांत, लघुशंका के उपरांत साबुन से 40 सैकंड तक हाथ धोने के लिये प्रेरित करे।
>> सभी स्टाफ सदस्य एवं बालिकाएं आवश्यक रूप से फेसमास्क का अनिवार्यतः नियमित उपयोग करे।
>>प्रत्येक बालिका अपने लिए निर्धारित बेड-बेडिंग का ही प्रयोग करें तथा एक दूसरे के रजाई, गद्दे, चादर एवं तकीया का प्रयोग नहीं करें ।
>> स्टाफ/ गैर शैक्षणिक स्टाफ यथा हैड कुक, कुक, सहायिका एवं चौकीदार में से किसी के भी अश्वस्थ होने की स्थिति में उनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाये ।
>>बालिकाओं में सेनेटाईजर, नियमित रूप से मास्क का उपयोग/ मास्क की सफाई की आदत को विकसित किया जाये।
>>नियमित रूप से योग, मेडिटेशन एवं मानसिक स्वास्थ्य की आदतो का निर्धारित दूरी बनाये रखते हुये अभ्यास करवाया जाये।
>>यदि कोई छात्र/ कार्मिक बीमार है तो उसे हुये तुरन्त आइसोलेट कर चिकित्सक की सलाह लेते हुये चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवायी जाये।
>> केजीबीवी खुलने पर सम्बन्धित नोडल संस्थाप्रधान प्रतिदिन (एक सप्ताह तक) उपस्थित बालिकाओं की संख्यात्मक सूचना जिला कार्यालय के माध्यम से परिषद को भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
>>बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता तथा नामांकन एवं ठहराव को सुनिश्चित करने के लिए जिले में कार्यरत सहयोगी संस्थाओं का सहयोग लिया जाना सुनिश्चित करें।