1-परिभाषाएं : जब तक सन्दर्भ द्वारा अन्यथा अपेक्षित न हो इन नियमों में –
(क) ‘नियुक्ति प्राधिकारी’ से राजस्थान सरकार अभिप्रेत है तथा इसमें अन्य कोई ऐसा अधिकारी सम्मिलित है, जिसे सरकार द्वारा सुसंगत सेवा नियमों, यदि कोई हो के अधीन नियुक्ति प्राधिकारी की शक्तियों का प्रयोग एवं कृत्यों का पालन करने के लिए किसी भी विशेष या सामान्य आदेश द्वारा शक्तियाँ प्रत्योजित की गयी हो।
( ख ) ‘मृत सरकारी कर्मचारी’ ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो राज्य के कार्यकलाप के सम्बन्ध में नियोजित किया गया था और इसमें राजस्थान राज्य के संवर्ग का अखिल भारतीय सेवाओं का वह सदस्य भी सम्मिलित है जिसका वेतन राज्य की समेकित निधि के प्रति विकलनीय था और जिसकी सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गयी थी और जो-
(i) स्थायी था या
(ii) नियमित आधार पर नियुक्ति के पश्चात अस्थायी रूप से कोई पद धारण कर रहा था या (iii) अजेंन्ट/अस्थायी नियुक्ति पर नियमित रिक्ति के प्रति नियुक्त किया गया था और जिसने इस रूप में एक वर्ष की निरन्तर सेवा कर ली थी।
(ग) ‘आश्रित’ से पति या पत्नी पुत्र अविवाहित या विधवा पुत्री, मृत सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने जीवन काल के दौरान वैध रूप से ग्रहीत दतक पुत्र/पुत्री अभिप्रोत है जो मृत सरकारी पुत्री को भी सम्मिलित किया है। (अ प 8 (क)(या) (113) सी. एस. बी. /01/-1581 दिनांक 16.02.05)
2-विस्तार :- ये नियम अनुकंपात्मक आधार पर, मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित की नियुक्ति को शासित करेंगे और ये किसी पद विशेष के लिए कोई भी अधिकार प्रदान नहीं करेंगे।
3-कतिपय शर्तों के अध्यधीन नियुक्ति :- जब किसी सरकारी कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके किसी एक आश्रित की इस शर्त के अध्यधीन सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकेगा । कि इन नियमों के अधीन नियोजन के लिए विचार किया जा सके कि इन नियमों के अधीन नियोजन उन मामलों में अनुज्ञेय नहीं होगा जहाँ पति या पत्नी का कोई एक पुत्र अविवाहित पुत्री, दत्तक पुत्र पुत्री केन्द्र या राज्य सरकार अथवा केन्द्र या राज्य सरकार के कानूनी बोर्ड संगठन निगम में हो के अधीन सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के समय नियमित आधार से पहले से ही नियोजित हो । परन्तु यह शर्त वहां लागू नहीं होगी जहां विधवा स्वयं के लिये नियोजन प्राप्त करती हो।
4 पदों का चयन :-
(1) आश्रित की, उसकी शैक्षिक अर्हताओं के अनुसार और सेवा की अन्य शर्तों की पुर्ति करने पर अधीनस्थ सेवाओं/मंत्रालायिक सेवाओं/चतुर्थ श्रेणी सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले केवल वेतनमान संख्या 1 से 9 (क) तक के पदों पर मृत कर्मचारी कि रेंक और प्रस्थिति को विचार में लाये बिना, नियुक्ति के लिए विचार किया जावेगा ।
(आदेश क्रमांक : एफ 5(51) कार्मिक/क-2/88 (6/2000) दिनांक 20.01.2000 द्वारा वेतन श्रृंखला 9 से 9 (क) प्रतिस्थापित की है।)
(2) ऐसे सरकारी कर्मचारी की दशा में जिसका अपने पदीय कर्तव्यों के पालन के दौरान वध हो जाता है उसके आश्रित को वेतनमान से 10 एवं 11 में आने वाले और सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने वाले पदों पर नियुक्ति हेतु विचार किया जा सकेगा।
(क्र.एफ.5(51) कार्मिक (क -2 ) 88 दिनांक 2.8.2001 तुरन्त प्रभावी ।)
(3) इन नियमों के अधीन किसी पद पर एक बार नियुक्त कर दिये जाने पर, इन नियमों के अधीन आश्रित प्रसुविधा उपभोग की गयी मान ली जावेगी और मामले पर किन्हीं भी परिस्थितियों में किसी अन्य पद के लिए पुनः विचार नहीं किया जायेगा।
5-अर्हताएं :- (1) आश्रित के पास नियुक्ति के लिए विचार करते समय पद के लिए शैक्षिक अर्हताओं की अपेक्षा से अभिमुक्ति दी जायेगी।
6-आयु:- आश्रित को नियुक्ति के समय संबंधित सेवा नियमों के अधीन के पद के लिए विहित आयु सीमा के भीतर होना चाहिए। राजस्थान सेवा नियमों के नियम 8 के अनुसार राजकीय सेवा में प्रवेश की न्यूनतम आयु 16 वर्ष व अधिकतम 35 वर्ष है।
परन्तु :
>>किसी विधवा के लिए कोई उपरी (अधिकतम सीमा नहीं होगी)
>>अन्य के लिए उपरी (अधिकतम) आयु सीमा उस कालावधि में पांच वर्ष तक शिथिलनीय रहेगी या 40 वर्ष की आयु तक की जो भी कम हो, होगी ।
>>आयु की संगणना करने के लिए निर्णायक तारीख नियुक्ति के लिए आवेदन प्राप्त करने की तारीख होगी। एक उपयुक्त पद की व्यवस्था करने में बीता समय आश्रित को निरहित नहीं करेगा यदि वह उस कालावधि के दौरान अधिकायु हो जाता है।
7-प्रक्रियात्याक अपेक्षाएं आदि :- प्रारम्भिक नियुक्ति के समय चयन के लिए प्रक्रियात्मक अपेक्षाएं जैसे प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा या टंकण के भीतर स्थायीकरण के लिए हकदारी तथापि परीक्षा आश्रित से 3वर्ष के भीतर स्थायीकरण के लिए हकदारी है। हेतु ऐसा प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा या टंकण परीक्षा उत्तीर्ण करने की अपेक्षा की जायेंगी और ऐसा न होने पर उसकी नियुक्ति समाप्त होने के दायित्वाधीन होगी। जब तक वह ऐसी अर्हता अर्जित नहीं कर लेता है तब तक उसे कोई वार्षिक वेतन वृद्धि अनुज्ञेय नहीं की जायेगी। ऐसी अर्हता अर्जित करने पर उसे नियुक्ति की तारीख से काल्पनिक रूप से वेतन वृद्धि अनुज्ञात की जावेगी। 3 वर्ष की अवधि में प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा या टंकण परीक्षा उत्तीर्ण करने की अपेक्षा की जायेगी। मृतक कर्मचारी के आश्रित के में नियुक्त विधवा टंकण परीक्षा से मुक्त पं. 5(51) कार्मिक / क-2/88/ पार्ट ( 16/011) दिनांक 13.5.11
अन्य निर्देश-
- अनुकम्पात्मक नियुक्ति में कनिष्ठ लिपिक द्वारा 3 वर्ष में टंकण परीक्षा पास न करने पर सेवा समाप्त होगी। प5 (51) कार्मिक/क-2/88 (7/03) दिनांक 28.3.03
- मृतक कर्मचारी के आश्रित द्वारा 90 दिवस पश्चात आवेदन करने पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शिथिलन किये जाने की तिथि से 3 माह मे नियुक्ति दी जावे। पं. 12 ( 5 ) का. / क 2 /002 (18 / 02 ) दिनांक 8.4.02
- मृतको के आश्रितों की नियुक्ति हेतु कार्मिक विभाग शिथिलता देगा | एफ 5(51) का/क. – 2/83 (25/02) दिनांक 11.5.02
- मृतकों के आश्रित द्वारा परिवार का भरण पोषण न करने पर नौकरी से हटाया जा सकेगा | (एफड(5) डी. ओ.पी ए 11/88 (11/2000) दिनांक 27.2.11)
- विभाग में पद रिक्त न होने पर ही मृतकों के आश्रितों के नियुक्ति प्रकरण कार्मिक विभाग को भेजें । (क्र.5(51) कार्मिक/क-8/88/17/2001 दिनांक 20.4.01)
- मृतक कर्मचारी के आश्रितों की नियुक्ति नियम अन्तर्गत केवल विधवा अध्यापक को प्रशिक्षण से छूट । (प 8(30) प्रा.वि/ 2001 दिनांक 17.8.02)
- मृतक कर्मचारी के आश्रितों की नियुक्ति नियम वर्कचार्ज पर भी लागू नहीं होंगे। प.5 ( 5 ) /क-2/88 (25/3) दिनांक 19.9.03
- अधिकांश कार्मिक की कार्यग्रहण से पूर्व मृत्यु पर विभाग ही आश्रित को नियुक्ति देगा । प 1(14) सा प्र. (3/78 दिनांक 21.9.05
- 2 से अधिक सन्तानों का नियम मृतक विधवा की नियुक्ति में लागू नहीं होंगे। एफ7(1) डीओपी/ए-/95 दिनांक 29.10.95
- मृतक कर्मचारी आश्रित कोटे में नियुक्ति विधवा को टंकण परीक्षा छूट। पं. 5(51) डी.ओ.पी./ए-2/88 पार्ट (21/9) दिनांक 7.9.09
- पंचायती राज के मृतक अध्यापकों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति दिए जाने के निर्देश एफ 28 (1) परावि/प्रशा-2/मृ.आ.नियुक्ति/09 दिनांक 21.10.2009
- मृतक कर्मचारी के आश्रित को कनिष्ठ लिपिक पद पर नियुक्ति हेतु शैक्षिक योग्यता सीनियर सैकण्डरी तथा कम्प्यूटर कोर्स आवश्यक होगा। प. 5(51) कार्मिक/क / 88 पार्ट ( 36/10) दिन 19.8.10
- मृतक कर्मचारी के आश्रित को पारिवारिक पेंशन पर प्रोबेशन ट्रेनी अवधि में फिक्स मानदेय के साथ मंहगाई राहत के समान अनुग्रह भत्ता देय होगा। एफ 12(4 ) एफडी/रूल्स/2008 (आरएसआर-2 /11) दिनांक 4.3-11
- 1 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले राजस्थान राज्य संवर्ग के अखिल भारतीय के अधिकारी की मृत्यु होने पर आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति मिलेगी। एफ 7(2) डीओपी/ए. 11/2005 दिनांक 26.4.11
- मृतक कर्मचारी के आश्रित को 90 दिवस में नियुक्ति दी जावे । प. 5(51) कार्मिक/क-2/88 पार्ट 20/2010 दिनांक 13.4.12 (लेखाविज्ञ माह मई 2012 पृष्ठ 2)
- मृत सरकारी कर्मचारी के पात्र आश्रित द्वारा नियुक्ति पर कार्यग्रहण नहीं करने पर नियुक्ति आदेश के 90 दिवस में दूसरे पात्र आश्रित को नियुक्ति दी जावे । आ.दि. कार्मिक क- ।। (21/2012) दिनांक 25.5 12 (लेखाविज्ञ माह मई, 2012 पृष्ठ 17)
- प्रोबेशनर ट्रेनी अवधि में कार्मिक की मृत्यु होने पर आश्रित को नियुक्ति मिलेगी। सामान्यता 1 से 10 ग्रेड पे (1300-2800) में नियुक्ति मिलेगी। आ.दि. कार्मिक क । (22/2012) दिनांक 25.5.12 (लेखाविज्ञ मई, 2012 पृष्ठ 17)
- 5 जुलाई 2010 के पश्चात् टंकण परीक्षा कम्प्यूटर होगी। आ दि. 21.9.12 ( लेखाविज्ञ नवम्बर, 12 पृष्ठ 24)
- शहीद आश्रितों की विधवाओं को लि क.लि. के पद पर नियुक्ति होने पर टंकण परीक्षा से छूट आ.दि. 6.12. 12 (लेखाविज्ञ फरवरी, 13 पृष्ठ 12)
- मृतक कर्मचारी को 3 वर्ष से टंकण परीक्षा उत्तीर्ण करने के निर्देश विधवाओं को छूट आ.दि. 14.6.13 (लेखाविज्ञ जुलाई, 13 पृष्ठ 26)
- पंचायती राज प्रा. शिक्षा में लगे मृतक कर्मचारियों के रूप में नियुक्ति कनिष्ठ लिपिकों को एक वर्ग कम्प्यूटर कोर्स करना होगा। आ.दि. 22.5.14 (लेखाविज्ञ 7/14 पृष्ठ 21)