पंचम भाग
परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग (गृह परीक्षा एवं अष्टम बोर्ड)

(अ) निम्न प्रकार के व्यवहार अनुचित साधनों का प्रयोग माने जावेंगे –

  • परीक्षा कक्ष में किसी अभ्यर्थी को सहायता देना अथवा उससे या अन्य किसी भी व्यक्ति से सहायता प्राप्त करना।
  •  परीक्षा कक्ष में कागज, पुस्तक, कॉपी या अन्य अवांछित सामग्री अपने पास, मुँह में, वस्त्रों में, डेक्स में, उत्तर पुस्तिका में या डेक्स के आस पास रखना।
  • उत्तर पुस्तिका चोरी से लाना या ले जाना, उत्तर पुस्तिका फाड़ना, जलाना या उत्तर सामग्री में अपशब्द लिखना, अश्लील भाषा का प्रयोग करना या करने का प्रयत्न करना, परीक्षा कक्ष में अनुचित आचरण करना।

(ब) अनुचित साधनों के प्रयोग की स्थिति में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया

  • सम्बन्धित वीक्षक, पर्यवेक्षक, केन्द्राधीक्षक, केन्द्राधीक्षक द्वारा नियुक्त व्यक्ति, उड़नदस्ते के सदस्य परीक्षार्थी की तलाशी ले सकेगें।
  •  परीक्षार्थी की उत्तर पुस्तिका तथा सन्देहास्पद सामग्री उससे ले ली जायेगी। परीक्षार्थी से उसका स्पष्टीकरण लिखवाया जाकर प्राप्त अनुचित सामग्री पर परीक्षार्थी के हस्ताक्षर करवाये जायेंगे। तदुपरान्त परीक्षार्थी को शेष बचे प्रश्नों को हल करने के लिए दूसरी उत्तर पुस्तिका दे दी जायेगी तथा उस पर “दूसरी उत्तर पुस्तिका अंकित कर दिया जायेगा।
  •  परीक्षा के बाद दोनों उतर पुस्तिकाओं व भाग “अ” के प्रश्न पत्र को अलग कर लिया जायेगा तथा अन्य उत्तर पुस्तिकाओं के साथ अंकन कार्य नहीं करवाया जायेगा।
  •  यदि परीक्षार्थी स्पष्टीकरण देने या सामग्री पर हस्ताक्षर करने से इन्कार करे या परीक्षा केन्द्र से भाग जाये तो वीक्षक आस-पास बैठे हुए परीक्षार्थी से उस पर हस्ताक्षर करवा ले तथा स्वयं उसे प्रमाणित कर देवे।
  • उस सामग्री की वीक्षक, परीक्षा प्रभारी एवं केन्द्राधीक्षक के प्रमाणीकरण के साथ उत्तर पुस्तिका के साथ संलग्न कर गृह परीक्षा में, विद्यालय स्तर पर गठित परीक्षा समिति को तथा अष्टम बोर्ड परीक्षा में, संभाग स्तर पर गठित परीक्षा समिति को परीक्षा के अन्तिम दिन भिजवा दी जायेगी।
  • अनुचित साधन प्रयुक्त करने वाले समस्त प्रकरणों के साथ निम्न सामग्री भेजी जायेगी:
  • परीक्षार्थी की दोनों उत्तर पुस्तिकायें।
  • वह सामग्री जिसको अनुचित साधनों के बतौर लाया गया।
  •  विद्यार्थी, वीक्षक, पर्यवेक्षक व केन्द्राधीक्षक के बयान ।
  • केन्द्राधीक्षक की टिप्पणी ।
  • सम्बन्धित विषय के प्रश्न पत्र की प्रति।+
  • अन्य कोई सामग्री अथवा प्रमाण जो केन्द्राधीक्षक आवश्यक समझे।

(स) अनुचित साधनों के प्रयोग के बारे में दण्ड देने हेतु अपनायी जाने वाली प्रक्रिया :-

(1) अनुचित साधन प्रयुक्त करने वाले प्रकरणों के मामलों पर विचार के लिए निम्न सदस्यों की एक समिति का गठन किया जायेगा :

(अ) वरिष्ठ उपाध्याय, प्रवेशिका विद्यालयों में गृह परीक्षा हेतु (विद्यालय स्तर पर समिति का गठन)-

  • सम्बन्धित संस्था प्रधान
  • परीक्षा प्रभारी (सम्बन्धित संस्था)
  • सम्बन्धित वीक्षक

(ब) अष्टम बोर्ड परीक्षा हेतु – (संभाग स्तर पर समिति का गठन)-

  • प्राचार्य स्तर का एक अधिकारी – संयोजक
  • अष्टम बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि
  • उच्च प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक

उक्त समिति का गठन अध्यक्ष, अष्टम बोर्ड द्वारा किया जायेगा।

(स) उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों की गृह परीक्षाओं हेतु –(संकुल स्तर पर)

  • सम्बन्धित संकुल प्रभारी।
  • संकुल प्रभारी द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि (व.अध्यापक-1/।। ग्रेड)।
  • संबन्धित संस्था प्रधान ।

(2) उक्त समितियों निर्णय लेने में सक्षम होगी समिति द्वारा अनिर्णय की स्थिति में संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी का निर्णय अन्तिम होगा।

(द) दण्ड व्यवस्था :-

1. प्रकरण की गम्भीरता के अनुसार अपनायी जायेगी। इसमें निम्न तथ्यों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है :-

  • अनुचित सामग्री लायी गयी, किन्तु उसका उपयोग नहीं किया गया।
  • अनुचित सामग्री लायी गयी, किन्तु उसके उपयोग का प्रयत्न किया गया।
  • अनुचित सामग्री लायी गयी तथा उसका उपयोग किया गया।
  • अनुचित सामग्री में प्रश्न पत्र से सम्बन्धित प्रकरण नहीं पाये गये।
  • अनुचित सामग्री प्रयुक्त करने वाले छात्र का व्यवहार आपत्तिजनक था।

दण्ड निर्धारण के लिए समिति पूर्ण रूप से सक्षम होगी प्रकरण की गम्भीरता के अनुरूप समिति निम्न में से कोई एक दण्ड दे सकेगी-

  • जिस विषय में ये पाया जाए की नकल की सामग्री लाई तो गई थी, परन्तु उसका उपयोग नहीं किया गया, ऐसे प्रकरणों में प्राप्तांको में से 10 प्रतिशत अंक कम कर दिये जायेगें।
  • अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पाये जाने पर प्रथम उत्तर पुस्तिका को निरस्त कर दुसरी उत्तर पुस्तिका के आधार पर जाँच की जायेगी।+
  • दोषी परीक्षार्थी के उस प्रश्न पत्र की परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।
  • परीक्षार्थी की सम्पूर्ण परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।
  • जहाँ विस्तृत पैमाने पर नकल की गई हो, वहां पर नकल जिस प्रश्न पत्र/ प्रश्न पत्रों से सम्बन्धित हो, वह परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।
  • जहाँ कहीं भी ऐसे दोष में किसी / किन्हीं शिक्षक अथवा कर्मचारी के लिप्त होना पाया जाने पर उनके विरूद्व तत्काल अनुशासनात्मक नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही, सक्षम अधिकारियों को प्रस्तावित की जाये ।

(य) अन्य नियम :-

  • किसी भी परीक्षार्थी को यह अधिकार नहीं होगा कि वह केन्द्राध्यक्ष अथवा उक्त समिति के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व कोई वैधानिक परामर्शदाता/ एडवोकेट या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा करा सकें।
  • यदि परीक्षा के समय का अथवा उससे सम्बन्धित कोई प्रकरण उपर्युक्त किसी भी प्रावधान के अन्तर्गत न आए तो भी संस्था प्रधान यदि आवश्यक समझे तो उस प्रकरण में इन नियमों में बताई गई पद्धति के अनुसार कार्यवाही करने का अधिकारी होगा।

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