चतुर्थ भाग
अष्टम बोर्ड परीक्षा सम्बन्धी नियम

एज्यूकेशन कोड/ शिक्षा विभाग के अध्याय- में प्रकाशित नियमों, उपनियमों एवं समय-समय पर जारी संशोधनों/परिवर्धनों के अतिक्रमण करते हुए शैक्षिक सत्र 2006-07 से कक्षा अष्टम बोर्ड परीक्षा के लिए निम्न नियम प्रकाशित किए जाते हैं :-

1. क्षेत्र

ये नियम अष्टम बोर्ड परीक्षा एवं कक्षोन्नति नियम कहलाएँगे तथा राजस्थान के सभी राजकीय, अनुदानित एवं मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 8 के समस्त नियमित एवं स्वयंपाठी विद्यार्थियों पर लागू होंगे।

2. सामान्य नियम

2.1 परीक्षा प्रवेश योग्यता (पात्रता)

नियमित विद्यार्थियों के लिए कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा में वे ही परीक्षार्थी प्रविष्ट होंगे जिन्होंने किसी राजकीय, अनुदानित, मान्यता प्राप्त (संस्कृत) शिक्षण संस्था से सत्र पर्यन्त नियमित विद्यार्थी के रूप में अध्ययन किया हो। जिन छात्रों ने स्वयंपाठी छात्र के रूप में परीक्षा देकर, परीक्षा उत्तीर्ण की हो ऐसे छात्रों को नियमित छात्र के रूप में किसी राजकीय विद्यालय/मान्यता प्राप्त/अनुदानित विद्यालयों में प्रवेश देते समय कक्षा 6, 7. 8 में क्रमशः 14. 15 व 16 वर्ष से अधिक आयु नहीं हो। आयु की गणना हेतु संबंधित सत्र की 1 जुलाई को आधार माना जावेगा। स्वयंपाठी विद्यार्थियों की पात्रता के लिए 2.14 देखें।

2.2 उपस्थिति गणना एवं अनिवार्यता

2.2.1 उपस्थिति गणना :-

(अ) कक्षा 8 में नियमित विद्यार्थियों की उपस्थिति गणना सत्र प्रारम्भ होने की तिथि से अथवा नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति गणना प्रवेश की तिथि (विभागीय पंचांग के अनुरूप अन्तिम तिथि तक) से वार्षिक परीक्षा प्रारम्भ होने के 15 दिन पूर्व तक की जाएगी।

(ब) कक्षा 7 की पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण एवं कक्षा 8 की पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की उपस्थिति गणनापूरक परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 7 दिवस पश्चात से की जायेगी।

2.2.2 उपस्थिति की अनिवार्यता – वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने योग्य नियमित विद्यार्थियों की विद्यालय के कुल कार्य दिवसों की 70 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी ।

2.2.3 स्वल्प उपस्थिति से मुक्ति – यदि संस्था प्रधान संतुष्ट हो कि विद्यार्थी रूग्णावस्था के कारण/ युक्तियुक्त कारण विशेष से अनुपस्थित रहा है तो विद्यालय के कुल कार्य दिवसों के दस प्रतिशत न्यूनता के आधार पर विद्यार्थियों को मुक्त करके वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान कर सकेगा।

2.3 परीक्षा तैयारी अवकाथ

2.3.1 विभागीय पंचांग के निर्देशानुसार कक्षा 8 के विद्यार्थियों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए एक दिन एवं वार्षिक परीक्षा के लिए दो दिन का परीक्षा तैयारी अवकाश दिया जायेगा परन्तु उवत्त दिवसों में विद्यालय यथावत खुला रहेगा। अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी विद्यालय में उपस्थित रहकर परीक्षा अभिलेख एवं परीक्षा सम्बन्धी व्यवस्था कार्य सम्पन्न करेंगे।

2.3.2 परीक्षा तैयारी अवकाश रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों के अतिरिक्त होगा।

2.3.3 विद्यालयों में कक्षा 8वीं के अतिरिक्त शेष समस्त कक्षाओं का अध्यापन यथावत जारी रहेगा।

2.4 प्रश्न पत्र व्यवस्था :-

2.4.1 वार्षिक/ पूरक अष्टम बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्र निर्माण, मॉडरेशन. मुद्रण एवं वितरण परीक्षा योजना द्वारा किया जायेगा। का कार्य समान

2.4.2 कक्षा 8वीं वार्षिक बोर्ड परीक्षा हेतु हिन्दी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी एवं संस्कृत के सभी विषयों का प्रश्न पत्र का पूर्णाक 80 होगा (भाग अ 20 अंक व भाग व 60 अंक) तथा कला शिक्षा, कार्यानुभव व स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषयों का प्रश्न पत्र का पूर्णांक 40 अंक (भाग अ 10 अक व भाग ब 30 अंक ) का होगा।

2.4.3 कक्षा 8वीं वार्षिक बोर्ड परीक्षा हेतु सभी विषयों के प्रश्न पत्रों का परीक्षा समय 2 घण्टा 30 मिनट रहेगा। (भाग अ 30 मिनट व भाग 42 घण्टे)

2.5 सामयिक परख एवं परीक्षाएँ :-

(अ) परीक्षा का प्रकार :

2.5.1 सम्बन्धित सत्र में विभागीय पंचाग में प्रदत्त निर्देशानुसा विषय की तीन सामयिक परखें होगी लेकिन तीसरी सा. परख के स्थान पर दो बार लिखित गृहकार्य का मूल्या किया जायेगा।

2.5.2 गृहकार्य के मूल्याकंन को संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित किया जायेगा।

2.5.3 सत्र में विभागीय निर्देशानुसार निम्न परीक्षाएँ होगी: (क) अर्द्धवार्षिक परीक्षा (समान परीक्षा योजना द्वारा प्रदत्त प्रश्न पत्रों के आधार पर होगी)

(ख) वार्षिक परीक्षा एवं वार्षिक परीक्षा के बाद आवश्यकता होने पर पूरक परीक्षा अष्टम बोर्ड द्वारा आयोजित होगी।

2.6 परीक्षा परिणामों की घोषणा –

2.6.1 संस्था प्रधान द्वारा प्रत्येक एक परख व अर्द्धवार्षिक के प्रगति पत्र अभिभावको को विद्यालय में बुलाकर दिये जायेंगे।

2.6.2 अष्टम बोर्ड परीक्षा परिणाम की घोषणा निदेशालय संस्कृत शिक्षा द्वारा निर्दिष्ट तिथि को अष्टम बोर्ड द्वारा की जायेगी।

2.6.3 अष्टम बोर्ड परीक्षा परिणाम एवं पूरक परीक्षा परिणाम- दैनिक समाचार पत्रों में अष्टम बोर्ड द्वारा प्रकाशित करवाया जायेगा।

2.6.4 प्रत्येक अंकतालिका, प्रमाण-पत्र सहित पर अष्टम बोर्ड के अध्यक्ष/ संयोजक के हस्ताक्षर किए जायेंगे।

2.6.5 संस्था प्रधान द्वारा वार्षिक परीक्षा पश्चात् प्रगति पत्र व प्रमाण पत्र सात दिवस में आवश्यक रूप से परीक्षार्थियों को उपलब्ध करवाये जायेंगे।

2.7 पूर्णांक

कक्षा 8 के विभिन्न विषयों की परख एवं परीक्षाओं के पूर्णांक परिशिष्ट-ग (1) मूल्यांकन योजना अनुसार होंगे।

2.8 सत्रांक गणना –

हिन्दी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी एवं संस्कृत में तीनों परखों व अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों का 20 प्रतिशत अंकभार एवं कार्यानुभव, कलाशिक्षा व स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषयों के प्राप्तांको का 60 प्रतिशत अंकभार देकर उसकी गणना की जायेगी।

 2.8.1 मूक बधिर छात्र/छात्राएं जो नियमित विद्यालयों में अध्ययनरत है, के सत्रांक की गणना अर्द्धवार्षिक परीक्षा की लिखित परीक्षा पूर्णाकों में मौखिक के पूर्णांक जोड़कर प्राप्तांक प्रदत्त किये जाएँ एवं तदनुरूप सत्रांक गणना की जायेगी।

2.8.2 सत्रांक को आगामी पूर्णांकित संख्या में लिखा जायेगा अर्थात प्राप्तांक 7.1, 7.4, 7.6 आदि होने पर पूर्णाकित संख्या 8 में परिवर्तित किया जायेगा।

2.9 उत्तीर्णता नियम –

2.9.1 परीक्षार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए वार्षिक परीक्षा में बैठना अनिवार्य होगा।

2.9.2 परीक्षार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए प्रत्येक विषय में न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा एवं वार्षिक परीक्षा की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए प्रत्येक विषय में कम से कम 20 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा।

2.9.3 वार्षिक परीक्षा में किसी विषय में प्राप्तांक यदि भिन्न संख्या में हो तो उसे आगामी पूर्णांक में परिवर्तित किया जायेगा।

2.10 कृपांक

2.10.1 कृपांक अधिकतम 2 विषयों में देय होंगे।

2.10.2 किसी एक विषय में पूर्णाक के अधिकतम 6 प्रतिशत कृपांक के रूप में दिए जा सकेंगे।

2.10.3 यदि विद्यार्थी 2 विषयों में अनुत्तीर्ण है तो उसे दोनों विषयों में अधिकतम 6 अंक कृपांक लाभ किसी भी अनुपात में दिया सकता है। यथा 1+5, 2+4, 3+3 आदि।

2.10.4 कृपांक के लिए विद्यार्थी का आचरण एवं व्यवहार उत्तम होना चाहिए।

2.11 श्रेणी निर्धारण –

2.11.1  60 प्रतिशत या उससे अधिक प्राप्तांक पर प्रथम श्रेणी मानी जायेगी।

2.11.2  48 प्रतिशत व उससे अधिक परन्तु 60 प्रतिशत से कम प्राप्तांक पर द्वितीय श्रेणी मानी जायेगी ।

2.11.3 36 प्रतिशत व उससे अधिक परन्तु 48 प्रतिशत से कम प्राप्तांक पर तृतीय श्रेणी मानी जायेगी ।

2.11.4 75 प्रतिशत व उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर विषय / विषयों में विशेष योग्यता मानी जायेगी।

2.11.5 श्रेणी का निर्धारण कृपांक रहित प्राप्तांको के वृहद् योग के आधार पर होगा। श्रेणी निर्धारण में कृपांक नहीं जोड़े जायेंगे।

2.11.6 पूरक परीक्षा में विषय के न्यूनतम प्राप्तांक जोड़कर ही प्रतिशत अंक निर्धारित किए जाएंगे तथा श्रेणी के स्थान पर पूरक अंकित किया जायेगा।

2.12 पूरक परीक्षा नियम –

2.12.1 पात्रता :- पूरक परीक्षा अधिकतम 2 विषयों में दी जा सकेगी इस प्रावधान में सम्बन्धित विषयों हेतु न्यूनतम अंको की बाध्यता नहीं है। लेकिन उसके द्वारा सभी विषयों में प्राप्तांको का योग 36 प्रतिशत या इससे अधिक होना आवश्यक होगा उदाहरणार्थ कक्षा 8 के 9 विषयों का पूर्णांक 9 X 100 = 900 अंक 36 प्रतिशत अंक के अधार पर आवश्यक अंक – 9 X 36 = 324 अंक न्यूनतम होना आवश्यक है।

2.12.2 पूरक परीक्षा का आयोजन विभागीय पंचांग अनुसार किया जायेगा।

2.13 पूर्णांक :-

प्रत्येक विषय का पूर्णांक 100 अंक होगा तथा प्रश्न पत्र में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का समावेश होगा।

2.14 पूरक परीक्षा उत्तीर्णता

(अ) पूरक परीक्षा में वही विद्यार्थी उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा जिसने पूरक विषय में न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों।

(ब) पूरक परीक्षा में सत्रांक नहीं जोड़े जायेंगे।

(स) पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए कृपांक देय नहीं होंगे।

2.15 पूरक परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण –

पूरक परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण आवश्यकतानुसार अष्टम बोर्ड द्वारा किया जायेगा।

2.16 पूरक परीक्षा शुल्क –

पूरक परीक्षा शुल्क 20.00 रूपये प्रति छात्र होगी।

2.17 परीक्षा आयोजन :-

अष्टम बोर्ड परीक्षा विभागीय पंचांग के अनुसार निर्धारित तिथियों में ही आयोज्य होगी।

2.18 पुनः परीक्षा –

निम्न परिस्थितियों में परीक्षार्थी पुनः परीक्षा में प्रविष्ट हो सकेगा-

2.18.1 रूग्णतावश परीक्षा देने में समर्थ नहीं होने पर रूग्णता प्रमाणपत्र के आधार पर ।

2.18.2 युक्तियुक्त कारण से परीक्षा देने में समर्थ नहीं होने पर संस्था प्रधान की अनुशंसा पर पुनः परीक्षा में प्रविष्ट हो सकेगा । परीक्षार्थी को परीक्षा समाप्ति के बाद 7 दिवस की अवधि में कारण सहित प्रार्थना पत्र संस्था प्रधान एवं केन्द्राधीक्षक से अग्रेषित कराकर अध्यक्ष, अष्टम बोर्ड को प्रस्तुत करना होगा तभी वह उन विषय/ विषयों में पुनः परीक्षा में बैठ सकेगा।

2.18.3 पुनः परीक्षा, पूरक परीक्षा के साथ आयोजित की जाएगी एवं प्रश्न पत्र पूरक परीक्षा के अनुरूप ही होंगे।

2.18.4. पुनः परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थी को किसी भी विषय में कृपांक का लाभ देय नहीं होगा, चाहे वह उन विषयों में पुनः परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुआ हो।

2.18.5 पुनः परीक्षा घोषित विषयों में परीक्षार्थी को सत्रांक का लाभ देय नहीं होगा।

2.18.6 श्रेणी का निर्धारण वार्षिक परीक्षा पश्चात् दी जाने वाली पुनः परीक्षा के प्राप्त अंको के आधार पर ही किया जायेगा।

2.18.7 पुनः परीक्षा शुल्क 10 रूपये प्रति विषय प्रति छात्र होगा।

2.19 परीक्षा परिणाम :

विभागीय पंचांग में निर्दिष्ट तिथि पर परीक्षा परिणाम, बोर्ड अध्यक्ष / संयोजक द्वारा घोषित किया जायेगा।

2.20 अंकों की पुनगर्णना

2.20.1 पुनर्गणना में उत्तर पुस्तिकाओं का पुनः मूल्यांकन नहीं होगा।

2.20.2 पुनर्गणना आवेदन पत्र अभिभावक/ परीक्षार्थी को परीक्षा परिणाम घोषित होने के पश्चात् 10 दिन की अवधि में निर्धारित शुल्क 20.00 रू0 प्रति विषय के साथ संस्था प्रधान को प्रस्तुत करनी होगी। संस्था प्रधान आवेदन पत्र अष्टम बोर्ड को प्रेषित करेंगे।

2.20.3 पुनर्गणना में निम्नांकित जांच होगी –

(1) सभी प्रश्न जांचे गये हैं या नहीं।

(2) अंको का योग सही है या नहीं।

2.20.4 किसी भी स्थिति में वार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएँ अभिभावक/ परीक्षार्थी को नहीं दिखाई जायेगी।

2.20.5 पुर्नगणना हेतु अध्यक्ष अष्टम बोर्ड विषयवार तीन सदस्यों की समिति गठित करेगा। समिति में एक प्राचार्य व० उपा0 एवं एक विषय विशेषज्ञ का होना आवश्यक होगा। समिति पुर्नगणना से सम्बन्धित समस्त कार्यों का सम्पादन करेगी। जैसे मुल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्गणना की उत्तर पुस्तिका निकालना, उसका अवलोकन कर बण्डल से पुनः गणना करना तथा पुनः गणना के बाद प्राप्त अंको की सूची बनाना आदि।

2.21 अन्य परीक्षा नियम

2.21.1 अध्यक्ष, अष्टम बोर्ड किसी परीक्षार्थी की उत्तरपुस्तिका गुम होने/चोरी होने/प्राकृतिक आपदा से नष्ट होने की स्थिति में उक्त विषयों में परीक्षार्थी को औसत अंक भार प्रदान कर परीक्षा परिणाम घोषित करेंगे। औसत अंक भार परीक्षार्थी के शेष विषयों के प्राप्तांकों के आधार पर निकाला जायेगा।

2.21.2 शारीरिक अयोग्यता के कारण स्वयं लिखने में असमर्थ – दृष्टि बाधित विकलांग परीक्षार्थियों को कक्षा तक राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों में से श्रुतिलेखक के रूप में 8वीं परीक्षा के दौरान उपलब्ध करवाए जा सकेंगे जिसकी व्यवस्था स्वयं परीक्षार्थी को करनी होगी। दृष्टि बाधित विकलांग परीक्षार्थी के लिए मानचित्र/ ग्राफ आदि श्रुतिलेखक के माध्यम से हल करना होगा अन्य प्रावधान उपलब्ध नहीं है।

आठवीं की परीक्षा के दौरान हाथ में फैक्चर होने से लिखने में असमर्थ परीक्षार्थी को चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर श्रुतलेखक उपलब्ध करवाया जायेगा। श्रुतलेखक के रूप में कार्य करने वाले परीक्षार्थी का आवक्ष चित्र एवं राजकीय विद्यालय में कक्षा 7 तक अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित करवाकर केन्द्राधीक्षक को प्रस्तुत करना होगा। केन्द्राधीक्षक इसे अपने रेकॉर्ड में रखेंगे।

2.21.3 सूरजमुखी परीक्षार्थी को निर्धारित समयावधि से आधा घण्टा अतिरिक्त समय दिया जायेगा।

2.21.4 अंकतालिका की द्वितीय प्रति जारी करने का इन्द्राज स्थायी अभिलेख में किया जाए। द्वितीय प्रति एवं इससे अधिक बार डुप्लिकेट अंक तालिका, शपथ पत्र, नोटेरी/ प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट/तहसीलदार/राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित करने पर दी जाये तथा इसके लिये 20.00 रू. जायेगा। यदि प्रमाण पत्र एवं अंकतालिका अलग अलग हो तो शुल्क लिया प्रत्येक का शुल्क 20.00 रू0 होगा एवं दोनों एक साथ होने पर केवल 20.00 रू० लिए जायेंगे।

2.21.5 परीक्षा केन्द्राधीक्षक, परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र गुम होने की स्थिति में सादे कागज पर मय परीक्षार्थी का आवक्ष चित्र, आवेदन पत्र के शेष भाग से मिलान कर एवं सन्तुष्ट होकर 05.00 रू0 शुल्क लेकर डुप्लिकेट प्रवेश पत्र जारी कर सकेंगे।

2.21.6 यथासम्भव कक्षा 8वीं बोर्ड परीक्षा में अंक तालिका एवं प्रमाण पत्र मय फोटो कम्प्यूटराइज्ड दिया जायेगा।

2.21.7 यथासम्भव कम्प्यूटराइज्ड काम में ओ.एम.आर. शीट्स के माध्यम से कार्य सम्पन्न करवाया जायेगा।

2.21.8 प्रयुक्त उत्तरपुस्तिका को आगामी एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जावे एवं न्यायालय वाद/ विभागीय जांच की स्थिति में वाद निस्तारण तक सुरक्षित रखा जायेगा।

2.21.9 अवधिपार प्रयुक्त उ.पु. का जी एफ एण्ड आर के प्रावधानों के अनुरूप निस्तारण किया जायेगा।

2.22 स्वयंपाठी परीक्षार्थी

2.22.1 स्वयंपाठी के रूप में बैठने वाले परीक्षार्थी ने पूर्व में किसी विद्यालय में अध्ययन किया है तो वहां के स्थानान्तरण प्रमाण पत्र (टी.सी.) की मूल प्रति अपने प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करेगा स्वयंपाठी परीक्षार्थी से कोई अग्रेषण शुल्क नहीं ली जायेगी।

2.22.2 स्वयंपाठी के रूप में बैठने वाले परीक्षार्थी ने कहीं भी अध्ययन नहीं किया है तो किसी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट/ तहसीलदार/पब्लिक नोटेरी द्वारा इस आशय का प्रमाणित शपथ पत्र प्रस्तुत करेगा कि उसने किसी राजकीय, मान्यता प्राप्त अनुदानित एवं गैर अनुदानित संस्था में अध्ययन नहीं किया है। इस शपथ पत्र में जन्म तिथि एवं माता पिता के नाम का उल्लेख किया जाना भी आवश्यक होगा। यदि विद्यार्थी अवयस्क हो तो उसके वैधानिक संरक्षक शपथ पत्र प्रस्तुत करेंगे। किसी प्रकार के तथ्य छिपाने की स्थिति में ऐसे परीक्षार्थी या वैधानिक संरक्षक के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी तथा आवेदन पत्र भी निरस्त किया जा सकेगा।

2.22.3 स्वयंपाठी ने जिस किसी कक्षा में अन्तिम बार अध्ययन किया है तथा कक्षा 8 जिसमें बह प्रविष्ट होना चाहता है उसके बीच में इतनी समय अवधि का अन्तर अवश्य होना चाहिए कि वह यदि नियमित रूप से विद्यालय में अध्ययन करता तो कक्षा 8 में होता जैसे कक्षा 7 उत्तीर्ण / अनुत्तीर्ण करने पर आगामी वर्ष की परीक्षा में कक्षा 8 में स्वयंपाठी के रूप में परीक्षा दे सकेगा। स्वयंपाठी परीक्षार्थी यदि सेवारत कर्मचारी हो तो उसके लिए भी यह आवश्यक है कि जहाँ वह कार्यरत है, उस कार्यालय से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करे कि वह वेतनभोगी कर्मचारी है। प्रमाण पत्र में जन्म तिथि का उल्लेख होना चाहिए।

2.22.4 स्वयंपाठी परीक्षार्थी अपना परीक्षा आवेदन पत्र किसी भी राजकीय संस्कृत विद्यालय (जो उच्च प्राथमिक स्तर से कम नहीं हों) में जमा करवा सकेंगे। परीक्षार्थी स्वयं संस्था प्रधान के सामने उपस्थित होकर आवेदन पत्र की आवश्यक पूर्तियों करेगा।

प्रधानाध्यापक इस प्रकार के आवेदन पत्र स्वीकार कर उनकी प्रारम्भिक जांच के उपरान्त निर्धारित अवधि में अध्यक्ष, अष्ट्रम बोर्ड परीक्षा, सम्भागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी को अग्रेषित करेंगे। अध्यक्ष अष्टम बोर्ड/सम्भागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी ऐसे आवेदन पत्रों की गहनता से जाँच कर, आवेदन पत्र की उपयुक्तत्ता पर अनुमति जारी करते हुए ऐसे परीक्षार्थियों का परीक्षा केन्द्र राजकीय विद्यालय में ही निर्धारित करेंगे।

2.22.5 बालिकाओं को बालकों के विद्यालय में भी आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा होगी परन्तु बालकों को बालिका विद्यालयों (परीक्षा केन्द्रों) में यह सुविधा नहीं होगी।

2.22.6 सम्बन्धित केन्द्राधीक्षक स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के प्रमाण पत्रों की स्वयं नियमानुसार जांच करेंगे तथा नियमों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कार्यवाही करेंगे।

2.22.7 स्वयंपाठी छात्रों के उत्तीर्णता नियम

(क) स्वयंपाठी छात्रा के हिन्दी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत के प्रश्न पत्र 80 अंक तथा कार्यानुभव, कलाशिक्षा एवं स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के प्रश्न पत्र 40 अंक के होंगे किन्तु प्राप्ताकों में आनुपातिक अंक हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत में 20 अंक के हिसाब से तथा कला शिक्षा, कार्यानुभव, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा में 60 अंक के हिसाब से गणना कर सत्रांक के रूप में जोड़े जाएगें। इस प्रकार पूर्णांक 80+20 = 100 एवं 40+60= 100 में से प्राप्तांक परीक्षा परिणाम की गणना के लिए उपयोग में लिए जाएंगे।

(ख) स्वयंपाठी छात्र भी कृपांक के पात्र होंगे इन्हें भी एक विषय में पूर्णाकों अधिकतम 6 प्रतिशत अंक तथा 2 विषयों में कुल 6 अंक का किसी भी अनुपात में कृपांक देय है। स्वयंपाठी परीक्षार्थी भी नियमित परीक्षार्थियों के अनुरूप अधिकतम 2 विषयों में पूरक परीक्षा योग्य माने जाएंगे।

(ग) कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण स्वयंपाठी परीक्षार्थी नियमानुसार अगली कक्षा में प्रवेश ले सकेंगे।

2.23 परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग :-

परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग की स्थिति व इस पर की जाने वाली कार्यवाही हेतु पंचम भाग का अवलोकन करें।

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