कक्षौन्नति नियम माध्यमिक शिक्षा कक्षा 9 से 12

राज्य सरकार ने पहले जारी नियमों, उपनियमों एवं समय-समय पर जारी संशोधनों / परिवर्तनों के अतिक्रमण में शैक्षिक सत्र 2011-12 से नवीनतम नियम प्रसारित किये हैं-

  1. ये नियम परीक्षा एवं कक्षोन्नति नियम कहलाएंगे तथा राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सभी राजकीय एवं गैर राजकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों की कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों की गृह परीक्षा पर लागू होंगे।
  2. सामान्य नियम 2 (क) परीक्षा प्रवेश योग्यता कक्षा 9 एवं 11 की वार्षिक परीक्षाओं में केवल वे ही विद्यार्थी प्रविष्ट हो सकेंगे जिन्होंने किसी भी राजकीय / मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्था में नियमित विद्यार्थी रूप में सत्र पर्यन्त अध्ययन किया हो। 2. कक्षा 9 व 11 वार्षिक परीक्षा में उसी विद्यार्थी को सम्मिलित किया जायेगा, जिसने कम से कम दो लिखित सामयिक परखें दी हो या एक लिखित परख और अर्द्धवार्षिक परीक्षा दी हो और जिस परीक्षा / परख में वह सम्मिलित नहीं हुआ हो उसके कारणों की प्रामाणिकता से संस्था प्रधान का पूर्णतया सन्तुष्ट कर दिया हो।
  3.  बोर्ड परीक्षा में प्रविष्ट होने वाले परीक्षार्थियों पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर के नियम लागू होगे।

2. (ख) उपस्थिति गणना एवं अनिवार्यता :

  1. कक्षा 9 व 11 तक में नियमित छात्रों की उपस्थिति गणना विद्यालय सत्रारभ होने की तिथि से तथा नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति गणना प्रवेश लेने की तिथि से वार्षिक परीक्षा तैयारी अवकाश से पूर्व दिवस तक मानी जायेगी। कक्षा 10 व 12 में अध्ययनरत विद्यार्थी की उपस्थिति की गणना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के नियमानुसार होगी।
  2. कक्षा 9 एवं 11 की पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की उपस्थिति गणना पूरक परीक्षा परिणाम घोषित होने के सात दिन के बाद से की जायेगी।
  3. यदि विद्यार्थी शिक्षण सत्र के मध्य में मान्यता प्राप्त संस्था से स्थानान्तरणवश किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश ले तो उनकी उपस्थिति की गणना करते समय पूर्व विद्यालय की उपस्थिति मंगवाकर जोड़ ली जाये।
  4. स्थानान्तरित अथवा प्रवृजित विद्यार्थियों को प्रवेश देने से पूर्व ही उपस्थिति के नियम से अवगत करा दिया जाए और यदि उसकी उपस्थिति न्यून होने की सम्भावना हो तो उन्हें प्रवेश ही न दें।
  5. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित मूल परीक्षा / पूरक परीक्षा का परिणाम विलम्ब से घोषित होने के 10 दिन के अन्दर नियमानुसार प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति गणना प्रवेश लेने की तिथि से होगी।
  6. राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल, जयपुर अथवा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, भारत सरकार से कक्षा 10 उत्तीर्ण कर कक्षा 11 में नियमित प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व प्रवेश लेना अनिवार्य होगा। इसकी उपस्थिति की गणना प्रवेश लेने की तिथि से होगी।
  7. वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए विद्यार्थियों को विद्यालय के कुल कार्य दिवसों अथवा छात्र के प्रवेश उपरान्त कुल कक्षा मीटिंग निम्नानुसार उपस्थिति रहना अनवार्य है। कक्षा 9 एवं 11 में 75 प्रतिशत उपस्थिति
  8. यदि संस्था प्रधान संतुष्ट हो कि विद्यार्थी रूग्णावस्था के कारण अनुपस्थिति रहा है विद्यालय कुल दिव की  प्रतिशत न्यूनतम आधार पर विद्यार्थी को निम्न प्रकार से मुक्त करके वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दे सकते हैं-
  •  कक्षा 9 एवं 11-30 मीटिंग (15 दिन की उपस्थिति का लाभ)
  • रूग्णावस्था के मामलों में कक्षा 9 एवं 11 के विद्यार्थियों के सन्दर्भ में न्यूनतम 60 प्रतिशत उपस्थिति होने पर ही सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त चिकित्सा प्रमाण प्रस्तुत किये जाने पर विद्यार्थी परीक्षा में बैठने का पात्र होगा।

2. (ग) परीक्षा तैयारी अवकाश :-

  1. शिविरा पंचाग के निर्देशानुसार कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा हेतु एक दिन का तथा 9 तथा 11 के लिए वार्षिक परीक्षा हेतु दो दिन का परीक्षा तैयारी अवकाश दिया जावेगा। इन दिनों में विद्यालय खुला रहेगा, अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी अभिलेख तथा परीक्षा से सम्बंधित कार्य पूरा करेगें। यह अवकाश रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों के अतिरिक्त होगा।
  2. कक्षा 10 एवं 12 में अध्ययनरत विद्यार्थियों माध्यमिक / उच्च माध्यमिक परीक्षा की पूर्व तैयारी हेतु बोर्ड परीक्षा आरम्भ होने की तिथि से पूर्व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा निर्देशित अथवा 14 दिवसों का पूर्व तैयारी अवकाश दिये जायेगा। जिसमें प्रथम 7 दिवस विद्यार्थियों हेतु विशेष कक्षाओं का आयोजन इस ढंग से किया जाए ताकि परीक्षा में अधिकतम शैक्षिक उपलब्धि हो सके।

2(घ) प्रश्न पत्र व्यवस्था:  

  1. सामयिक परखों में प्रश्न पत्र लिखकर अथवा श्यामपट्ट पर अंकित करवाए जायेंगे। प्रश्न पत्र सुरक्षित रखे जावें ।
  2. किसी परीक्षा के परीक्षार्थियों की संख्या 10 से कम होने पर प्रश्न पत्र कार्बन पेपर सुपाठ्य हस्तलिखित अथवा टंकित करवाए जावें। 10 से अधिक विद्यार्थी होने पर प्रश्न पत्र कम्प्यूटर से टंकित करवाकर छाया प्रति दी जा सकेंगी।
  3. कक्षा 9 एवं 11 की वार्षिक परीक्षा / अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं कक्षा 10 एवं 12 अर्द्धवार्षिक परीक्षा हेतु जिला समान परीक्षा योजना के अन्तर्गत मुद्रित प्रश्न पत्रों का उपयोग किया जावे।
  4. समान प्रकार की मान्यता प्राप्त गैर राजकीय शिक्षण संस्थाओं को भी जिला समान परीक्षा योजना के तहत प्रश्न पत्र लेने अनिवार्य है।

2. (ड) सामयिक परखें एवं परीखाएं:-

सम्बंधित सत्र में विभागीय पंचांग में प्रदत्त निर्देशानुसार प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक विषय की तीन सामयिक परखें होंगी। सत्र में विभागीय पंचांग में प्रदत्त निर्देशानुसार दो परीक्षाएं होंगी। अर्द्धवार्षिक परीक्षा कक्षा 9 से 12 ब. वार्षिक परीक्षा 9 एवं 11 ।

नोट : कक्षा 9 से 12 की अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं कक्षा 9 व 11 की वार्षिक परीक्षा शिविरा पंचांग में प्रदत्त निर्देशों अनुसार आयोजित की जावें ।

2 (च) परीक्षा परिणामों की घोषणा : संस्था प्रधान द्वारा प्रत्येक सामयिक परख व अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्रगति पत्र अभिभावकों को विद्यालय में आमंत्रित कर अवलोकन करवाया जाये। शिविरा पंचांग के अनुसार निर्दिष्ट दिनांक को वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित कर सूचना पट्ट प्रसारित करने के पश्चात् अन्तिम रूप से प्रगति पत्र अभिभावकों को दिये जावे।

2. (छ) पूर्णांक :

  1. कक्षा 9 से 12 हेतु विभिन्न परखों एवं परीक्षाओं के पूर्णांक विभाग द्वारा जारी मूल्यांकन योजना के अनुसार हों।
  2. बोर्ड कक्षाओं हेतु पूर्णांक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्देशों एवं नियमानुसार निर्धारित होंगे।

उत्तीर्णता नियम –

  1. विद्यार्थियों को उनकी तीन सामयिक परखों अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं के प्राप्ताकों के योग को मिलाकर / नियमानुसार उत्तीर्ण किया जायेगा । कक्षा 9 एवं 11 में वही विद्यार्थी कक्षोन्नति / उत्तीर्ण का अधिकारी माना जायेगा, जिसने प्रत्येक विषय में पूर्णांक के न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हों, परन्तु वार्षिक परीक्षा में विद्यार्थी को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 20 प्रतिशत अंक प्राप्त करने अनिवार्य होंगे।
  2. जिन विषयों में सैद्धान्तिक व प्रायोगिक परीक्षाएं होती है उनमें अलग-अलग उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्रायोगिक परीक्षा में कोई कृपांक अंक देय नहीं है।
  3. तीनों परखों का योग अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांको का योग यदि भिन्न में हो तो उन्हें अगले पूर्णांक में परिवर्तित कर दिया जावे।
  4. यदि कोई विद्यार्थी सत्र के बीच में किसी ऐसे विद्यालय से आकर प्रवेश लेता हैं जहां सामयिक परख नहीं होती है, तो ऐसे विद्यार्थी के लिए विद्यालय स्तर पर एक लिखित सामयिक परख आयोजित कर एक परख, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के आधार पर परिणाम घोषित किया जायेगा।
  5. राज्य सरकार द्वारा नवक्रमोन्नत विद्यालयों एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा की मूल परीक्षा / पूरक परीक्षा का परिणाम विलंब से घोषित होने के कारण विद्यार्थी को नियमानुसार प्रवेश लेने से पूर्व जो परख व परीक्षा हो चुकी हो उन विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम शेष रही परीक्षाओं के पूर्णांको के योग के आधार पर घोषित किया जायेगा | राजस्थान स्टेट ऑपन स्कूल, जयपुर अथवा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, भारत सरकार से कक्षा 10 उत्तीर्ण कर विलम्ब से प्रवेश लेने वाले अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व का परीक्षा परिणाम अर्द्धवार्षिक परीक्षा, तृतीय परख एवं वार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित होगा।

4. रुग्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना –

  1. यदि कोई विद्यार्थी (कक्षा 9 से 11 ) अपनी रूग्णावस्था के कारण किसी सामयिक परख अथवा अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने की स्थिति में नहीं रहा है तो इसे उक्त परीक्षा प्रारम्भ होने की तिथि से 1 सप्ताह की समयावधि मे रुग्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा ।
  2. अंतिम परीक्षा परिणाम उन्हीं विद्यार्थियों का घोषित होगा जिन्होंने कम से कम दो सामयिक परखें तथा वार्षिक परीक्षा अथवा एक सामयिक परख अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षा दी हो ।

कृपांक –

  1. कृपांक के लिए विद्यार्थी का आचरण एवं व्यवहार उस सत्र में उत्तम होना आवश्यक है। अधिकतम दो विषयों में कृपांक दिये जा सकते है ।
  2. कक्षा 9 से 11 में यदि विद्यार्थी एक ही विषय में असफल है तो उस विषय के पूर्णांक के अधिकतम 5 प्रतिशत कृपांक दिये जा सकते हैं और यदि विद्यार्थी दो विषयों में असफल रहता है तो प्रत्येक सम्बंधित विषय में उसके पूर्णांक के अधिकतम दो प्रतिशत कृपांक दिये जा सकते है।
  3. रूग्णतावस्था की छूट का लाभ प्राप्त करने वाले विषय में कृपांक देय नहीं होंगे व उस विषय में उत्तीर्ण होने पर ही विद्यार्थी अन्य विषयों के कृपांक प्राप्त करने का अधिकारी होगा।

श्रेणी निर्धारण नियम –

  1. 60 प्रतिशत या अधिक प्राप्तांक पर प्रथम श्रेणी ।
  2.  48 प्रतिशत या उससे अधिक परन्तु 60 प्रतिशत से कम प्राप्तांक होने पर द्वितीय श्रेणी ।
  3. 36 प्रतिशत व उससे अधिक परन्तु 48 प्रतिशत से कम होने पर तृतीय श्रेणी |
  4. 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर उस विषय में विशेष योग्यता मानी जायेगी।
  5. अगर कोई विद्यार्थी चिकित्सा में रहने के फलस्वरूप किसी सामयिक परख या अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुआ है तो उसका श्रेणी / स्थान निर्धारण निम्न प्रकार से किया जायेगा। विद्यार्थी जिन परीक्षाओं में सम्मिलित होता है उनके पूर्णांक के आधार पर प्राप्तांको के प्रतिशत के अनुसार कक्षा में श्रेणी / स्थान का निर्धारण किया जायेगा।
  6. श्रेणी निर्धारण कृपांक रहित प्राप्तांकों के वृहद योग के आधार पर ही होगा। अर्थात् श्रेणी निर्धारण करते समय कृपांक नहीं होड़े जावेंगे।
  7. पूरक परीक्षा उत्तीर्ण परीक्षार्थी को दी जाने वाली अंकतालिका में मुख्य परीक्षा में अर्जित किये गये अंको के साथ पूरक परीक्षा विषय में न्यूनतम उत्तीर्णांक अंकित कर श्रेणी देते हुए नई अंकतालिका जारी कर दी जावे ।

पूरक परीक्षा नियम –

(अ)पात्रता –

  1. पूरक परीक्षा अधिकतम किन्हीं दो विषय में दी जा सकेगी।
  2. सम्बंधित विषय में कक्षा 9 व 11 में प्रथम परख से वार्षिक तक के पूर्णांको के योग का 25 प्रतिशत प्राप्त करना आवश्यक है।

(ब) परीक्षा आयोजन – शिविरा पंचांगो के अनुसार निर्धारित तिथियों में ही आयोज्य होगी। वार्षिक परीक्षा के पूर्णांक के समान ही पूरक परीक्षा के पूर्णांक माने जायेंगे।

(स) पूर्णांक प्रत्येक विषय का पूर्णांक वार्षिक परीक्षा के पूर्णांक के अनुरूप होगा तथा प्रश्न पत्र में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का समावेश किया जावेगा।

(द) परीक्षा उत्तीर्णता – वही विद्यार्थी उत्तीर्ण घोषित समझा जायेगा जिनके पूरक परीक्षा के प्रत्येक विषय / विषयों में 36 प्रतिशत अंक अलग-अलग प्राप्त किये है। पूरक परीक्षा में उत्र्तीण होने के लिए कृपांक नहीं दिये जायेंगे।

(य) परीक्षा परीणाम – शिविरा पंचांग में निर्दिष्ट दिनांक पर पूरक परिणाम घोषित किया जावे।

र. परीक्षा शुल्क कक्षा 9 से 11 के लिए 20 रूपये प्रति विषय ।

8. पुनः परीक्षा नियमित विद्यार्थियों हेतु पात्रता:

  1. वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने के योग्य विद्यार्थी यदि वार्षिक परीक्षा में रूग्णता प्रमाण पत्र देता है, तो वह उन सभी विषयों में जिनके लिए रुग्णता प्रमाण पत्र दिया गया है। पुनः परीक्षा में बैठ सकेगा।
  2.  परीक्षा आयोजन पुनः परीक्षा उन्हीं तिथियों में होगी जिन तिथियों में पूरक परीक्षा आयोज्य होगी।
  3. पुनः परीक्षा शुल्कः कक्षा 9 एवं 11 के लिए 20 रूपये प्रति विषय। 4. परीक्षा परिणाम: सामयिक परखों, अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं वार्षिक परीक्षा / पुनः परीक्षा में प्राप्त अंको को जोड़कर परीक्षा फल घोषित किया जायेगा। जिन विषयों में विद्यार्थी ने पुनः परीक्षा दी है। उन विषयों में वह कृपांक का अधिकारी नहीं होगा। शेष विषयों में नियम 5 के अनुसार कृपांक का अधिकारी होगा।

9. स्वयंपाठी विद्यार्थी हेतु नियम-

  1. कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा में परीक्षार्थी ने यदि नियमानुसार स्वयंपाठी परीक्षार्थी के रूप में दी हो तो वह उत्तीर्ण होने पर अगली कक्षा में नियमानुसार प्रवेश ले सकता है।
  2. यदि कोई स्वयंपाठी परीक्षार्थी कक्षा 9 में नियमित रूप से प्रवेश लेना चाहता है तो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के नियमानुसार प्रवेश दिया जावे।

10. उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा:

  1. प्रत्येक सामयिक परख एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं विद्यार्थियों को दिखाई जावें ।
  2. सभी परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यालय में आगामी सत्र तक सुरक्षित रखा जावे।
  3. परिवीक्षण अधिकारी द्वारा विद्यालय के परिवीक्षण के अवसर पर उक्त रिकार्ड का निरीक्षण किया जावे।

11. अन्य नियम –

  1. कोई विद्यार्थी यदि अपनी अर्द्धवार्षिक परीक्षा में रूग्णता के कारण सम्मिलित न हो तो उसे अपना रूग्णता प्रमाण पत्र परीक्षा / प्रश्न पत्र प्रारम्भ होने के सात दिवस की अवधि में प्रस्तुत करना होगा।
  2. परीक्षाफल घोषित होते ही परीक्षाफल की प्रति परिणाम घोषित करने के उसी दिन अथवा अगले दिन नियंत्रण अधिकारी के पास प्रेषित की जावे।
  3. परीक्षाफल के पुनरावलोकन के लिए प्रार्थना पत्र निर्धारित रूपये 20 प्रति विषय के साथ परीक्षाफल घोषित होने के पश्चात सात दिन की अवधि में संस्था प्रधान के पास विद्यार्थी या उसके अभिभावक द्वारा प्रस्तुत करना होगा।
  4. पुनरावलोकन में जांच सम्मिलित होगी –

अ. सभी प्रश्न जांचे गये है या नहीं।
ब. अंको का योग सही है या नहीं।
स. ऐसे पुनरावलोकन के सभी मामलों का निर्णय पूरक परीक्षा से पूर्व हो जाना चाहिए।

12. परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग के बारे में नियम-

अ. निम्न प्रकार के व्यवहार अनुचित साधनों का प्रयोग माना जायेंगे-

  1. परीक्षा कक्ष में किसी विद्यार्थी को सहायता देना अथवा उससे या अन्य किसी व्यक्ति से सहायता प्रदान करना ।
  2. परीक्षा कक्ष में कागज, पुस्तक, कॉपी अन्य अवांछनीय सामग्री अपने पास / मुंह में / डैस्क में / उत्तर पुस्तिका आदि में या परीक्षा भवन के आस-पास रखनां
  3. उत्तर पुस्तिका चोरी से लाना या ले जाना व उत्तर पुस्तिका में अपशब्द पूर्ण व अश्लील भाषा का प्रयोग करना या करने का प्रयत्न करना या दुराचरण करना ।

 ब. अनुचित साधनों के प्रयोग की स्थिति में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया -यदि किसी परीक्षार्थी पर अवांछनीय सामग्री का प्रयोग कर लेने या करने का प्रयत्न करने का संदेह हो तो-

  1. सम्बंधी वीक्षक या अधीक्षक परीक्षार्थी की तालाशी ले सकेंगे।
  2. परीक्षार्थी को उत्तर पुस्तिका, संदेहास्पद सामग्री सहित उससे ले ली जायेगा और उसका स्पष्टीकरण लिखवाया जाकर प्राप्त सामग्री पर उसके हस्ताक्षकर करवाकर शेष प्रश्नों के उत्तर देने के लिए नई उ उत्तर पुस्तिकाएं दे दी जायेगी।
  3. यदि परीक्षार्थी स्पष्टीकरण देने या सामग्री पर हस्ताक्षर करने से इंकार करें या परीक्षा केन्द्र से भाग जाये तो वीक्षक आसपास बैठे हुए परीक्षार्थियों से उस पर हस्ताक्षर करवा लेंगे।
  4. उस सामग्री पर परीक्षार्थी, वीक्षक एवं पर्यवेक्षक तथा संस्था प्रधान के हस्ताक्षर कर का सीलबन्द कर विद्यालय स्तर पर गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा।
  5. ऐसे प्रकरणों के साथ निम्न सामग्री भेजी जायेगी- विद्यार्थी द्वारा लिखी गई उत्तर पुस्तिकां । वह सामग्री जिसे नकल करते हुए पकड़ा जाये । विद्यार्थी शिक्षक परिवीक्षक के बयान । संस्था प्रधान की टिप्पणी । सम्बंधित विषय के प्रश्न पत्र की एक प्रति । अन्य कोई सामग्री अथवा प्रमाण जो संस्था प्रधान आवश्यक समझे।

13. अनुचित साधनों के प्रयोग के बारे में दण्ड देते हुए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया – इस प्रकार के समस्त साधनों के प्रयोग के मामलों पर विचार के लिए विद्यालय स्तर पर निम्नांकित सदस्यों की समिति का गठन किया जायेगा।

  1. सीनियर माध्यमिक विद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों के लिए 1. संस्था प्रधान, 2. परीक्षा प्रभारी सम्बंधित संस्था, 3 संस्था प्रधान द्वारा मनोनीत संस्था का वरिष्ठतम शिक्षक |
  2. उक्त समिति समस्त प्रकरणों पर निर्णय परीक्षा समाप्त होने के तीन दिन के भीतर कर लेगी। तब तक सम्बंधित परीक्षार्थी का परीक्षा परिणाम रोक कर रखा जायेगा।
  3. समिति की सिफारिश पर अन्तिम निर्णय लेकर सम्बंधित जिला शिक्षा अधिकारी का निर्णय अन्तिम होगा।

14. दण्ड : प्रकरण की गम्भीरता के अनुरूप समिति निम्नांकित में से किसी एक दण्ड को दे सकेंगी।

  1. जिस विषय में यह पाया जाये कि नकल की सामग्री लाई तो गई थी परन्तु उसका उपयोग नहीं किया गया। ऐसे मामले में प्राप्त अंको से 10 प्रतिशत अंक कम कर दिये जायेंगे।
  2.  अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पाये जाने पर प्रथम उत्तर पुस्तिका को निरस्त कर दूसरी उत्तर पुस्तिका के आधार पर जांच की जायेगी।
  3. दोषी परीक्षार्थी की परीक्षा निरस्त ।
  4. परीक्षार्थी की सम्पूर्ण परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी।
  5. जहां विस्तृत पैमाने पर नकल की गई थी, वहां पर जिस प्रशन पत्र से सम्बंधित हो वह परीक्षा निरस्त कर दी जायेगी। 6. जहां कहीं ऐसे दोष में किसी / किन्हीं शिक्षक अथवा कर्मचारी के लिप्त होने पर करके विरूद्ध नियमों के अन्तर्गत तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही सक्षम अधिकारियों को प्रस्तावित की जावे ।

15. अन्य नियम –

  1. किसी भी परिक्षार्थी को अधिकार नहीं होगा कि अपना प्रतिधिनित्व किसी वैधानित परामर्शदाता, एडवोकेट या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा केन्द्राधीक्षक अथवा उक्त समीति के समक्ष करा सकें।
  2. यदि परीक्षा के समय का अथवा उससे कोई मामला उपर्युक्त किसी प्रावधान के अन्तर्गत न आये तो भी संस्था प्रधान यदि आवश्यक समझें तो उस मामले में इन नियमों में बताई गई पद्धति के अनुसार कार्यवाही करने का अधिकारी होगा।

16. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर द्वारा समय-समय पर प्रस्तावित सम्बंध आदेशों के अनुरूप इन नियमों में संशोधन मान्य होंगे।

17. परीक्षा सम्बंधित इन नियमों के अन्तर्गत नहीं आये विषयों पर विभागाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर का निर्णय अन्तिम होगा।