तृतीय भाग
स्वयंपाठी परीक्षार्थियों हेतु परीक्षा नियम

(1) स्वयंपाठी के रूप में बैठने वाले परीक्षार्थी ने पूर्व में किसी विद्यालय में अध्ययन किया है तो वहां के स्थानान्तरण प्रमाण पत्र की मूल प्रति अपने प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करेगा।

(2) स्वयंपाठी के रूप में बैठने वाले परीक्षार्थी ने कहीं भी अध्ययन नहीं किया है तो किसी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट / तहसीलदार/ नोटरी पब्लिक द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र प्रस्तुत करेगा जिसमें उसने किसी मान्यता प्राप्त अथवा राजकीय संस्था में अध्ययन नहीं किया है का उल्लेख होगा। इस शपथ पत्र में जन्म तिथि का उल्लेख किया जाना भी आवश्यक होगा यदि परीक्षार्थी अवयस्क है तो उसके वैधानिक संरक्षक शपथ पत्र प्रस्तुत करेंगे। किसी प्रकार के तथ्य छिपाने की स्थिति में ऐसे परीक्षार्थी या उसके वैधानिक संरक्षक के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी तथा आवेदन पत्र भी निरस्त कर दिया जायेगा।

(3) जिस कक्षा में विद्यार्थी ने अन्तिम बार नियमित अध्ययन किया है और वह जिस कक्षा में स्वंयपाठी के रूप में बैठना चाहता है उसके बीच इतनी अवधि का अन्तर जरूर होना चाहिए कि यदि वह नियमित रूप से विद्यालय में अध्ययन करता तो उस कक्षा में होता, जिसकी परीक्षा वह देना चाहता है।

(4) स्वयंपाठी परीक्षार्थी यदि सेवारत कर्मचारी हो तो उसके लिए यह भी आवश्यक होगा कि वह उस कार्यालय, जहां वह कार्यरत है, से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करे कि वह वेतन भोगी कर्मचारी है तथा उसमें जन्म तिथि का भी उल्लेख हो।

(5) बालक-बालिकायें और कर्मचारी स्वंयपाठी परीक्षार्थी के रूप में कक्षा 6 व 7 की वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति संभागीय संस्कृत शिक्षाधिकारी, संस्कृत शिक्षा से प्राप्त करेगें एवं संबंधित अधिकारी ऐसे परीक्षार्थियों का किसी भी उच्च प्राथमिक/ प्रवेशिका विद्यालय में केन्द्र निर्धारित करेगें।

(6) कक्षा 6 व 7 की परीक्षा में स्वयंपाठी के रूप में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी अपना आवेदन पत्र मय शपथ पत्र के संबंधित संभाग के किसी राजकीय विद्यालय के संस्था प्रधान (जो उच्च प्राथमिक स्तर से कम नहीं हो) को 31 दिसम्बर तक प्रस्तुत करेंगे। संस्था प्रधान ऐसे आवेदन पत्र 10 दिन की अवधि में संबंधित संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। इन परीक्षार्थियों की परीक्षा प्रवेशानुमति एवं परीक्षा केन्द्र निर्धारण संबंधित संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी द्वारा 31 जनवरी तक किया जावेगा।

नोट :- परीक्षा सम्पूर्ण पाठ्यक्रम के आधार पर ही होगी अतः इस संबंध में प्रश्न पत्र निर्माण हेतु छात्र संख्या की सूचना संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी, संयोजक, समान परीक्षा योजना केन्द्र को 15 जनवरी तक देंगे।

(7) बालिकाओं को बालकों के विद्यालय में भी परीक्षा देने की सुविधा होगी परन्तु बालकों को बालिका विद्यालयों में परीक्षा देने की सुविधा नहीं होगी।

(৪) स्वयंपाठी परीक्षार्थी को चाहिए कि वह अपना परीक्षा आवेदन पत्र 1 दिसम्बर तक संबंधित अग्रेषण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करे। दिखें बिन्दू संख्या (5) व (6)}

(9) अग्रेषण अधिकारी स्वयपाठी परीक्षार्थियों के आवेदन पत्रों की जांच करेंगे तथा नियमों को ध्यान में रखते हुए इन्हें अनुमति प्रदान करने हेतु सम्बन्धित संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी को अग्रेषित करेंगे।

(10) स्वयंपाठी परीक्षार्थी निर्धारित परीक्षा शुल्क अपने आवेदन पत्र के साथ सम्बन्धित अग्रेषण अधिकारी को जमा करायेगें। कक्षा 6 व 7 हेतु परीक्षा शुल्क 50.00 रूपये है।

(11) स्वयंपाठी आशार्थियों से उपर्युक्त नियम (10) के अनुसार शुल्क प्राप्त करके संस्था प्रधान अपने विद्यालय में इनकी परीक्षा वार्षिक परीक्षा के साथ लेने का प्रबन्ध करेंगे। निर्देशित केन्द्राध्यक्ष/ प्रधानाध्यापक इनका परीक्षा परिणाम घोषित करेंगे तथा उनकों अंक तालिका एवं प्रमाण पत्र जिसमें जन्म तिथि अंकित हो प्रदान करेगें (प्रमाण पत्र का प्रारूप संलग्न है।)

(12) स्वयंपाठी परीक्षार्थी भी पूरक परीक्षा / पुनः परीक्षा में बैठ सकेगें।

(13) कक्षा 6 से 8 तक की वार्षिक परीक्षा विद्यार्थी ने यदि नियमानुसार स्वयंपाठी परीक्षार्थी के रूप में दी हो तो वह उत्तीर्ण होने पर अगली कक्षा में नियमानुसार नियमित प्रवेश ले सकेगा. बशर्ते वह निर्धारित आयु सीमा में हो।

नोट: आवेदन प्रस्तुत करते समय सम्बन्धित विद्यार्थी अग्रेषण अधिकारी/अनुज्ञा प्रदानकर्ता अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर आवेदन पत्र पर अपना आवक्ष चित्र (पासपोर्ट साइज फोटो) लगाकर प्रमाणित करवा लें। परीक्षा के समय नियमित रूप से हस्ताक्षर करवाकर इस प्रमाणित फोटों से स्वयंपाठी परीक्षार्थी की जाँच की जायेगी। “यह आवेदन पत्र नियमित छात्र के प्रवेश के आवेदन पत्र की तरह ही भविष्य के सन्दर्भ हेतु सुरक्षित रखें जावेंगे। यदि कोई स्वयंपाठी परीक्षार्थी नियम (13) के तहत कक्षा-9 में नियमित रूप से प्रवेश लेना चाहता है तो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नियमानुसार नियमित प्रवेश दिया जाये (यदि वह कक्षा-12 तक की निर्धारित आयु सीमा में आते हों)।”