द्वितीय भाग

परीक्षा एवं कक्षोन्नति नियम कक्षा 3 से 12

(क) परीक्षा प्रवेश योग्यता नियमित छात्रों के लिए) :-

(1) कक्षा 3 से 7 व 9 एवं 11 की वार्षिक परीक्षाओं में केवल वे ही नियमित विद्यार्थी प्रविष्ट हो सकेंगे जिन्होनें किसी राजकीय अथवा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्था में नियमित छात्र के रूप में सत्र पर्यन्त अध्ययन किया हो।

(2) कक्षा 1 से 8 तक सामान्य शिक्षा से स्थानान्तरित छात्र सम्बन्धित कक्षा में प्रवेश का पात्र है। कक्षा 9 एवं 11 में सामान्य शिक्षा से, सत्र के मध्य स्थानान्तरित होकर आने वाला छात्र प्रवेश का पात्र होगा। उसकी पूर्व संस्था की उपस्थिति एवं परख, परीक्षा में प्राप्तांकों को समाकलन करते हुए परीक्षा परिणाम तैयार किया जायेगा। सामान्य शिक्षा के छात्र के तृतीय भाषा के अंको को आनुपातिक रूप से बढाकर संस्कृत विषय में समायोजित किया जायेगा। कक्षा 10 एवं 12 के विद्यार्थी के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के नियम मान्य होंगे।

(3) कक्षा 3 से 5 तक विद्यालय में अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित किया जावेगा।

(4) कक्षा 6 से 7 तथा 9 व 11 की वार्षिक परीक्षा में उसी विद्यार्थी को सम्मिलित किया जायेगा जो कम से कम दो लिखित सामयिक परख एवं एक लिखित कार्य जाँच अथवा एक लिखित परख और अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सम्मिलित हुआ हो और जिस परख/परीक्षा में वह सम्मिलित नहीं हुआ हो उसके कारणों की प्रामाणिकता से संस्था प्रधान को पूर्णतया सन्तुष्ट कर दिया गया हो।

(5) बोर्ड की प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में प्रविष्ट होने वाले परीक्षार्थियों पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर के एवं अष्टम बोर्ड परीक्षा में विभागीय नियम लागू होंगे।

(ख) विद्यालय प्रवेश योग्यता :-

(1) यदि कोई छात्र-छात्रा बोर्ड की परीक्षा में लगातार दो वर्ष तक अनुत्तीर्ण रहता है तो उसे विद्यालय में नियमित प्रवेश नहीं दिया जायेगा। यह नियम कक्षा 8.10 तथा 12 पर लागू होगा।

(2) विद्यार्थी के अभिभावक द्वारा कहीं अध्ययन न करने सम्बन्धी प्रस्तुत शपथ पत्र या नवीन मान्यता (कक्षा 1 से 5) नियमों के अनुसार निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र के आधार पर विद्यालयों के प्रधानाध्यापक द्वारा निर्धारित शाला अध्यापकों की समिति द्वारा विद्यार्थी की योग्यता की जाँच के उपरान्त कक्षा 3 से 6 तक में नियमित प्रवेश दिया जा सकेगा। उक्त जाँच अभिलेख एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जायेगा इसकी सूचना संस्था प्रधान द्वारा संबंधित नियन्त्रण अधिकारी को अगस्त माह के प्रथम सप्ताह तक भेजनी अनिवार्य होगी।

(3) अभिभावक द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र में दर्ज जन्म दिनांक मजिस्ट्रेट /तहसीलदार/ नोटरी पब्लिक/ नगर निगम/ परिषद/ पालिका/ ग्राम पंचायत के अभिलेख के आधार पर अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित होनी चाहिये।

(4) अनौपचारिक शिक्षा केन्द्रों, शिक्षाकर्मी केन्द्रों एवं राज्य सरकार द्वारा मान्य अन्य शैक्षणिक अभिकरणों द्वारा प्रदत्त प्रमाण-पत्र के आधार पर उत्तीर्ण कक्षा से अगली कक्षा में कक्षा 6 तक नियमानुसार प्रवेश दिया जा सकेगा।

विद्यालय शुल्क :-

(1) कक्षा 1 से 8 तक राजकीय विद्यालय में प्रवेश/ शिक्षण/छात्र निधि शुल्कः

(क) कक्षा 1 से 8 तक किसी भी प्रकार का शुल्क (जैसे शिक्षण शुल्क, प्रवेश शुल्क, पुनः प्रवेश शुल्क, टी.सी. शुल्क) नहीं लिया जायेगा।
(ख) कक्षा 4 से 5 के छात्रों से 5 रू. प्रतिमाह व कक्षा 6 से 8 तक छात्रों से 10 रू. प्रतिमाह प्रतिछात्र छात्रनिधि (बॉयज़ फण्ड) की राशि शाला द्वारा ली जायेगी।
(ग) कक्षा 1 के 3 तक के छात्रों से छात्रनिधि (बॉयज़ फण्ड) की कोई राशि नहीं ली जायेगी।
(घ) बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु समस्त छात्राओं को छात्रनिधि शुल्क देने से छूट रहेगी।
(ड.) छात्रनिधि (बॉयज फण्ड) की राशि का उपयोग स्कूल प्रबन्ध समिति (एस.एम.सी.) द्वारा स्थानीय रूप से शिक्षा संबंधी सुविधाओं हेतु किया जायेगा।
(च) यदि कोई दानदाता किसी विद्यालय के कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए छात्रनिधि की संगणित सम्पूर्ण वार्षिक राशि दान के रूप में देने को तैयार हो तो उस शाला के किसी भी छात्र से उस वर्ष छात्रनिधि नहीं ली जायेगी।
(छ) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पिछड़ी जाति के विद्यार्थियों से छात्रनिधि की राशि 50 प्रतिशत लीं जायेगी।

(2) कक्षा 9 से 12 तक शिक्षण शुल्क, प्रवेश शुल्क, पुनः प्रवेश शुल्क, टी.सी. एवं छात्रनिधि शुल्क :

कक्षा 9 से 10शिक्षण शुल्क (रूपयों में) प्रतिमासछात्रनिधि (रूपयों में) प्रतिवर्ष
बिना आयकरदाता15.00  200.00  
30,000 रू. तक आयकरदाता30.00200.00
30.000 रू. से अधिक आयकरदाता50.00200.00  
समाजोपयोगी उत्पादन कार्य (एस.यू.पी.डब्लू) शुल्क50.00  

कक्षा 11 से 12

बिना आयकरदाता30.00300.00
30,000रू. तक आयकरदाता60.00300.00
30.000 रू. से अधिक आयकरदाता100.00300.00
टंकण एवं विज्ञान शुल्क100.00

राजकीय निधि मद

प्रवेश शुल्ककक्षा 9 से 12 तक10.00
टी.सी. शुल्ककक्षा 9 से 12 तक5.00
पुनः प्रवेश शुल्ककक्षा 9 से 12 तक10.00

निर्देश: –
(1) कक्षा 9 से 12 तक की छात्राएँ शिक्षण शुल्क से मुक्त रहेंगी।
(2) अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति के छात्र/छात्राओं के छात्र निधि शुल्क में 50 प्रतिशत छूट सम्बन्धी प्रावधान पूर्ववत लागू होंगे।
(3) जब कोई छात्र एक राजकीय संस्था से दूसरी राजकीय संस्था में स्थानान्तरित होता है तो पहली संस्था में पढ़ने की अवधि का शिक्षण शुल्क उससे वसूल नहीं किया जायेगा। (यदि उक्त तथ्य उसके रथानान्तरण प्रमाण-पत्र पर उस संस्था प्रधान द्वारा अंकित किया गया है)।
(4) विकलांग छात्र कक्षा 9 से 12 तक शिक्षण शुल्क से मुक्त
(5) विधवा महिलाओं के बच्चे वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक शिक्षण शुल्क से रहेंगे। मुक्त रहेंगे। (6) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र शिक्षण शुल्क से मुक्त रहेंगे।
(7) ऐसे राज्य कर्मचारी जो आयकर दाता नहीं है, उनकी सन्तानों से शिक्षण शुल्क नहीं लिया जायेगा।

टिप्पणी :- (अ) राज्य कर्मचारी के परिवार के सदस्यों में वह स्वयं, पत्नी. वैध अथवा अवैध संतानें, भाई और बहिने जो राज्य कर्मचारी पर पूर्णतः आश्रित हैं, सम्मिलित होते हैं। राज्य कर्मचारियों की पुत्रियाँ तथा बहिनें अपने विवाह के पहले तक ही इस सुविधा की अधिकारिणी होंगी, विवाह के बाद नहीं।
(ब) केवल राजस्थान सरकार के कर्मचारी ही इस शुल्क मुक्ति के अधिकारी होंगे।
(৪) एच.आई.वी./ एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता के आश्रित पुत्र पुत्रियों को शिक्षण शुल्क से मुक्त रखा जायेगा।

(ग) उपस्थिति गणना एवं अनिवार्यता :-

(अ)उपस्थिति गणना :-

(1) कक्षा 3 से 12 तक के नियमित छात्रों की उपस्थिति गणना विद्यालय प्रारम्भ होने की तिथि से तथा नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की गणना प्रवेश की तिथि (विभागीय पंचांग में अंकित अंतिम प्रवेश तिथि तक) से परीक्षा तैवारी अवकाश से पूर्व दिवस तक की जायेगी।

(2) कक्षा 3 से 7 तक व 11 की पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों की उपस्थिति गणना पूरक परीक्षा परिणाम घोषित होने के सात दिन बाद से की जायेगी।

(3) माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के छात्रों की उपस्थिति बोर्ड द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा/ पूरक परीक्षा का परिणाम (विलम्ब से घोषित होने पर) घोषित होने के सात दिन बाद अगले कार्यदिवस से की जायेगी।

(ख) उपस्थिति की अनिवार्यता :-

वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने योग्य विद्या को विद्यालय के कुल कार्य दिवसों में से निम्नानुसार उपस्थित रहना अनिवार्य है :-

(1) कक्षा 3 से कक्षा 5 तक60 प्रतिशत
(2) कक्षा 6 से कक्षा 8 तक70 प्रतिशत
(3) कक्षा 9 से कक्षा 12 तक75 प्रतिशत (बोर्ड नियमानुसार)

(स) स्वल्प उपस्थिति से मुक्ति :

यदि संस्था प्रधान संतुष्ट हो कि विद्यार्थी रूग्णावस्था के कारण अनुपस्थित रहा है तो विद्यालय के कुल कार्य दिवसों में निम्नानुसार उपस्थिति से मुक्ति देकर वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा सकेगी :

(1) कक्षा 3 से कक्षा 5 तक15 प्रतिशत
(2) कक्षा 6 से कक्षा 8 तक 10 प्रतिशत10 प्रतिशत
(3) कक्षा 9 एवं कक्षा 1130 मीटिंग (15 दिन)
(4) कक्षा 10 एंव 12बोर्ड के नियमानुसार

नोट :- रूग्णावस्था के प्रकरणों में कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थी की न्यूनतम 60 प्रतिशत उपस्थिति होने एवं सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने पर ही विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा में बैठने का अधिकारी होगा।

(घ) परीक्षा तैयारी अवकाश :

(1) विभागीय पंचांग के निर्देशानुसार कक्षा 3 से 12 के विद्यार्थियों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा हेतु एक दिन का कक्षा 3 से 8 तथा कक्षा 9 व 11 के लिए वार्षिक परीक्षा हेतु दो दिन का परीक्षा तैयारी अवकाश दिया जावेगा। परन्तु उक्त दिवसों में विद्यालय खुला रहेगा. अध्यापक एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी अभिलेख तथा परीक्षा से संबंधित व्यवस्था का कार्य पूरा करेंगे। इस प्रकार का अवकाश रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों के अतिरिक्त होगा।

(2) कक्षा 10 एवं कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा निर्देशित अथवा 14 दिवसों का परीक्षा पूर्व तैयारी अवकाश दिया जायेगा। जिसमें सात दिवसों में विद्यार्थियों हेतु विशेष कक्षाओं का आयोजन इस प्रकार से किया जाये जिससे परीक्षा में अधिकतम शैक्षिक उपलब्धि हो सके।

(1) कक्षा 3 से कक्षा 5 तक60 प्रतिशत
(2) कक्षा 6 से कक्षा 8 तक70 प्रतिशत
(3) कक्षा 9 से कक्षा 1275 प्रतिशत (बोर्ड के नियमानुसार)

(स) स्वल्प उपस्थिति से मुक्ति :-

यदि संस्था प्रधान संतुष्ट हो कि विद्यार्थी रूग्णावस्था के कारण अनुपस्थित रहा है तो विद्यालय के कुल कार्य दिवसों में निम्नानुसार उपस्थिति से मुक्ति देकर वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा सकेगी :

(1) कक्षा 3 से कक्षा 5 तक15 प्रतिशत
(2) कक्षा 6 से कक्षा 8 तक 10 प्रतिशत10 प्रतिशत
(3) कक्षा 9 एवं कक्षा 1130 मीटिंग (15 दिन)
(4) कक्षा 10 एंव 12बोर्ड के नियमानुसार

नोट :- रूग्णावस्था के प्रकरणों में कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थी की न्यूनतम 60 प्रतिशत उपस्थिति होने एवं सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने पर ही विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा में बैठने का अधिकारी होगा।

(घ) परीक्षा तैयारी अवकाश :

(1) विभागीय पंचांग के निर्देशानुसार कक्षा 3 से 12 के विद्यार्थियों को अर्धवार्षिक परीक्षा हेतु एक दिन का कक्षा 3 से 8 तथा कक्षा 9 व 11 के लिए वार्षिक परीक्षा हेतु दो दिन का परीक्षा तैयारी अवकाश दिया जावेगा। परन्तु उक्त दिवसों में विद्यालय खुला रहेगा. अध्यापक एवं अन्य अधिकारी/ कर्मचारी अभिलेख तथा परीक्षा से संबंधित व्यवस्था का कार्य पूरा करेंगे। इस प्रकार का अवकाश रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों के अतिरिक्त होगा।

(2) कक्षा 10 एवं कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, अजमेर द्वारा निर्देशित अथवा 14 दिवसों का परीक्षा पूर्व तैयारी अवकाश दिया जायेगा। जिसमें सात दिवसों में विद्यार्थियों हेतु विशेष कक्षाओं का आयोजन इस प्रकार से किया जाये जिससे परीक्षा में अधिकतम शैक्षिक उपलब्धि हो सके।

(3) जिन संस्कृत विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का परीक्षा केन्द्र है वहां बोर्ड परीक्षा अवधि में कक्षा 6, 7 एवं 8 का अध्यापन कार्य यथावत जारी रहेगा। इस कार्य हेतु समयावधि 11.30 बजे से दोपहर 2,00 बजे तक रहेगी तथा कक्षा 9 व 11 के लिए इन विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा के प्रारम्भ से लेकर इन कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा प्रारम्भ से पूर्व के दिवस तक परीक्षा तैयारी दिवस माने जायेंगे।

(ड.) प्रश्न पत्र व्यवस्था :

(1) सामायिक परखों में प्रश्न पत्र तैयार कर संस्था प्रधान को सुपुर्द करने के पश्चात् इन्हें लिखवाया अथवा श्याम पट्ट पर अंकित करवाया जा सकता हैं प्रश्न पत्र सुरक्षित रखे जायेंगे।

(2) किसी परीक्षा में विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम होने पर प्रश्न पत्र कार्बन पेपर से सुपाठ्य हस्तलिखित अथवा टंकित करवाये जायेंगे। 10 से अधिक विद्यार्थी होने पर प्रश्न पत्र मुद्रित/चकांकित करवाये जायेंगे।

(3) कक्षा 5 से 7 तथा 9 व 11 की वार्षिक परीक्षा / अर्द्धवार्षिक परीक्षा/ पूरक परीक्षा/ पुनः परीक्षा एवं कक्षा 8.10 तथा 12 की अर्द्धवार्षिक परीक्षा हेतु समान परीक्षा योजना के अन्तर्गत प्रश्न पत्रों का मुद्रण होता है तो वे प्रश्न पत्र ही उपर्युक्त परीक्षाओं के लिए प्रयोग में लिये जायेंगे।

(4) निजी शिक्षण संस्थाओं को भी समान परीक्षा योजना, संस्कृत शिक्षा से प्रश्न पत्र लेकर उनसे परीक्षा आयोजित करवाना आवश्यक होगा।

(च) सामयिक परखें एवं परीक्षाएँ :

(1) संबंधित सत्र में विभागीय पंचांग में प्रदत्त निर्देशानुसार कक्षा 9 से 12 के प्रत्येक विषय की तीन सामयिक परखें होगी। कक्षा 3 से 8 तक दो सामयिक परखें एवं दो बार लिखित गृह कार्य का मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन संस्था प्रधान द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक है।

(2) सत्र में विभागीय पंचांग में प्रदत्त निर्देशानुसार दो परीक्षाएँ आयोजित होगी :-
(क) अर्द्धवार्षिक परीक्षा – कक्षा 1 से 12 तक
(ख) वार्षिक परीक्षा – कक्षा 1 से 7 तथा 9 व 11
नोट : कक्षा 1 से 12 तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं कक्षा 1 से 7 तथा 9 व 11 की वार्षिक परीक्षा विभागीय पंचांग में प्रदत्त निर्देशों के अनुसार आयोजित होंगी।

(छ) परीक्षा परिणाम की घोषणा :

संस्था प्रधान द्वारा प्रत्येक सामयिक परख एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा के प्रगति पत्र अभिभावकों को विद्यालय में बुलाकर दिये जायें तथा विभागीय पंचांग के अनुसार निर्दिष्ट दिनांक को वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित कर सूचना पट्ट पर प्रसारित करने के पश्चात् अन्तिम रूप से प्रगति पत्र अभिभावकों को भेजे जायेंगे।

(ज) पूर्णांक :-

(अ) कक्षा 1 से 12 हेतु विभिन्न परखों एवं परीक्षाओं के पूर्णांक संलग्न सारणी के अनुसार होंगे (परिशिष्ट ख, ग, अ. ब, स, द) (ब) बोर्ड परीक्षाओं हेतु पूर्णांक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के निर्देशानुसार एवं अष्टम बोर्ड के पूर्णांक विभागीय नियमानुसार निर्धारित होंगे।

नोट : कक्षा 8 व 10 एवं 12 हेतु अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पूर्णांक सम्बद्ध बोर्ड के पेटर्न (नमूने) के अनुसार होंगे।

2. उत्तीर्णता नियम

(क) (अ) विद्यार्थियों को उनकी तीनों सामयिक परखों (जिन कक्षाओं में तृतीय जांच के स्थान पर लिखित गृह कार्य के मूल्यांकन की व्यवस्था है उस सहित) अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं के प्राप्तांको के योग को मिलाकर नियमानुसार उत्तीर्ण किया जायेगा।

(ब) कक्षा 3 से 7 तथा 9 व 11 में वही विद्यार्थी उत्तीर्ण एवं कक्षोन्नति का अधिकारी माना जायेगा जिसने प्रत्येक विषय में पूर्णांक के न्यूनतम 36% अंक प्राप्त किये हों परन्तु वार्षिक परीक्षा में प्रत्येक विषय में न्यूनतम 20% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

(स) कक्षा 11 के जिन विषयों में सैद्धान्तिक व प्रायोगिक परीक्षायें होती है उनमें अलग-अलग उत्तीर्ण होना आवश्यक है प्रायोगिक परीक्षा में कोई कृपांक देय नहीं होंगे।

(द) तीनों परखों का योग, अर्द्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों का योग यदि भिन्न में हो तो उन्हें अगले पूर्णांक में परिवर्तित कर दिया जायेगा।

नोट : राज्य सरकार द्वारा नव क्रमोन्नत विद्यालयों एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित प्रवेशिका परीक्षा की मुख्य परीक्षा/ पूरक परीक्षा का परिणाम विलम्ब से घोषित करने के कारण विद्यार्थी के नियमानुसार प्रवेश लेने से पूर्व कोई जो परख/ परीक्षाएं हो चुकी हो तो ऐसे विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम शेष परख एवं परीक्षाओं के पूर्णाकों के योग के आधार पर घोषित किया जायेगा।

(ख) रूग्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना :

(1) यदि कोई विद्यार्थी (कक्षा 3 से 7 तथा 9 व 11) अपनी रूग्णावस्था / अन्य युक्तियुक्त कारण से किसी सामयिक परख या अर्द्धवार्षिक परीक्षा में उपस्थित होने की स्थिति में नहीं रहा है तो उसे उक्त परीक्षा प्रारम्भ होने के एक सप्ताह की समयावधि में रूग्णता प्रमाण पत्र, युक्तियुक्त कारण का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना होगा।

(2) बोर्ड के परीक्षार्थियों को छोड़कर अन्तिम परीक्षा परिणाम उन्हीं विद्यार्थियों का घोषित किया जाऐगा, जिन्होंने कम से कम दो सामयिक परखें तथा वार्षिक परीक्षा अथवा एक सामयिक परख, अर्द्धवार्षिक परीक्षा तथा वार्षिक परीक्षा दी हो।

(ग) कृपांक :-

(1) कृपांक के लिए विद्यार्थी का आचरण एवं व्यवहार उस सत्र में उत्तम होना आवश्यक होगा।

(2) कक्षा 9 एवं 11 में विद्यार्थी एक ही विषय में असफल है तो उस विषय के पूर्णांक के अधिकतम 5 प्रतिशत कृपांक दिये जा सकते हैं यदि विद्यार्थी दो विषयों में असफल है तो प्रत्येक संबंधित विषय में उसके पूर्णांक के अधिकतम दो प्रतिशत कृपांक दिये जा सकेंगे।

(3) कक्षा 3 से 7 में यदि विद्यार्थी एक ही विषय में असफल है तो उस विषय के पूर्णांक के अधिकतम 6 प्रतिशत कृपांक दिये जा सकते है। और यदि विद्यार्थी दो विषयों में असफल है तो उसे संबंधित विषयों में उसके पूर्णांकों के अधिकतम 3 प्रतिशत कृपांक किसी भी अनुपात में दिये जा सकेंगे।

(4) रूग्णावस्था की छूट का लाभ प्राप्त करने वाले विषय में उत्तीर्ण होने पर ही छात्र अन्य विषयों में कृपांक प्राप्त करने का अधिकारी होगा।

(घ) श्रेणी निर्धारण नियम :

(1) 60 प्रतिशत या अधिक प्राप्तांक पर प्रथम श्रेणी मानी जायेगी।

(2) 48 प्रतिशत व उससे अधिक परन्तु प्रतिशत से कम प्राप्तांक होने पर द्वितीय श्रेणी मानी जायेगी।

(3) 36 प्रतिशत व उससे अधिक परन्तु 48 प्रतिशत से कम प्राप्तांक होने पर तृतीय श्रेणी मानी जायेगी।

(4) 75 प्रतिशत व उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर उस विषय में विशेष योग्यता मानी जायेगी।

(5) अगर कोई विद्यार्थी रूग्ण रहने के फलस्वरूप परख या अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुआ है तो उसका श्रेणी/ स्थान निम्न प्रकार से निर्धारित किया जायेगा। विद्यार्थी जिन परखों/परीक्षाओं में सम्मिलित हुआ है उनके पूर्णांक किसी सामयिक के आधार पर प्राप्तांको के प्रतिशत के अनुसार श्रेणी/ कक्षा में स्थान निर्धारण किया जायेगा।

(6) श्रेणी निर्धारण कृपांक रहित प्राप्तांकों के वृहद योग के आधार पर ही होगा अर्थात् निर्धारण करते समय कृपांक नहीं जोड़े जायेंगे।

(7) पूरक परीक्षा में विषय के न्यूनतम प्राप्तांक जोड़कर ही प्रतिशत अंक निर्धारित किये जायें तथा श्रेणी के स्थान पर पूरक अंकित किया जाये। कक्षा 1 से 5 तक समाजयोपयोगी कार्य, स्वास्थ्य शिक्षा, कला शिक्षा, में ग्रेडिंग प्रणाली का संलग्न परिशिष्ट क.ख के अनुसार अंक तालिका में समावेश किया जाये।

3. पूरक / पुनः परीक्षा नियम :-

(क) पूरक परीक्षा नियम :-

(अ) पात्रता :

(1) कक्षा 3 से 5 तक में अध्ययनरत छात्र जिन विषयों में 36 प्रतिशत अंक प्राप्त नहीं कर पाता है, उन सभी विषयों में पूरक योग्य घोषित किया जाए पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण रहने पर छात्र को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जायेगा।
(2) कक्षा 6, 7, 9 एवं 11 में पूरक परीक्षा अधिकतम दो विषयों में दी जा सकेगी।
(3) कक्षा 6 व 7 में पूरक विषय में वार्षिक परीक्षा के पूर्णाकों का 20 प्रतिशत एवं कक्षा 9 व 11 में 25 प्रतिशत अक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

(ब) परीक्षा आयोजन :-

परीक्षा विभागीय पंचाग के अनुसार निर्धारित तिथियों में ही आयोजित होगी।

(स) पूर्णाक :

प्रत्येक विषय का पूर्णांक वार्षिक परीक्षा के पूर्णांक के अनुरूप होगा तथा प्रश्न पत्र में सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का समावेश किया जायेगा।

(द) परीक्षा उत्तीर्णता :-

(1) वही परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किया जायेगा जिसने पूरक परीक्षा के प्रत्येक विषय/ विषयों में अलग-अलग 36 प्रतिशत अंक प्राप्त किये होंगे।(2) पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए कृपांक नहीं दिये जायेंगे।

(य) परीक्षा परीणाम :-

विभागीय पंचांग में निर्दिष्ट दिनांक पर परीक्षा परिणाम घोषित किया जायेगा।

(र) परीक्षा शुल्क (प्रति विषय) :-

(1) कक्षा 3 से 5 तक – 5.00 रूपये
(2) कक्षा 6, 7, 9 व 11 तक – 10.00 रूपये
नोट :- समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा परिवर्धित शुल्क ग्राह्य होगा।

(ख) पुनः परीक्षा (नियमित विद्यार्थियों हेतु) :-

(अ) पात्रता :

कक्षा 6 व 7 तथा 9 व 11 की वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने योग्य विद्यार्थी यदि वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकने की स्थिति में रूग्णता प्रमाण पत्र युक्तियुक्त कारण का प्रार्थना पत्र देता है तो वह उन विषय/ विषयों में पुनः परीक्षा में बैठ सकेगा। पूरक परीक्षा के साथ पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा तथा उन विषयों में 36 प्रतिशत अंक प्राप्त होने पर उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा पुन: परीक्षा में कृपांक देय नहीं होंगे।

(ब) परीक्षा आयोजन :-

पुनः परीक्षा उन्हीं तिथियों में होगी, जिन तिथियों में पूरक परीक्षा आयोजित होनी होगी।

(स) पुन: परीक्षा शुल्क प्रति विषय) :-

कक्षा 3 से 5 तक – 5.00 रूपये
कक्षा 6.7.9 तथा 11 – 10.00 रूपये

नोट :- समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा परिवर्धित शुल्क ग्राह्य होगा।

(द) परीक्षा परिणाम :

सामायिक परखों, अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों का योगकर परीक्षा फल घोषित किया जायेगा। जिन विषयों में विद्यार्थी ने पुनः परीक्षा दी है उन विषयों में वह कृपांक पाने का अधिकारी नहीं होगा शेष विषयों में उत्तीर्णता नियम 2( ग) के अनुसार कृपांक का अधिकारी होगा।

4. अन्य नियम :-

(अ) उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा :
(1) प्रत्येक सामयिक परख एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकायें विद्यार्थियों को दिखाई जायेगी।
(2) सभी परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यालय में आगामी सत्र की समाप्ति तक सुरक्षित रखा जायेगा।
(3) परिवीक्षण अधिकारियों द्वारा विद्यालय के परिवीक्षण के अवसर पर उक्त रेकार्ड का निरीक्षण किया जावेगा। गलत मूल्यांकन पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

(ब) पुनरावलोकन एवं अन्य नियम :

(1) कोई विद्यार्थी यदि अपनी वार्षिक परीक्षा में रूग्णता/युक्तियुक्त कारण से सम्मिलित न हुआ हो तो उसे अपना रूग्णता प्रमाण-पत्र/ युक्तियुक्त कारण का प्रार्थना-पत्र परीक्षा/ प्रश्न पत्र प्रारम्भ होने के सात दिवस की अवधि में प्रस्तुत करना होगा।

(2) परीक्षा परिणाम घोषित होते ही परीक्षा परिणाम की एक प्रति परिणाम घोषित करने के दिन या अगले दिन नियन्त्रण अधिकारी को प्रेषित की जायेगी।

(3) विद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित करने के पश्चात् उसी दिन अथवा अधिकतम दो दिन की अवधि में परीक्षार्थियों को उनकी अंकतालिका देनी होगी।

(4) परीक्षाफल पुनरावलोकन के लिए प्रार्थना पत्र निर्धारित शुल्क रूपये 10/- प्रति विषय के साथ परीक्षाफल घोषित होने के पश्चात सात दिन की अवधि में संस्था प्रधान के पास विद्यार्थी अथवा उसके अभिभावक द्वारा प्रस्तुत करना होगा।

(5) पुनरावलोकन में केवल निम्नलिखित जाँच सम्मिलित होंगी :-
(क) सभी प्रश्न जाँचे गये है या नहीं ?
(ख) अंको का योग सही है या नहीं ?

(6) पुनरावलोकन में कोई त्रुटि पाये जाने अथवा नहीं पाये जाने पर भी पुनरावलोकन शुल्क वापस नहीं लौटाया जायेगा।

(7) ऐसे पुनरावलोकन के सभी प्रकरणों का निस्तारण पूरक परीक्षा के पूर्व ही करना होगा।

(8) यदि कोई विद्यार्थी सत्र के बीच मे किती ऐसे विद्यालय से आकर प्रवेश लेता है जहाँ सामयिक परख प्रयुक्त नहीं होती है तो ऐसे विद्यार्थी का परीक्षा परिणाम विद्यालय स्तर पर एक लिखित सामयिक परख आयोजित कर एक परख, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के आधार पर घोषित किया जायेगा।

(9) प्रगति पत्र की दूसरी प्रति पाँच रूपये शुल्क सहित प्रार्थना पत्र ह प्रस्तुत करने पर दी जा सकेगी। जिस पर “द्वितीय प्रति” अंकित करना जरूरी होगा तथा उसका स्थायी अभिलेख मे इन्द्राज भी किया जायेगा।

(10) कोई भी छात्र किसी अन्य छात्र की जाँची हुई सामयिक परख या अर्द्धवार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका देखना चाहे तो उसके लिए संस्था प्रधान से लिखित अनुमति प्राप्त कर प्रति विषय 5.00 रूपये की दर से शुल्क जमा कराकर संस्था प्रधान के समक्ष ऐसी उत्तर पुस्तिका देख सकेगा। यदि उक्त छात्र या उसके अभिभावक द्वारा उत्तर पुस्तिका को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो संस्था प्रधान उसके विरूद्ध स्थानीय थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा कर प्रतिलिपि अपने नियन्त्रण अधिकारी को देगा।