राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम, 1996 (Compassionate Appointment Rules to the Dependents of Rajasthan Deceased Government Employees 1996)

10.प्रक्रिया-

(1) किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उत्तरजीवी पति या पत्नी स्वयं को या किसी अन्य आश्रित की नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगे।

(2) जहां मृत सरकारी कर्मचारी का कोई जीवित पति या पत्नी ना हो वहां सरकारी कर्मचारी के किसी भी आश्रित द्वारा आवेदन किया जाएगा और अन्य आश्रितों को उसकी अभ्यर्थिता के लिए अपनी सहमति देनी होगी। परंतु यह है कि आश्रितों में से एक से अधिक द्वारा नियोजन चाहा जाए तो विभागाध्यक्ष संपूर्ण परिवार विशेषकर अवयस्क सदस्यों के समग्र हित और कल्याण को देखते हुए किसी भी एक का चयन करेगा।

(3) ऐसा आवेदन ’’उपाबंध- क’’ के रूप में संलग्न प्रारूप में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की तारीख से 45 दिन के भीतर विभागाध्यक्ष को किया जाएगा अभ्यर्थी आवेदन के स्तंभ – 7 में उल्लिखित परिवार के सभी सदस्यों की मासिक आय (सभी स्रोतों से) के समर्थन में एक शपथ पत्र प्रस्तुत करेगा।

(4) अखिल भारतीय सेवाओं, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान लेखा सेवा, राजस्थान विधिक राज्य एवं अधीनस्थ सेवा और राजस्थान आर्थिक एवं सांख्यिकी सेवा आदि के मामलों में जहां अधिकारी सरकार के विभिन्न विभागों में पद स्थापित किए जाते हैं, आवेदन उस समय विभागाध्यक्ष/ कार्यालयाध्यक्ष के माध्यम से उस सेवा को नियंत्रित करने वाले प्रशासनिक विभाग को किए जाएंगे जहां वह सरकारी कर्मचारी अपनी मृत्यु के समय पदस्थापित था।

(5) प्रशासनिक विभाग का यह दायित्व होगा कि वह आश्रितों को अपने स्वयं के विभाग में नियुक्ति दे और किसी भी दशा में इस दायित्व को अन्य विभाग को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

(6) उपयुक्त पद रिक्त ना होने की दशा में नियोजन उपलब्ध कराने के लिए आवेदन ’’पहले आऐं पहले पाऐं’’ के आधार पर प्रतीक्षा सूची में रखे जाएंगे। यदि निम्न स्तर वेतनमान में कोई पद तुरंत उपलब्ध हो तो निम्नतर पद का आवेदक को प्रस्ताव किया जा सकता है और आवेदक के लिए यह विकल्प होगा कि वह या तो आवेदित पद के लिए प्रतीक्षा करें या उपलब्ध निम्नत्तर पद स्वीकार करें। यदि आवेदक उपलब्ध अन्य निम्नतर पद स्वीकार करता है तो वह आवेदित उच्चतर पद के लिए अपना दावा खो देगा और उसका नाम प्रतीक्षासूची में नहीं रखा जाएगा। परंतु यदि आवेदन प्रस्तुत करने की तारीख से 2 वर्ष के भीतर नियुक्ति के लिए कोई पद उपलब्ध नहीं होता है तो मामला अन्य विभाग में नियुक्ति के लिए कार्मिक विभाग को निर्देशित किया जाएगा।

(7) राज्य संवर्गो वाली सेवाओं जैसे कार्मिक विभाग द्वारा नियंत्रित अखिल भारतीय सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान सचिवालय सेवा, के सदस्यों की मृत्यु की दशा में, आवेदन सचिव, कार्मिक विभाग को किया जाएगा और यह कार्मिक विभाग का दायित्व होगा कि वह किसी उपयुक्त पद की व्यवस्था करे।

11.अध्यारोही प्रभाव-

इन नियमों के प्रारंभ के समय प्रवृति इन्हीं नियमों, विनियमों या आदेशों के अंतर्विष्ट किसी विपरीत बात के होते हुए भी, ये नियम और इनके अधीन जारी किए गए कोई आदेश प्रभाव में रहेंगे।

12.नोडल विभाग-

कार्मिक (क-2) विभागीय नियमों को प्रशासित करने के प्रयोजनार्थ नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा और वह ऐसा कोई सामान्य या विशेष आदेश कर सकेगा जो वह इन नियमों के समुचित क्रियान्वयन के लिए आवश्यक या समीचीन समझे।

13.शंकाओं का निराकरण-

यदि इन नियमों के लागू करने, निर्वाचन और विस्तार संबंधी कोई शंका उत्पन्न हो तो उसे सरकार के कार्मिक (क-2) विभाग को निर्देशित किया जाएगा जिसका उस पर विनिश्चय अंतिम होगा।

14.कठिनाइयों के निराकरण की शक्ति-

राज्य सरकार किसी कठिनाई के निराकरण के प्रयोजनार्थ (उसकी विद्यमानता के लिए जिसके लिए वह एकमात्र निर्णायक है) इन नियमों के किसी उपबंध के क्रियान्वयन के लिए ऐसा कोई साधारण या विशेष आदेश दे सकेगी जैसा वह लोकहित में आवश्यक या समीचीन समझे।

15.निरसन एवं व्यावृत्ति-

विद्यमान राजस्थान सेवा काल के दौरान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों की भर्ती नियम, 1975 और उनके अधीन जारी किए गए किसी भी आदेशों को इसके द्वारा निरसित किया जाता हैः परंतु इस प्रकार निरसित अतिष्ठित किए गए नियमों और आदेशों के अधीन की गई कोई भी कार्यवाही इन नियमों के उपबंधों के अधीन की हुई समझी जाएगी।