राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम, 1996 (Compassionate Appointment Rules to the Dependents of Rajasthan Deceased Government Employees 1996)

5 कतिपय शर्तों के अध्यधीन नियुक्ति-

जब किसी सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके किसी एक आश्रित की इस शर्त के अध्यधीन सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकेगा कि इन नियमों के अधीन उन मामलों में अनुज्ञेय नहीं होगा जहां पति या पत्नी या कोई एक पुत्र, अविवाहित पुत्री, दत्तक पुत्र/पुत्री केंद्र या राज्य सरकार अथवा केंद्र सरकार राज्य सरकार के कानूनी बोर्ड संगठन/निगम जो पूर्णतः या भागतः केंद्र/राज्य सरकार के स्वामित्व में हो या नियंत्रण में हो, के अधीन सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के समय नियमित आधार पर पहले से ही नियोजित हो। परंतु यह शर्त वहां लागू नहीं होगी जहां विधवा स्वयं के लिए नियोजन प्राप्त करती है।

06.पदों का चयन-

(1) आश्रित कि उनकी शैक्षिक अहर्ताओं के अनुसार और सेवा की अन्य शर्तों की पूर्ति करने पर अधीनस्थ सेवाओं/मंत्रालयिक सेवाओं/चतुर्थ श्रेणी सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले केवल वेतनमान संख्या 1 से 9 तक के पदों पर मृत कर्मचारी की रैंक और प्रास्थिति को विचार में लाए बिना, नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा।

(2) इन नियमों के अधीन किसी पद पर एक बार नियुक्त कर दिए जाने पर इन नियमों के अधीन आश्रित प्रसुविधा उपभोग की गई मान ली जाएगी और मामले पर किसी भी परिस्थिति में किसी अन्य पद पर नियुक्ति के लिए पुनः विचार नहीं किया जाएगा।

7.अहर्ताऐं-

(1) आश्रित के पास नियुक्ति के समय संबंधित सेवा नियमों के अधीन के पद के लिए अहर्ताएंे होनी चाहिए।

(2) चतुर्थ श्रेणी सेवा में नियुक्ति के लिए विचार करते समय पद के लिए शैक्षिक अहर्ताओं की अपेक्षा से अभिमुक्ति दी जाएगी ।

(3) किसी आश्रित की नियुक्ति किए जाने से पूर्व नियुक्ति प्राधिकारी स्वयं का समाधान करेगा कि उसके चरित्र और शारीरिक योग्यता तथा संबंधित नियमों में विहित अन्य सामान्य शर्तों को देखते हुए, वह सरकारी सेवा में नियुक्ति के लिए अन्यथा उपयुक्त है।

8.आयु-

आश्रित को नियुक्ति के समय संबंधित सेवा नियमों के अधीन के पद के लिए विहित आयु सीमा के भीतर होना चाहिए परंतु-

(1) किसी विधवा के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं होगी।

(2) अन्य के लिए ऊपरी आयु सीमा उस कालावधि में 5 वर्ष तक शिथिलनीय रहेगी या 40 वर्ष की आयु तक की जो भी कम हो, होगी ।

(3) आयु की संगणना करने के लिए निर्णायक तारीख, नियुक्ति के लिए आवेदन प्राप्त करने की तारीख होगी। एक उपयुक्त पद की व्यवस्था करने में बीता समय आश्रित को निरर्हित नहीं करेगा यदि वह उस कालावधि के दौरान अधिक आयु हो जाता है।

9.प्रक्रियात्मक अपेक्षाएं आदि-

प्रारंभिक नियुक्ति के समय चयन के लिए प्रक्रियात्मक अपेक्षाओं, जैसे प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा या टंकण परीक्षा पर जोर नहीं दिया जाएगा। तथापि, आश्रित से 3 वर्ष के भीतर स्थायीकरण के लिए हकदारी हेतु ऐसा प्रशिक्षण या विभागीय परीक्षा या टंकण परीक्षा उत्तीर्ण करने की अपेक्षा की जाएगी और ऐसा ना होने पर उसकी नियुक्ति समाप्त होने के दायित्वाधीन होगी। जब तक वह ऐसी अहर्ता अर्जित नहीं कर लेता है, तब तक उसे कोई वार्षिक वेतन वृद्धि अनुज्ञेय अनुतात नहीं की जाएगी। ऐसी अहर्ताऐं अर्जित करने पर उसे नियुक्ति की तारीख से काल्पनिक रूप से वेतन वृद्धियां अनुज्ञात की जाएगी किंतु कोई बकाया संदत नहीं की जाएगी।
टिप्पणी- इस नियम के प्रयोजनार्थ विभागाध्यक्ष अभ्यर्थियों की संख्या को विचार में लाए बिना प्रत्येक वर्ष ऐसी परीक्षा (टेस्ट) आयोजित करेगा।