सुगमकर्ता एवं संस्थाप्रधान द्वारा गार्गी मंच को मार्गदर्शन हेतु पृथक-पृथक दायित्व

1.सुगमकर्ता का दायित्व होगा कि – गार्गी मंच (Gargi Manch) हेतु प्रस्तावित नामांकन अभियान एवं मासिक बैठकों व चर्चाओं हेतु मंच के सदस्यों को सहयोग देगी साथ ही विद्यालय के समस्त छात्र छात्राएं गार्गी मंच की गतिविधियों से जुड़े, इस हेतु नियोजन करेगी और गार्गी मंच को प्रोत्साहित करेगी। विशेष रूप से सुगमकर्ता निम्नलिखित कार्यों का निर्वहन करेगी-

>>गार्गी मंच के गठन में सहयोग करें।
>>गार्गी मंच के सदस्य चुनने में सहयोग करें।
>>गार्गी मंच की सदस्यों को समझाएं कि उन्हें क्या और कैसे करना है ।
>>चर्चाओं को शुरूआती दौर में आयोजित कर सीखायें कि वे कैसे विषय-वस्तु से जुड़ कर वार्ता करें और स्कूल के सभी बालक-बालिकाओं को उसमें सहभागी करवायें।
>>कार्यक्रम अथवा चर्चाओं को सार्थक बनाने हेतु संबंधित विषय सामग्री प्राप्त करने हेतु सहयोग करें।
>>मंच की बालिकाओं को स्कूल में और समुदाय में होने वाली गतिविधियों की योजना बनाने और उसके संचालन में मार्गदर्शन दें।
>>मंच की बालिकाओं को प्रोत्साहित करें कि वे अपनी प्रतिभा और प्रयासों को स्कूल से बाहर प्रदर्शन कर सकें और बदलाव के लिये किये जाने वाले प्रयासों को बढ़ावा दें।
>>मंच के सराहनीय कार्यों को स्कूल एवं समुदाय में प्रोत्साहित करें।
>>संस्थाप्रधानों के दिशा निर्देशानुसार गार्गी मंच को प्रभावी बनाना।

2. संस्थाप्रधान की जिम्मेदारी होगी कि सुगमकर्ता अपना दायित्व पूरा कर सके। संस्थाप्रधान सुगमकर्ता को प्रोत्साहन, मार्गदर्शन, मॉनीटरिंग, सहयोग प्रदान करेगा जिससे की गार्गी मंच प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। साथ ही गार्गी मंच की समस्त गतिविधियों के संचालन हेतु समस्त व्यवस्थाएं / उपस्थिति/ सुविधाओं/ सामग्री इत्यादि की व्यवस्था करने का दायित्व संस्थाप्रधान का होगा। साथ ही समय-समय पर बालिकाओं की मांग अनुसार समुदाय में बैठकें आयोजित करना / बाहर से वक्ताओं/ संदर्भ व्यक्तियों को बुला चर्चा करवाना. स्कूल एवं समुदाय में विभिन्न बैठकें आयोजित करवाना इत्यादि का कार्य भी संस्थाप्रधान का होगा।

2. गार्गी मंच (Gargi Manch) हेतु गतिविधियाँ-

गार्गी मंच के सदस्य प्रत्येक माह में दो बार अपनी गतिवधियों का संचालन करेंगे, जिस हेतु संस्थाप्रधान विद्यालय समय सारणी में व्यवस्था करेंगे और सुगमकर्ता गतिविधि संचालन में मार्गदर्शन करेगी। गार्गी मंच के सदस्य अपनी गतिविधियों के संचालन में विद्यालय के समस्त अन्य छात्राओं और छात्रों को भी अपने साथ जोड़ेगे। गार्गी मंच के संचालन हेतु छात्राओं को निम्नांकित विभिन्न गतिविधियों के आयोजन हेतु प्रोत्साहित किया जाये, जिसका विवरण संलग्न है –

>>प्रवेशोत्सव।
>>उपस्थिति चार्ट।
>>नुक्कड नाटक।
>>छोटे समूह में चर्चा (उपस्थिति, बाल विवाह, सुरक्षा, बाल श्रम, जेण्डर आधारित भेदभाव, आदि)
खतरों की पहचान
>>सुरक्षा, संरक्षा पर सुगमकर्ता द्वारा चर्चा और काउन्सिलिंग (क्रिटिकल डॉयलॉग टूल का उपयोग करें)।
>>सकारात्मक एवं नकारात्मक शब्दों की पहचान।
>>जीवनयापन, जेण्डर एवं सोच पर शिक्षिकाओं द्वारा नियमित संवाद। द्वैमासिक कार्यशालाओं का आयोजन संस्थाप्रधान विद्यालय में समय-समय पर छात्राओं-छात्रों को बाल अधिकार, जेण्डर संवेदनशीलता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता महावारी स्वच्छता एवं मिथक आदि विषयवस्तु पर जागरूक करने हेतु विशेषज्ञ आमंत्रित कर प्रति दो माह में एक कार्यशाला भी करवाये।

समस्त गतिविधियां गार्गी मंच पहले स्वयं के स्तर पर कर सीखे और समझे। तत्पश्चात छोटे-छोटे समूहों में (कक्षावार) अन्य साथी बालिकाओं/ बालकों के साथ भी करे। गतिविधियों करने से पूर्व एवं पश्चात सुगमकर्ता समूह से चर्चा करे और यह सुनिश्चित करे कि क्या कोई भी ऐसा केस तो नहीं है जिसे शिक्षक/ विद्यालय के स्तर से सुलझाये जाने की आवश्यकता है। साथ ही गार्गी मंच के सदस्यों को समय-समय पर पूरा सहयोग, उत्साह एवं मार्गदर्शन प्रदान करे। गार्गी मंच के किये जाने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित करने हेतु संस्थाप्रधान समय-समय पर विद्यालय स्तरीय समारोहों में अध्यक्ष एवं सदस्यों को सम्मानित करे इसके अतिरिक्त विद्यालय के बरामदे के एक हिस्से पर गार्गी मंच के अध्यक्ष का नाम समयावधि सहित पेन्ट करवाकर लिखा जाये तथा इसे प्रतिवर्ष आगे बढ़ाया जाये।

3. गार्गी मंच (Gargi Manch) के अर्न्तगत किये जाने वाले कार्य एवं वित्तीय प्रावधान-

गार्गी मंच की नियमित गतिविधियों के अतिरिक्त सत्र पर्यन्त विद्यालय प्रबंधन द्वारा निम्नलिखित दो गतिविधियों का संचालन समारोह पूर्वक किया जायेगा

(3.1) राष्ट्रीय बालिका दिवस समारोह का आयोजन

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया जाता है। सत्र 2019-20 में 24 जनवरी 2020 को समस्त माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बालिका शिक्षा समारोह का आयोजन किया जाना सुनिश्चित करें। समारोह में मुख्य तौर पर निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन करवाया जाये।

>>राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में आधे दिन विद्यालय में समारोह का आयोजन किया जाये। समारोह में छात्राओं की उपलब्धियों, विद्यालय में किये जा रहे सुधारों के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जाये। 

>>आयोजन की पूरी योजना गार्गी मंच के द्वारा की जाये योजनानुस्र संस्थाप्रधान पूरे कार्यक्रम को साकार रूप देने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम में मंच संचालन संबंधी कार्य भी छात्राओं को दिये जायें।

>> आयोजन में बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं बाल अधिकारों पर स्लोगन तख्तियों पर लिखे जायें जिसे विद्यालय में समारोह के स्थान पर प्रदर्शित किया जाये।

>> बाल अधिकारों, बालिका शिक्षा और जेण्डर संबंधी मुद्दों पर कम से कम दो नाटकों का आयोजन भी गार्गी मंच के माध्यम से किया जाये।

>> समारोह में वाद-विवाद, चित्रकला, रंगोली, खेलकूद आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा सकेगा।

>> बालिकाओं द्वारा सीखी गयी आत्मरक्षा प्रशिक्षण का भी प्रर्दशन किया जाये। 

>> समस्त बच्चों को बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं विविध योजनाओं, बाल अधिकारों पर जानकारी देने हेतु पम्पलेट प्रिन्ट करवाकर दिये जायें।

>> पम्पलेट में बालिका शिक्षा स्लोगन भी दिये जा सकेंगे पम्पलेट की प्रिन्ट सामग्री संदर्भ हेतु संलग्न है। विद्यालय पम्पलेट के साथ अपने स्कूल की रोल मॉडल की जानकारी भी उपलब्ध करा सकता है।

>> बच्चों को स्वयं पढ़ने, घर के सदस्यों और अपने साथियों को पढ़ाने और स्वयं के साथ रखने हेतु कहा जाये।

>>  समस्त अभिभावकों को समारोह में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया जाये।

>>  समारोह में आधा समय अभिभावकों के साथ चर्चा का रखा जाये। जिसके दौरान अभिभावकों को विद्यालय के छात्राओं की उपलब्धियों पर चर्चा की जाये। उपलब्धियों में विद्यालय से निकले रोल मॉडल को भी सम्मिलिति किया जाये। समारोह में नियमित विद्यालय आने वाली छात्रओं के अभिभावकों को सम्मानित किया जाये।

>> समारोह में अभिभावकों से विद्यालय को बालिका संवेदी बनाने हेतु सुझाव मांगे जाये और उसका रिकार्ड भी संधारित हो।

>> राष्ट्रीय बालिका शिक्षा दिवस समारोह का आयोजन विद्यालय समय के आधे अवधि में समस्त विद्यालयों में किया जाये।

 (3.2) जेण्डर रिपोर्ट कार्ड एवं गार्गी मंच की उपलब्धियों का प्रदर्शन

सभी विद्यालय बालिकाओं की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हों, इस हेतु आवश्यक है कि वे तय पैरामीटर पर सभी विद्यालयों समय-समय पर स्वयं का आकलन करें और प्रभावशाली कदम उठायें। इस ओर स्व-आकलन हेतु प्रोत्साहित करने की दिशा में सभी विद्यालयों में गार्गी मंच का प्रचार प्रसार किया जावे।

गार्गी मंच (Gargi Manch) की गतिविधियाँ

1. प्रवेशोत्सव एवं नामांकन अभियान

1. संस्थाप्रधान गार्गी मंच को विद्यालय परिक्षेत्र में आने वाले समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों से कक्षा 8 उर्तीण बालिकाओं की सूची-विद्यालय में नामांकित और अनामांकित श्रेणीवार, उपलब्ध करवायेगा।

2. गार्गी मंच सूची का विश्लेषण कर यह निर्धारित करेंगे कि किस गांव, ढाणी / क्षेत्र से बालिकाएं अभी तक नामांकित नहीं हुई हैं। ऐसी बालिकाओं की सूची को उसी क्षेत्र में रहने वाले बच्चों का समूह बनाकर साझा किया जायेगा और उन्हें स्कूल में लाने हेतु प्रेरित किया जायेगा।

3. ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाये एवं कार्य क्षेत्र भी ग्राम पंचायत स्तरीय हो जो बालिकाएं किशोर-किशोरियों के समूह के द्वारा भी विद्यालय में नामंकित नहीं हो पातीं, उन किशोरियों को विद्यालय परिसर में अपने अभिभावकों (विशेषकर माताओं) के सहित भ्रमण/ आने हेतु गार्गी मंच आमंत्रित करे। विद्यालय परिसर में नामांकन प्रेरणा का कार्यक्रम आयोजित हो, जिसमें नाटक, कहानी, प्रेरणा संदेश, कविताएं इत्यादि प्रस्तुत किये जा सकेंगे इस हेतु गार्गी मंच विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं को प्रस्तुति देने हेतु आमंत्रित करे और चयनित प्रस्तुतियां रखी जायें उक्त कार्यक्रम का आयोजन आवश्यकतानुसार प्रार्थना सभा अथवा मध्यान्ह अथवा विद्यालय समय के अंतिम एक घण्टे में किया जा सकेगा।

4. गार्गी मंच कक्षा 8 उर्तीण बालिकाओं की प्राप्त सूची में अधिकतम ड्रॉपआउट वाले गांव, ढाणी में से सुगमकर्ता के माध्यम से किसी एक अथक दो गावों का चयन करे और उस क्षेत्र/ गांव हेतु विशेष नामांकन अभियान का आयोजन करे। उक्त कार्यक्रम जिले के समस्त विद्यालयों द्वारा एक साथ किया जाये। अर्थात जिले के समस्त माध्यमिक व उ0मा० विद्यालयों द्वारा अधिकत ड्रॉपआउट वाले किसी एक अथवा दो गांवों/क्षेत्र में गार्गी मंच नामांकन अभियान का आयोजन किया जायेगा।

5. उक्त नामांकन अभियान हेतु गार्गी मंच सुगमकर्ता एवं प्रधानाध्यापक के मार्गदर्शन में निम्नलिखित तैयारी करेगा –

>>  सुगमकर्ता के सहयोग से अभियान की तैयारी की रूपरेखा बनाना।

>> आपसी चर्चाकर गार्गी मंच के समस्त सदस्यों में कार्य विभाजन करन। आवश्यकतानुसार गार्गी मंच के सदस्य / प्रेरक अपनी कक्षाओं से सहयोग हेतु अन्य बालिकाओं का चयन करना।

>> बच्चों द्वारा अभियान के दौरान की जाने वाली गतिविधियों की पूर्व तैयारी करना, जैसे नाटक. गीत, स्लोगन, तख्तियां, कहानी, प्रेरणास्पद रोज- मॉडल बालिकाओं की जीवन, आदि। ध्यान रहे कि उक्त अभियान में बालिकाओं की भागीदारी अधिकतम रहे. इस हेतु प्रत्येक 4 में से 3 विद्यार्थी बालिकाएं ही हों।

>> कार्ययोजना एवं दायित्वों के विभाजन की योजना को प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक से साझा करना।

>> संबंधित वार्ड सदस्य से मिल कर सहयोग प्राप्त करना। पंचायत के सरपंच को अभियान के आह्वान करने और अभिभावकों व बालिकाओं को संदेश देने हेतु आमंत्रित करना। .

>> प्रत्येक माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय संस्थाप्रधान अपने ग्राम पंचायत के अनामंकित ड्रॉपआउट बालिकाओं (आयु 14-17 वर्ष) की सूची तैयार करे तथा उनका शतप्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करें।

>> पंचायत की स्थायी शिक्षा समिति के सदस्यों को अभियान में प्रतिभाग लेने हेतु आमंत्रित करना

>>  एस.डी.एम.सी. सदस्यों को आमंत्रित करना। उनकी बैठक बुलवाकर समस्त ड्रॉपआउट बलिकाओं की सूची साझा एवं सहयोग लेना। कार्यक्रम के संचालन में आवश्यकतानुसार जिम्मेदारी तयकर सौंपना।

>> चयनित क्षेत्र/ मजरे से आने वाले अथक निकटतम मजरे के छात्र व छात्राओं के माध्यम से उस क्षेत्र के समस्त परिवारों को (विशेषकर ड्रॉपआउट बालिकाओं और उनके अभिभावकों को) कार्यक्रम में शामिल होने हेतु आमंत्रित करना। उक्त कार्यक्रम में अपने पंचायत / ब्लॉक / जिले से राजकीय विद्यालय से पढ़ कर कोई मुकाम हासिल करने वाली महिला को प्रेरणा-स्त्रोत/ रोल-मॉडल के रूप में आमंत्रित करना ।

>>  विभिन्न राजकीय/ गैर-राजकीय क्षेत्रों से जुड़ी सक्रिय एवं प्रेरणा/हौसला देने वाली महिलाओं को आमंत्रित करना। 

6. उक्त नामांकन अभियान का संचालन निम्नानुसार किया जायेगा-

>> अभिभावकों की अधिकतम उपलब्धता के अनुसार समय का निर्धारण किया जाये।

>> गार्गी मंच के सदस्य एवं सुगमकर्ता के अतिरिक्त विद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी भी उक्त नामांकन अभियान में प्रतिभाग करेंगे। ध्यान दें कि जो बालिकाएं उस मजरे क्षेत्र से देर रहती हों, उसकी उसके घर के दूरी के मध्य की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए उसे इस कार्यक्रम में प्रतिभाग लेने हेतु बाध्य नहीं किया जाये। अतः बच्चों के सहभागिता हेतु चयनित स्थल से उनकी दूरी को भी मध्यनजर रखा जाये।

>> समस्त बच्चे नामांकन हेतु प्रेरणा संदेश, स्लोगन आदि की तख्तियां बनाकर साथ ले जायेंगे।

>> शिक्षक एवं बच्चे पूरे मजरे में भ्रमण करेंगे और स्लोगन व प्रेरणा गीत गायेंगे।

>> समुदाय के किसी एक स्थान पर एकत्र होकर नामांकन एवं बालिका शिक्षा हेतु संदेश देंगे। इस हेतु गीत, कहानियां नाटक आदि का प्रयोग किया जायेगा ।

>> उक्त नाटक, कहानियों, गीतों के तैयारी हेतु संस्थाप्रधान विद्यालय अथवा बाहर से किसी आर्टिस्ट की सहायता ले सकेगा। अथवा किसी कला-जत्था के अप्र्टिस्ट को आमंत्रित कर सकेगा। उक्त आर्टिस्ट को मानदेय न देकर सम्मानित किया जाये। कार्यक्रम की समाप्ति पर सरपंच, वार्ड सदस्य एसडीएमसी के सदस्य, संस्थाप्रधान एवं गार्गी मंच के सदस्यों द्वारा ड्रॉपआउट बालिकाओं की सूची अनुसार एक-एक कर उनकी समस्याओं पर चर्चा हो और उसका निवारण हेतु तत्काल निर्णय लिये जायें।

>> अभियान के माध्यम से नामांकित होने वाली बालिकाओं को स्कूल में जोड़े रखने हेतु विद्यालय स्तर पर लिये जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा साथ में की जाए।

>> अन्त में समुदाय, अभिभावक, पंचायत सदस्य, छात्र-छात्राएं आदि सामूहिक शपथ लें कि वे अपने बच्चों को/मजरे के बच्चों को नियमित स्कूल भेजेंगे, अथवा स्वयं नियमित स्कूल आयेंगे और अन्यों को प्रोत्साहित करेंगे।

>> किसी एक स्थान पर उक्त नमांकन अभियान हेतु कम से कम 2-3 घण्टे बिताये जायें।

>> गार्गी मंच द्वारा नामांकित छात्राओं की सूची तैयार कर प्रदर्शित की जायें।