गार्गी मंच (Gargi Manch)–राज्य में आठवीं कक्षा में अध्ययनरत सभी कलिकाएं विभिन्न कारणों से प्रायः माध्यमिक स्तरीय शिक्षा से नहीं जुड़ पती है। इससे माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं का एक हिस्सा स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के अवसर से वंचित हो जाता है। ग्रामीण परिक्षेत्र में जैसे ही बालिका का स्कूल से साथ छूटता है, वहीं उसके विवाह होने की संभावनाएं अधिकाधिक हो जाती हैं जो अन्य सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक, मानसिक चुनौतियों को जन्म देती है। अतः यह आवश्यक है कि शिक्षक, किशोर किशोरियाँ, पंचायत प्रतिनिधि, अभिभवक एवं समुदाय एक साथ बालिकाओं के नामांकन और ठहराव पर सकारात्मक प्रयास करें, विशेषकर उनकी विद्यालय तक पहुँच को सुरक्षित व सुगम बनाने और विद्यालय वातावरण सहज एवं संवेदनशील बनाने में अहम भूमिका अदा करें।

समग्र शिक्षा अभियान के अर्न्तगत प्रत्येक विद्यालय को माध्यमिक स्तर पर बालिका शिक्षा के लिए निम्नलिखित परिणामों को प्राप्त करना होगा –

>>विद्यालय परिक्षेत्र की कक्षा 8 उर्तीण समस्त छात्राएं का कक्षा 9 में शतप्रतिशत दाखिला करना।
>>कक्षा 9 से 12 में कम से कम 90 प्रतिशत बालिकाओं की सत्रपर्यन्त 275 प्रतिशत उपस्थिति हो।
>>विद्यालय को बालिकाओं के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु सुविधाओं एवं नियमों की अनुपालना।
>>विद्यालय में बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण देना एवं अधिकारों के प्रति जागरूक करना।
>>कक्षा 9 में नामांकित समस्त बालिकाओं की 4 वर्षीय माध्यमिक शिक्षा पूरी करना।
>>परिक्षेत्र की ड्रॉप आउट बालिकाओं को वर्तमान केजीबीवी टाईप-3 एवं 4 ( पूर्ववर्ती शारदे बालिका छात्रावास) से जोड़ना।

समस्त विद्यालय उक्त उद्देश्यों को प्राप्त कर पायें, इस हेतु बालिकाओं के साथ संवाद और उनकी सहभागिता अत्यावश्यक है। इसी आवश्यकता को पूरी करने और बालिका शिक्षा को पीयर-सपोर्ट के माध्यम से प्रोत्साहित करने के लिए गार्गी मंच का गठन किया जाये सभी विद्यालय, कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं और बालकों को नियमानुसार जोड़कर, गार्गी मंच का गठन कर इसका संचालन करेंगे और बालिका शिक्षा संबंधी गतिवधियों में गार्गी मंच को सम्मिलित करेगें। गार्गी मंच स्थायी मंच होगा जो प्रत्येक वर्ष पुनर्गठित किया जायेगा। बाल अधिकार एवं बालिका शिक्षा हेतु वर्ष भर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मंच को सक्रिय रखा जाये। गार्गी मंच की सक्रियता की जिम्मेदारी संस्थाप्रधान एवं समस्त शिक्षकों पर संयुक्त रूप से होगी।

1. गार्गी मंच (Gargi Manch) का गठन एवं संचालन

गार्गी कौन है?

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उच्च प्राथमिक स्तर की बालक-बालिकाओं के लिए मीना मंच सक्रिय है जिसे मीना के चरित्र एवं व्यवहार से जोड़ा गया है। मीना युनिसेफ द्वारा विकसित स्थानीय लड़की का एक काल्पनिक चित्र है जो होशियार एवं हाजिरजवाब बालिका है और वह हर प्राकर की समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है।

माध्यमिक स्तर पर गार्गी वह बालिका है जो मीना की भांति अपनी शिक्षा एवं सहपाठियों की स्कूली शिक्षा पूरी करने हेतु प्रयासशील है। वह समस्या समाधान हेतु तत्पर रहती है एवं किसी से बातचीत करने और सहायता मांगने में हिचकिचाती नहीं है, परिवार की कुप्रथाओं, अन्धविश्वास एवं सामाजिक बुराईयों का विरोध करती है एवं “यत्र नार्यस्तु पुज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” की अवधारणा तथा एक नारी की शिक्षा को एक परिवार की शिक्षा मानती है तथा स्कूल, परिवार एवं समाज में अपना गरिमापूर्ण स्थान बनाने प्रयासरत है।

गार्गी मंच (Gargi Manch) का उद्देश्य

गार्गी मंच बालिकाओं में आत्मविश्वास को बढ़ाने, अपनी समझ से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने, अपनी विद्यालय में सहभागिता सुनिश्चित करना एवं समग्र रूप से जीवन कौशल का विकास करने का माध्यम है। इस सत्र में गार्गी मंच बालिकाओं के नामांकन एवं ठहराव हेतु सक्रिय रहेगा जिससे बालिकाएं अपनी प्रारंभिक शिक्षा पश्चात चार साल की माध्यमिक शिक्षा को पूरी करें और आगे आत्मनिर्भर बन सकें। इस हेतु बालिकाएं –

>>नामांकन एवं ठहराव को कुप्रभावित करने वाले सामाजिक एवं जेण्डर पूर्वाग्रहों पर चर्चा करेंगी । >>विद्यालय वातावरण को बालिकाओं हेतु सुरक्षित बनाना हेतु खुली चर्चा करेंगी।
>>संस्थाप्रधान द्वारा उपलब्ध कराये गये अवसरों पर अपने मंच के माध्यम से अपने एवं अपने सहपाठियों के मत/विचारों को अभिव्यक्त कर पायेंगी।
>>माध्यमिक शिक्षा पूरी करने, उच्च शिक्षा जारी रखने और विकास के विकल्पों पर चर्चा करेगी।
>>समाज में नारी की प्रमुख भूमिका के संदर्भ में समझ विकसित करना।

गार्गी मंच (Gargi Manch) का गठन

समस्त माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच गठन निम्नानुसार किया जायेगा –

1. गार्गी मंच 23 सदस्यों का एक समूह होगा जो कि मंच की गतिविधियों का संचालन करेगा। उक्त 23 सदस्यों में से 15 सदस्य बालिकाएं होंगी और 8 सदस्य बालक होंगे।

2. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच के लिए कक्षा 8 से 12 की प्रत्येक कक्षा की तीन छात्राएं, कुल 15 बालिकाएं चयन की जावेगी। जो कि प्रत्येक कक्षा हेतु शाला- सखी कहलायेंगी। शेष 8 छात्र सदस्य कक्षा 9 से 12 में प्रत्येक कक्षा से 2-2 होंगे जो कि गार्गी मंच के शाला- सखा के रूप में जाने जायेंगे। इन सदस्यों (शाला-सखी व शाला-सखो) का चयन कक्षा के समस्त छात्र-छात्राओं द्वारा किया जायेगा। कक्षा में समन्वयन. निर्णय लेने एवं कार्यों के निर्वहन हेतु इनमें से प्रत्येक सदस्य दो माह हेतु समन्वयक का कार्य करेगा

नोट चूंकि गार्गी मंच बालिकाओं को विचार अभिव्यक्त करने और समस्याओं का सामूहिक समाधान ढूढ़ने के अवसर प्रदान करना है, अतः सैद्धान्तिक रूप से विद्यालय की समस्त छात्राएं इसकी सदस्य होंगी और मंच की समस्त गतिविधियों में सम्मिलित की जायेंगी।

कक्षा 8कक्षा 9कक्षा 10कक्षा 11कक्षा 12
3 छात्रा
शाला सखी
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा

3. राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच (Gargi Manch) के लिए कक्षा 8 से 10 की प्रत्येक कक्षा की पांच छात्राएं. कुल 15 बालिकाएं चयन की जावेगी। जो कि प्रत्येक कक्षा हेतु शाला-सखी कहलायेंगी। शेष 8 छात्र सदस्य कक्षा 9 से 10 में प्रत्येक कक्षा से 4-4 होंगे जो कि गार्गी मंच के शाला- सखा के रूप में जाने जायेंगे। इन सदस्यों (शाला-सखी व शाला-सखो) का चयन कक्षा के समस्त छात्र-छात्राओं द्वारा किया जायेगा। कक्षा में समन्वयन, निर्णय लेने एवं कार्यों के निर्वहन हेतु इनमें से प्रत्येक सदस्य दो माह हेतु समन्वयक का कार्य करेगा।

कक्षा 8कक्षा 9कक्षा 10
5 छात्रा
शाला सखी
5 छात्रा
शाला सखी
4 छात्र
शाला सखा
5 छात्रा
शाला सखी
4 छात्र
शाला सखा

4. उक्त 23 सदस्यीय गार्गी मंच का स्कूल में नेतृत्व करने हेतु अपना अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव करेगी। चुनाव का माध्यम इसलिए चुना गया है जिससे बच्चों में लोकतन्त्र एवं इसके मूल्यों की भी समझ बढ़े। ध्यान दें कि गार्गी मंच का अध्यक्ष छात्रा ही होगी। जबकि उपाध्यक्ष छात्र अथवा छात्रा में से कोई भी हो सकेगा।

5. उक्त 23 सदस्यी गार्गी मंच (Gargi Manch) में कक्षा की छात्रा इस उद्देश्य से रखी गयी है कि कक्षा 8 के बाद संभावित ड्रॉपआउट को रोकने हेतु कक्षा 8 की बालिकाओं को संवाद में शामिल किया जा सके।

6. गार्गी मंच (Gargi Manch) में उक्त प्रस्तावित 23 सदस्यों के अतिरिक्त विद्यालय परिक्षेत्र में आने वाले समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों की कक्षा 8 से 2-2 बालिकायें भी गार्गी मंच की नामित सदस्य होंगी जो कि मंच के कार्यक्रमों में सहभागी होंगी तथा अपने विद्यालय में गार्गी मंच का प्रतिनिधित्व करेगी और बालिकाओं के ट्रांजिशन पर सहयोग करेगी। ये बालिकाएं शाला सहेली के नाम से जानी जायेगी। गार्गी मंच की बैठकों तथा गतिविधियों में सहभागिता करने हेतु शाला सहेली अपने विद्यालय की महिला शिक्षिका (सुगमकर्ता) के साथ जायेगी।

7. गार्गी मंच (Gargi Manch)के 23 सदस्यों के अतिरिक्त विद्यालय परिक्षेत्र से किशोर वयवर्ग की किसी दो ड्रॉपआउट बालिका को आमंत्रित सदस्य के रूप में मनोनीत किया जा सकेगा इस हेतु सुगमकर्ता एवं गार्गी मंच संयुक्त रूप से चर्चा कर निर्णय लेंगे। साथ ही यह भी निर्भर करेगा कि विद्यालय परिक्षेत्र में आउट ऑफ स्कूल बालिकाएं कितनी हैं और नामांकन में जेण्डर गैप कितना है।

8. गार्गी मंच (Gargi Manch) के सदस्यों के चयन में प्रारम्भ में उन बालिकाओं को प्राथमिकता दें जो पूर्व में उ0प्रा० विद्यालयों में मीना मंच से जुड़ी रहीं अथवा वे बालिकाएं जो की सक्रिय हैं और विद्यालय के अन्य बालिकाओं/समुदाय से चर्चा करने एवं अभिव्यक्त करने में पहल करती हों।

9. गांव में महिला पंचायत प्रतिनिधि/पंच को भी गार्गी मंच से जोडे जाने का प्रयास करें।

10. गार्गी मंच (Gargi Manch) के संचालन हेतु विद्यालय की एक महिला अध्यापिका गार्गी मंच के सदस्यों को मार्गदर्शन प्रदान करेगी जो कि सुगमकर्ता कहलायेगी। विद्यालय में महिला अध्यापिका की अनुपलब्धता होने की अवस्था में ही पुरूष अध्यापक को सुगमकर्ता का दायित्व दिया जा सकेगा।