राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के कल्याणार्थ व सामाजिक सुरक्षा हेतु चलाई जा रही योजनाओं में राज्य बीमा पॉलिसी के तहत राज्य कर्मचारियों का अनिवार्य बीमा किया जाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से मूल वेतन के आधार पर प्रीमीयम की प्रतिमाह कटौती होती है राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर माह मार्च 2020 से राज्य बीमा प्रीमियम में बढ़ोत्तरी की है इसलिये राज्य बीमा की न्यनतम कटोती तो नियमानुसार होती है परन्तु राज्य बीमा नियम 1998 के मुताबिक कोई भी कर्मचारी अपनी वेतन शृंखला से दो स्लेब आगे के प्रिमियम की कटौती करवा सकता है यह राज्य बीमा योजना वर्तमान में बीमा क्षेत्र की देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक है। न्यूनतम एवं अधिकतम कटौती की तालिका निम्नानुसार हैं-
पुनरीक्षित वेतनमान 2017 में बीमा प्रीमियम की दरें
वेतन स्लेब / पे स्लेब | न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है। | अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है। | |
01 | 22000 तक | 800 | 2200 |
02 | 22001 से 28500 | 1200 | 3000 |
03 | 28501 से 46500 | 2200 | 5000 |
04 | 46501 से 72000 | 3000 | 7000 |
05 | 72001 से अधिक | 5000 | 7000 |
06 | अधिकतम | 7000 | 7000 |
सातवें वेतन आयोग के अनुसार सामान्यतः कर्मचारियों का मूल वेतन 22001 से 28500 एवं 28501 से 46500 के बीच है इन दोनों बेतन स्लेव के मुताबिक न्यूनतम व अधिकतम प्रिमियम के आधार पर वार्षिक वोनस की गणना कर आपको इस पालिसी के न्यूनतम कटोती एवं अधिकतम कटौती के अन्तर एवं लाभ को समझाया जा रहा है ।
20 साल का एक कर्मचारी एक वर्ष में 21600 रुपये अधिक प्रीमियम का भुगतान कर 94284 रुपये एवं 25 वर्ष आयु का एक कर्मचारी वर्ष में 33600 रुपये अधिक भुगतान कर 122976 रुपये का अधिक बोनस लाभ प्राप्त कर सकेगा। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी को इस पॉलिसी पर न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा व सेवानिवृति पर अत्यधित आर्थिक परिलाभ दिया जाता है। किसी कार्मिक के साथ अनहोनी घटित हो जाने के बाद उसके परिवार को इस योजना के तहत बहुत अधिक आर्थिक सम्बल मिलेगा।
नियमों की जानकारी के अभाव में हम केवल न्यूनतम कटोती करवाये जाने के कारण इस कल्याणकारी योजना से मिलने वाले अधिकतम बोनस का फायदा नहीं उठा पाते है। अधिकतर कर्मचारी आयकर से छूट हेतु एल.आई.सी. या पी.एल.आई. या अन्य कम्पनियों की बीमा योजना का सहारा लेते है जबकि उक्त योजना में परिलाभ उपर्युक्त बीमा कम्पनियों की योजनाओं से दुगुना है। राज्य बीमा योजना अतिलाभकरी बीमा योजना है।
राज्य बीमा पॉलिसी के परिलाभ एंव पॉलिसी का बीमा धन ज्ञात करना
राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक कार्मिक की अनिवार्यता राज्य बीमा पॉलिसी की जाकर उसके वेतन से प्रतिमाह प्रिमियम की कटौती की जाती है। राज्य बीमा पॉलिसी के बीमा धन की गणना हेतु निम्न सूचनाओं की आवश्यकता होती हैं।
1. बीमा कटौती प्रारम्भ होने की तिथि (DOR) : राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।
2. कर्मचारी की जन्म तिथि : प्रत्येक बीमित कर्मचारी की जन्म तिथि
3. कर्मचारी की आयु कर्मचारी की जोखिम बहन तिथि पर आयु ज्ञात करना जिससे जोखिम तिथि या उसके बाद अगली जन्म तिथि पर आयु क्या होगी।
आयु ज्ञात करने के आधार | ए कार्मिक | बी कार्मिक |
अनुबंध तिथि (DOR ) | 01.04.2018 | 01.04.2018 |
कर्मचारी की जन्म तिथि | 05.04.2000 | 05.02.1988 |
अन्तर | 00.00.0018 | 00.02.0030 |
अनुबंध तिथि पर आयु | 18 वर्ष | 31 वर्ष |
4. बीमा पॉलिसी की अवधि वर्तमान में राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्त आयु 60 वर्ष हैं अतः कार्मिक को 60 वर्ष की आयु तक प्रिमियम चुकाना हैं अतः बीमा पॉलिसी की अवधि सेवानिवृति की आयु तक होती हैं। जैसे सेवानिवृति आयु (60–18) वर्ष = 42 वर्ष बीमा अवधि, सेवा निवृति आयु (60-31 ) वर्ष = 29 वर्ष बीमा अवधि है।
5. बीमा प्रिमियम राशि : राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर वेतन खण्ड के आधार पर बीमा प्रिमियम निर्धारित किया जाता हैं जो वर्तमान में इस प्रकार हैं-
वेतन स्लेब / पे स्लेब | न्यूनतम प्रीमियम कटौती जो करवायी जानी अनिवार्य है। | अधिकतम प्रीमियम कटौती करवाई जा सकती है। | |
01 | 22000 तक | 800 | 2200 |
02 | 22001 से 28500 | 1200 | 3000 |
03 | 28501 से 46500 | 2200 | 5000 |
04 | 46501 से 72000 | 3000 | 7000 |
05 | 72001 से अधिक | 5000 | 7000 |
06 | अधिकतम | 7000 | 7000 |
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी अपनी नियत वेतन खण्ड से दो स्लेब अधिक स्वेच्छा से बीमा प्रीमियम की कटौती करवा सकता हैं किन्तु प्रिमियम में वृद्धि 55 वर्ष की आयु तक ही मान्य हैं इसके बाद प्रिमियम स्थिर रहता है ।
6. बीमा परिपक्वता तिथि: सेवानिवृत माह के अगले 1 अप्रैल को बीमा पॉलिसी परिपक्व होती है एवं बीमित को बीमा पॉलिसी का परिलाभ का भुगतान किया जाता है।
7. एक रुपये की प्रिमियम देय बीमाधन : 1 रुपये की प्रिमियम पर देय बीमा धन की गणना निम्नलिखित तालिका से जोखित वहन तिथि पर ज्ञात आयु के फेक्टर को 1 रुपये का बीमा धन माना जाता है।
एक रुपया प्रिमियम का बीमाधन
बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ होने पर कर्मचारी की आयु | बीमा धन | बीमा कटौती प्रारम्भ होने या अधिक कटौती प्रारम्भ होने पर कर्मचारी की आयु | बीमा धन |
18 | 622 | 35 | 314 |
19 | 602 | 36 | 298 |
20 | 582 | 37 | 282 |
21 | 562 | 38 | 265 |
22 | 544 | 39 | 251 |
23 | 525 | 40 | 237 |
24 | 507 | 41 | 224 |
25 | 488 | 42 | 210 |
26 | 470 | 43 | 196 |
27 | 451 | 44 | 182 |
28 | 433 | 45 | 169 |
29 | 415 | 46 | 155 |
30 | 398 | 47 | 144 |
31 | 381 | 48 | 132 |
32 | 364 | 49 | 121 |
33 | 348 | 50 | 109 |
34 | 331 | – | – |
8. बीमाधन- एक रुपया के बीमाधन फेक्टर को प्रिमियम से गुणा करके ज्ञात किया जाता हैं जिसकी सरलतम गणना निम्न काल्पनिक सारणी से-
बीमाधन गणना के बिन्दु | ए कर्मचारी | बी कर्मचारी |
DOR | 01.04.2018 | 01.04.2018 |
DOB | 05.04.2000 | 05.02.1988 |
आयु | 00.00.0018 | 00.02.0030 |
अवधि | 18 वर्ष | 31 वर्ष |
प्रिमियम | 1300 | 3000 |
DOM | 01.04.2061 | 01.04.2048 |
बीमाधन फेक्टर | 622 | 381 |
बीमाधन=फेक्टर x प्रिमियम | 622 x1300=808600 | 381 x3000=1143000 |
प्रतिवर्ष बोनस | 72774 | 102870 |
9. अपनी राज्य बीमा पॉलिसी के बीमाधन पर बोनस की गणना-
राज्य सरकार द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी पर प्रतिवर्ष बोनस की घोषणा की जाती है। बोनस की घोषणा प्रति हजार बीमा धन के आधार पर होती हैं वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सामान्यतः प्रति हजार बीमा धन पर 90 रुपये बोगस दिया जा रहा है। कर्मचारी स्वय बीमा धन को बोनस की दर से गुणा करके उसमें 1000 का भाग देकर बोनस की राशि ज्ञात कर सकता है। अतः ऊपर के उदाहरण से स्पष्ट है ।
10. अगर कर्मचारी को पॉलिसी पूर्व में जारी हैं और वेतन वृद्धि या राज्य सरकार द्वारा प्रिमियन की दरों में परिर्वतन या कर्मचारी द्वारा एक या दो स्लेव अधिक कटौती करवाये जाने पर राज्य बीमा विभाग द्वारा बढे हुए प्रिमियम पर अलग समाश्वासन जारी किये जाते हैं जिस पर बीमाधन व बोनस गणना निम्न प्रकार होगी ।
- जैसे किसी कार्मिक को 01.04.2016 को बीमाधन 5,00000
- बोनस गणना – 01.04.2016 से 31.03.2017 तक 500000×90 1000 = 45000
- 01.04.2017 को प्रिमियम वृद्धि से बीमाधन 2,00000
- बोनस गणना 01.04.2017 से 31.03.2018 तक 700000×90 1000 = 63000
बोनस की राशि बीमेदार को प्रतिवर्ष निहित हो जाती हैं किन्तु इसका भुगतान स्वत्व (दावा) के साथ किया जाता है। इससे पूर्व देय नहीं है। बीमा पॉलिसी के परिपक्व होने पर परिपक्वता दावे के समय पॉलिसी पर टर्मिनल बोनस भी दिया जाता है।
11. बीमा पॉलिसी धारक की परिपक्वता तिथि से पूर्व आकरिमक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि (कार्मिक ए की पॉलिसी पर 1617200 रुपये व कार्मिक बी की पॉलिसी पर 2286000 रुपये) बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।
12. राज्य कर्मचारी अपनी बीमा पॉलिसी पर ऋण ले सकता है जो अधिकतम 60 किश्तों में अदा करना होता है एव जिस पर 8 प्रतिशत ब्याज ऋण राशि चुकने के बाद ली जाती है।
13. मनोनयन- किसी कार्मिक के अविवाहित होने पर उसके द्वारा राज्य बीमा पॉलिसी में जिसे मनोनित नियुक्त किया जाता है। शादी होने के बाद वह मनोनयन स्वतः ही पत्नी के पक्ष में हो जाता है परन्तु अन्य मामलों में कर्मचारी स्वय राज्य बीमा विभाग के संबंधित जिला कार्यालय में आवेदन पत्र के जयें मनोनयन में परिर्वतन करवा सकता है।