(xii) व्यावसायिक शिक्षा (samagra shiksha abhiyan)

वर्तमान में वैश्विक बाजार एवं विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के लिए कुशल, प्रशिक्षित, रोजगारोन्मुखी एवं प्रतिस्पर्धात्मक मानवीय संसाधनों की मांग के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रवर्तित व्यावसायिक शिक्षा योजना का सत्र 2014-15 से राज्य के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से कक्षा 12 में अध्ययनरत् विद्यार्थियों में कौशल विकास की क्षमता विकसित कर आत्मनिर्भर बनाने हेतु योजना का प्रारम्भ किया गया है।

राज्य में योजना क्रियान्वयन की स्थिति

राज्य के समस्त जिलों में चयनित 905 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 12 व्यवसायों यथा-Agriculture. Apparels Made ups and Home Furnishing, Automotive, Beauty & Wellness, Electronics & Hardware, Healthcare, IT/ITes, Plumber, Retail, Security, Tourism & Travel and Telecom में योजना संचालित है। जिसमें लगभग 1,27,912 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे है ।

योजना के मुख्य बिन्दु

व्यावसायिक शिक्षा योजना, भारत सरकार द्वारा “National Skill Qualification Framework” के अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित की जा रही है। भारत सरकार द्वारा अनुमोदित विद्यालयों में व्यावसायों का चयन विद्यालय के आस-पास उपलब्ध उद्योगों (Industry) एवं भविष्य में रोजगार की संम्भावनाओं के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है ।

प्रत्येक चयनित विद्यालय में दो व्यावसाय में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस हेतु प्रति विद्यालय दो व्यावसायिक ट्रेड की प्रयोगशालाएं स्थापित की जाती है। प्रति विद्यालय कक्षा-9 में दोनों व्यवसायों हेतु पृथक-पृथक 30-40 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। व्यावसायिक शिक्षा संचालित विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा विषय का शिक्षण कार्य राज्य स्तर से चयनित व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता (VTP) द्वारा उपलब्ध कराये गये व्यावसायिक प्रशिक्षकों द्वारा कराया जाता है।

विद्यालय में प्रतिमाह प्रति व्यवसाय सम्बन्धित व्यवसाय के विषय विशेषज्ञों द्वारा दो गेस्ट लेक्चर जिसमें वर्ष में चार Soft Skill से सम्बन्धित गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया जाता है। विद्यालय में प्रति व्यवसाय दो यूनिट पूर्ण होने/ तीन माह पश्चात औद्योगिक भ्रमण/ ऑनजॉब ट्रेनिंग का आयोजन। (प्रति वर्ष तीन)

विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा विषयों की अध्ययन योजना के अन्तर्गत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान अजमेर द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार कक्षा 9 व 10 में व्यावसायिक शिक्षा विषय 7वें अतिरिक्त विषय के रूप में (2 ) कक्षा 11 व 12 में व्यावसायिक शिक्षा विषय सभी संकायों में तृतीय ऐच्छिक / अतिरिक्त विषय के रूप में संचालित है।

कक्षा 12 (लेवल-4) में उत्तीर्ण रोजगार के इच्छुक विद्यार्थियों को जाँब प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने हेतु NSDC, SSC एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं (VTP s) के समन्वय से Job Fair का आयोजन किया जाता है।

(xiii) मॉडल विद्यालय (samagra shiksha abhiyan)

शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े 186 में से 134 ब्लॉक पर माध्यमिक शिक्षा के उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में मॉडल विद्यालय निर्मित व स्थापित करने के उद्देश्य से सत्र 2009-10 में राज्य में मॉडल विद्यालय योजना प्रारम्भ की गई। इस परिदृश्य में शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े ब्लॉक्स में माध्यमिक शिक्षा के सार्वजनीकरण व गुणवतापूर्ण बनाने की दृष्टि से केन्द्रीय विद्यालयों के अनुरूप केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता प्राप्त मॉडल विद्यालयों को स्थापित करने की पृष्ठभूमि तैयार की गई। इनमें वे सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो केन्द्रीय विद्यालय में होती हैं।

(xiv) विद्यालयों को स्टार रेटिंग (samagra shiksha abhiyan)

  • समुदाय को शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों को प्रदान की जाने वाली स्टार रेटिंग की जानकारी देना।
  • विद्यालय की स्टार रेटिंग के मापदण्डों की जानकारी देना । विद्यालय की स्टार रेटिंग कम होने पर अभिभावकों एवं जन समुदाय की मदद से शिक्षा का स्तर सुधार कर स्टार रेटिंग बढ़ाना। (नामांकन, ठहराव व परीक्षा परिणाम ) ।

(xv) राजीव गाँन्धी केरियर पोर्टल (samagra shiksha abhiyan)

समुदाय को शिक्षा विभाग के नवाचर “राजीव गांधी कैरियर पोर्टल की जानकारी देना। विद्यालय शिक्षा के बाद बालक किस प्रकार से अपना कैरियर बना सकता है वह जानकारी उस पोर्टल के द्वारा मिलेगी ।

(xvi) उजियारी पंचायत (samagra shiksha abhiyan)

समुदाय को उजियारी पंचायत संकल्पना की जानकारी देना जिसका मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत में ड्राप आउट बालकों की संख्या शून्य पर लाना है।

(xvii) बालिका शिक्षा नवाचार

1. मीना-राजू-गार्गी मंच एवं अध्यापिका मंच के माध्यम से विद्यालय को बालिका अनुकूल बनानाः- बालिकाओं में आत्मविश्वास को बढ़ाने, अपनी समझ से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने, विद्यालय में सहभागिता सुनिश्चित करने एवं समग्र रूप से जीवन कौशल का विकास करने के उद्देश्य से मीना-राजू-गार्गी एवं अध्यापिका मंच का गठन किया गया है।

2. बालिकाओं हेतु कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम / कैरियर विजन कार्यक्रमः बालिकाओं के बेहतर भविष्य तथा उनके कैरियर चुनाव संबंधी विभिन्न प्रश्नों व समस्याओं के समाधान हेतु जीवन कौशल एवं कैरियर विजनिंग कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

3. छात्राओं को आत्मनिर्भर एवं सुरक्षित बनाने हेतु आत्मरक्षा प्रशिक्षण: राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय की बालिकाओं को शारीरिक रूप से आत्मरक्षा हेतु राज्य के सभी जिलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

4. बलिकाओं को मैन्सटूअल हाईजीन पर जागरूक करने के साथ-साथ विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर सेनेटरी पेड बैंडिंग मशीन एवं इन्सीनरेटर का कोम्बो इन्टालेशन का कार्य किया जाएगा।

(xviii) आई.सी.टी. योजना

राज्य के कुल 10695 राजकीय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं 9514 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सहयोग से ICTCALP योजनान्तर्गत कम्प्यूटर लैब संचालित है। कम्प्यूटर लैब का उपयोग कम्प्यूटर शिक्षा के साथ-साथ विषय-वस्तु आधारित ई-ज्ञान/दीक्षा पोर्टल के माध्यम से विभिन्न विषयों के कठिन पाठ्याशों को सम्मिलित कर सुगम शिक्षा प्रदान की जा रही है विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब का संचालन में निम्न बिन्दुओं को ध्यान में रखा जावें :-

  1. विद्यालय में कम्प्यूटर लैब के समस्त उपकरण क्रियाशील रहे।
  2. विद्यालय के प्रत्येक विद्यार्थी को सामान्य कम्प्यूटर ज्ञान एवं कम्प्यूटर के माध्यम से विषय शिक्षण करवाया जाए।
  3. विद्यालय प्रबंधन समिति आईसीटी लैब का समय-समय पर अवलोकन करें। यदि आवश्यकता हो तो इसका रखरखाव समिति द्वारा करवाया जाये ।
  4. यदि उपकरण वारन्टी या गारन्टी में हो तो सम्बंधित सेवा प्रदाता कम्पनी से दूरभाष / E-mail इत्यादि पर सम्पर्क कर उपकरण दूरस्त करवाया जाना सुनिश्चित करें।
  5. लैब संचालन हेतु आवश्यक फण्ड स्थानीय भामाशाहो से समन्वयन कर प्राप्त किया जा सकता है।
  6. कम्प्यूटर लैब उपकरणों की सुरक्षा की पूर्ण जिम्मेदारी विद्यालय प्रशासन की है। प्रत्येक कम्प्यूटर लैब का बीमा जरूर करवाये।

(xix) SWSHE

अभिभावकों एवं सदस्यों को जानकारी देना कि कोई भी व्यक्ति बालक/ बालिकाओं के प्राइवेट पार्ट को नहीं छुये। इस तरह की हरकत होते ही बालक/ बालिका तुरंत अपने शिक्षक/ अभिभावक को इसकी सूचना देवे । सभी बालक/ बालिकाओं और अभिभावकों को SWSHE के बारे में जानकारी देना विशेष रूप से बालिका स्वच्छता के संबंध में। सभी सदस्यों को Good Touch Bad Touch के बारे में जानकारी देना।

(xx) प्राइवेट स्कूल पोर्टल (RTE)

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, राज्य में 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ । निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12(1) (ग) के अन्तर्गत राज्य के गैर सरकारी विद्यालयों में एन्ट्री क्लास (कक्षा 1 या पूर्व प्राथमिक कक्षा जैसी भी स्थिति हो) में 25 प्रतिशत सीट्स पर समाज के “असुविधाग्रस्त समूह” एवं “दुर्बल वर्ग” के बालकों को निःशुल्क प्रवेश देने व निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण कराये जाने का प्रावधान है। विद्यालयों की फीस का पुनर्भरण सरकार द्वारा किया जाता है ।
निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश हेतु दस्तावेज निम्नानुसार हैं : –

  • निःशुल्क प्रवेश हेतु निवास प्रमाण पत्र
  • निःशुल्क प्रवेश हेतु अभिभावकों से प्रतिवर्ष आय प्रमाण पत्र के सम्बन्ध में दस्तावेज

दुर्बल वर्ग- राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक No 21( 19 ) Edu.-1 /E.E/2009 जयपुर, दिनांक 18 मई, 2020 के अनुसार “दुर्बल वर्ग” में निम्नलिखित सम्मिलित हैं (a) ऐसे बालक जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 2.50 लाख रूपये या उससे कम है।

असुविधाग्रस्त समूह- राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक No-21(19 ) Edu.-1 / E.E2009 जयपुर, दिनांक 18 मई, 2020 के अनुसार “असुविधाग्रस्त समूह” में निम्नलिखित सम्मिलित हैं-

  • अनुसूचित जाति के बालक
  • अनुसूचित जन जाति के बालक
  • अनाथ बालक
  • एचआईवी अथवा केंसर से प्रभावित बालक अथवा एचआईवी अथवा केंसर से प्रभावित माता-पिता/संरक्षक के बालक
  • युद्ध विधवा के बालक
  • निःशक्त बालक जो कि निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्णसहभागिता) अधिनियम 1995 की परिभाषा में सम्मिलित हो।
  • पिछड़ा वर्ग या विषेष पिछड़ा वर्ग के ऐसे बालक जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 2.50 लाख रूपये या उससे कम है।
  • ऐसे बालक जिनके अभिभावक का नाम राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग/ शहरी विकास विभाग द्वारा तैयार की गई, बी पी. एल सूची (केन्द्रीय सूची या राज्य सूची) में सम्मिलित है।

निःशुल्क प्रवेश हेतु “दुर्बल वर्ग” एवं “असुविधाग्रस्त समूह” से संबंधित प्रमाण पत्र: “दुर्बल वर्ग” एवं “असुविधाग्रस्त समूह” से सम्बन्धित प्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी होने चाहिए। एचआईवी या केंसर से पीड़ित बालक/ अभिभावक के सम्बन्ध में किसी रजिस्टर्ड डाइग्नोस्टिक केन्द्र द्वारा दी गयी रिपोर्ट मान्य होगी।

निःशुल्क प्रवेश हेतु आयु के सबूत के लिये दस्तावेजः- प्रवेश के लिये आयु के सबूत के लिये जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के अधीन बनाये गये नियमों के अधीन जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र मान्य होगा यह प्रमाण पत्र उपलब्ध न होने की स्थिति में:

(क) अस्पताल / सहायक नर्स और दाई (ए.एन. एम) रजिस्टर/अभिलेख
(ख) आँगनबाड़ी अभिलेख और
(ग) आधार कार्ड