म्हारा घट में उपजे ज्ञान,
सरस्वती माँ दे वरदान।
मानख जमारो रतन महान,
जतन बिना यो धूल समान।
झट म्हारा घट रा पट खोल,
क्यूं अणबोली है तूं बोल।
भक्ति भाव को ले ले मोल,
विद्या रो धन नमतो तोल।
हे माँ पेहल्याँ मने सुधार,
मैं सुधरूं सुधरे परिवार।
परिवाराँ रो ले आधार,
सुधरे यो सगलो संसार।
उठ मन वृथा दुख ने छोड़,
मची शिक्षाकर्मी री होड़।
पाकी डाली रा फल तोड़,
भण अक्षर शब्दां ने जोड़।
जन जन पढ लिख बने महान,
माँ तू म्हारी विनती मान।
शिक्षाकर्मी रो चाल्यो अभियान,
होवे जन-जन रो कल्याण।