मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमित परिवारों को 5 लाख रूपये का का दुर्घटना बीमा का कवर उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना लागू की जा रही है। इस दुर्घटना बीमा के अन्तर्गत नीथे तालिका में वर्णित सात प्रकार की दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु अथवा अन्य शारीरिक क्षतियों की दशा में पॉलिसी शिड्यूल में अंकित प्रावधानों के अनुसार भुगतान देय होगा। पॉलिसी के अन्तर्गत दुर्घटना में हुई क्षति का आशय किसी भी ऐसी शारीरिक चोट से है जो किसी याद्दय, हिंसात्मक एवं दृश्य माध्यम द्वारा लगी हो। शारीरिक चोट सन्दर्भित दुर्घटना से ही उत्पन्न हुई होनी चाहिए एवं दुर्घटना से पूर्व अस्तित्य में नहीं होनी चाहिए। मृत्यु / क्षति का सीधा संबंध (Proximate Cause) दुर्घटना से होने पर ही पॉलिसी के तहत भुगतान देय होगा। इस योजना के लिये पात्र परिवारों से कोई अंशदान / प्रीमियम की राशि वसूल नही की जायेगी। जन आधार कार्ड में अंकित परिवार के मुखिया को ही यीमित परिवार का मुखिया माना जायेगा। मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना इस पॉलिसी का पार्ट होगी। पॉलिसी के लाम प्रत्येक बीमित परिवार को निम्नांकित सात प्रकार की दुर्घटना के कारण मृत्यु अथवा पॉलिसी में उल्लेखित क्षतियाँ होने पर पॉलिसी के प्रभावी रहने की स्थिति में, किसी भी स्थान अथवा समय पर घटित होने पर देय होंगे। विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं में दावा निस्तारण हेतु आवश्यक दस्तावेज निम्नानुसार होंगे –
श्रेणी | दुर्घटना का प्रकार | मृत्यु | क्षति |
क | 1. सड़क दुर्घटना 2. ऊँचाई से गिरने 3. मकान के ढहने के कारण | 1. मृत्यु प्रमाण-पत्र 2. इनमें से कम से कम कोई एक दस्तावेज : (i) पोस्टमार्टम रिपोर्ट (ii) एफ.आई.आर. / रोजनामचा / मर्ग रिपोर्ट (iii) पंचनामा (iv) चिकित्सालय द्वारा जारी डेथ समरी | 1. चिकित्सालय की रिपोर्ट 2. एफ.आई.आर. / रोजनामचा (यदि कराई गई हो) 3. डायग्नोस्टिक रिपोर्ट 4. मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी स्थायी पूर्ण अपंगता का प्रमाण-पत्र |
ख | 4. बिजली के झटके के कारण 5. रासायनिक द्रव्यों के छिड़काव के कारण। | 1. मृत्यु प्रमाण-पत्र 2.इनमें से कोई एक: (i)पोस्टमार्टम रिपोर्ट (ii)चिकित्सालय द्वारा जारी डेथ समरी 3. एफ.आई.आर 4. इलाज का विवरण यदि चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। | 1. चिकित्सालय की रिपोर्ट 2. डायग्नोस्टिक रिपोर्ट 3. मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी स्थायी पूर्ण अपंगता का प्रमाण-पत्र |
ग | 6. डूबने के कारण 7. जलने की स्थिति में | 1. मृत्यु प्रमाण-पत्र 2. एफ.आई.आर. 3. पोस्टमार्टम रिपोर्ट 4. एफ. आर | 1. चिकित्सालय की रिपोर्ट 2. एफ.आई.आर. 3. एफ आर 4. डायग्नोस्टिक रिपोर्ट 5. मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी स्थायी पूर्ण अपंगता का प्रमाण-पत्र |
उपरोक्त के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार बीमाकर्ता द्वारा अन्य दस्तावेजों की मांग की जा सकेगी या अन्वेषण भी कराया जा सकेगा।
पॉलिसी के अन्तर्गत लाभ कब देय नहीं होंगे :-
- विभिन्न बीमारियों जैसे केन्सर, टीबी, हृदयाघात (हार्ट अटैक) अथवा पागलपन इत्यादि से होने वाली मृत्यु अथवा अन्य क्षतियां।
- हत्या, हत्या का प्रयास, आत्मक्षति आत्महत्या अथवा आत्महत्या का प्रयास
- किसी बीमित सदस्य द्वारा नशीले द्रव्य / ड्रग्स / एल्कोहॉल के सेवन से होने वाली मृत्यु / क्षति ।
- चिकित्सा अथवा शल्य क्रिया के दौरान होने वाली क्षति ।
- नाभिकीय विकिरण अथवा परमाण्विक अस्त्रों से होने वाली क्षति ।
- युद्ध, विदेशी आक्रमण, विदेशी शत्रु के कृत्यों, गृह युद्ध, देशद्रोह अथवा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से होने वाली क्षति
- गर्भधारण अथवा प्रसव के कारण होने वाली क्षति ।
- बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक उद्देशय से विधि द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन करते समय हुई क्षति ।
- एविएशन में एन्नोज होने / एविएशन / बैलूनिंग / माउन्टिंग / डिस्माउन्टिंग के समय अथवा एअरक्राफ्ट में पैसेंजर के अतिरिक्त किसी अन्य रूप हुई मृत्यु / क्षति ।
- विभिन्न दुर्घटनाओं में हाथ अथवा पैर का फ्रेक्चर इत्यादि होने की दशा में पॉलिसी के अन्तर्गत लाभ देय नहीं होंगे।
- जहरीले जन्तु के कारण मृत्यु / क्षति ।
- पॉलिसी की एक वर्ष की अवधि के दौरान योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार के सदस्यों के संबंध में एक से अधिक दायों के मामलों में बीमित परिवार को इस योजना के अन्तर्गत देय अधिकतम भुगतान रूपये 5 लाख से अधिक नहीं होगा।
- यदि पॉलिसी वर्ष में किसी सदस्य की दुर्घटनावश क्षति कारित होती है तथा उसी पॉलिसी वर्ष में पुनः कोई दुर्घटना घटित होती है तो बाद में घटित होने वाली दुर्घटना के विरुद्ध भुगतान करते समय पहले दावे में किये गये भुगतान की राशि को कम करते हुए दूसरे दावे के विरूद्ध भुगतान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत हाथ की क्षति से आशय, हाथ के कलाई अथवा ऊपर से पार्थक्य होने अथवा हाथ के स्थायी पूर्ण निष्क्रिय होने से है। इसी प्रकार पैर की बाति पो आशय, पैर की पठी अथवा ऊपर से पार्थक्य होने अथवा पैर के स्थायी रूप से पूर्णत निष्क्रिय हो जाने से है।
दावा निस्तारण की प्रक्रिया :
- परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु होने अथवा दुर्घटना के कारण पॉलिसी में उल्लेखित स्थायी पूर्ण क्षति होने की स्थिति में यीमित परिवार किसी भी व्यस्क सदस्य द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर दावा प्रपत्र की पूर्ति की जायेगी।
- दुर्घटना दिनांक (मृत्यु होने की स्थिति में मृत्यु चिनांया) से 30 दिवस की अवधि में पाया प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
- विलम्ब के समुचित कारणों का उल्लेख करते हुए पाया प्रपत्र की दुर्घटना दिनांक / मृत्यु विगांक से 00 दिवस की अवधि में पूर्ति की जा सकेगी।
- दावा प्रपत्र पोर्टल पर सबमिट करने पर जनआधार कार्ड से लिंक मोबाइल नम्बर पर ओ.टी.पी. भिजवाया जायेगा। मुखिया की मृत्यु की स्थिति में दावेदार द्वारा ऑनलाइन दावा प्रपत्र में अंकित मोबाइल नम्मर पर ओटीपी भिजवाया जायेगा। दावेदार द्वारा ओ.टी.पी. को सबमिट करने तथा पोर्टल द्वारा Authentication कर लिये जाने पर ही दावा पोर्टल पर Registered किया जायेगा।
- पोर्टल पर दावा दर्ज होने के बाद बीमाकर्ता द्वारा दावे का परीक्षण किया जायेगा तथा पॉलिसी के परिप्रेक्ष्य में उचित पाये जाने के आधार पर दावा स्वीकृत / अस्वीकृत किया जायेगा। अन्य दस्तावेज वांछित होने पर बीमाकर्ता द्वारा दावेदार से ऑनलाइन ही दस्तावेजों की मांग की जायेगी।
- सभी वांछित दस्तावेज प्राप्त होने / अन्वेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के 30 दिवस में दाये का निस्तारण कर दिया जायेगा।
- बीमाकर्ता द्वारा दावेदार के मोबाइल नम्बर पर स्वीकृति / अस्वीकृति एवं आक्षेप के संबंध में मैसेज भिजवाया जायेगा।
- दावा स्वीकृति योग्य होने पर बीमाकर्ता कंपनी द्वारा जनआधार कार्ड से लिंक मुखिया के बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान की कार्यवाही की जायेगी।
- मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में पति तथा उनके भी जीवित नहीं होने पर परिवार में शेष रहे सदस्यों में भुगतान योग्य राशि समान अंशो में विभाजित कर बीमाकर्ता द्वारा बीमित परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में ऑनलाइन जमा कराई जायेगी।
- परिवार (जनआधार में अंकित) के सभी सदस्यों की मृत्यु होने की स्थिति में कोई राशि देय नहीं होगी।
- पारिवारिक विवाद की स्थिति अथवा न्यायिक प्रक्रिया लम्बित होने पर सक्षम न्यायालय के निर्णय के अनुसार भुगतान देय होगा
- दुर्घटना के कारण मृत्यु / क्षति होने की पुष्टि करने का दायित्व दावेदार का होगा।
अपील सुनवाई व्यवस्था :
1. दावे के निस्तारण की दिनांक से 30 दिवस की अवधि में निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को अपील ऑनलाईन प्रस्तुत की जा सकेगी। इस स्तर पर 30 दिवस में अपील / परिवेदना का निस्तारण किया जायेगा।
2. निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निर्णय के 30 दिवस की अवधि में निर्णय के विरुद्ध शासन सचिव, वित्त (व्यय) विभाग, शासन सचिवालय जयपुर को द्वितीय अपील ऑनलाईन प्रस्तुत की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना (पॉलिसी शिड्यूल)-
बीमा अवधि- 01.05.2022 से 30.04.2023
बीमाधन 5 लाख रूपये प्रति परिवार
प्रीमियम :- रू.1,000/- प्रति परिवार प्रति वर्ष जो राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जायेगा।
पोलिसी के लाभ :- पॉलिसी में वर्णित सात प्रकार की दुर्घटनाओं की स्थिति में पॉलिसी नियम एवं शर्तो तथा अपवर्जनों के अनुसार (पॉलिसी के विस्तृत नियम, शर्ते व अपवर्जन राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की वेबसाइट www.sipf.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध हैं।)
मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत वे सभी परिवार बीमित माने जायेंगे जो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमित होंगे। दुर्घटना दिनांक को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमित सभी परिवार इस दुर्घटना योजना के तहत पात्र होंगे। पॉलिसी के तहत बीमा कवर निम्न प्रकार उपलब्ध होगा :
क्र.सं. | दुर्घटना में हुई मृत्यु / क्षति | दुर्घटना पर देय लाभ |
1 | दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर | 5 लाख रूपये |
2 | दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आँखों अथवा एक हाथ एवं एक पैर या एक हाथ एवं एकआँख या एक पैर एवं एक आँख की पूर्ण क्षति पर (पार्थक्य होने / इन अंगो के पूर्णतः निष्क्रिय होने पर ) | 3 लाख रूपये |
3 | दुर्घटना में हाथ / पैर / आँख की पूर्ण क्षति पर (पार्थक्य होने / इन अंगो के पूर्णतः निष्क्रिय होने पर | 1.5 लाख रूपये |