उपापन (भण्डार-क्रय) नियम (Purchase of Store Material)
राजस्थान में 26 जनवरी 2013 से राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम, 2012 व नियम 2013 से प्रभावी हुए हैं । राज्य के विभागों में सामग्री क्रय, सेवा क्रय तथा वक्र्स सम्बन्धी समस्त कार्य उक्त अधिनियम व नियमों में वर्णित प्रावधानों के अनुसार किये जाते हैं। उपापन (Procurment) का सामान्य अर्थ वस्तुओं, सेवाओं तथा वक्र्स को क्रय करना है।


भण्डार-भण्डार शब्द का आशय उन सभी वस्तुओं एवं सामग्री से है जो सरकारी उपयोग के लिए खरीदी जाती है या अर्जित की जाती है। इसमें उपयोग योग्य (Consumable) सामग्री, संयत्र, मशीनरी, उपकरण, फर्नीचर, औजार, पशुधन आदि शामिल है, लेकिन इसमें पुस्तकें, पत्रिकाएँ आदि शामिल नहीं हैं(नियम-1)

क्रय की सामान्य शर्ते

  1. खरीद अत्यधिक मितव्ययी ढंग से सार्वजनिक सेवा की निश्चित आवश्यकता के लिए कीजिए।
  2. न तो टुकड़ों में सामान खरीदें न ही उच्च अधिकारियों की स्वीकृति से बचने के लिए क्रय आदेश को विभाजित करें।
  3. यदि खरीद लाभप्रद सिद्ध न हो तो वास्तविक आवश्यकता से अधिक सामग्री न खरीदें, ऐसा करने से पूँजी अवरूद्ध होती है।
  4. जहाँ उपयोग हेतु भण्डार की सीमा या मापदण्ड निर्धारित है वहाँ अधिक क्रय न करें।
  5. जहां क्रय के लिए छूट मिलती है वहाँ उस अवधि में क्रय करें जब यह छूट मिले।
  6. क्रय हेतु बजट प्रावधान होना आवश्यक है।
  7. यदि किसी फर्म की निविदा किसी विभाग द्वारा स्वीकृत कर ली गई हो तो अन्य विभाग को क्रय आदेश उस निविदा के आधार पर नहीं देना चाहिए। लेकिन एक ही विभाग की अनुमोदित दर पर ऐसा आदेश दिया जा सकता है। (नियम-64)
  8. सामान्य तौर पर न्यूनतम दरों पर ही क्रय किया जाना चाहिए।
  9. निविदा के अन्तर्गत उन्हीं प्रतिष्ठानों (फर्म्स) से क्रय किया जाएगा जो बिक्री कर विभाग से पंजीकृत हैं अर्थात् उस फर्म के पास TAN नंबर आवंटित होना चाहिए। (नियम-64)
  10. सामग्री क्रय हेतु उसकी वास्तविक माँग होनी चाहिए।
  11. न्यूनतम दर से अधिक दर पर भी क्रय करने का प्रावधान है परन्तु इसके कारण अभिलिखित किए जाने चाहिए एवं दर न्यायोचित होनी चाहिए।

निविदा सूचना (Tender Notice)

सामान्यतः निविदा सूचना में दी जाने वाली बातें निम्न हैं –

  1. कार्यालय का नाम एवं निविदा संख्या।
  2. क्रय किये जाने वाले सामान का स्पेसिफिकेशन (विशिष्टीकरण) आकार, पेमेन्ट (भुगतान), गुणवत्ता, आई.एस.आई संख्या, एगमार्ग आदि। कागज हेतु आई.एस.आई. प्रमाणन संख्या, जी.एस.एम. व किस्म आदि।
  3. वस्तुओं की आपूर्ति अवधि।
  4. अनुमानित मात्रा में राशि।
  5. निविदा-पत्र की लागत, भुगतान का तरीका तथा कार्यालय जहाँ से निविदा प्राप्त होगी।
  6. निविदा की अवधि।
  7. निविदा को खोलने की दिनांक, समय तथा स्थान जहाँ निविदाएँ जमा होंगी तथा बिना कारण बताये रद्द करने का प्रावधान।
  8. धरोहर राशि (EMD) राशि(2 प्रतिशत) इसके बिना निविदा स्वीकृत नहीं होगी, लघु उद्योग इकाइयों को छूट। एस.एस.आई. यूनिट्स के लिए 0.5 प्रतिशत प्रभावी है।
  9. सुपुर्दगी की अवधि तथा स्थान एवं भुगतान की शर्तें।
  10. मूल्य अधिमान, यदि कोई हो।
  11. केवल लघु व कुटीर उद्योग से क्रय का आरक्षण का तथ्य, यदि वस्तुएँ आरक्षित हैं।

उपापन (क्रय) की पद्धतियाँ

(Methods of purchase of store material)

( 1 ) कोटेशन के बिना उपापन – एक अवसर पर राशि रुपये 10,000 तक की विषयवस्तु का क्रय जिसकी वार्षिक सीमा रुपये 1.00 लाख रू. से कम है। (नियम-26)
( 2 ) मौके पर क्रय- क्रय समिति की सिफारिश, बाजार सर्वेक्षण एवं प्रमाण पत्र की शर्त के अध्यधीन एक अवसर पर राशि रु. 50,000/- तक की विषयवस्तु जिसकी वार्षिक सीमा तीन लाख रु. से कम है। (नियम-25)
( 3 ) कोटेशन के द्वारा उपापन – न्यूनतम तीन को टेशन द्वारा एक अवसर पर राशि रु. एक लाख से कम की विषयवस्तु जिसकी वार्षिक सीमा पाँच लाख से कम है। (नियम-24) कार्य आदेश प्रणाली व पीस वर्क प्रणाली द्वारा संकर्मों (वस्तु, सेवा, कार्य) का उपापन भी इसी वित्तीय सीमा में किया जा सकता है। (नियम-27)
( 4 ) सीमित बोली – एक अवसर पर राशि रु. 2.00 लाख से कम की विषय वस्तु जिसकी वार्षिक सीमा 10.00 लाख रु. से कम हो, सीमित बोली द्वारा क्रय की जा सकेगी। इसकी विषय वस्तु राज्य लोक उपापन पोर्टल (State Public Procurment Portal-SPPP) पर प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य है। सभी बोली लगाने वालों को (निविदादाताओं) जो उपापन संस्था के साथ उपापन की विषय वस्तु के लिए रजिस्ट्रीकृत है, यदि रजिस्ट्रीकृत बोली लगाने वाले उपलब्ध नहीं हो तो कम से कम तीन विनिर्माताओं, अधिकृत डीलर, अधिकृत सेवा केन्द्र/थोक विक्रेता, लघु उद्योग इकाईयों से सीमित बोली आमंत्रित की जायेगी। बोली प्रस्तुत करने के लिए न्यूनतम सात दिवस या अत्यावश्यक परिस्थितियों में तीन दिवस का समय दिया जाना चाहिए।(नियम-16)
पोर्टल पर प्रदर्शन – एक लाख या इससे अधिक के उपापन को http://sppp.raj.in पोर्टल पर प्रदर्शित करना आवश्यक है।
( 5 ) एकल स्रोत उपापन – यदि उपापन की विषयवस्तु का वैकल्पिक स्रोत न हो, अकल्पिक घटना के कारण तत्काल आवश्यकता हो, वर्तमान विषय वस्तु के उपरांत उसके मानकीकरण एवं अनुरूपता की आवश्यकता होना, मूल संविदा में प्रावधान होना एवं प्रतियोगिता से लाभ न होने, राष्ट्रीय सुरक्षा, गोपनीयता, कलात्मक प्रकृति, सरकार द्वारा मूल्य प्रशासित होने की स्थिति में बातचीत द्वारा एकल स्रोत उपापन किया जायेगा जिसमें प्रतिभूति नहीं ली जायेगी। उपापन संस्था द्वारा प्रत्येक मामले में राशि रु. 12.00 लाख तक की वित्तीय सीमा तथा अधीनस्थ कार्यालयों में 5.00 लाख की वित्तीय सीमा तक परामर्शी या वृतिक सेवाएं भाड़े पर ली जा सकती हैं। उपापन संस्था किसी एकल भावी बोली लगाने वाले से किसी बोली की अभ्यर्थना करेगी और यदि उपापन का मूल्य एक लाख या उससे अधिक है तो बोली के आमंत्रण को राज्य लोक उपापन पोर्टल पर भी प्रदर्शित करेगी। (नियम-17)
( 6 ) खुली प्रतियोगिता बोली द्वारा – प्रत्येक मामले में राशि रु. 2.00 लाख या उससे अधिक होने पर (नियम 17 के प्रावधानों को छोड़कर) जिसमें द्वि-प्रकर्मी बोली (टू-स्टेज) (तकनीकी व वित्तीय बिड) बोली भी सम्मिलित है, खुली निविदा आमंत्रित की जाएगी।
( 7 ) कार्यादेश एवं पीस वर्क – वित्तीय वर्ष में एक अवसर पर एक लाख से कम मूल्य जिसकी वार्षिक सीमा पाँच लाख होगी तक के संकर्म (वक्र्स) कार्यादेश एवं पीस वर्क प्रणाली द्वारा उपापन किए जा सकते हैं। (नियम-27)। कार्यादेश केवल रजिस्ट्रीकृत बोली लगाने वाले को अनुसूचित दरों पर दिया जायेगा। कार्यादेश प्रचलित खुली बोली की दरों से अधिक नहीं होना चाहिये।
( 8 ) प्रतियोगी बातचीत – क्रय समिति के माध्यम से प्रभावी प्रतियोगिता सुनिश्चित करने के लिए बोली लगाने वाले, जो तीन से कम न हो, से उपापन से सम्बन्धित पहलुओं पर बातचीत की जाएगी। बातचीत में भाग लेने के लिए समस्त बोली लगाने वालों को समान अवसर दिया जाएगा, बातचीत पूर्ण होने के पश्चात उपापन संस्था कार्यवाही में शेष रहे समस्त बोली लगाने वालों को विनिर्दिष्ट समय और तारीख तक अपने प्रस्तावों के समस्त पहलुओं के सम्बन्ध में सर्वश्रेष्ठ और अन्तिम प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अनुरोध करेगी। बोली लगाने वालों से अंतिम प्रस्ताव प्राप्त किए जाएँगे जिन पर कोई बातचीत नहीं होगी तथा न्यूनतम दर दाता सफल होगा। (नियम-26)
( 9 ) दर संविदा – सामान्यतः एक वर्ष से अधिकतम दो वर्ष की अवधि हेतु सामान्यतः खुली प्रतियोगी बोली द्वारा दरें संविदा की जा सकती हैं । बोली दस्तावेजों में प्रावधान होने पर न्यूनतम दर पर एक से अधिक बोलीदाता से दर सं विदा की जा सकती है, जो एलडी एवं कीमत गिरने के खण्ड के अध्यधीन होगी। अपरिहार्य स्थिति होने पर दर संविदा अधिकतम तीन मास के लिए बढ़ाई जा सकेगी। (नियम-29)

माल और सेवाओं के उपापन के लिए बोलियों के प्रस्तुतीकरण के लिए समय सीमा और प्रचार

क्र.सं . राशिअवधिप्रकाशन का माध्यम
15.00 लाख तक10 दिवस1-उपापन संस्था व सभी क्षेत्रीय एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
2-एक क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्र में।
25.00 लाख से अधिक किंतु 50.00 लाख तक15 दिवस1-उपापन संस्था व सभी क्षेत्रीय एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
2-एक क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्र में।
3-एक राज्य स्तरीय मुख्य दैनिक समाचार पत्र में जिनकी प्रकाशित प्रतियों की संख्या 50,000 प्रतियों से अधिक है।
350.00 लाख से अधिक30 दिन1-उपापन संस्था व सभी क्षेत्रीय एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
2-एक राज्य स्तरीय मुख्य दैनिक समाचार पत्र में जिसमें एक समाचार पत्र के प्रकाशित प्रतियों की संख्या 50,000 प्रतियों से अधिक है।
3-वृहद परिचालन वाले एक राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र में।
  1. राज्य लोक उपापन पोर्टल (SPPP) पर प्रकाशित छप्ठ को ही प्रकाशन तिथि माना जायेगा।
  1. अत्यावश्यक परिस्थितियों में उपापन संस्था कारण अभिलिखित करते हुए नोटिस के प्रकाशन की समय सीमा को आधे तक कम कर सकती है। (नियम-43(10))

संकर्मों के उपापन (Procurment of Works) या निर्माण कार्यों के लिये बोलियों का (निविदा) आमंत्रण की समय सीमा एवं प्रचार की विधि

क्र.सं.राशिअवधि प्रकाशन का माध्यम
11.00 लाख तक7 दिवस1-उपापन संस्था एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
21.00 लाख से अधिक परन्तु 10.00 लाख तक15 दिवस1-उपापन संस्था एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
2-एक मुख्य क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्र में।
310.00 लाख से अधिक लेकिन 1 करोड़ रु. तक21 दिवस1-उपापन संस्था एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
2-एक मुख्य क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्र में।
41 करोड़ रु. से अधिक30 दिन1-उपापन संस्था एवं अधीनस्थ कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर।
2-एक मुख्य क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्र में।
3-एक राज्य स्तर के समाचार पत्र में।
4-एक अखिल भारतीय स्तर का मुख्य दैनिक समाचार पत्र।

बिड़ प्रपत्र का मूल्य – उपापन संस्था (जैसे-विद्यालय) बिड प्रपत्र का मूल्य लागत के आधार पर तय करेगी। उपापन संस्था ई-उपापन सुविधा का उपयोग करने के लिए प्रोसेसिंग फीस या यूजर चार्जेज भी प्रभारित कर सकती है। लघु उद्योग इकाईयों को बिड़ फार्म नियत मूल्य से 50 प्रतिशत पर उपलब्ध कराया जायेगा।

बोली प्रतिभूति एवं कार्य सम्पादन प्रतिभूति (Bid Security & Performance Security)

सामान्य भाषा में बोली प्रतिभूति को अमानत राशि एवं कार्य सम्पादन प्रतिभूति को धरोहर राशि के रूप में जाना जाता है। बोली प्रतिभूति (अमानत राशि) 2 प्रतिशत होगी। लघु उद्योग इकाईयों से बोली प्रतिभूति 0.5 प्रतिशत तथा रुग्ण उद्योगों की दशा में 1 प्रतिशत होगी। बोली प्रतिभूति नकद, बैंकर, चैक या ड्राफ्ट, बैंक गारन्टी, eGRAS के माध्यम से जमा कराई जा सकती है। (नियम-42)

कार्य सम्पादन प्रतिभूति (धरोहर राशि) माल और सेवाओं की आपूर्ति के मामले में 5 प्रतिशत तथा संकर्मों (निर्माण कार्य) के मामले में 10 प्रतिशत होगी। लघु उद्योग इकाईयों के मामले में यह 1 प्रतिशत तथा रूग्ण उद्योग के मामले में यह 2 प्रतिशत होगी। कार्य सम्पादन प्रतिभूति ड्राफ्ट, बैंक गारंटी, eGRAS, राष्ट्रीय बचत पत्र, फिक्स डिपोजिट के रूप में ली जा सकती है। (नियम-75)

बोली दस्तावेजों ( Bid Documents) में उल्लेखित की जाने वाली बातें

सामान्यतः बोली दस्तावेजों में निम्न बातों का उल्लेख अवश्य करना चाहिये –

  1. उपापन की विषयवस्तु का विस्तृत विवरण यथा-स्पेसिफिकेशन, आकार, आई.एस.आई. या एगमार्क तथा कागज हेतु जी.एस.एम. आदि।
  2. वस्तुओं की आपूर्ति अवधि, मात्रा एवं अनुमानित राशि।
  3. बिड प्रपत्र मूल्य, बिड बेचने की अन्तिम दिनांक, स्थान, प्रस्तुत करने की दिनांक, समय तथा खोलने की दिनांक व समय।
  4. बोली प्रतिभूति।
  5. बिक्रीकर समाशोधन प्रमाण पत्र, अधिकृत विक्रेता का प्रमाण पत्र।
  6. संविदा या अनुबंध का प्रारूप।
  7. तकनीकी बिड व वित्तीय बिड प्रस्तुत करने का बोली दस्तावेजों में स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। तकनीकी बिड में सफल बिडर्स की ही वित्तीय बिड खोलने का उल्लेख अवश्य होना चाहिए।

निविदा विक्रय एवं प्राप्ति का लेखा

  1. निविदा विक्रय का लेखा एस.आर.प्रपत्र 9 में रखा जावेगा तथा क्रेता के हस्ताक्षर होंगे।
  2. निविदा प्राप्ति का लेखा एस.आर.प्रपत्र 10 में रखा जाएगा।
  3. निविदा प्रपत्रों से प्राप्त राजस्व बजट मद-0075-विविध सामान्य सेवाएं, 800-अन्य प्राप्तियाँ(52) निविदा शुल्क, (1) निविदा शुल्क की प्राप्तियां मद में जमा होगा।

निविदादाता द्वारा करारबन्ध पत्र (Agreement) निष्पादन हेतु स्टाम्प ड्यूटी की दरें


विद्यालयों में सामान्यतः राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा संवेदक से अनुबंध किये जाते हैं, अतः निर्माण ठेके, श्रम या सेवायें, सम्पत्ति का हस्तान्तरण माल सहित सेवाओं के करार बन्ध पत्र निष्पादन पर –
10 लाख तक राशि के अनुबन्ध पर 500/- रु-
10 लाख से अधिक 50 लाख तक 1000/- रु-
50 लाख से अधिक पर 5000/- रु.

धरोहर राशि / प्रतिभूति निक्षेप का प्रदाय

  1. असफल निविदा दाताओं की ई.एम.डी. राशि निविदा स्वीकृति के तुरन्त पश्चात लौटा दी जाएगी।
  2. प्रतिभूति राशि की वापसी एक मुश्त क्रय में आपूर्ति के पूरा हो जाने के एक माह के भीतर तथा आपूर्ति विभाजित है तो अन्तिम आपूर्ति दो माह के भीतर कर दी जाएगी। गारन्टी/वारन्टी की शर्त होने पर उस निर्धारित अवधि के समाप्त होने के बाद लौटाई जाएगी।

धरोहर राशि जब्त करना

  1. निविदाकार द्वारा प्रस्ताव को निविदा स्वीकार करने से पहले वापस लेना/संशोधित करना।
  2. अनुबन्ध को निर्धारित समय में क्रियान्वित नहीं करना।
  3. आपूर्ति आरम्भ नहीं करना।
  4. आदेश के पश्चात प्रतिभूति राशि जमा नहीं करवाना।

प्रतिभूति निक्षेप जमा करना

  1. अनुबन्ध की किसी शर्त का उल्लंघन करना।
  2. संतोषजनक आपूर्ति नहीं करने पर।
    राशि जब्त करने से पूर्व आपूर्तिकर्ता को नोटिस देना होगा। आपूर्ति नहीं करने पर केवल ई.एम.डी. राशि को ही जब्त किया जाएगा।