अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया

अनुपयोगी सामग्री के निस्तारण की प्रक्रिया-

  1. अनुपयोगी / अप्रचलित सामान का रजिस्टर प्रारूप एस.आर. 5 में संधारित किया जाता है जिस पर कार्यालयाध्यक्ष के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं । (Click here to download SR 5 )
  2. सामान को अनुपयोगी घोषित करने से पूर्व संबंधित अधिकारी उस वस्तु के उपयोग की न्यूनतम अवधि को ध्यान में रखेंगे। (जी.एफ.एण्ड ए.आर. के भाग।।)(भण्डार की वस्तुओं की न्यूनतम उपयोग की अवधि देखने के लिये यहां क्लिक करें)
  3. अनुपयोगी/अप्रचलित वस्तुओं का निरीक्षण एक समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी तथा सहायक लेखाधिकारी/लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार यथास्थिति होंगे।
  4. अनुपयोगी सामान की सर्वे रिपोर्ट प्रारूप एस.आर. 6 में तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट पर समिति के सदस्य तथा सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे। (Download SR-6)
  5. 5 लाख या इससे अधिक मूल्य की वस्तुओं के मामलों में निरीक्षण के लिए बनी समिति में वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी, वित्तीय सलाहकार/लेखाधिकारी एवं तकनीकी अधिकारी, जिसे वस्तुओं का ज्ञान हो, होंगे।
  6. पुराने टाइपराईटर का निस्तारण राजकीय मुद्राणालय जयपुर द्वारा किया जायेगा।
  7. वाहनों के मामले में समिति में निम्नलिखित शामिल होंगे-
    (क) विभागाध्यक्ष या उनका नामित व्यक्ति जो जिला स्तरीय अधिकारी के पद से नीचे का नहीं होगा।
    (ख) संगठन का सबसे वरिष्ठतम लेखा अधिकारी, यदि कहीं कोई ऐसा लेखाधिकारी न हो तो संबंधित कोषाधिकारी।
    (ग) यदि हो तो विभाग का एक यांत्रिक अभियन्ता ऐसा कोई अभियन्ता ना हो तो मुख्य अधीक्षक मोटर गेरेज विभाग का एक प्रतिनिधि।
  8. रुपये 50,000 तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय अनुपयोगी सामान के व्यवसायियों (कबाड़ी) को पत्रों द्वारा सूचित कर दिया जाए तथा 7 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। प्रतिलिपि नोटिस बोर्ड पर लगाए।
  9. रुपये 50,000 से 2.50 लाख तक का अनुपयोगी सामान होने पर स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जावे तथा 10 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
  10. रुपये 2.50 लाख से 10 लाख तक के अनुपयोगी सामान के लिए अखिल भारतीय स्तर के समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित की जाए तथा 15 दिन की नोटिस अवधि दी जाए। 10 लाख से अधिक पर 20 दिन की नोटिस अवधि दी जाए।
  11. नीलामी कमेटियों का गठन जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। के आर.एन.(1) में दिया गया है। आरक्षित मूल्य वस्तुओं का निरीक्षण करने वाली समिति द्वारा निश्चित किया जाएगा।
  12. नीलामी में भाग लेने वाली फर्मों से बयाना राशि 2 प्रतिशत न्यूनतम 500/अधिकतम 50000/- ली जाए जिसका निर्धारण नीलामी कमेटी द्वारा किया जाएगा।
  13. अधिकतम बोलीदाता जिसके नाम बोली छोडी जाती है, से 25 प्रतिशत राशि उसी समय तथा शेष माल सुपुर्दगी के समय ली जाएगी।
  14. माल उठाने के लिए 3 से 7 दिन का समय दिया जाएगा।
  15. अन्य बोलीदाता की धरोहर राशि उसी दिन लौटा दी जाएगी।
  16. नीलामी की राशि पर प्रचलित दरों पर वेट की राशि भी ली जाएगी।
  17. निर्धारित अवधि में माल नहीं उठाने पर 25 प्रतिशत जमा राशि जब्त कर ली जाए।
  18. नीलामी से प्राप्त राशि अगले दिन राजकोष में आमद मद में वेट की राशि सेल टेक्स के हेड में जमा करवाई जाए।
  19. वाहनों को अनुपयोगी करने की शक्तियाँ (जी.एफ. एण्ड ए. आर. के भाग ।। परिशिष्ठ ’बी’) में दी गई है।
  20. नीलामी के पश्चात् विक्रय लेखा प्रारूप एस. आर.-7 में तैयार किया जाता है। (Download SR-7)

वाहनों की न्यूनतम उपयोग अवधि की जानकारी के लिये यहां क्लिक करें

व्यय (डिस्पोजल)/विक्रय/नीलामी के लिए समिति


नियम 22, व्यय हेतु समिति में निम्नलिखित होंगे-

रद्दी कागज (वेस्ट पेपर) के अलावा अन्य वस्तुओं के लिए

(क) 5लाख रुपये एवं इससे अधिक के मूल्य के सामानों के लिए।
(1) विभागाध्यक्ष या उसके द्वारा नामित वरिष्ठतम अधिकारी – सचिव
(2) संबंधित कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य
(3) विभाग का वित्त सलाहकार/मुख्य लेखा अधिकारी, व. ले. अ. सदस्य
(4) विभागाध्यक्ष द्वारा नामित क्षेत्रीय अधिकारी सदस्य


(ख) 1 लाख रुपये एवं इससे अधिक किन्तु 5 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए
(1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा-सदस्य सचिव
(2) कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य
(3) विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय का लेखा अधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी सदस्य
(4) कोषागार अधिकारी या सहायक उपकोषागार अधिकारी सदस्य

(ग) 30,000 रुपये से अधिक किन्तु 1 लाख से कम मूल्य के सामानों के लिए
(1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव
(2) क्षेत्रीय अधिकारी (रीजनल आॅफिसर) द्वारा या यदि क्षेत्रीय अधिकारी न हो तो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित सहायक लेखा अधिकारी / लेखाकार सदस्य।
(3) कोषागार अधिकारी द्वारा नामित सहायक/उप/कोषागार अधिकारी जहाँ पृथक उप कोषागार हो वहाँ संबंधित सहायक / उप कोषागार अधिकारी सदस्य।

(घ) 30,000 रुपये तक के मूल्य के सामानों के लिए-
(1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव
(2) विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय में पदस्थापित सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार यदि ये दोनों उसी स्थान पर हांे जहाँ कार्यालयाध्यक्ष का स्थान है तथा वह अन्यथा प्रकार से कार्यालयाध्यक्ष के कार्यालय में पदस्थापित है – सदस्य।

रद्दी कागज के लिए

(क) 30,000 रुपये से अधिक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए-
(1) उप विभागाध्यक्ष/क्षेत्रीय अधिकारी जो विभागाध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा, सदस्य सचिव।
(2) संबंधित कार्यालयाध्यक्ष, सदस्य।
(3) विभाग का वरिष्ठ लेखाधिकारी/लेखा अधिकारी/ सहायक लेखा अधिकारी सदस्य।

(ख) 10,000 रुपये से अधिक किन्तु 30,000 रुपये तक मूल्य के रद्दी कागजों के लिए-
(1) क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष सदस्य सचिव।
(2) उनके विभाग का लेखाधिकारी/सहायक लेखा अधिकारी/लेखाकार सदस्य।
(3) कोई भी राजपत्रित अधिकारी जो क्षेत्रीय अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा नामित किया गया हो, सदस्य।

(ग) 10,000 रुपये मूल्य तक के रद्दी कागजों के लिए-
(1) कार्यालयाध्यक्ष/आहरण एवं वितरण अधिकारी सदस्य सचिव।
(2) कार्यालय का लेखाकार/कनिष्ठ लेखाकार सदस्य।
(3) कार्यालय अधीक्षक/कार्यालय सहायक सदस्य।
नोट – प्रतिवर्ष वित्त विभाग द्वारा उक्त सीमा में शिथिलीकरण किया जाता है। उस सीमा के अध्यधीन नीलामी की कार्यवाही की जाएगी।

Download-

अनुपयोगी-सामानों-की-नीलामी-प्रपत्र