यात्रा भत्ता नियम से सम्बन्घित महत्वपूर्ण प्रावधान
दिन से आशय-कलैण्डर दिन जो आधी रात से शुरू और समाप्त होता है किन्तु मुख्यालय से ऐसी अनुपस्थिति जो 24 घण्टे से अधिक न हो, सभी प्रयोजनों के लिये एक दिन गिनी जायेगी चाहे अनुपस्थिति का प्रारम्भ या अन्त किसी भी समय हो।
परिवार से आशय- सरकारी कर्मचारी की पत्नी/पति जैसी भी स्थिति हो वैध एवं सौतेली संतान, मान्यता प्राप्त दत्तक सन्तन जिसमें विधवा पुत्री भी शामिल है, जो उसके साथ रहते हों एवं उस पर आश्रित हो। स्थानान्तरण यात्रा भत्ते के प्रयोजनार्थ परिवार शब्द में माता-पिता, बहिने व अवयस्क भाई जो उसके साथ रहते हो तथा उस पर पूर्ण आश्रित हो, शामिल होंगे। पूर्णतया आश्रित वह है जिसकी सभी श्रोतों से आय दो हजार रूपये प्रतिमाह से अधिक न हो तथा जो सरकारी कर्मचारी के साथ निवास करते हो। सरकारी कर्मचारी की रोजगार युक्त सन्तान, किसी भी उम्र की विवाहित सन्तान आश्रित नहीं माने जायेंगे। 1 जून 2002 या इसके पश्चात यदि किसी सरकारी कर्मचारी की दो से अधिक सन्ता होती है तो उन्हें केवल दो सन्तान के लिये ही स्थानान्तरण पर यात्रा भत्ता देय होगा।
दैनिक भत्ते की अनुज्ञेयता के लिये शर्तें- ड्यूटी पर मुख्यालय से अनुपस्थिति के दौरान की अवधि के सिवाय दैनिक भत्ता देय नहीं होगा। दैनिक भत्ता मुख्यालय छोडने से प्रारम्भ तथा मुख्यालय वापस लौटने से अनुपस्थिति तक के लिये स्वीकृत किया जायेगा। मुख्यालय से 24 घण्टे से कम अनुपस्थिति के लिये दैनिक भत्ता निम्नांकित दरों के अनुरूप देय होगा-
अ) 6 घंटे या इससे कम अनुपस्थिति होने पर- शुन्य
ब) 6 घण्टे से अधिक किन्तु 12 घण्टे तक के लिये- 50 प्रतिशत
स) 12 घंटे से अधिक होने पर -पूर्ण
किसी विशिष्ट स्थान पर लगातार विराम के लिये 30 दिन की अवधि तक दैनिक भत्ता अनुज्ञेय होगा। यदि विराम 30 दिन से अधिक परन्तु 60 दिन तक के लिये जारी रहता है तो सम्बन्धित प्रशासनिक विभाग मंजूरी देने हेतु सक्षम होगा। परन्तु 60 दिन से 180 दिन तक की अवधि के लिये वित्त विभाग की स्वीकृति आवश्यक होगी। 180 दिन से अधिक होने पर विराम भत्ता देय नहीं होगा।
प्रशिक्षण पर प्रतिनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को प्रतिकरात्मक भत्ता- जहां किसी सरकारी कर्मचारी को प्रशिक्षण के लिये प्रतिनियुक्त किया गया हो और राजस्थान सेवा नियमों के नियम 7(8)(ख)(i) के अधीन उसे कर्तव्य पर माना गया हो तो यह प्रशिक्षण की पूरी अवधि के लिये क्षतिपूर्ति भत्ते का निम्नांकित दरों के अनुसार हकदार होगा-
अ) प्रथम 15 दिवस के लिये- प्रशिक्षण स्थान पर स्वीकृत दर से।
ब) 15 दिवस से अधिक होने पर- प्रशिक्षण स्थान पर स्वीकृत दैनिक भत्ते का 75 प्रतिशत देय होगा।
यदि सरकारी कर्मचारी द्वारा विराम करते समय निःशुल्क भौजन एवं निवास का उपभोग किया जाता है तो दैनिक भत्ते की दर उस स्थान के लिये निश्चित दर की 25 प्रतिशत होगी।
किसी यात्रा में एक से अधिक स्थानों का भ्रमण किया जाता है तो दैनिक भत्ते की दर उस स्थान की, जहां सबसे अधिक हो, लागू मानी जायेगी।
दौरे पर यात्रा के लिये यात्रा भत्ता
यह भत्ता तभी देय होगा जबकि गन्तव्य स्थान मुख्यालय की नगरपालिका सीमा से बाहर हो तथा डयूटी स्थान से 15 किलोमीटर से अधिक दूर हो।
प्रत्येक राज्य कर्मचारी जो ड्यूटी पर यात्रा करता है वह वोल्वो/ए.सी. बस/डिलक्स/सेमी डिलक्स या अन्य उच्च श्रेणी की बस से यदि यात्रा करता है तो बस का टिकट या उसकी फोटो काॅपी यात्रा बिल के साथ संलग्न करना होगा। रेल से यात्रा करने पर द्वितीय श्रेणी नाॅन एसी को छोडकर अन्य सभी श्रेणी के टिकट/जमा की रसीद प्राप्त होने पर मूल या फोटो काॅपी यात्रा बिल के साथ सलग्न करना हेागा।
यदि यात्रा अपरिहार्य कारणों से या शासकीय कारणों से रद्द करनी पडी तो रद्दकरण फीस प्रतिपूरक की जा सकती है।
वायुयान से यात्रा के लिये अधिकृत एजेन्सी से भी टिकट प्राप्त किया जा सकता है परन्तु एजेन्सी के द्वारा टैरिफ के अतिरिक्त् लिया जाने वाले सुविधा शुल्क/सेवा शुल्क का पुनर्भरण नहीं होगा।
कर्मचारी को डाक पहूंचाने या पत्राचार के लिये यात्रा पर नहीं भेजा जाना चाहिये। इस प्रकार के उदेश्य के लिये यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। कर्मचारी को दौरे पर भेजे जाने के उदेश्य यात्रा बिल में अंकित किया जायेगा एवं नियंत्रण अधिकारी इसे प्रमाणित करेगा।
स्वयं के वाहन से यात्रा-नियमित रूप से रेल/बस से जुडे हुए स्थानों को जो मुख्यालय से 25 किलोमीटर से अधिक दूरी पर हो, एक राज्यकारी अपनी मोटर साइकिल/स्कूटर/मोपेड आदि से यात्रा नहीं करेगा। अपने निजी मोटर साइकिल/स्कूटर/मोपेड आदि से सडक यात्रा येनकेन एक राज्य कर्मचारी कर सकता है जो मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी से अधिक नहीं हो तथा वे स्थान मुख्यालय से रेल या नियमित बस सेवा से जुडे हुए न हो।
यदि राज्य कर्मचारी स्वयं की मोटर कार से राजकीय यात्रा करता है, उसे टोल टैक्स की रसीद प्रस्तुत करने पर टोल टैक्स प्रभार अनुज्ञेय होगा।
यदि पति/पत्नि दोनों सरकारी कर्मचारी है, दोनों में से किसी भी के पास मोटर कार है तो इन नियमों के उदेश्य से यात्रा स्वयं की कार से मानी जायेगी।
स्वयं की मोटर कार से यात्रा करने पर मील भत्ता रेल मील भत्ते की सीमा में ही अनुज्ञेय होगा।
नियंत्रण अधिकारी के पूर्व अनुमोदन के पश्चात ही स्वयं की मोटर कार की यात्रा की जायेगी।
स्वयं के वाहन से यात्रा करने पर मील भत्ते की विशेष दरें “क” व “ख” श्रेणी के राज्य कर्मचारियों के लिये-
1-सरकारी कर्मचारी द्वारा स्वयं की कार से यात्रा करने पर 9.00 रूपये प्रति किलोमीटर,
2-सरकारी कर्मचारी द्वारा स्वयं के स्कूटर/मोपेड/मोटर साइकिल आदि से यात्रा करने पर 3.00 रूपये प्रति किलोमीटर। 3-अन्य किसी वाहन जैसे रिक्शा, तांगा, मोटर रिक्शा इत्यादि द्वारा यात्रा करने पर- 6.00 रूपये प्रति किलोमीटर
‘ग’, ‘घ’ व ‘ड’ श्रेणी के राज्य कर्मचारी के लिये-
सरकारी कर्मचारी द्वारा स्वयं की स्कूटर, मोटर साकिल, मोपेड आदि से यात्रा करने पर- 3.00 रूपये प्रति किलोमीटर।
ई रिक्शा/आटो रिक्शा इत्यादि से यात्रा करने पर – 6 रूपये प्रति किलोमीटर।
साइकिल या पैदल यात्रा करने पर 2.00 रूपये प्रति किलोमीटर।
मील भत्ते की गणना हेतु दो स्थानों के बीच की गयी उस यात्रा को ही माना जायेगा जो सबसे कम दूरी के मार्ग द्वारा या सबसे सस्ते मार्ग द्वारा की गयी हो।
राजकीय वाहन से यात्रा करने पर मील भत्ता देय नहीं होगा केवल दैनिक भत्ता ही देय होगा। अनुपस्थिति सरकारी मुख्यालय से छोडने से प्रारम्भ तथा मुख्यालय वापस लौटने पर समाप्त होगी तथा उसी अनुसार दैनिक भत्ते की गणना की जायेगा।
स्थानान्तरण पर यात्रा भत्ता–
जब स्थानान्तरण स्वयं के प्रार्थना पर न होकर लोक हित में किया गया हो। यदि स्थानान्तरण 30 दिन से कम अवधि के लिये किया गया हो तो कर्मचारी को स्थानान्तरण पर यात्रा भत्ता देय न होकर दौरे का यात्रा भत्ता देय होगा। स्थानान्तरण आदेश में लोकहित अंकित होेने पर यात्रा भत्ता कार्यग्रहण काल देय होगा। स्थानान्तरण पर सरकारी कर्मचारी को रेल/बस स्वयं के दो भाडे तथा उसके साथ यात्रा करने वाले परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिये एक-एक तथा प्रत्येक बच्चे के लिये आधा अतिरिक्त भाडा जिसके लिये पूर्ण या आधा भाडा वास्तव में चुकाया गया है। निजी सामान के परिवहन के लिये निर्धारित लगेज चार्जेज की सीमा तक रेलवे रसीद या सडक परिवहन कम्पनी के स्वामी द्वारा दी गयी नकद की रसीद पेश करने के अध्यधीन होगी तथा स्थानान्तरण अनुदान निर्धारित दर से एक मुश्त मिलेगा। यदि राज्य कर्मचारी स्थानान्तरण पर हवाई जहाज/राजधानी एक्सपे्रेस/शताब्दी एक्सप्रेस से यात्रा करता है तो स्वयं का एक ही भाडा देय होगा।
यदि कोई सरकारी कर्मचारी मोटर कार, स्कूटर, मोपेड या मोटर साइकिल को स्थानान्तरण पर वाहन की ही यंत्र शक्ति से ले जाता है तो मोटर कार के लिये 9.00 रूपये प्रति किलोमीटर एवं मोटर साइकिल के लिये 3.00 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से दोनों स्थानों के बीच सामान्य मार्ग की दूरी के लिये भत्ता अनुज्ञेय होगा।
पे मैट्रिक्स के लेवल 19 या इससे अधिक की पे लेवल में वेतन आहरण करने वाले अधिकारी स्वयं अपने यात्रा भत्ते दावे पर प्रतिहस्ताक्षर करने के लिये प्राधिकृत है।
यदि प्रशिक्षण के बाद परिवीक्षाधीन कर्मचारी को प्रशिक्षण स्थान के बजाय अन्य स्थान पर नियुक्त किया जाता है तो स्थानान्तरण यात्रा भत्ता देय होगा।
किसी निलम्बित सरकारी कर्मचारी को जिसके विरूद्ध विभागीय जांच में उपस्थित होने की अपेक्षा की जाती हेै। अपने मुख्यालय से जांच स्थान तक या उस स्थान से जहां उसको निलम्बन के दौरान निवास करने की अनुमति दी गयी है। दोनों में से जो भी कम हो, जांच के स्थान तक दौरे पर यात्रा की भांति यात्रा भत्ता स्वीकृत किया जायेगा।
स्थानान्तरण पर यात्रा भत्ता- सरकारी कर्मचारी तथा राज्य को आवंटित अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के सेवानिवृति पर अपने कर्तव्य स्थल से गृह नगर जाने के लिये रेल/सडक या़ा के लिये स्वयं तथा परिवार के सदस्यों का उस श्रेणी का वास्तविक भाडा देय होगा, जिसके लिये कर्मचारी हकदार हो, परन्तु कोई आनुषांगिक व्यय देय नहीं होंगे। निजी सामान के परिवहन का वास्तविक खर्चा कर्मचारी के स्थानान्तरण पर अनुज्ञेय मान के अनुसार होगा।
स्वयं की गाडी या प्राइवेट गाडी से यात्राओं के लिये वही भाडा देय होगा जो रेल/सडक मार्ग से की गयी यात्राओं के लिये देय होता है।
सेवानिवृत राज्य कर्मचारी को विभागीय जांच/न्यायिक प्रकरणों में उपस्थित होने पर सेवानिवृति के समय के स्तर के अनुसार यात्रा भत्ता देय होगा। विभागीय जांच प्रकरणों में यात्रा भत्ता बिल का भुगतान अनुशासनिक अधिकारी के कार्यालय से उपस्थिति प्रमाण पत्र के आधार पर तथा न्यायिक प्रकरणों में सेवानिवृत होने वाले विभाग द्वारा यात्रा भत्ता बिल का भुगतान न्यायालय के उपस्थिति प्रमाण पत्र तथा न्यायालय के द्वारा यात्रा भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है, का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर दिया जायेगा।
सेवानिवृत राज्य कर्मचारी को न्यायिक प्रकरणों में उपस्थित होने पर राज्य कर्मचारियों की भांति स्थानीय लघु यात्रा देय होगी।
खेलकूद गतिविधियों में भाग लेने पर देय किराया एवं विराम भत्ता- राज्य कर्मचारियों द्वारा खेलकूद गतिविधियों/कोचिंग/पूर्व प्रशिक्षण में भाग लेने पर निम्नानुसार विराम भत्ता देय होगा।
राजस्थान में 250 रूपये प्रतिदिन।
राजस्थान से बाहर 350 रूपये प्रतिदिन।
राज्य कर्मचारी द्वारा खेल गतिविधिओं में भाग लेने हेतु रेल से नहीं जुडे स्थानों पर बस/टेक्सी से यात्रा करने पर राजस्थान रोडवेज की एक्सपे्रस बसों का किराया देय होगा।
दौरे पर की गयी यात्रा हेतु अग्रिम- स्थायी या अस्थाई राज्य कर्मचारी को यात्रा भत्ता राजस्थान यात्रा भत्ता नियमों के अन्तर्गत अधिकतम 30 दिवस की अवधि के लिये अग्रिम दिया जा सकता है। यात्रा भत्ता व्यय में दोनों तरफ की यात्रा के लिये सडक मील भत्ता, दैनिक भत्ता, किराया एवं आनुषांगिक व्यय सम्मित है। इन नियमों के तहत कार्यालय अध्यक्ष को यात्रा हेतु अग्रिम स्वीकृत करने की पूर्ण शक्ति है। यात्रा के पूर्ण होने के बाद कार्यालय में उपस्थित होने की दिनांक से 15 दिनों के भीतर अग्रिम का समायोजन किया जायेगा।
स्थानान्तरण पर अग्रिम- एक राज्य कर्मचारी के एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण होने पर वेतन एवं यात्रा भत्ता अग्रिम रूप से स्वीकृत किये जा सकते है। वेतन अग्रिम एक माह के वेतन के बराबर तथा यात्रा भत्ता अग्रिम जैसा की स्थानान्तरण पर मिलता है, जिसमें स्वयं तथा परिवार के किराये, व्यक्तिगत सामान का भाडा आदि देय है। स्थानान्तरण पर अग्रिम की स्वीकृति की शक्ति कार्यालय अध्यक्ष को है।
किसी कर्मचारी के पद की निरन्तरता की स्वीकृति या नियुक्ति में वृद्धि की स्वीकृति के अभाव में वेतन नहीं मिल पाने पर भी अग्रिम स्वीकृत किया जा सकता है। स्वयं की प्रार्थना या 120 दिवस की अधिकतम अवधि हेतु अस्थाई स्थानान्तरण होेने पर अग्रिम देय नहीं है। परिवार के सदस्यों द्वारा स्थानान्तरण के छः माह के भतर यात्रा करने पर यात्रा अग्रिम परिवार हेतु देय नहीं होगा।
वेतन अग्रिम की वसूली 3 मासिक किश्तों में होगी तथा यात्रा भत्ता अग्रिम की वसूली स्थानान्तरण यात्रा भत्ता बिल से होगी। निलम्बित कर्मचारी से वेतन की अग्रिम वसूली ऐसी दर से की जायेगी जो विभागध्यक्ष निश्चित करना उचित समझे।