Gargi Manch (गार्गी मंच)- राज्य में आठवीं कक्षा में अध्ययनरत सभी बालिकाएं विभिन्न कारणों से प्रायः माध्यमिक स्तरीय शिक्षा से नहीं जुड़ पाती है। इससे माध्यमिक स्तर पर बालिकाओं का एक हिस्सा स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के अवसर से वंचित हो जाता है। ग्रामीण परिक्षेत्र में जैसे ही बालिका का स्कूल से साथ छूटता है, वहीं उसके विवाह होने की संभावनाएं अधिकाधिक हो जाती हैं जो अन्य सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक, मानसिक चुनौतियों को जन्म देती है। अतः यह आवश्यक है कि शिक्षक, किशोर किशोरियाँ, पंचायत प्रतिनिधि, अभिभवक एवं समुदाय एक साथ बालिकाओं के नामांकन और ठहराव पर सकारात्मक प्रयास करें, विशेषकर उनकी विद्यालय तक पहुँच को सुरक्षित व सुगम बनाने और विद्यालय वातावरण सहज एवं संवेदनशील बनाने में अहम भूमिका अदा करें।

समग्र शिक्षा अभियान के अर्न्तगत प्रत्येक विद्यालय को माध्यमिक स्तर पर बालिका शिक्षा के लिए निम्नलिखित परिणामों को प्राप्त करना होगा –

1. विद्यालय परिक्षेत्र की कक्षा 8 उर्तीण समस्त छात्राएं का कक्षा 9 में शत-प्रतिशत दाखिला करना।

2. कक्षा 9 से 12 में कम से कम 90 प्रतिशत बालिकाओं की सत्रपर्यन्त 75 प्रतिशत उपस्थिति हो।

3. विद्यालय को बालिकाओं के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु सुविधाओं एवं नियमों की अनुपालना।

4. विद्यालय में बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण देना एवं अधिकारों के प्रति जागरूक करना। 

5. कक्षा 9 में नामांकित समस्त बालिकाओं की 4 वर्षीय माध्यमिक शिक्षा पूरी करना।

6. परिक्षेत्र की ड्रॉप आउट बालिकाओं को वर्तमान केजीबीवी टाईप-3 एवं 4 ( पूर्ववर्ती शारदे बालिका छात्रावास) से जोड़ना।

समस्त विद्यालय उक्त उद्देश्यों को प्राप्त कर पायें, इस हेतु बालिकाओं के साथ संवाद और उनकी सहभागिता अत्यावश्यक है। इसी आवश्यकता को पूरी करने और बालिका शिक्षा को पीयर-सपोर्ट के माध्यम से प्रोत्साहित करने के लिए गार्गी मंच का गठन किया जाये सभी विद्यालय, कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं और बालकों को नियमानुसार जोड़कर, गार्गी मंच का गठन कर इसका संचालन करेंगे और बालिका शिक्षा संबंधी गतिवधियों में गार्गी मंच को सम्मिलित करेगें। गार्गी मंच स्थायी मंच होगा जो प्रत्येक वर्ष पुनर्गठित किया जायेगा। बाल अधिकार एवं बालिका शिक्षा हेतु वर्ष भर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से मंच को सक्रिय रखा जाये। गार्गी मंच की सक्रियता की जिम्मेदारी संस्थाप्रधान एवं समस्त शिक्षकों पर संयुक्त रूप से होगी।

गार्गी मंच (Gargi Manch) का गठन एवं संचालन

गार्गी कौन है?

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उच्च प्राथमिक स्तर की बालक-बालिकाओं के लिए मीना मंच सक्रिय है जिसे मीना के चरित्र एवं व्यवहार से जोड़ा गया है। मीना युनिसेफ द्वारा विकसित स्थानीय लड़की का एक काल्पनिक चित्र है जो होशियार एवं हाजिरजवाब बालिका है और वह हर प्राकर की समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है।

माध्यमिक स्तर पर गार्गी वह बालिका है जो मीना की भांति अपनी शिक्षा एवं सहपाठियों की स्कूली शिक्षा पूरी करने हेतु प्रयासशील है। वह समस्या समाधान हेतु तत्पर रहती है एवं किसी से बातचीत करने और सहायता मांगने में हिचकिचाती नहीं है, परिवार की कुप्रथाओं, अन्धविश्वास एवं सामाजिक बुराईयों का विरोध करती है एवं “यत्र नार्यस्तु पुज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” की अवधारणा तथा एक नारी की शिक्षा को एक परिवार की शिक्षा मानती है तथा स्कूल, परिवार एवं समाज में अपना गरिमापूर्ण स्थान बनाने प्रयासरत है।

गार्गी मंच (Gargi Manch) का उद्देश्य

गार्गी मंच (Gargi Manch) बालिकाओं में आत्मविश्वास को बढ़ाने, अपनी समझ से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने, अपनी विद्यालय में सहभागिता सुनिश्चित करना एवं समग्र रूप से जीवन कौशल का विकास करने का माध्यम है। इस सत्र में गार्गी मंच बालिकाओं के नामांकन एवं ठहराव हेतु सक्रिय रहेगा जिससे बालिकाएं अपनी प्रारंभिक शिक्षा पश्चात चार साल की माध्यमिक शिक्षा को पूरी करें और आगे आत्मनिर्भर बन सकें। इस हेतु बालिकाएं –

>>नामांकन एवं ठहराव को कुप्रभावित करने वाले सामाजिक एवं जेण्डर पूर्वाग्रहों पर चर्चा करेंगी ।

>>विद्यालय वातावरण को बालिकाओं हेतु सुरक्षित बनाना हेतु खुली चर्चा करेंगी।

>>संस्थाप्रधान द्वारा उपलब्ध कराये गये अवसरों पर अपने मंच के माध्यम से अपने एवं अपने सहपाठियों के मत/विचारों को अभिव्यक्त कर पायेंगी।

>>माध्यमिक शिक्षा पूरी करने, उच्च शिक्षा जारी रखने और विकास के विकल्पों पर चर्चा करेगी।

>>समाज में नारी की प्रमुख भूमिका के संदर्भ में समझ विकसित करना।

गार्गी मंच (Gargi Manch) का गठन

समस्त माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच गठन निम्नानुसार किया जायेगा –

1. गार्गी मंच 23 सदस्यों का एक समूह होगा जो कि मंच की गतिविधियों का संचालन करेगा। उक्त 23 सदस्यों में से 15 सदस्य बालिकाएं होंगी और 8 सदस्य बालक होंगे।

2. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच के लिए कक्षा 8 से 12 की प्रत्येक कक्षा की तीन छात्राएं, कुल 15 बालिकाएं चयन की जावेगी। जो कि प्रत्येक कक्षा हेतु शाला- सखी कहलायेंगी। शेष 8 छात्र सदस्य कक्षा 9 से 12 में प्रत्येक कक्षा से 2-2 होंगे जो कि गार्गी मंच के शाला- सखा के रूप में जाने जायेंगे। इन सदस्यों (शाला-सखी व शाला-सखो) का चयन कक्षा के समस्त छात्र-छात्राओं द्वारा किया जायेगा। कक्षा में समन्वयन. निर्णय लेने एवं कार्यों के निर्वहन हेतु इनमें से प्रत्येक सदस्य दो माह हेतु समन्वयक का कार्य करेगा

नोट- चूंकि गार्गी मंच (Gargi Manch) बालिकाओं को विचार अभिव्यक्त करने और समस्याओं का सामूहिक समाधान ढूढ़ने के अवसर प्रदान करना है, अतः सैद्धान्तिक रूप से विद्यालय की समस्त छात्राएं इसकी सदस्य होंगी और मंच की समस्त गतिविधियों में सम्मिलित की जायेंगी।

कक्षा 8कक्षा 9कक्षा 10कक्षा 11कक्षा 12
3 छात्रा
शाला सखी
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा
3 छात्रा
शाला सखी
2 छात्र
शाला सखा

3. राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में गार्गी मंच के लिए कक्षा 8 से 10 की प्रत्येक कक्षा की पांच छात्राएं. कुल 15 बालिकाएं चयन की जावेगी। जो कि प्रत्येक कक्षा हेतु शाला-सखी कहलायेंगी। शेष 8 छात्र सदस्य कक्षा 9 से 10 में प्रत्येक कक्षा से 4-4 होंगे जो कि गार्गी मंच के शाला- सखा के रूप में जाने जायेंगे। इन सदस्यों (शाला-सखी व शाला-सखो) का चयन कक्षा के समस्त छात्र-छात्राओं द्वारा किया जायेगा। कक्षा में समन्वयन, निर्णय लेने एवं कार्यों के निर्वहन हेतु इनमें से प्रत्येक सदस्य दो माह हेतु समन्वयक का कार्य करेगा।

कक्षा 8कक्षा 9कक्षा 10
3 छात्रा
शाला सखी
5 छात्रा
शाला सखी
4 छात्र
शाला सखा
5 छात्रा
शाला सखी
4 छात्र
शाला सखा

4. उक्त 23 सदस्यीय गार्गी मंच (Gargi Manch) का स्कूल में नेतृत्व करने हेतु अपना अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव करेगी। चुन्श्रव का माध्यम इसलिए चुना गया है जिससे बच्चों में लोकतन्त्र एवं इसके मूल्यों की भी समझ बढ़े। ध्यान दें कि गार्गी मंच का अध्यक्ष छात्रा ही होगी। जबकि उपाध्यक्ष छात्र अथवा छात्रा में से कोई भी हो सकेगा।

5. उक्त 23 सदस्यी गार्गी मंच में कक्षा की छात्रा इस उद्देश्य से रखी गयी है कि कक्षा 8 के बाद संभावित ड्रॉपआउट को रोकने हेतु कक्षा 8 की बालिकाओं को संवाद में शामिल किया जा सके।

6. गार्गी मंच (Gargi Manch) में उक्त प्रस्तावित 23 सदस्यों के अतिरिक्त विद्यालय परिक्षेत्र में आने वाले समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों की कक्षा 8 से 2-2 बालिकायें भी गार्गी मंच की नामित सदस्य होंगी जो कि मंच के कार्यक्रमों में सहभागी होंगी तथा अपने विद्यालय में गार्गी मंच का प्रतिनिधित्व करेगी और बालिकाओं के ट्रांजिशन पर सहयोग करेगी। ये बालिकाएं शाला सहेली के नाम से जानी जायेगी। गार्गी मंच की बैठकों तथा गतिविधियों में सहभागिता करने हेतु शाला सहेली अपने विद्यालय की महिला शिक्षिका (सुगमकर्ता) के साथ जायेगी।

7. गार्गी मंच (Gargi Manch) के 23 सदस्यों के अतिरिक्त विद्यालय परिक्षेत्र से किशोर वयवर्ग की किसी दो ड्रॉपआउट बालिका को आमंत्रित सदस्य के रूप में मनोनीत किया जा सकेगा इस हेतु सुगमकर्ता एवं गार्गी मंच संयुक्त रूप से चर्चा कर निर्णय लेंगे। साथ ही यह भी निर्भर करेगा कि विद्यालय परिक्षेत्र में आउट ऑफ स्कूल बालिकाएं कितनी हैं और नामांकन में जेण्डर गैप कितना है।

8. गार्गी मंच के सदस्यों के चयन में प्रारम्भ में उन बालिकाओं को प्राथमिकता दें जो पूर्व में उ0प्रा० विद्यालयों में मीना मंच से जुड़ी रहीं अथवा वे बालिकाएं जो की सक्रिय हैं और विद्यालय के अन्य बालिकाओं/समुदाय से चर्चा करने एवं अभिव्यक्त करने में पहल करती हों। 

9. गांव में महिला पंचायत प्रतिनिधि/पंच को भी गार्गी मंच से जोडे जाने का प्रयास करें।

10. गार्गी मंच के संचालन हेतु विद्यालय की एक महिला अध्यापिका गार्गी मंच के सदस्यों को मार्गदर्शन प्रदान करेगी जो कि सुगमकर्ता कहलायेगी। विद्यालय में महिला अध्यापिका की अनुपलब्धता होने की अवस्था में ही पुरूष अध्यापक को सुगमकर्ता का दायित्व दिया जा सकेगा।

1. सुगमकर्ता का दायित्व होगा कि – 

गार्गी मंच हेतु प्रस्तावित नामांकन अभियान एवं मासिक बैठकों व चर्चाओं हेतु मंच के सदस्यों को सहयोग देगी साथ ही विद्यालय के समस्त छात्र छात्राएं गार्गी मंच की गतिविधियों से जुड़े, इस हेतु नियोजन करेगी और गार्गी मंच को प्रोत्साहित करेगी। विशेष रूप से सुगमकर्ता निम्नलिखित कार्यों का निर्वहन करेगी-

• गार्गी मंच (Gargi Manch) के गठन में सहयोग करें।

• गार्गी मंच (Gargi Manch) के सदस्य चुनने में सहयोग करें।

• गार्गी मंच (Gargi Manch) की सदस्यों को समझाएं कि उन्हें क्या और कैसे करना है ।

• चर्चाओं को शुरूआती दौर में आयोजित कर सीखायें कि वे कैसे विषय-वस्तु से जुड़ कर वार्ता करें और स्कूल के सभी बालक-बालिकाओं को उसमें सहभागी करवायें।

 • कार्यक्रम अथवा चर्चाओं को सार्थक बनाने हेतु संबंधित विषय सामग्री प्राप्त करने हेतु सहयोग करें।

• मंच की बालिकाओं को स्कूल में और समुदाय में होने वाली गतिविधियों की योजना बनाने और उसके संचालन में मार्गदर्शन दें।

• मंच की बालिकाओं को प्रोत्साहित करें कि वे अपनी प्रतिभा और प्रयासों को स्कूल से बाहर प्रदर्शन कर सकें और बदलाव के लिये किये जाने वाले प्रयासों को बढ़ावा दें।

• मंच के सराहनीय कार्यों को स्कूल एवं समुदाय में प्रोत्साहित करें।

 • संस्थाप्रधानों के दिशा निर्देशानुसार गार्गी मंच को प्रभावी बनाना।

2. संस्थाप्रधान की जिम्मेदारी होगी कि सुगमकर्ता अपना दायित्व पूरा कर सके। संस्थाप्रधान सुगमकर्ता को प्रोत्साहन, मार्गदर्शन, मॉनीटरिंग, सहयोग प्रदान करेगा जिससे की गार्गी मंच प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। साथ ही गार्गी मंच की समस्त गतिविधियों के संचालन हेतु समस्त व्यवस्थाएं / उपस्थिति/ सुविधाओं/ सामग्री इत्यादि की व्यवस्था करने का दायित्व संस्थाप्रधान का होगा। साथ ही समय-समय पर बालिकाओं की मांग अनुसार समुदाय में बैठकें आयोजित करना / बाहर से वक्ताओं/ संदर्भ व्यक्तियों को बुला चर्चा करवाना. स्कूल एवं समुदाय में विभिन्न बैठकें आयोजित करवाना इत्यादि का कार्य भी संस्थाप्रधान का होगा।

2. गार्गी मंच (Gargi Manch) हेतु गतिविधियाँ

गार्गी मंच के सदस्य प्रत्येक माह में दो बार अपनी गतिवधियों का संचालन करेंगे, जिस हेतु संस्थाप्रधान विद्यालय समय सारणी में व्यवस्था करेंगे और सुगमकर्ता गतिविधि संचालन में मार्गदर्शन करेगी। गार्गी मंच के सदस्य अपनी गतिविधियों के संचालन में विद्यालय के समस्त अन्य छात्राओं और छात्रों को भी अपने साथ जोड़ेगे। गार्गी मंच के संचालन हेतु छात्राओं को निम्नांकित विभिन्न गतिविधियों के आयोजन हेतु प्रोत्साहित किया जाये, जिसका विवरण संलग्न है –

• प्रवेशोत्सव।
• उपस्थिति चार्ट।
• नुक्कड नाटक।
• छोटे समूह में चर्चा (उपस्थिति, बाल विवाह, सुरक्षा, बाल श्रम, जेण्डर आधारित भेदभाव, आदि
• खतरों की पहचान
• सुरक्षा, संरक्षा पर सुगमकर्ता द्वारा चर्चा और काउन्सिलिंग (क्रिटिकल डॉयलॉग टूल का उपयोग करें)।
• सकारात्मक एवं नकारात्मक शब्दों की पहचान।
• जीवनयापन, जेण्डर एवं सोच पर शिक्षिकाओं द्वारा नियमित संवाद। द्वैमासिक कार्यशालाओं का आयोजन संस्थाप्रधान विद्यालय में समय-समय पर छात्राओं-छात्रों को बाल अधिकार, जेण्डर संवेदनशीलता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता महावारी स्वच्छता एवं मिथक आदि विषयवस्तु पर जागरूक करने हेतु विशेषज्ञ आमंत्रित कर प्रति दो माह में एक कार्यशाला भी करवाये।

समस्त गतिविधियां गार्गी मंच पहले स्वयं के स्तर पर कर सीखे और समझे। तत्पश्चात छोटे-छोटे समूहों में (कक्षावार) अन्य साथी बालिकाओं/ बालकों के साथ भी करे। गतिविधियों करने से पूर्व एवं पश्चात सुगमकर्ता समूह से चर्चा करे और यह सुनिश्चित करे कि क्या कोई भी ऐसा केस तो नहीं है जिसे शिक्षक/ विद्यालय के स्तर से सुलझाये जाने की आवश्यकता है। साथ ही गार्गी मंच के सदस्यों को समय-समय पर पूरा सहयोग, उत्साह एवं मार्गदर्शन प्रदान करे। गार्गी मंच के किये जाने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित करने हेतु संस्थाप्रधान समय-समय पर विद्यालय स्तरीय समारोहों में अध्यक्ष एवं सदस्यों को सम्मानित करे इसके अतिरिक्त विद्यालय के बरामदे के एक हिस्से पर गार्गी मंच के अध्यक्ष का नाम समयावधि सहित पेन्ट करवाकर लिखा जाये तथा इसे प्रतिवर्ष आगे बढ़ाया जाये।

3. गार्गी मंच (Gargi Manch) के अर्न्तगत किये जाने वाले कार्य एवं वित्तीय प्रावधान

गार्गी मंच (Gargi Manch) की नियमित गतिविधियों के अतिरिक्त सत्र पर्यन्त विद्यालय प्रबंधन द्वारा निम्नलिखित दो गतिविधियों का संचालन समारोह पूर्वक किया जायेगा

(3.1) राष्ट्रीय बालिका दिवस समारोह का आयोजन

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया जाता है। सत्र 2019-20 में 24 जनवरी 2012 को समस्त माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बालिका शिक्षा समारोह का आयोजन किया जाना सुनिश्चित करें। समारोह में मुख्य तौर पर निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन करवाया जाये

• राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में आधे दिन विद्यालय में समारोह का आयोजन किया जाये। समारोह में छात्राओं की उपलब्धियों, विद्यालय में किये जा रहे सुधारों के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जाये। 

• आयोजन की पूरी योजना गार्गी मंच के द्वारा की जाये योजनानुस्र संस्थाप्रधान पूरे कार्यक्रम को साकार रूप देने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम में मंच संचालन संबंधी कार्य भी छात्राओं को दिये जायें।

* आयोजन में बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं बाल अधिकारों पर स्लोगन तख्तियों पर लिखे जायें जिसे

• विद्यालय में समारोह के स्थान पर प्रदर्शित किया जाये। 

• बाल अधिकारों, बालिका शिक्षा और जेण्डर संबंधी मुद्दों पर कम से कम दो नाटकों का आयोजन भी गार्गी मंच के माध्यम से किया जाये।

• समारोह में वाद-विवाद, चित्रकला, रंगोली, खेलकूद आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जा सकेगा।

• बालिकाओं द्वारा सीखी गयी आत्मरक्षा प्रशिक्षण का भी प्रर्दशन किया जाये। 

• समस्त बच्चों को बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं विविध योजनाओं, बाल अधिकारों पर जानकारी देने हेतु पम्पलेट प्रिन्ट करवाकर दिये जायें।

• पम्पलेट में बालिका शिक्षा स्लोगन भी दिये जा सकेंगे पम्पलेट की प्रिन्ट सामग्री संदर्भ हेतु संलग्न है। विद्यालय पम्पलेट के साथ अपने स्कूल की रोल मॉडल की जानकारी भी उपलब्ध करा सकता है।

• बच्चों को स्वयं पढ़ने, घर के सदस्यों और अपने साथियों को पढ़ाने और स्वयं के साथ रखने हेतु कहा जाये।

• समस्त अभिभावकों को समारोह में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित किया जाये।

• सामारोह में आधा समय अभिभावकों के साथ चर्चा का रखा जाये। जिसके दौरान अभिभावकों को विद्यालय के छात्राओं की उपलब्धियों पर चर्चा की जाये। उपलब्धियों में विद्यालय से निकले रोल मॉडल को भी सम्मिलिति किया जाये। समारोह में नियमित विद्यालय आने वाली छात्रओं के अभिभावकों को सम्मानित किया जाये।

• समारोह में अभिभावकों से विद्यालय को बालिका संवेदी बनाने हेतु सुझाव मांगे जाये और उसका रिकार्ड भी संधारित हो।

• राष्ट्रीय बालिका शिक्षा दिवस समारोह का आयोजन विद्यालय समय के आधे अवधि में समस्त विद्यालयों में किया जाये।

(3.2) जेण्डर रिपोर्ट कार्ड एवं गार्गी मंच की उपलब्धियों का प्रदर्शन

सभी विद्यालय बालिकाओं की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हों, इस हेतु आवश्यक है कि वे तय पैरामीटर पर सभी विद्यालयों समय-समय पर स्वयं का आकलन करें और प्रभावशाली कदम उठायें। इस ओर स्व-आकलन हेतु प्रोत्साहित करने की दिशा में सभी विद्यालयों में गार्गी मंच का प्रचार प्रसार किया जावे।

Gargi Manch (गार्गी मंच) की गतिविधियाँ

1. प्रवेशोत्सव एवं नामांकन अभियान

1. संस्थाप्रधान गार्गी मंच को विद्यालय परिक्षेत्र में आने वाले समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों से कक्षा 8 उर्तीण बालिकाओं की सूची-विद्यालय में नामांकित और अनामांकित श्रेणीवार, उपलब्ध करवायेगा।

2. गार्गी मंच सूची का विश्लेषण कर यह निर्धारित करेंगे कि किस गांव, ढाणी / क्षेत्र से बालिकाएं अभी तक नामांकित नहीं हुई हैं। ऐसी बालिकाओं की सूची को उसी क्षेत्र में रहने वाले बच्चों का समूह बनाकर साझा किया जायेगा और उन्हें स्कूल में लाने हेतु प्रेरित किया जायेगा।

3. ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाये एवं कार्य क्षेत्र भी ग्राम पंचायत स्तरीय हो जो बालिकाएं किशोर-किशोरियों के समूह के द्वारा भी विद्यालय में नामंकित नहीं हो पातीं, उन किशोरियों को विद्यालय परिसर में अपने अभिभावकों (विशेषकर माताओं) के सहित भ्रमण/ आने हेतु गार्गी मंच आमंत्रित करे। विद्यालय परिसर में नामांकन प्रेरणा का कार्यक्रम आयोजित हो, जिसमें नाटक, कहानी, प्रेरणा संदेश, कविताएं इत्यादि प्रस्तुत किये जा सकेंगे इस हेतु गार्गी मंच विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं को प्रस्तुति देने हेतु आमंत्रित करे और चयनित प्रस्तुतियां रखी जायें उक्त कार्यक्रम का आयोजन आवश्यकतानुसार प्रार्थना सभा अथवा मध्यान्ह अथवा विद्यालय समय के अंतिम एक घण्टे में किया जा सकेगा

4. गार्गी मंच कक्षा 8 उर्तीण बालिकाओं की प्राप्त सूची में अधिकतम ड्रॉपआउट वाले गांव, ढाणी में से सुगमकर्ता के माध्यम से किसी एक अथक दो गावों का चयन करे और उस क्षेत्र/ गांव हेतु विशेष नामांकन अभियान का आयोजन करे। उक्त कार्यक्रम जिले के समस्त विद्यालयों द्वारा एक साथ किया जाये। अर्थात जिले के समस्त माध्यमिक व उ0मा० विद्यालयों द्वारा अधिकत ड्रॉपआउट वाले किसी एक अथवा दो गांवों/क्षेत्र में गार्गी मंच नामांकन अभियान का आयोजन किया जायेगा। 

5. उक्त नामांकन अभियान हेतु गार्गी मंच सुगमकर्ता एवं प्रधानाध्यापक के मार्गदर्शन में निम्नलिखित तैयारी करेगा – .

 • सुगमकर्ता के सहयोग से अभियान की तैयारी की रूपरेखा बनाना।

• आपसी चर्चाकर गार्गी मंच के समस्त सदस्यों में कार्य विभाजन करना। आवश्यकतानुसार गार्गी मंच के सदस्य / प्रेरक अपनी कक्षाओं से सहयोग हेतु अन्य बालिकाओं का चयन करना।

• बच्चों द्वारा अभियान के दौरान की जाने वाली गतिविधियों की पूर्व तैयारी करना, जैसे नाटक. गीत, स्लोगन, तख्तियां, कहानी, प्रेरणास्पद रोज- मॉडल बालिकाओं की जीवन, आदि। ध्यान रहे कि उक्त अभियान में बालिकाओं की भागीदारी अधिकतम रहे. इस हेतु प्रत्येक 4 में से 3 विद्यार्थी बालिकाएं ही हों। कार्ययोजना एवं दायित्वों के विभाजन की योजना को प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक से साझा करना।

• संबंधित वार्ड सदस्य से मिल कर सहयोग प्राप्त करना। पंचायत के सरपंच को अभियान के आह्वान करने और अभिभावकों व बालिकाओं को संदेश देने हेतु आमंत्रित करना। .

• प्रत्येक माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय संस्थाप्रधान अपने ग्राम पंचायत के अनामंकित ड्रॉपआउट बालिकाओं (आयु 14-17 वर्ष) की सूची तैयार करे तथा उनका शतप्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करें।

• पंचायत की स्थायी शिक्षा समिति के सदस्यों को अभियान में प्रतिभाग लेने हेतु आमंत्रित करना 

• एस.डी.एम.सी. सदस्यों को आमंत्रित करना। उनकी बैठक बुलवाकर समस्त ड्रॉपआउट बलिकाओं की सूची साझा एवं सहयोग लेना। कार्यक्रम के संचालन में आवश्यकतानुसार जिम्मेदारी तयकर सौंपना।

• चयनित क्षेत्र/ मजरे से आने वाले अथक निकटतम मजरे के छात्र व छात्राओं के माध्यम से उस क्षेत्र के समस्त परिवारों को (विशेषकर ड्रॉपआउट बालिकाओं और उनके अभिभावकों को) कार्यक्रम में शामिल होने हेतु आमंत्रित करना।

• उक्त कार्यक्रम में अपने पंचायत / ब्लॉक / जिले से राजकीय विद्यालय से पढ कर कोई मुकाम हासिल करने वाली महिला को प्रेरणा-स्त्रोत/ रोल-मॉडल के रूप में आमंत्रित करना ।

• विभिन्न राजकीय/ गैर-राजकीय क्षेत्रों से जुड़ी सक्रिय एवं प्रेरणा/हौसला देने वाली महिलाओं को आमंत्रित करना। 

6. उक्त नामांकन अभियान का संचालन निम्नानुसार किया जायेगा-

• अभिभावकों की अधिकतम उपलब्धता के अनुसार समय का निर्धारण किया जाये।

• गार्गी मंच के सदस्य एवं सुगमकर्ता के अतिरिक्त विद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी भी उक्त नामांकन अभियान में प्रतिभाग करेंगे। ध्यान दें कि जो बालिकाएं उस मजरे क्षेत्र से देर रहती हों, उसकी उसके घर के दूरी के मध्य की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए उसे इस कार्यक्रम में प्रतिभाग लेने हेतु बाध्य नहीं किया जाये। अतः बच्चों के सहभागिता हेतु चयनित स्थल से उनकी दूरी को भी मध्यनजर रखा जाये।

• समस्त बच्चे नामांकन हेतु प्रेरणा संदेश, स्लोगन आदि की तख्तियां बनाकर साथ ले जायेंगे।

• शिक्षक एवं बच्चे पूरे मजरे में भ्रमण करेंगे और स्लोगन व प्रेरणा गीत गायेंगे।

• समुदाय के किसी एक स्थान पर एकत्र होकर नामांकन एवं बालिका शिक्षा हेतु संदेश देंगे। इस हेतु गीत, कहानियां नाटक आदि का प्रयोग किया जायेगा ।

• उक्त नाटक, कहानियों, गीतों के तैयारी हेतु संस्थाप्रधान विद्यालय अथवा बाहर से किसी आर्टिस्ट की सहायता ले सकेगा। अथवा किसी कला-जत्था के आर्टिस्ट को आमंत्रित कर सकेगा। उक्त आर्टिस्ट को मानदेय न देकर सम्मानित किया जाये।

• कार्यक्रम की समाप्ति पर सरपंच, वार्ड सदस्य एसडीएमसी के सदस्य, संस्थाप्रधान एवं गार्गी मंच के सदस्यों द्वारा ड्रॉपआउट बालिकाओं की सूची अनुसार एक-एक कर उनकी समस्याओं पर चर्चा हो और उसका निवारण हेतु तत्काल निर्णय लिये जायें।

• अभियान के माध्यम से नामांकित होने वाली बालिकाओं को स्कूल में जोड़े रखने हेतु विद्यालय स्तर पर लिये जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा साथ में की जाए।

• अन्त में समुदाय, अभिभावक, पंचायत सदस्य, छात्र-छात्राएं आदि सामूहिक शपथ लें कि वे अपने बच्चों को/मजरे के बच्चों को नियमित स्कूल भेजेंगे, अथवा स्वयं नियमित स्कूल आयेंगे और अन्यों को प्रोत्साहित करेंगे।

• किसी एक स्थान पर उक्त नमांकन अभियान हेतु कम से कम 2-3 घण्टे बिताये जायें।

• गार्गी मंच द्वारा नामांकित छात्राओं की सूची तैयार कर प्रदर्शित की जायें।

2. उपस्थिति चार्ट (नियमित उपस्थिति हेतु प्रोत्साहन) यह गतिविधि बालिकाओं को नियमित स्कूल आने हेतु प्रेरित करने की दृष्टि से की जायेगी। इसके अंतर्गत कक्षा के सभी बच्चों के नाम, चार्ट पर अंकित कर माहवार उपस्थिति दर्शायी जायेगी। माह के अंतिम कार्य दिवस पर, उस माह में 20 दिन या उससे अधिक दिन स्कूल आने वाले बच्चों को “हरा स्टार” दें। 15 से 19 दिन स्कूल आने वाले बच्चों को “पीला स्टार” दें कक्षाध्यापक “हरा एवं पीला स्टार” पाने वाले बच्चों के लिए कक्षा / प्रार्थना स्थल पर तालियां बजवाये । यह भी महत्वपूर्ण है कि लगातार अनुपस्थित रहने वाली बालिकाओं को विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रहने हेतु अभिभावकों से संपर्क कर अध्यापक/गार्गी मंच के सदस्य प्रेरित करें। गार्गी मंच के कक्षावार एक सखी एवं एक सखा अपनी कक्षा हेतु कक्षा अध्यापिका के सहयोग से उपस्थिति चार्ट बनायेगे चार्ट का निर्माण 01 अगस्त से आवश्यक रूप से शुरू कर दिया जाये जो कि वर्षपर्यन्त जारी रहेगी। इसमें गार्गी मंच की कक्षा प्रभारी अपनी कक्षा के बच्चों की उपस्थिति प्रत्येक माह अंकित करेंगी। इस हेतु चार्ट पेपर इत्यादि का क्रय गार्गी मंच की नियमित गतिविधियों हेतु निर्धारित राशि में से किया जा सकेगा |। सभी कक्षाध्यापक और संस्थाप्रधान मंच के सदस्यों के साथ चर्चा करेंगे कि उनकी भागीदारी से स्कूल में

बच्चों की नियमित उपस्थिति में किस प्रकार का बदलाव आ रहा है और सत्र के प्रारम्भ एवं अन्त में बच्चों का तुलनात्मक ठहराव कितना रहा जिला एवं राज्य स्तर से इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।

3. सकारात्मक एवं नकारात्मक शब्दों की पहचान सुगमकर्ता पहली बार इस खेल को खिलाये और खेल पश्चात अन्य समूहों में इसे खेले जाने के नियम और सावधानियों को समझाये। इस खेल में अपेक्षाकृत बड़े बच्चों को नेतृत्व करने का मौका दिया जाये। गार्गी मंच दो समूहो में बंट जाये और एक खेल खेले। पहले समूह को ऐसे शब्दों को बोलने को कहा जाये जो किसी भी व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव डालता हो। इसी प्रकार दूसरे समूह को ऐसे शब्दों को बोलने को कहा जाये जो किसी भी व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव डालता हो। दूसरा समूह यदि प्रस्तावित शब्द से सहमत हो तो समूह के अपने शब्दों को चार्ट पेपर/कॉपी में लिख लें।

दोनों समूह को प्रस्तुति देने को कहा जाये और तब सुगमकर्ता सहयोग करे कि ऐसे कितन शब्द हम रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग में लाते हैं जो कि जेण्डर जाति, रंग, शारीरिक रचना आदि से जुड़े हैं और हमें और हमारी सोच, हमारे सपनों को सकारात्मक/नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है।

4. खतरों की पहचान

गार्गी मंच के सदस्यों को सर्वप्रथम नजरी नक्शा के कॉन्सेप्ट पर समझाया चार्ट पर अलग-अलग नक्शा बनाने को कहें जाये इसके बाद पेपर या चार्ट पर अलग अलग नक्शा बनाने को कहें –

• विद्यालय और विद्यालय के सभी महत्वपूर्ण स्थान जहाँ वे जाते हैं।

• घर से विद्यालय आने का रास्ता, रास्ते आने वाले सब पोइन्ट जैसे खाली रास्ता, चाय / पान की दुकान, ढाबा, बस्ती, शराब का ठेका, आदि।

• मौहल्ले/गांव में सभी जगह जहाँ वे जाते हों।

अब उन्हें लाल और हरा रंग देकर कहें – जिन स्थानों पर उन्हें जाना अच्छा नहीं लगता उस पर लाल रंग से गोला बनायें और जिन स्थानों पर उन्हें जाना अच्छा लगता उस पर हरे रंग से गोला बनायें।

इसके बाद सुगमकर्ता सबसे चर्चा करे चिन्हित करे कि क्या संभावित कारण हैं जिससे वो स्थान उन्हें अच्छे नहीं लगते विशेष ध्यान दे कि किसी एक या दो बच्चों की स्थिति में पृथक से बात की जाये। बच्चों को इसी प्रकार अपनी-अपनी कक्षा में सहपाठियों से मैप बनाने को कहा जाये लाल रंग वाले स्थानों का अध्ययन सुगमकर्ता एवं संस्थाप्रधान करें और प्रभावित छात्रा छात्र से पृथक से चर्चा करें।

उक्त गतिविधि पश्चात दूसरे चरण में उन व्यक्तियों के नाम चिन्हित करें जिन्हें बच्चे पसंद करते हैं या नापंसद। प्रभावति करने वाले कारणों को तलाशें और सुनिश्चित करें कि बच्चे किसी असहज स्थिति में नहीं हो। विद्यालय संबंधी कारणों का तत्काल समाधान किया जाये और पारिवारिक कारणों को काउन्सिलिंग अथवा पुलिस/बाल संरक्षण समिति की मदद से समाधान किया जाये।

सत्र 2018-19 में मीना मंच एवं गार्गी मंच हेतु एजेण्डा –

मीना मंच एवं गार्गी मंच इस सत्र में निम्नलिखित चार मुद्ददों पर काम करेगी –

1. आउट-ऑफ-स्कूल बालक/ बालिकाओं को विद्यालय से जोड़ने की पहल करना।

2. सभी बालक-बालिकाओं की उपस्थिति को नियमित करने के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली (early warning system) पर पहल करना। 

3. स्कूल में बालिका संवेदी इंडीकेटरर्स को लागू करने के लिए सभी बच्चों के साथ चर्चा करना। मीना कहानियों पर समय- समय पर कार्यक्रम आयोजित करने, बच्चों में संवेदनशीलता, जागरूकता उत्पन्न करना। 

4. जेण्डर एवं महावारी स्वच्छता पर लगातार समस्त बच्चों से समूहों में वार्ताएं आयोजित करना।

 5. अध्ययन प्रक्रिया को श्रेष्ठ करना एवं श्रेष्ठ परिणाम ओर अग्रसर होना। विद्यालय स्तरीय गतिविधियां

(1) प्रिन्सिपल/संस्थाप्रधान द्वारा विद्यालय की महिला शिक्षिका को सुगमकर्ता का दायित्व देना।

 (2) जुलाई 2019 में मीना मंच का गठन /पुनर्गठन। नोडल सैकण्डरी विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 की छात्राओं हेतु गार्गी मंच का पृथक से गठन / पुनर्गठन करना एवं गागी मंच को मीना मंच की गतिविधियों से जोड़ना।

(3) सत्र-पर्यन्त मीना मंच गतिविधि -कैलेण्डर की गतिविधियों को संचालन हेतु चिन्हित करना और विद्यालय के वार्षिक कलेण्डर में सम्मिलित करना। 

(4) माह के प्रथम एवं तीसरे शनिवार को मीना एवं गार्गी मंच की बैठकों आयोजित करना।

(5) माह के द्वितीय एवं चौथे शनिवार को मीना एवं गार्गी मंच द्वारा अन्य बच्चों से चर्चा/बैठक करना।

 (6) मीना मंच एवं गार्गी मंच की बालिकाओं के नेतृत्व में बाल मंच एवं चाइल्ड राइट्स क्लब के सदस्य बच्चों के साथ विद्यालय में निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित करवायेंगे –

6.1. कक्षावार उपस्थिति चार्ट बनाना; अनियमित बच्चों को विद्यालय लाने हेतु मौहल्लेवार टोली बनाना। गार्गी मंच किसी भी बालिका के साथ समस्या नहीं हो, इसलिए मौहल्लेवार समूह बना कर समूह में बालिकाओं के आने जाने की योजना बनायें।

6.2. सत्र में चार बार (अगस्त, नवम्बर, जनवरी एवं अप्रेल माह) में क्लस्टर के सक्रिय मीना मंच के विद्यालय में निकट के अन्य विद्यालयों से मीना मंच एवं गार्गी मंच सदस्याओं को आमंत्रित कर संगोष्ठी करना मीना-राजू मंच एवं गार्गी मंच की गतिविधियों को एक-दूसरे से साझा करना। 

6.3. संयुक्त कामों को और सहयोग के क्षेत्रों को चिन्हित करना। 

6,4 विद्यालय में मीना कार्नर/मीना वाचनालय का संचालन करना। 6.4.

6.5. अनियमित बालिकाओं, बाल-विवाह से प्रभावित/ संभावित बालिकाओं के नियमित शिक्षा जारी रखने हेतु उनकी सूची एसएमसी /एसडीएमसी की बैठकों में मीना मंच एवं गार्गी मंच के माध्यम से प्रस्तुत करना और कार्ययोजना बना उस पर कार्यवाही सुनिश्चित करवाना। 

6.6. चाइल्ड राइट्स क्लब की सदस्य बालक-बालिकाओं के माध्यम से बाल-अधिकारों एवं बाल सुरक्षा (पोक्सो एक्ट सहित ) पर चर्चा करना ।

6.7. सर्वसुलभ स्थान पर गरिमा पेटी लगाना और मीना मंच एवं गार्गी मंच को उसके संचालन की एवं एसएमसी/एसडीएमसी की बैठकों में समस्याओं को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी देना। गरिमा पेटी से प्राप्त समस्याओं का संस्थाप्रधान द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर निस्तारण एवं रिकार्ड संधारण करेगें।

6.8. मीना मंच एवं गार्गी मंच के नेतृत्व में समस्त कक्षाओं में मौहल्लेवार एवं शैक्षणिक स्तर के अनुसार पीयर समूह का गठन करना | पीयर समूह के बच्चों को रोज विद्यालय आने, विद्यालय कार्य एवं शिक्षण समस्याओं पर पीयर-लीडर का सहयोग लेने हेतु प्रोत्साहित करना।

6.9. प्रतिमाह कक्षा 7 और 8 के मीना मंच के सदस्यों को कक्षा 3 से 6 के बच्चों के साथ समूह में “कहानी एवं नाट्य मंचन” का प्रोजेक्ट-कार्य देना। इसी प्रकार कक्षा 9-12 के गार्गी मंच के बच्चों को कक्षा 6 से 8 हेतु प्रोजेक्ट कार्य देना । इस हेतु प्रत्येक समूह को मीना कहानियों, पाठ्यपुस्तको, सहयोगी पुस्तकों, लाईब्रेरी की पुस्तकों एवं परिवेश के अनुभवों पर कहानी बनाने, उसे नाट्य के रूप में लिखने और उसे प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी देना।

6.10. विद्यालयी सह-शैक्षिक गतिविधियों के आयोजन व संचालन में मीना मंच एवं गार्गी मंच को अवसर देना।

6.11 बाल संसद, मीना मंच, गार्गी मंच और चाइल्ड राइट्स क्लब के सदस्यों को रोटेशन पर समस्त गतिविधियों का रिकार्ड संधारण करना।

(7) सुगमकर्ता द्वारा बाल अधिकार, पर्यावरण संरक्षण, रोड़ सेफ्टी, आपदा प्रबंधन, विद्यालय स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता एवं महावारी स्वच्छता पर जानकारी, चर्चाएं एवं विशेष कार्यक्रम आयोजित करना।

(8) मीना मंच, गार्गी मंच एवं अन्य बालिकाओं को आसपास के माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक बैंक, पोलिस स्टेशन, पोस्ट ऑफिस, ई-मित्र केन्द्र, स्वास्थ्य उपकेन्द्र आदि का सत्र में कम से कम 2 भ्रमण करवाया जाना।

(9) सुगमकर्ता द्वारा गत सत्रों में प्रिन्ट कराये गये मीना मंच पोस्टरों का बैठकों में प्रदर्शन करना तथा पोस्टर में उल्लेखित बिन्दुओं के आधार पर बालिकाओं में परिवर्तन लाने के प्रयास करना।

(10) संस्थाप्रधान द्वारा मीना मंच/गार्गी मंच की उपलब्धियों का रिकार्ड संधारित कर सूचनाओं को प्रेषित करना।

(11) विशेष दिवसों जैसे 24 सितम्बर (मीना दिवस), 11 अक्टूबर (अन्नर्तराष्ट्रीय बालिका दिवस), 14 नबम्बर (बाल दिवस), 24 जनवरी (राष्ट्रीय बालिका दिवस) एवं 8 मार्च (अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस) पर विद्यालय में मीना मंच द्वारा बच्चों की आवाज को समुदाय स्तर तक ले जाने हेतु और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करना।

अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस उत्सव (ब्लॉक मीना मेला)

(1)बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़े, वे अपने साथियों द्वारा किये गये प्रसंशनीय कार्यों को देखें, समझें एवं एक-दूसरे से सीखें, इस हेतु प्रत्येक ब्लॉक पर मीना मेले का आयोजन किया जायेगा। प्रत्येक ब्लॉक पर कुल 15 प्रतिशत श्रेष्ठ मीना मंच वाले चयनित विद्यालय प्रतिभाग करेंगे। उक्त गतिविधि मीना मंच हेतु आयोजित की जा रही हैं, क्योंकि यह गतिविधि पूर्व सत्रों से संचालित है। उक्त मेले में प्रतिविद्यालय 5 बच्चे एवं एक सुगमकर्ता प्रतिभाग करेंगे। वित्तीय प्रावधानों की विस्तृत जानकारी पृथक से दी जायेगी।

(2)संभागी मीना-राजू मंच का चयन निम्नलिखित आधार पर किया जाये –

(1) मंच द्वारा विद्यालय के समस्त बच्चों को सम्मिलित किया गया हो और गत दो सालों में सत्र पर्यन्त समस्त गतिविधियों का प्रभावी संचालन किया जा रहा हो ।

(2) मंच द्वारा किसी सामाजिक कुरीति का विरोध किया गया हो, जैसे बाल विवाह, बाल श्रम, छेड़छाड/उत्पीडन इत्यादि।

(3) मंच द्वारा ड्रॉप आउट /विद्यालय नहीं जाने वाली बालिकाओं को नाममांकित कराया गया हो/ उजियारी पंचायत के लक्ष्य में प्रसंशनीय सहयोग दिया गया हो।

(4) मंच द्वारा कक्षा 8 के बाद भी गत दो सत्रों में बालिकाओं को शिक्षा से जोड़े जाने का प्रसंशनीय कार्य किया गया हो।

(5) मंच के समस्त सदस्यों में आत्मविश्वास एवं जीवन कौशल परिलक्षित होता हो।

(3)उक्त ब्लॉक स्तरीय मीना-राजू मेले का आयोजन 14 नबम्बर 2018 को बाल दिवस के उपलक्ष्य पर बनाया जायेगा।

राष्ट्रीय बालिका दिवस उत्सव (जिला मीना मेला)

(1)मीना-राजू मंच और गार्गी मंच को रोल मॉडल के रूप में पूरे जिले में प्रचारित करने, एवं सक्रिय मीना मंच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य राष्ट्रीय बालिका दिवस उत्सव पर जिले स्तर पर मीना मेले का आयोजन किया जायेगा उक्त मेले में प्रत्येक जिले पर कुल चयनित 12 मंच प्रतिभाग करेंगे जिसमें से 7 मीना मंच होने अनिवार्य हैं और 5 गार्गी मंच लिये जा सकेंगे संभागी विद्यालय से 5 बच्चे एवं एक सुगमकर्ता प्रतिभाग करेंगे। वित्तीय प्रावधानों की विस्तृत जानकारी पृथक से उपलब्ध करा दी जायेगी। 

(2)संभागी मंचों का चयन ब्लॉक स्तर पर किये गये प्रस्तुतियों एवं मंच के कार्यों के आधार पर किया जा सकेगा। प्रथम स्थान पाने वाला मंच अगामी सत्र तक जिले का रोल मॉडल मीना-गार्गी मंच के रूप में जाना जायेगा मॉडल मीना मंच एवं गार्गी मंच के अनुकरणीय प्रयासों का प्रचार प्रसार WhatsApp के माध्यम से भी किया जाये जिला परियोजना समन्वयक उक्त मंच को जिले पर 26 जनवरी 2019 को सम्मानित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करेगा । 

(3)उक्त जिला स्तरीय मीना-राजू मेले का आयोजन 24 जनवरी 2019, राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य पर बनाया जायेगा।

अपेक्षित परिणाम –

1. कक्षा 5 से 8 तक की बालिकाओं में 75 प्रतिशत मासिक उपस्थिति वाली बालिकाओं की सूची प्रतिमाह बनाना और एसएमसी बैठक ऐजेण्डा में चर्चा करना।

2. कक्षा 5 से 12 तक की बालिकाओं हेतु विद्यालय में पूर्व चेतावनी प्रणाली (early warning system) बनाकर सक्रिय करना।

3. विद्यालय के प्रत्येक गतिविधि में बालिकाओं की समान भागीदारी एवं नेतृत्व हेतु कोड ऑफ कन्डक्ट लागू करना।

4. विद्यालय परिसर में ‘गरिमा पेटी’ लगी होगी जिसमें प्राप्त सुझाव /शिकायतों एवं इसके निस्तारण का लेखाजोखा मीना मंच के नेतृत्व में एसएमसी द्वारा किया जायेगा ।