Casual Leave: How to write CL Application properly

प्रत्येक राज्य कर्मचारी का यह कर्तव्य है कि वह अपने कर्तव्य पर उपस्थित न हो पाने की सूचना, मुख्यालय त्यागने की सूचना अपने नियंत्रण अधिकारी या कार्यालयाध्यक्ष को दे। यदि कार्मिक अपने नियंत्रण अधिकारी या कार्यालयाध्यक्ष को अपने कर्तव्य पर उपस्थित न हो पाने की सूचना समय पर नहीं देता है तथा बिना सूचना कर्तव्य से अनुपस्थित रहता है तो कर्मचारी के विरूद्ध सक्षम अधिकारी द्वारा अनुशानात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है। अतः कर्मचारी को अपने कर्तव्य पर उपस्थित न हो पाने की सूचना, मुख्यालय त्यागने तथा अवकाश पर रहने की सूचना सक्षम अधिकारी को निर्धारित समय पर देना आवश्यक है।
कर्मचारी अपने कर्तव्य पर उपस्थित नहीं हो पाने की स्थिति में उसे देय आकस्मिक अवकाश का उपभोग कर सकता है। प्रत्येक कार्मिक को प्रत्येक वर्ष जो मंत्रालयिक कर्मचारी के मामले में जनवरी से दिसम्बर होता है जबकि शिक्षकों के मामले में जुलाई से जून होता है, पन्द्रह आकस्मिक अवकाश देय होते है। एक बार में अधिकतम 10 आकस्मिक अवकाश का उपभोग किया जा सकता है। आकस्मिक अवकाश का लेखा कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में न रखा जाकर कर्मचारी उपस्थिति पंजिका में रखा जाता है। प्रत्येक माह लिये गये अवकाश, गत माह तक लिये गये अवकाश तथा कुल उपभोग किये गये आकस्मिक अवकाश की प्रविष्टि कर्मचारी उपस्थिति पंजिका में प्रत्येक माह में की जाती है।
कर्मचारी को आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करवाने तथा मुख्यालय त्यागने की अनुमति प्राप्त करने हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिये(Casual Leave: How to write CL Application properly)-

>>आकस्मिक अवकाश अपने नियंत्रण अधिकारी/कार्यालयाध्यक्ष अथवा विशेष परिस्थितियों में सक्षम अधिकारी को सम्बोधित कर कर लिखना चाहिये। चुनाव, महामारी, प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में आकस्मिक अवकाश पर रोक होने की स्थिति में अवकाश स्वीकृति हेतु सक्षम अधिकारी को अवकाश का प्रार्थना पत्र लिखना चाहिये।

>>आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र में कार्मिक द्वारा अपने कर्तव्य पर उपस्थित न हो पाने का कारण आवश्यक रूप से लिखना चाहिये।

>>अवकाश प्रार्थना पत्र में अवकाश की अवधि दिनांक से दिनांक तक तथा चाहे गये कुल अवकाशों की संख्या का उल्लेख अवश्य करना चाहिये।

>>आकस्मिक अवकाश की अवधि में यदि कार्मिक को मुख्यावास त्यागना आवश्यक हो तो मुख्यावास त्यागने की अनुमति प्रार्थना पत्र में अवश्य प्राप्त करनी चाहिये।

>>अवकाश काल में कार्मिक का डाक का पता, मोबाईल नम्बर तथा ई-मेल पता अवश्य लिखना चाहिये ताकि अपरिहार्य परिस्थितियों में नियंत्रण अधिकारी कार्मिक से सम्पर्क कर सके।

>>अवकाश प्रार्थना पत्र की भाषा विनम्रता भरी होनी चाहिये। निर्णयात्मक वाक्यों की बजाय निवेदन वाले वाक्यो का प्रयोग किया जाना ज्यादा उचित है।

>>अवकाश प्रार्थना पत्र में इस बात का विश्वास दिलाया जाना चाहिये कि अवकाश अवधि की समाप्ति पर कार्मिक समय पर अपने कर्तव्य पर उपस्थित हो जायेगा।

>>संस्था प्रधान स्वयं आकस्मिक अवकाश का उपभोग करना चाहता है तो प्रार्थना पत्र अपने उच्च अधिकारी को कार्यालय स्तर पर पत्र जावक पंजिका में दर्ज कर प्रेषित करना चाहिये।

>>मुख्यावास त्यागने से पूर्व तथा अवकाश का उपभोग करने से पूर्व आकस्मिक अवकाश सक्षम अधिकारी से स्वीकृत करवा लिया जाना चाहिये।

>>आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र की विषयवस्तु संक्षिप्त एवं सटीक होनी चाहिये।

आकस्मिक अवकाश प्रार्थना पत्र का प्रारूप

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक महोदय,
राउमावि/रामावि/राउप्रावि/राप्रावि,
…………………………
विषय- आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कर मुख्यावास त्यागने की अनुमति प्रदान करने बाबत।
महोदय,
उपरोक्त विषयान्तर्गत निवेदन है कि …………..(कारण) मैं दिनांक …………….से …………..तक अपने कर्तव्य पर उपस्थित होने में असमर्थ हूॅूं। अतः श्रीमान से निवेदन है कि दिनांक…………….से……………तक कुल…………………..का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कर मुख्यावास त्यागने की अनुमति प्रदान करावें। अवकाशकाल में मेरा सम्पर्क पता इस प्रकार रहेगा-
………………………………………………….
………………………………………………….
मोबाईल नम्बर…………………….
ई-मेल एड्रेस………………………………….
मैं अवकाश उपभोग पश्चात अगले कार्यदिवस को अपने कर्तव्य पर उपस्थित हो जाउंगा।


आपका विश्वासपात्र,
……………………………………
नाम……………..पद……………….
कार्यस्थल का नाम व पता
कर्मचारी आईडी……………………………