विद्यालय में मीना मंच (Meena Manch) का गठन

विद्यालय में मीना मंच (Meena Manch) का गठन

सत्र 2011-12 से मीना मंच का संचालन राज्य के 9206 नोड़ल विद्यालयों और 200 केजीबीवी में प्रारंभ हुआ है। जिसके सफल परिणामों की एक झलक को राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी 2014 को भी देखने को मिली। साथ ही कुछ चयनित विद्यालयों में हुए एक संक्षिप्त अध्ययन ने भी मीना मंच का बालिकाओं पर सकारात्मक प्रभावों पर को पुष्ट किया है। मीना मंच ने बालिकाओं को अपनी बात अभिव्यक्त करने हेतु एक मंच दिया है। इससे जो प्रभाव देखने को मिले हैं, उसमें से मुख्य हैं –

  • शिक्षकों से सवाल करने और अपनी बात में झिझक दूर हुई है।
  • भाशायी कौशल में सुधार आया है।
  • पढ़ने में रूचि बढ़ी है और पुस्तकालय का भी प्रयोग बढ़ा है।
  • उपस्थिति में नियमितता आयी है और मीना मंच की बालिकाएं सैकण्ड़री शिक्षा जारी रखी है।
  • समुदाय में बाल-विवाह, दहेजप्रथा, मादक-द्रव्यों के कुप्रभावों, स्वच्छता आदि पर जागरूकता लाने हेतु मीना मंच की बालिकाएं सक्रिय रही हैं।
  • व्यक्तिगत स्तर पर भी आत्मविष्वास का स्तर बढ़ा है, सामाजिक एवं विद्यालय की गतिविधियों में भागीदारी बढ़ी है।

पूर्व अनुभवों के आधार पर सत्र 2016-17 में राज्य के समस्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों (केजीबीवी सहित) एवं फेज-1 के आर्दष विद्यालयों (माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय) में मीना मंच का विस्तार किया गया। सत्र 2017-18 में फेज-2 के आर्दष विद्यालयों में भी मीना मंच का विस्तार किया गया। सत्र 2019-20 में राज्य के समस्त राजकीय उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर पर किया जा रहा है।

मीना मंच (Meena Manch) की संकल्पना एवं उद्देष्य-

मीना मंच (Meena Manch) विद्यालयों में बालिकाओं के लिए एक ऐसा मंच है जो उन्हें अपनी बात को खुलकर कहने के अवसर देता है। यह बालिकाओं को षिक्षा से जुड़ने, नियमित विद्यालय आने और लिंग आधारित भेदभावों के प्रति सजग रहने में प्रोत्साहित करता है। परोक्ष रूप से बालिकाओं में आत्मविष्वास का विकास, समस्याओं के समाधान ढूढ़ने का कौशल एवं नेत्तृव क्षमता जैसे मूलभूत जीवन कौषल का विकास करने का अवसर देता  है।

उद्देष्य – बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए विद्यालयों में यथोचित एवं विषेष अवसर देना जिससे उनमें आत्मविष्वास बढ़े, जीवन कौषल का विकास हो, नेत्तृव क्षमता बढ़े और वे समाजिक मसलों पर अपने स्वयं के विचार रख सकें, और सबसे अधिक कि वे निर्बाध रूप से अपनी विद्यालयी षिक्षा पूरी कर सकें। मीना मंच के स्पष्ट उद्देष्य हैं –

  • समस्त बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और उनका ठहराव बनाये रखना। बालिकाओं को सीखने, पढ़ने-लिखने एवं सह-शैक्षिक गतिविधियों से जोड़ने हेतु अधिकतम अवसर/सामूहिक सहयोग देना।
  • बालिकाओं की सुरक्षा पर चर्चा करना एवं आपसी सहयोग से समाधान करना।
  • जेण्डर भेदभाव एवं सामाजिक कुरीतियों पर समझ विकसित करना और बालिकाओं को इन मुद्दों पर अपने विचार अभिव्यक्त करने हेतु एक मंच प्रदान करना।
  • आत्मविष्वास एवं जीवन कौशल का विकास करने के अवसर निष्चित रूप से उपलब्ध कराना।
  • बालिकाओं में नेतृत्व तथा सहयोग की भावना विकसित करना। साथ ही किशोरावस्था संबंधी जिज्ञासाओं की अभिव्यक्ति एवं समाधान हेतु मंच देना।
  • बालिका षिक्षा एवं विकास के लिए समुदाय को जागरूक करना। सामुदायिक स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता पर जानकारी एवं जागरूकता फैलाना।

विद्यालयों में मीना मंच (Meena Manch) का गठन-

मीना कौन है? बालिकाओं के मुद्दों को सरल एवं सहज रूप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकाएं स्वयं का इससे जुड़ाव महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है जिसमें उमंग, उल्लास, सहानुभूति और सहायता का भाव है। वह समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है और समस्या समाधान हेतु किसी से बातचीत करने में हिचकिचाती नहीं है।

मीना की कहानियों में संदेश

मीना अपने माता-पिता, दादी, भाई राजू और बहिन रानी के साथ रहती है। मिट्ठू तोता उसका सबसे प्यारा दोस्त है। मीना की कहानियाँ बच्चों के जीवन के चारों तरफ घूूमती हंै। मीना की कहानियाँ बच्चों को बचपन से ही लड़की-लड़के की भूमिकाओं के बीच स्वस्थ और बेहतर संबंधों का रूप दिखाती हैं। मीना कहानियाँ किसी को उपेदश नहीं देतीं। इनका उदेद्श्य जागरूकता बढाना और संवाद शुरू करने के अवसर प्रदान करना है।

विद्यालयों में मीना मंच (Meena Manch) का गठन-

मीना कौन है? बालिकाओं के मुद्दों को सरल एवं सहज रूप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकाएं स्वयं का इससे जुड़ाव महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है जिसमें उमंग, उल्लास, सहानुभूति और सहायता का भाव है। वह समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है और समस्या समाधान हेतु किसी से बातचीत करने में हिचकिचाती नहीं है।

मीना की कहानियों में संदेश

मीना अपने माता-पिता, दादी, भाई राजू और बहिन रानी के साथ रहती है। मिट्ठू तोता उसका सबसे प्यारा दोस्त है। मीना की कहानियाँ बच्चों के जीवन के चारों तरफ घूमती है। मीना की कहानियाँ बच्चों को बचपन से ही लड़की-लड़के की भूमिकाओं के बीच स्वस्थ और बेहतर संबंधों का रूप दिखाती हैं। मीना कहानियाँ किसी को उपेदश नहीं देतीं। इनका उदेद्श्य जागरूकता बढाना और संवाद शुरू करने के अवसर प्रदान करना है।

विद्यालयों में मीना मंच (Meena Manch) का गठन

मीना कौन है? बालिकाओं के मुद्दों को सरल एवं सहज रूप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकाएं स्वयं का इससे जुड़ाव महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है जिसमें उमंग, उल्लास, सहानुभूति और सहायता का भाव है। वह समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है और समस्या समाधान हेतु किसी से बातचीत करने में हिचकिचाती नहीं है।

मीना मंच (Meena Manch) का गठन कैसे हो?

मीना मंच (Meena Manch) में विद्यालय कक्षा 6 से 8 तक के समस्त बालिकाएं एवं बालक सदस्य होंगे। अतः मीना मंच द्वारा आयोजित की जाने वाली चर्चाओं और गतिविधियों में समस्त बच्चे मंच के नेतृत्व में प्रतिभाग करेंगे। विद्यालय की  किसी एक  महिला शिक्षिका को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी, जो कि सुगमकर्ता कहलायेगी। सुगमकर्ता मीना मंच की गतिविधियों का संचालन स्वयं नहीं करेगी बल्कि बालिकाओं को मार्गदर्षन देगी जिससे बालिकाएं स्वयं के स्तर पर गतिविधियों का संचालन कर सकें। महिला अघ्यापिका की अनुपस्थिति में ही पुरूष अध्यापक को सुगमकर्ता का भार सौंपा जा सकेगा। किन्तु पुरूष सुगमकर्ता होने की स्थिति में, प्रत्येक दो माह में आवष्यक रूप से किसी अध्यापिका/महिला अधिकारी/महिला कार्यकर्ता की विजिट विद्यालय में करानी होगी जिससे कि बालिकाएं विषेष मुद्दों पर खुलकर बात कर सकें। विद्यालय में मीना मंच बनाये जाने के बाद यह स्थायी मंच रहेगा जिसका संचालन प्रत्येक वर्ष होगा और संचालन की प्रक्रिया भी निर्देषानुसार यथावत रहेगी।

मीना मंच (Meena Manch) द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा को करवाने का कार्य बालिकाओं का एक छोटा समूह करेगा जो कि मीना मंच समिति कहलाएगा । मीना मंच समिति में विद्यालय में अध्ययनरत सक्रिय किशोरियों को सदस्य बनने हेतु प्रेरित किया जायेगा, जो अन्य बालिकाओं के लिए किसी न किसी रूप से सहायता कर रही हों यथा-

  1. बहुत दूरी से विद्यालय पहुंचने वाली बालिका,
  2. नियमित विद्यालय में आने वाली बालिका,
  3. पढ़ाई के लिए घर वालों को समझा-बुझाकर विद्यालय आने वाली बालिका, अपनी सहेली को प्रेरित कर विद्यालय लाने वाली, उत्कृष्ट शिक्षा परिणाम वाली, गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिका, विभिन्न गतिविधियों मे हिस्सा लेने वाली बालिकाए आदि।

मीना मंच समिति में निम्नानुसार 20 बालिका और 6 बालक सदस्य होंगे:-

कक्षाबालिका सदस्यबालक सदस्य
कक्षा 8 05 बालिकाएं02 बालक
कक्षा 705 बालिकाएं02 बालक
कक्षा 605 बालिकाएं02 बालक
कक्षा 503 बालिकाएं
कक्षा 402 बालिकाएं
 20 बालिकाएं

नोट 1- यथासंभव मीना मंच समिति के सदस्य विद्यालय की अन्य समितियों के सदस्य भी हों ताकि समितियों के कार्यों में आपसी सहयोग एवं समन्वय बना रहे।

नोट 2- यदि विद्यालय में 20 से कम बालिकाएं भी हैं तो विद्यालय की समस्त बालिकाओं और 6 बालकों को सम्मिलित कर मीना मंच का गठन किया जाये।

मीना मंच (Meena Manch) समिति के सदस्यों का चुनाव

उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक कक्षा से 5 बालिकाओं और 2 बालकों का चयन किया जायेगा। इन चयनित सदस्यों में से प्रत्येक कक्षा में एक प्रेरक (बालिका) और दो सह-प्रेरक (एक बालिका और एक बालक) का चुनाव किया जायेगा। प्राथमिक स्तर पर कक्षा 5 और कक्षा 4 से क्रमषः 3 और 2 बालिकाएं मीना मंच की सदस्या होगी और प्राथमिक कक्षाओं में नेतृत्व करेंगी। ये सभी प्रत्येक कक्षा हेतु प्रेरक का रोल निर्वाह करेंगी। मीना समिति के सदस्यों का चुनाव कक्षाध्यापक द्वारा कक्षा में ही बच्चों सहमति लेते हुए किया जा सकेगा। प्रेरक एवं सह-प्रेरक का चुनाव प्रत्येक वर्ष होगा। समिति के सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए होगा। मीना मंच समिति के अध्यक्ष एवं उपाध्याक्ष का चयन चयनित प्रेरक एवं सह-प्रेरक द्वारा विद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं में से किया जायेगा जो कि आवष्यक रूप से बालिका ही होगी।

  • प्रेरक – प्रत्येक कक्षा से समस्त बच्चों द्वारा चयनित एक बालिका।
  • सह-प्रेरक – प्रत्येक कक्षा से समस्त बच्चों द्वारा चयनित एक बालिका और एक बालक।
  • अध्यक्ष – समस्त प्रेरक एवं सह-प्रेरक द्वारा उ0प्रा0 स्तर से चयनित कोई एक सक्रिय बालिका।
  • उपाध्यक्ष- समस्त प्रेरक एवं सह-प्रेरक द्वारा उ0प्रा0 स्तर से चयनित कोई एक सक्रिय बालिका।

मीना (मंच) समिति – पद एवं कार्यदायित्व

मीना मंच समिति, मीना मंच के संचालन हेतु कार्यों का विभाजन करेगी जिससे कि सभी बालिकाओं को प्रतिनिधित्व करने और प्रतिभाग करने का समान अवसर प्राप्त हो।

प्रेरक  के कार्य

  • कक्षा के समस्त बच्चों के साथ मीना मंच की कार्ययोजना अनुसार कार्य करना, चर्चाएं आयोजित करना। आवष्यकताओं को समिति में रखना।
  • सह-प्रेरक को दायित्व सौंपना और समन्वय बनाकर बालिकाओं को विभिन्न गतिविधियों से जोड़े रखना।
  • उपस्थिति चार्ट बनाना और अनियमित बालिका एवं बालक से सम्पर्क करना और कक्षाध्यापक को सचेत करना।
  • लाइब्रेरी की किताबों, मीना किट की पुस्तकों एवं फ्लिप बुक को कक्षा में लाकर सभी को बारी-बारी वाचन कराना।

मीना मंच (Meena Manch) अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के कार्य

  • समय-समय पर मंच की बैठकें आयोजित करना, बैठकों का संचालन करना।
  • बैठकों के मुद्दे तय करना तथा कार्य योजना का प्रस्ताव देकर जिम्मेदारी बाँटना।
  • समिति अपनी पहली बैठक में आगामी तीन माह की कार्य योजना बनाएगा तथा रणनीति तय करना।
  • पहली बैठक में आगामी कार्यक्रमों तथा बैठकों की तिथि निर्धारित कर सभी को सूचित कर देना चाहिए।
  • गाँव की ड्राप आउट बालिकाओं एवं अनियमित आने वाली बालिकाओं की संपूर्ण जानकारी बैठकों में रखना।
  • बालिकाओं को विद्यालय लाने/नियमित उपस्थिति बनाने हेतु सभी की सहभागिता से रणनीति तय करना।
  • समय-समय पर बैठकों और चर्चाओं के अतिरिक्त विद्यालय एवं समुदाय में विभिन्न गतिविधियां/कार्यक्रम आयोजित करने हेतु योजना बनाना और जिम्मेदारी तय करना।

सभी बैठकों/आयोजनों की लिखित रिपोर्ट तैयार करना जिसमें परिणाम का उल्लेख हो। यह कार्य बालिकाओं की मदद से सुगमकर्ता करेगी।

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