मीना मंच के कार्य एवं गतिविधियाँ

मीना मंच के कार्य एवं गतिविधियां-

विद्यालय में मीना मंच के गठन के बाद, निहित उद्देष्यों के साथ यह मंच लगातार सक्रिय रहे, इस हेतु बालिकाओं के नेतृत्व में विद्यालयस्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जायेंगी और सुगमकर्ता का दायित्व होगा कि वे बालिकाओं को प्रस्तावित गतिविधियां आयोजित करने में सहयोग एवं मार्गदर्षन देकर बालिकाओं को प्रोत्साहित करें और आत्मविष्वास बढ़ायें। अपने उद्देष्यों की प्राप्ति हेतु मीना मंच, सुगमकर्ता और मीना मंच समिति के मार्गदर्षन निम्नलिखित कार्य/गतिविधियों का संचालन करेगी।

गतिविधियांक्या और कैसे करेमाह
 विद्यालय स्तरीय 
प्रवेशोत्सव आयोजित करनामीना मंच समिति द्वारा 19 जून से 30 जून में अपने अपने मौहल्लों में शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में रैली निकालना, बैठक करना, पोस्टर बनाना व चिपकाना, आउटऑफ विद्यालय बालिकाओं हेतु घर-घर जाना नवनामांकित बालिकाओं का प्रवेश के प्रथम दिन तिलक कर स्वागत करना, आदि ।  जून
उपस्थिति चार्ट बनानाप्रत्येक माह प्रत्येक कक्ष में प्रेरक एवं सह -प्रेरक द्वारा चार्ट पर सभी बच्चों के नाम के सामने मासिक उपस्थिति को दर्शायी जायेगी । माह के अंतिम कार्य दिवस पर, उस माह में 20 दिन या उससे अधिक दिन विद्यालय आने वाले बच्चों को “हरा स्टार” दें। 15 से 19 दिन विद्यालय आने वाले बच्चों को “पीला स्टार” दें। कक्षाध्यापक “हरा एवं पीला स्टार” पाने वाले बच्चों के लिए कक्षा प्रार्थना सभा में तालियां बजवाये । महत्वपूर्ण है कि लगातार अनुपस्थित रहने वाली बालिकाओं को विद्यालय | में नियमित रूप से उपस्थित रहने हेतु अभिभावकों से संपर्क कर अध्यापक/ मीना मंच के सदस्य प्रेरित करें।प्रत्येक माह

मीना वाचनालय का संचालन  सभी विद्यालयों में वाचनालय कक्ष बनाया जाए. जो कि पुस्तकालय का हिस्सा होगा। स्थान के आभाव में किसी कोने अथवा रैक में स्थापित किया जा सकता है। इसमें मीना किट में उपलब्ध कहानियों की पुस्तकें तथा विद्यालय में उपलब्ध अन्य पुस्तकों रखी जायें एवं मीना कार्नर विकसित किया जावे। वाचनालय का संचालन पूर्णतः मीना मंच के पास होगा। यह उन्हें एक समूह के रूप में निरंतर कार्य करने का अवसर देगा। वाचनालय के उपयोग हेतु नियम व प्रक्रिया ( समय और दिन) का निर्धारण सुगमकर्ता शिक्षिका की सलाह से मीना मंच के सदस्य करें । वाचनालय का उपयोग पुस्तकें पढ़ने हेतु किया जाये। यह गतिविधि बच्चों में पढ़ने की आदत के विकास हेतु है अतः विद्यालय की समय सारिणी में वाचनालय हेतु सप्ताह में कोई दो दिन कालांश निर्धारित किया जाये। ताकि बालिकायें वाचनालय कक्ष में बैठकर कहानियां पढ़ सकें। शिक्षक इन कहानियों एवं उनपर होने वाली चर्चाओं को शिक्षण प्रक्रिया का हिस्सा भी बना सकते हैं। वाचनालय की पुस्तकों की सूचना एवं पुस्तक पढ़ने वाली बालिकाओं का विवरण संधारित किया जाए। रोटेशन पर मीना मंच समिति द्वारा नामित 6 सदस्य समिति – प्रति तिमाही हेतु दो सदस्य समिति को दायित्व ।  सत्र पर्यंत
समूह में चर्चामीना मंच समिति के सदस्य मीना कहानियों का पठन एवं क्रियात्मक गतिविधि समूह में (कक्षा में प्रतिमाह ) करेंगे। कहानी पठन से पूर्व सुनाने वाली बालिका मीना समिति के सदस्यों के साथ कहानी सुनाने का अभ्यास करें तथा कहानी से संबंधित प्रश्नों को समझ लें। एक कहानी सुनाने के लिए कम से कम 3-5 बालिकाएं तैयारी करें। कहानी सुनाने के लिए बालिकाओं रोटेशन के आधार पर किया जाए जिससे सभी बालिकाओं को पढ़ कर सुनाने का अवसर मिले। समूह में चर्चा मीना मंच की सदस्य बालिकाएं स्वतन्त्र रूप से करें इसमें शुरूआती कहानियों पर चर्चा के समय सुगमकर्ता सहयोग कर सकती है किन्तु एक-दो कहानियों के उपरान्त बालिकाओं को स्वयं कहानी का चयन तथा अन्य तैयारी हेतु प्रेरित किया जाये । मास्क का उपयोग कहानी को जीवंत रूपान्तरण करने एवं क्रियात्मक गतिविधि के लिए किया गया है। कहानियों पर होने वाली चर्चाओं एवं बालिकाओं द्वारा तैयार लिखित सामग्री को पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाया जाए। बालिकाओं की मौखिक अभिव्यक्ति को उनके आकलन में एक साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जा सकता है।  मासिक
कला जत्था नुक्कड़ नाटक/ शनिवारीय कार्यक्रम  मीना की कहानियों में बालिकाएं नाटक तैयार करें, उसकी स्क्रिप्ट लिखें, त्रैमासिक और यथासंभव मास्क के साथ नाटक प्रस्तुत करें । मीना की कहानियों के 24 सितम्बर अतिरिक्त अन्य मुद्दों पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है। सत्र में ऐसे कार्यक्रम प्रत्येक पीटीएम/एसएमसी बैठक में किये जायें। इसके अतिरिक्त समुदाय में जाकर भी ऐसी प्रस्तुतियां साल में दो बार की जा सकेंगी। अथवा शनिवारिय कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जावे।  त्रैमासिक 24 सितम्बर मीना दिवस
कहानी वाचन व लेखन  मीना मंच अपने प्रेरकों के माध्यम से प्रत्येक बाल- सभा शनिवारीय कार्यक्रम के दिन कहानी वाचन और लेखन की प्रतियोगिताएं आयोजित करेंगी जिसमें बालक-बालिकाएं स्वयं कहानियां बनायेगें और लाईब्रेरी की पुस्तकों से कहानियों का वाचन करवायेंगी।प्रतिमाह  
वॉल पत्रिका बनाना  मीना मंच की प्रेरक अपनी कक्षाओं का एक मासिक वॉल (भित्ती) पत्रिका बनायेगी। जिसमें सभी बालिकाएं अपने अनुभवों को लिखेंगी और वह पूरे माह कक्षा में लगा रहेगा। उक्त मासिक वॉल पत्रिका के अलावा मीना मंच अपना समाचार पत्र भी बनायेगी। विद्यालय में होने वाली सभी शैक्षणिक एवं शैक्षणोत्तर गतिविधियों पर बालक एवं बालिकाओं दोनो के अनुभवो को एकत्रित कर मीना समाचार पत्र तैयार किया जायेगा । हर गतिविधि के साथ मीना मंच के सदस्य उससे संबंधित दस्तावेज इकट्ठे करेंगे तथा माह फरवरी इसको समेकित करके मीना समाचार पत्र बनायेंगे एवं रिकार्ड सुरक्षित रखे।  प्रतिमाह  
विद्यालयी प्रतियोगिताएं  मीना मंच विद्यालय के अन्य मंचों से समन्चय कर विभिन्न गतिविधियों के संचालन का नेतृत्व करेंगी जैसे खेलकूद प्रतियोगिताएं, प्रार्थना सभा एवं बाल सभा का संचालन। मीना मंच अनियमित आने वाले बच्चों / बालिकाओं के लिए विशेष खेलकूद गतिविधियों का आयोजन करेगी। 24 सितम्बर को मीना दिवस व 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन किया जायेगा।(वर्ष में दो बार) 24 सितम्बर व  24 जनवरी  
शैक्षणिक प्रतियोगिताएंमीना मंच सत्र में दो बार बालिकाओं हेतु (कक्षा स्तर पर, बिद्यालयस्तर पर) छोटी प्रतियोगिताओं का आयोजन करेंगी । प्रतियोगिताएं भाषा, व्यावहारिक विज्ञान, गणित पर की जायेंगी।वर्ष मैं दो बार
वार्ताएं  सुगमकर्ता समुदाय से विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली रोल मॉडल त्रैमासिक महिलाओं व पुरूषों को बच्चों से चर्चा करने हेतु आमंत्रित करेगी और पूरे विद्यालय के साथ अथवा समूह में चर्चा करवायेंगी।त्रैमासिक
शैक्षक भ्रमण  बालिकाओं के व्यवहारिक ज्ञान को सर्वर्द्धित करने के उदेश्य से (वर्ष में बालिकाओं को महिला सुगमकर्ता आसपास के बैंक, डाकघर पुलिस बार) स्टेशन, सैकण्डरी विद्यालय, ग्राम पंचायत, ऑफिस, एनजीओ आदि का भ्रमण करवायेंगी ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े। यह गतिविधि पाठ्यक्रम का हिस्सा भी है।  वर्ष मैं दो बार
मीना दिवस  मीना मंच की सदस्य 24 सितम्बर को विद्यालय में मीना दिवस का वार्षिक आयोजन करेंगे। मीना के पात्र की संकल्पना 24 सितम्बर को ही मूर्त रूप में आई थी। मीना दिवस को ब्लॉक स्तरीय मीना सम्मेलन के रूप में मनाया जायेगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की सृजनशीलता, बौद्धिक क्षमता लेखन एवं कलात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना है।वार्षिक
अपने काम का लेखा-जोखामीना मंच प्रेरक, मंच की प्रत्येक गतिविधि के उपरान्त सुगमकर्ता के वार्षिक सहयोग से कार्यवाही विवरण तैयार करेंगे। समस्त गतिविधियों का विवरण एक ही रजिस्टर में संधारित किया जाये। गतिविधियों को विस्तार  से ना लिख कर बिंदुवार ही लिखना है। समस्त गतिविधियों के आयोजन उपरान्त सत्रांत में मंच के सभी सदस्य मिलकर रजिस्टर में दर्ज किये गये कार्यों की समीक्षा करेंगे । इसी समीक्षा बैठक में दिये गये मूल्यांकन प्रपत्र एक व दो के आधार पर सभी मंच स्वमूल्यांकन भी कर सकते हैं।  वार्षिक
 समुदाय स्तरीय   
अभिभावक (दिवस पीटीए बैठक के दिन)मीना मंच अध्यापिकाओं के साथ मिलकर पीटीए बैठक को सार्थक बनायेंगे। इसकी पूर्व तैयारी के तौर पर अनियमित बालिकाओं की सूची तैयार करेगें। बालिकाओं के सीखने में प्रगति को अभिभावकों के समझ सरल तरीके से रखने हेतु पोर्टफालियो तैयार करने में अध्यापिकाओं की मदद करेगें।   अभिभावक विद्यालय आयें इस हेतु अन्य बच्चों की मदद से आमंत्रण/निमंत्रण पत्र तैयार करना और उसे व्यक्तिगत पहुँचाने का कार्य हेतु पहल करेगा।  त्रैमासिक
दादी-नानी दिवस  मीना मंच के सदस्य विद्यालय में दादी, नानी दिवस आयोजित करेंगे जनवरी ताकि समाज की वरिष्ठ महिलाओं (जो कि बालिकाओं की दादी-नानी है) के ज्ञान एवं समझका उपयोग बच्चों की नियमित उपस्थिति, शिक्षा की अनिवार्यता एवं महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जा सके। इसमें दादी-नानी शिक्षा के महत्व से संबंधित लोकगीत एवं कहानियां मीना मंच के सदस्यों को सुना सकती है।  जनवरी 24 जनवरी रास्ट्रीय बालिका दिवस
किस्सागोई  समुदाय में कई लोग होते हैं जो सार्थक, प्रेरणास्पद किस्सों,कहानियों, बातों को सुनाने में माहिर होते हैं। ऐसे लोगों को किस्सागोई या कहानी कहने, बात कहने के लिए आंमत्रित करें जिसमें बच्चे एवं अभिभावक दोनो भाग लें।  (वर्ष में दो बार)  
मौहल्ला बैठकें  मीना मंच के सदस्यों के समूह अपने अपने क्षेत्रों में सुगमकर्ता के निर्देशन में मौहल्ला बैठकें आयोजित करेंगे। इन बैठकों में माता-पिता के साथ अनामांकित बच्चों एवं उन बच्चों को भी शामिल किया जायेगा, जिनके विद्यालय छोड़ने की आशंका हो। ये मौहल्ला बैठके प्रवेश के समय से एक माह पहले तथा उस समय से एक माह पहले जब आमतौर पर बच्चों की उपस्थिति अनियमित होने लगती है आयोजित की जानी चाहिए। उदाहरण के लिए फसल की कटाई के समय या त्यौहारो के समय।   ये बैठके वर्ष में दो बार आयोजित की जायेगी- अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पूर्व एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पश्चात ।  सितम्बर जनवरी
बड़ी बैठकें  मीना मंच के सदस्य बड़ी मौहल्ला बैठके सुगमकर्ता के साथ आयोजित करेंगे। इन बैठकों में गांव/बस्ती के सभी माता-पिता, दादा-दादी नाना-नानी, जनप्रतिनिधियों एवं बच्चों को बुलाकर ऐसे लोगों को भी इस बैठक में शामिल किया जा सकता है जो शिक्षा के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने में मदद कर सकते हों ।   इस अवसर पर सरकार द्वारा शिक्षा से संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि सितम्बर एवं नवम्बर माह में फसल कटाई के कारण अधिकाशं बच्चे विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं । अतः इन बैठकों का आयोजन विशेष रूप से उसी समय किया जाये ।  सितम्बर  नवम्बर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसमीना मंच सहित विद्यालय में अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के मध्य मीना मंच द्वारा सामाजिक बुराईयों के प्रति सचेत करने हेतु विद्यालय में नाटक मंचन, कहानी वाचन, प्रेरणास्पद रोल मॉडल महिलाओं पर चर्चा स्तर पर रोल मॉडल महिलाओं/ उच्च अध्ययनरत बालिकाओं, महिला अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, गृहणी डॉक्टर एवं अन्य महिला वक्ता को आमंत्रित करने वार्ताए करवाई जावे ।  समस्त प्रत्येक वर्ष 8 मार्च