Post-matric Scholarship for Other Backward Classes
I. उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य मैट्रिकोत्तर या माध्यमिकोत्तर कक्षाओं में पढ़ने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे अपनी शिक्षा पूरी करने में समर्थ हो सके ।
II. कार्यक्षेत्र
ये छात्रवृत्तियाँ केवल भारत में अध्ययन करने के लिए उपलब्ध हैं और ये उस राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा दी जाती हैं, जिससे आवेदक वास्तविक रूप से संबंधित हो अर्थात् जहां का वह स्थायी निवासी हो ।
III. पात्रता की शर्ते
(i) ये छात्रवृत्तियां अन्य पिछड़े वर्गों से संबद्ध भारत के नागरिकों के लिए खुली होंगी, जैसा कि केन्द्र सरकार/राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा अधिसूचित हों:
(ii) ये छात्रवृत्तियां पैरा IV(i) में यथा-विनिर्दिष्ट मान्यता प्राप्त संस्थाओं में पढ़ाए जाने वाले सभी मान्यता प्राप्त मैट्रिकोत्तर या माध्यमिकोत्तर पाठ्यक्रमों के अध्ययन के लिए दी जाएंगी ।
(iii) केवल वे ही उम्मीदवार, जो उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में विनिर्दिष्ट अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित हो जहां का आवेदक वास्तविक रूप से संबंधित है अर्थात् स्थायी रूप से बस गया हो और जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मैट्रिकुलेशन या कोई उच्चत्तर माध्यमिक परीक्षा या कोई उच्चत्तर परीक्षा पास कर ली हो, इसके पात्र होंगे।
(iv) ऐसे उम्मीदवार जो शिक्षा का एक चरण उत्तीर्ण करने के पश्चात् शिक्षा के उसी चरण में किसी दूसरे विषय में अध्ययन करने लगे, उदाहरणार्य – इन्टर आर्ट्स करने के बाद इन्टरसाइन्स करने लगे या बी.ए. के बाद बी कॉम करने लगे या एक विषय में एम.ए. करने के बाद किसी दूसरे विषय में एम.ए. करने लगे, इसके पात्र नहीं होंगे ।
(v) ऐसे छात्र जो किसी एक व्यावसायिक क्षेत्र में शैक्षिक योग्यता पूर्ण कर लिए हैं, जैसे बी.टी./बी.एड के बाद एल.एल.बी. करने लगे, इसके लिए पात्र नहीं होंगे ।
(vi) निरन्तर स्कूल पाठ्यक्रम होने के कारण उच्चतर माध्यमिक स्कूल पाठ्यक्रम की ग्यारहवीं कक्षा में या बहुउद्देश्यीय उच्च विद्यालय की ही बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र इसके पात्र नहीं होंगे । तथापि, उन मामलों में, जिनमें ऐसे पाठ्यक्रमों को दसवीं कक्षा की परीक्षा मैट्रिक के समकक्ष मानी जाती हो और दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों ने अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले लिया हो, ऐसे छात्रों को मैट्रिकोत्तर छात्र समझा जाएगा और वे छात्रवृत्ति पाने के पात्र होंगे ।
(vii) चिकित्सा में स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले छात्र इसके पात्र होंगे, बशर्ते उनके अध्ययनकाल में उन्हें प्रेक्टिस करने की अनुमति न दी गई हो ।
(viii) ऐसे छात्रों को जिन्होंने कला/विज्ञान/वाणिज्य में स्नातक पूर्व/स्नातकोत्तर परीक्षा अनुत्तीर्ण या उत्तीर्ण करने के बाद किसी मान्यता प्राप्त व्यावसायिक या तकनीकी प्रमाण पत्र डिप्लोमा/डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया हो, छात्रवृत्तियां दी जाएंगी, बशर्ते ये अन्यथा रूप से इसके पात्र हों । उसके बाद ग्रुप “क” के पाठ्यक्रमों को छोड़कर अनुत्तीर्ण होने की छूट नहीं दी जाएगी और तत्पश्चात् पाठ्यक्रम में परिवर्तन करने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी ।
(ix) ऐसे छात्र जो पत्राचार पाठ्यक्रमों के माध्यम से अध्ययन करते हैं वे अप्रतिदेय प्रशुल्क की प्रतिपूर्ति हेतु पात्र होंगे। पत्राचार में दूरवर्ती और अनुवर्ती शिक्षा शामिल है। ऐसे छात्र अप्रतिदेय शुल्क की प्रतिपूर्ति के अतिरिक्त आवश्यक विहित पुस्तकों के लिए 900 रुपए के वार्षिक भत्ते, जो देय हो, के लिए भी पात्र होंगे ।
(x) एक ही माता-पिता/अभिभावक के दो लड़कों तक ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने के हकदार होंगे। तथापि, यह प्रतिबंध लड़कियों के मामले में लागू नहीं होगा।
(xi) इस योजना के अधीन छात्रवृत्ति पाने वाला कोई भी छात्र अन्य छात्रवृत्ति/वजीफा नहीं लेगा। यदि कोई अन्य छात्रवृत्तिावजीफा प्रदान की गई है तो छात्र दोनों छात्रवृत्तिवजीफा में से किसी एक को, जो भी उसके लिये अधिक लाभप्रद हो, अपना विकल्प दे सकता है और दिए गए विकल्प के बारे में संस्था के प्रधान के माध्यम से प्रदान कर्ता प्राधिकारी को सूचित करेगा। छात्र-छात्रा को उस तारीख से जिससे वह दूसरी छात्रवृत्तिछात्रवृत्ति स्वीकार करता/करती है, इस योजना के अधीन किसी भी छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया जाएगा । तथापि, छात्र राज्य सरकार से या किसी अन्य स्रोत से पुस्तकें, उपकरण खरीदने या आवास तथा भोजन व्यवस्था पर होने वाले व्यय को पूरा करने के लिए इस योजना के अधीन भुगतान की गई छात्रवृत्ति की रकम के अतिरिक्त निःशुल्क ओजन या अनुदान या तदर्थ आर्थिक सहायता स्वीकार कर सकता है ।
(xii) छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्र, जो केन्द्र सरकार राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले किसी परीक्षा-पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों में कोचिंग ले रहे हों, कोचिंग कार्यक्रम की अवधि के दौरान कोचिंग स्कीमों के तहत वजीफा के लिए पात्र नहीं होंगे ।
(xiii) रोजगार प्राप्त छात्र, जिनकी आय उनके माता-पिता/अभिभावक की आय सहित 1.50 लाख रुपए प्रति वर्ष से अधिक नहीं हो, सभी अनिवार्य भुगतान अप्रतिदेय शुल्कों की प्रतिपूर्ति की सीमा तक मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए पात्र होंगे ।
(xiv) बेरोजगार छात्रों, जिनके माता-पिता/अभिभावक की सभी स्रोतों से वार्षिक आय 1.50 लाख रुपए से अधिक नहीं हो, इस स्कीम के तहत छात्रवृत्ति के लिए पात्र होंगे ।
नोट-1 जब तक माता-पिता में से कोई एक (अथवा विवाहित बेरोजगार छात्रा के मामले में पति) जीवित है, केवल माता-पिता/पति (जैसी भी स्थिति हो) की सभी स्रोतों से प्राप्त आय को ही माना जाएगा न कि अन्य सदस्यों की आय को चाहे वे कमाने वाले ही क्यों न हों । आय घोषणा प्रपत्र में इसी आधार पर आय की घोषणा करना अपेक्षित है । केवल उस परिस्थिति में जबकि माता-पिता दोनों अथवा विवाहित किन्तु बेरोजगार छात्रा की स्थिति में पति की मृत्यु हो जाती है तो उस अभिभावक की आय को लेना होगा जो विद्यार्थी के अध्ययन में सहायता कर रहा है। ऐसे छात्र जिनके माता-पिता की आय दुर्भाग्यवश किसी एक की मृत्यु के कारण प्रभावित होती है और इस प्रकार इस योजना के अंतर्गत निर्धारित आय सीमा में आ जाती है तो ऐसी मृत्यु होने वाले महीने से वह छात्रवृत्ति के पात्र बन जाएंगे बशर्ते कि वे पात्रता की अन्य शर्ते पूरी करते हों। ऐसे छात्रों से छात्रवृत्तियों हेतु आवेदन पर अनुकम्पा के आधार पर, आवेदन प्राप्ति की अंतिम तारीख समाप्त होने के बाद भी विचार किए जा सकते हैं ।
नोट-2: विद्यार्थी के माता-पिता द्वारा प्राप्त किए जाने वाले मकान किराए भत्ते को “आय” में शामिल नहीं किया जाएगा यदि इसे आयकर के प्रयोजनार्थ छूट की अनुमति दी गई हो ।
नोट-3: आय प्रमाण पत्र केवल एक बार लिए जाने की आवश्यकता है अर्थात् एक वर्ष से अधिक अवधि वाले पाठ्यक्रम में दाखिला के समय ।
IV. छात्रवृत्ति की धनराशि
पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के लिए छात्रवृत्ति की धनराशि में निर्वाह भत्ता, दृष्टिहीन छात्रों के लिए पाठक प्रभार, अनिवार्य अप्रतिदेय फीस की प्रतिपूर्ति, अध्ययन दौरा प्रभार/शोधकार्य का टंकण/मुद्रण प्रभार तथा पत्राचार पाठ्यक्रम द्वारा अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए पुस्तक भत्ता शामिल है व्यौरा नीचे दिया गया है:
(i) निर्वाह भत्ता-
पाठ्यक्रम | भरण-पोषण भत्ते की दर (प्रतिमाह रुपए में) छात्रावास में रहने वाले | भरण-पोषण भत्ते की दर (प्रतिमाह रुपए में) दिवा छात्र |
समूह क (i) चिकित्सा (एलोपैथी, भारतीय तथा अन्य मान्यताप्राप्त चिकित्सा पद्धतियां), इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, योजना, वास्तुकला, डिजाइन, फैशन टेक्नालोजी, कृषि, पशुपालन एवं संबद्ध विज्ञान, प्रबंधन, व्यावसायिक वित्त/ प्रशासन, कंप्यूटर विज्ञानाअप्लीकेशन्स में एम.पिाल, पी.एचडी. और पोस्ट डॉक्टोरल अनुसंधान सहित डिग्री व स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम । (ii) भारत सरकार के संस्थानों से व्यावसायिक पायलेट लाइसेंस (हेलीकाप्टर पायलेट और बहु-इंजन रेटिंग सहित) पाठ्यक्रम (अधिकतम 20 स्लॉट प्रति वर्ष) – निर्वाह अत्ते के अतिरिक्त अधिकतम 200 घंटों के लिए 5,000 रुपए प्रति उड़ान घंटे की राशि राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा भारत सरकार के अनुमोदन से अदा की जाएगी । (iii) प्रबंधन एवं चिकित्सा की विभिन्न शाखाओं में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम (iv) सीए/आईसीडबल्यूए/सीएस/आईसीएफए आदि । (v) एम.फिल, पी.एचडी. और पोस्ट डॉक्टोरल कार्यक्रम (डी.लिट, डी.एससी. आदि) । (vi) एलएलएम | 750 | 350 |
समूह ख (i) फार्मेसी (बी.फार्मा), नर्सिंग (बी. नर्सिंग), एलएलबी, बीएफएस, अन्य पैरामेडिकल शाखाओं जैसे पुनर्वास, निदान आदि, जन संचार, होटल प्रबंधन एवं केटरिंग, ट्रेवलाटूरिज्माहास्पिटालिटी प्रबंधन, आंतरिक सज्जा, न्यूट्रिशन एवं डाइटेटिक्स, करनर्शियल आर्ट, वित्त सेवाएं (यथा बैंकिंग, बीमा, कराधान आदि) जैसे डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र वाले | स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जिनके लिए न्यूनतम प्रवेश पात्रता उच्च माध्यमिक (10+2) है । (ii) एमए/एम.एससी./एम.कॉग/एम.एड./एम.फार्मा आदि समूह ‘क’ के अंतर्गत शामिल न किए गए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम । | 510 | 335 |
समूह ग समूह ‘क’ और ‘ख’ के अंतर्गत कवर न किए स्नातक डिग्री वाले सभी अन्य पाठ्यक्रम यथा बी.ए./बी.एससी./बी.कॉम आदि । | 400 | 210 |
समूह घ सभी मैट्रिकोत्तर स्तर के गैर-डिवी पाठ्यक्रम जिनके लिए प्रवेश पात्रता हाई-स्कूल (कक्षा X) है यथा वरिष्ठ माध्यमिक प्रमाणपत्र (कक्षा XI और XII), सामान्य तथा व्यावसायिक दोनों स्ट्रीम, आई.टी.आई. पाठ्यक्रम, पालीटेकनिक में तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम आदि | 260 | 160 |
नोट: उन छात्रों जो निशुल्क भोजन और/या निशुल्क आवास के पात्र हैं, को छात्रावास में रहने वालों की दरों का 1/3 भरण-पोषण प्रभार दिया जाएगा।
ii) दृष्टिहीन छात्रों के लिए पाठक प्रभार (दृष्टिहीन छात्र)
दृष्टिहीन छात्रों के लिए पाठक प्रभार के रूप में अतिरिक्त राशि नीचे दिए के अनुसार दी जाएगी :-
समूह | पाठक भत्ता (रु. प्रतिमाह) |
समूह क,ख | 175 |
समूह ग | 130 |
समूह घ | 90 |
iii) फीस
छात्रों को नामांकन/पंजीकरण, ट्यूशन, खेल यूनियन, लाइब्रेरी, पत्रिका, चिकित्सा जांच और ऐसे अन्य अनिवार्य शुल्कों का भुगतान किया जाएगा जिनका छात्रों द्वारा संस्थान या विश्वविद्यालय/बोर्ड को भुगतान किया जाता है । तथापि जमानत जमा, अवधान राशि जैसी वापिस की जाने वाली जमाराशि इसमें शामिल नहीं होगी ।
iv) अध्ययन दौरे
व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने वाले छात्रों को, उनके द्वारा दिए गए वास्तविक परिवहन व्यय आदि के लिए अधिकतम 900/- रूपए प्रति वर्ष तक अध्ययन दौरा व्यय का भुगतान किया जाएगा, बशर्ते कि संस्था के प्रधान यह प्रमाणित करें कि यह अध्ययन दौरा छात्र के अध्ययन पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए आवश्यक है ।
v) शोध प्रबंध टाइपिंगामुद्रण प्रभार
अधिकतम 1000/- रूपए तक का शोध प्रबंध टाइपिंगामुद्रण प्रभार, संस्था के प्रधान की सिफारिश पर अनुसंधान करने वाले छात्रों को दिया जाएगा ।
V. उम्मीदवारों का चयन–
इस स्कीम के भाग III में निर्धारित पात्रता की शर्त के अध्यधीन, अन्य पिछड़े वर्गों के सभी पात्र उम्मीदवारों को छात्रवृत्तियां प्रदान जाएंगी । उन उम्मीदवारों को जो एक राज्य से संबंधित हैं किंतु दूसरे राज्य में अध्ययन कर रहे हैं, उस राज्य द्वारा छात्रवृत्तियां दी जाएंगी जिस राज्य के वे हैं तथा वे अपना आवेदन पत्र उसी राज्य के सक्षम प्राधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे । शुल्कों में छूट तथा अन्य रियायतों के मामले में भी यही समझा जाएगा कि वे अपने ही राज्य में अध्ययन कर रहे हैं ।
VI. छात्रवृत्ति की अवधि तथा छात्रवृत्तियों का नवीकरण–
i) एक बार दी गई छात्रवृत्ति उसको दिए जाने की अवस्था से लेकर पाठ्यक्रम की समाप्ति तक व्यवहार्य होगी बशर्ते कि छात्र का आचरण अच्छा रहे तथा उपस्थिति मैं नियमितता रहे । यह छात्रवृत्ति वर्षानुवर्ष नवीकृत होगी यदि पाठ्यक्रम अनेक वर्षों तक सतत् चलता रहता है, छात्र हर वर्ष उत्तीर्ण होकर उच्चतर कक्षा में पहुंचता रहे, परीक्षाएं भले ही विश्व विद्यालय द्वारा ली जाएं अथवा संस्था द्वारा ।
ii) समूह “क” पाठ्यक्रम करने वाले अन्य पिछड़े वर्ग का छात्र यदि पहली बार परीक्षा में असफल रहता है तो छात्रवृत्ति का नवीकरण किया जा सकता है । किसी भी कक्षा में दूसरी बार अथवा तत्पश्चात असफल होने पर विद्यार्थी को अपना खर्च तब तक स्वयं वहन करना होगा जब तक वह अगली उच्चतर कक्षा में प्रोन्नत नहीं हो जाता ।
iii) यदि छात्र अस्वस्थता तथा/अथवा किसी अन्य अप्रत्याशित घटना के कारण परीक्षा में बैठने में असमर्थ रहता है तो चिकित्सा प्रमाणपत्र तथा/ अथवा/संस्था के प्रमुख की संतुष्टि के लिए पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत करने पर तथा उसके द्वारा (संस्था के प्रमुख) यह करने पर कि यदि छात्र परीक्षा में बैठता तो वह उत्तीर्ण हो जाता, छात्रवृत्ति अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए नवीकृत की जाएगी ।
iv) यदि विश्वविद्यालय/संस्था के विनियमों के अनुसार एक छात्र को अगली उच्चतर कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाता है, चाहे वह निचली कक्षा में वास्तविक रूप में उत्तीर्ण न हुआ हुई हो, तथा उसके द्वारा निचली कक्षा में कुछ समय पश्चात् दुबारा परीक्षा देना अपेक्षित हो, वह उस कक्षा में छात्रवृत्ति पाने का हकदार होगा, जिस कक्षा में उसे प्रोन्नत किया गया है यदि वह विद्यार्थी अन्यथा छात्रवृत्ति के लिए पात्र हो ।
VII. भुगतान
i) अनुरक्षण प्रभार एक अप्रैल अथवा नामांकन के महीने, जो भी बाद में हो, से शैक्षणिक वर्ष के अंत में उस महीने तक जिसमें परीक्षाएं पूरी होती है (छुट्टियों के दौरान अनुरक्षण सहित) तक देय होंगे बशर्ते कि यदि विद्यार्थी किसी महीने के 20 तारीख के बाद नामांकन कराता है तो राशि नामांकन के महीने के बाद आने वाले महीने से दी जाएगी ।
ii) गत वर्ष दी गई छात्रवृत्तियां के नवीकरण के मामले में, अनुरक्षण प्रभार उस महीने के अगले महीने से दिया जाएगा, जिस महीने तक गत वर्ष भुगतान किया गया था, यदि पाठ्यक्रम जारी रहता है ।
iii) सभी विद्यार्थियों से स्वीकृत भरण-पोषण भत्ते में से आवश्यक पाठ्य पुस्तकें, स्टेशनरी आदि की खरीद करने की प्रत्याशा है। यदि, संबंधित संस्थान के प्रमुख द्वारा यह रिपोर्ट किया जाता है कि विद्यार्थी के पास पाठ्यपुस्तक नहीं है तो छात्रवृत्ति स्वीकृत करने वाले प्राधिकारी के विवेक से छात्रवृत्ति की राशि कम की जा सकती है।
iv)चुने गए विद्यार्थियों को राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा जिससे विद्यार्थी संबंधित हैं. इस संबंध में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान किया जाएगा ।
v) यदि विद्यार्थी इनटर्नशिप अवधि के दौरान कुछ पारिश्रमिक अथवा अन्य पाठयक्रमों में व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौरान कुछ भित्ता/वजीफा पा रहे हैं तो एम.बी.बी.एस पाठ्यक्रम में इटर्नशिप/हाउस-मैनशिप की अवधि के लिए अथवा अन्य पाठ्यक्रमों में व्यावहारिक प्रशिक्षण हेतु छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया जाएगा ।
vi) आवंटित निधि का 30% बालिका विद्यार्थियों और 5% दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए निर्धारित है।
vi) निधि की उपलब्धता के अध्यधीन, छात्रवृत्ति के वितरण में प्रथम वरियता सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों को दी जाएगी और इसके पश्चात् सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थियों को और तत्पश्चात् यह वितरण गैर-सहायता प्राप्त निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को किया जाएगा।
VIII. छात्रवृत्ति के संवितरण का माध्यम
लाभार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि के समयबद्ध भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को छात्रवृत्ति की राशि के नकद भुगतान से बचने और सभी संबंधित को यह निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया है कि छात्रवृत्ति का भुगतान लाभार्थियों को डाकखानों/बैंकों में उनके खातों दुवारा किया जाना चाहिए। राज्यां/संघ राज्य क्षेत्रों दवारा डीबीटी माध्यम को अपनाना चाहिए। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा आधार से जुड़े बैंक खातों के माध्यम से छात्रवृत्ति का संवितरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
IX. छात्रवृत्ति के लिए अन्य शर्ते
i) छात्रवृत्ति विद्यार्थी की संतोषजनक प्रगति और आचरण पर निर्भर है । यदि किसी समय संस्थान प्रमुख द्वारा सूचित किया जाता है कि कोई विद्यार्थी स्वयं अपने आचरण अथवा चूक के कारण संतोषप्रद प्रगति करने में असफल रहा है अथवा दुर्व्यवहार जैसे हड़ताल करने या उसमें भाग लेने, संबंधित प्राधिकारियों की अनुमति बगैर उपस्थिति में अनियमितता आदि का दोषी पाया गया है तो छात्रवृत्ति संस्वीकृत करने वाला प्राधिकारी या तो छात्रवृत्ति रद्द कर सकता है अथवा रोक सकता या ऐसी अवधि, जो वे उचित समझे, तक के लिए छात्रवृत्ति का आगे का भुगतान रोक सकता है ।
ii) यदि यह पाया जाता है कि प्रत्याशी ने झूठी घोषणा से छात्रवृत्ति प्राप्त की है तो उसका/उसकी छात्रवृत्ति तुरंत रद्द कर दी जाएगी और संबंधित राज्य सरकार अपने विवेक से भुगतान की गई छात्रवृत्ति की राशि वसूल कर सकेगी । संबंधित छात्र को कालीसूची में सूचीबद्ध किया जाएगा और किसी भी योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति से हमेशा के लिए बंचित कर दिया जाएगा ।
iii) प्रदत्त छात्रवृत्ति रद्द की जा सकती है यदि विद्यार्थी उस पाठ्यक्रम का विषय बदल देता है जिसके लिए वह छात्रवृत्ति मूलतः दी गई थी अथवा छात्र राज्य सरकार के पूर्वानुमोदन बगैर अध्ययन संस्था को बदल लेता है । संस्था प्रमुख ऐसे मामलों के बारे में छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ता को सूचित करेगा और ऐसी छात्रवृत्ति राशि का भुगतान रोक देगा तथा राज्य सरकार के विवेक के अनुसार छात्रवृत्ति की राशि भी वसूल की जा सकती है ।
iv)उसके द्वारा यदि अध्ययन वर्ष के दौरान वह अध्ययन जिसके लिए छात्रवृत्ति दी गई है, छोड़ दिया जाता है तो राज्य सरकार के विवेक पर विद्यार्थी को छात्रवृत्ति की राशि वापस करनी होगी।
v) स्कीम के प्रावधान भारत सरकार के विवेक से किसी भी समय परिवर्तित किए जा सकते हैं।
X स्कीम की घोषणा
सभी राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन मई-जून में योजना के व्यौरों की घोषणा करेंगे तथा राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों तथा अन्य प्रचार तंत्र में विज्ञापन के माध्यम से आवेदन पत्र आमंत्रित करेगी । आवेदन फार्मों और अन्य विवरण के लिए सभी अनुरोध उसी राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र को किए जाने चाहिए जिससे विद्यार्थी संबंधित हो। आवेदक को पूर्ण से भरा हुआ आवेदन पत्र विहित प्राधिकारी को आवेदन प्राप्ति के लिए निर्धारित अंतिम तिथि से पहले प्रस्तुत करना होगा।
XI. आवेदन की प्रक्रिया
i) छात्रवृत्ति के लिए विहित प्राधिकारी के नाम आवेदन पत्र में निम्नलिखित सम्मिलित होना चाहिए:-
(क) निर्धारित फार्म में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन पत्र की एक प्रति ( संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा “नई” तथा नवीकृत छात्रवृत्ति के लिए अलग-अलग आवेदन प्रपत्र निर्धारित किए जा सकते हैं) ।
(ख) विद्यार्थी के हस्ताक्षर सहित पासपोर्ट आकार का एक फोटो (नई छात्रवृत्ति के लिए)।
(ग) सभी उत्तीर्ण परीक्षाओं से संबंधित प्रमाण-पत्रों, डिप्लोमा, डिग्री इत्यादि की एक अनुप्रमाणित प्रति।
(घ) प्राधिकृत राजस्व अधिकारी, जो तहसीलदार के स्तर से नीचे का न हो, द्वारा यथाविधि हस्ताक्षर किया हुआ जाति प्रमाणपत्र (मूलरूप में) ।
(ड) गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर शपथ पत्र सहित नियोक्ता से आय प्रमाण पत्र द्वारा सभी स्रोतों से एक निश्चित आय का वर्णन करते हुए माता-पिता/संरक्षकों के द्वारा आय घोषणापत्र ।
(च) आवेदन पत्र में संलग्न फार्म में संबंधित संस्थान के प्रधान द्वारा यथाविधि प्रति हस्ताक्षर की गई पूर्व वर्ष की छात्रवृत्ति की प्राप्ति की रसीद, यदि आवेदक ने इस योजना के अंतर्गत पूर्ववर्ती वर्ष में छात्रवृत्ति प्राप्त की हुई है ।
ii) आवेदन के ऑनलाइन माध्यम के मामले में, आवेदन करने की प्रक्रिया भिन्न हो सकती है क्योंकि आवेदन ऑनलाइन भरना अपेक्षित है और दस्तावेजों को संबंधित राज्यसंघ राज्य क्षेत्र के निर्धारित प्राधिकारी द्वारा यथा-अधिसूचित वेबसाइट पर अपलोड करना आवश्यक होता है।
iii)अभ्यर्थी जिस संस्थान में अध्ययन कर रहा है या अध्ययन कर चुका है, वह उसके प्रधान को सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन पत्र प्रस्तुत करें और छात्र जिस राज्य का निवासी हो उस संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार इस उद्देश्य के लिए विनिर्दिष्ट अधिकारी को सम्बोधित किए जाएं ।
XII. संशोधित स्कीम का “सीमित निधि” स्वरूप
बजटीय बाध्यता और मौजूदा पीएमएस-ओबीसी योजना का ‘सीमित निधि स्वरूप होने के कारण, केन्द्र सरकार को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की समस्त मांग को पूरा करना संभव नहीं है। इसलिए अन्य पिछड़ा वर्ग जनसंख्या वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को वर्ष 2008-09 से वित्तीय वर्ष के आरंभ में ही जनगणना के अनुसार उनकी कुल जनसंख्या के अनुपात में योजना के अंतर्गत सैद्धांतिक आबंटन (एनए) संसूचित किया जा रहा है और उन्हें नीचे दी गई कार्यविधि के अनुसार एनए के भीतर ही प्रस्तावों को भेजने का अनुरोध किया जा रहा है :-
I वित्तीय वर्ष की शुरूआत में, उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को छोड़कर (अर्थात् अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और लक्षद्वीप) जिनमें अन्य पिछड़े वर्गों की अधिसूचित सूची न हो प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को जनसंख्या के आधार पर स्कीम के सम्पूर्ण वार्षिक परिव्यय में इस मंत्रालय द्वारा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की निधियों के सैद्धांतिक आबंटन (एनए) किए जाएंगे।
II राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सभी गैर-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए जिलावार और समूहवार अपना एनए उप आबंटित करेंगे। तथापि, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए ऐसा उप-आबंटन आवश्यक नहीं होगा क्योंकि व्यावसायिक शिक्षा के संस्थान बड़े शहरों/केंद्रों में केन्द्रित होते हैं। तथापि, राज्य सरकार को उपलब्ध निधियों की सीमा तक, योग्यता-सह-साधनों के आधार पर व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक दोनों तरह के पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति के चयन के लिए मानदंड प्रस्तुत करना होगा।
III राज्यों को समूह घ पाठ्यक्रमों के लिए स्कीम के अंतर्गत कुल परिव्यय का कम से कम 25% निर्धारित करना होगा जिसमें कक्षा XI वीं और X|वीं और पालीटेबनीकों आदि में सभी अन्य मैट्रिकोत्तर स्तरीय गैर डिग्री पाठ्यक्रम शामिल हैं। ऐसा निर्धारण अन्य पिछड़े वर्गो के विद्यार्थियों को तृतीयक शिक्षा के प्रवेश-स्तरीय पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा जोकि उन्हें इसके उच्च शिक्षा के लिए पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने योग्य बनाएगा।
IV किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को प्रदान की गई केन्द्रीय सहायता को सबसे पहले नवीकरण मामलों (अर्थात केंद्रीय सहायता में से पिछले वर्षों के दौरान पहले से ही छात्रवृत्तियां प्राप्त कर चुके विदयार्थी) को कवर करने में उपयोग की जानी होगी और शेष राशि को ही नए मानलों को कवर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
V केन्द्रीय सहायता के प्रस्ताव के साथ निर्धारित प्रोफार्मा मैं वास्तविक एवं वित्तीय प्रगति का ब्यौरा दिया जाना चाहिए।
VI चूंकि राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की कुल मांग को केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत कवर नहीं किया जा सकता है, अत: राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पात्र विद्यार्थियों को शेष छात्रवृत्ति अनुदान अपने स्वयं के बजट से प्रदान करेंगे।
XIII. योजना के वित्त पोषण की पद्धति
यह योजना राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है जो योजना के अंतर्गत भारत सरकार से 100% केन्द्रीय सहायता प्राप्त करते हैं। प्रतिबद्ध देयता की संकल्पना वर्ष 2018-19 से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों पर लागू नहीं होगी। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सभी पात्र विद्यार्थियों को कवर करने के लिए केन्द्रीय सहायता के अतिरिक्त निधि का प्रावधान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।
XIV. मॉनीटरिंग
योजना के वित्तीय तथा वास्तविक कार्य निष्पादन की मानीटरिंग योजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियों से विस्तृत सूचना प्राप्त करके की जाएगी वास्तविक पहलुओं के लिए योजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियों को इस योजना के अंतर्गत छात्रवृत्तियां प्राप्त करने वाले लाभार्थियों का कक्षा-वार तथा लिंग-वार ब्यौरे से संबंधित तिमाही प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी । वित्तीय पक्ष के लिए संबंधित एजेंसी द्वारा पिछले वित्त वर्ष के दौरान किए गए वास्तविक व्यय तथा वर्तमान वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा । योजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियों से अद्यतन लेखापरीक्षित लेखों को प्रस्तुत करने के लिए भी कहा जाता है ।
XV मूल्यांकन
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय अपनी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण की केन्द्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों में योजना के कार्य निष्पादन की प्रतिष्ठित संस्थाओं/ एजेंसियों को अनुसंधान अध्ययन का कार्य सौंप कर योजना का मूल्यांकन करा सकता है ।