Online Acp प्रकरण अग्रेषण प्रकिया
श्रीमान निदेशक, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के पत्र कमांक:-शिविरा/माध्य/संस्था-AB/A-2(m)/Online-ACP/2020-21/120-27 दिनांक: 03.03.2021 द्वारा Online Acp प्रकरण एसीपी आवेदन अग्रेषण से पूर्व निम्नांकित निर्देशों की पालना / प्रकिया के सम्बन्ध में निर्देश जारी किये गए है –
“विभाग द्वारा कार्मिकों की एसीपी आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाईन किया गया हैं लेकिन फिर भी इनके निस्तारण की कार्यवाही में व्यावहारिक समस्याए उत्पन्न हो रही है। अतः समस्त नियंत्रण अधिकारी / सीबीआई को निर्देशित किया जाता है कि एसीपी आवेदन अग्रेषण से पूर्व निम्नांकित निर्देशों की पालना / प्रकिया सुनिश्चित करें:
1- Acp प्रकरण Online करने से पहले जिस अवधि से एसीपी स्वीकृति चाही गई है उस अवधि की एसीआर प्रेषित कर दी गई है अथवा नही। यदि नहीं की गई है तो जिस वर्ष एसीपी अपेक्षित है उस वर्ष से विगत 07 वर्ष की Apars रजिस्टर्ड डाक से परिपत्र 23.11. 2020 में प्रदत निर्देशानुसार तैयार कर नियुक्ति अधिकारी को प्रेषित करेंगे ताकि एसीआर के अभाव में किसी कार्मिक का एसीपी लम्बित नहीं रहे।
2- Online Acp प्रकरण सभी संस्था प्रधानों एवं नियंत्रण अधिकारी अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को प्रारूप 10 उपलब्ध करवा कर रिक्त कॉलम की पूर्तियाँ करवाकर प्रारूप- 10 हस्ताक्षर सहित प्राप्त करें एवं हस्ताक्षर के साथ ही संबंधित कर्मचारी से यह भी अंकित करावें कि समस्त सूचना सही है।
3- आवेदन कर्ता का मूल आवेदन एवं संलग्न समस्त दस्तावेज सम्बन्धित नियंत्रण अधिकारी कार्यालय में सुरक्षित रखे जावें।
4- Online Acp प्रकरण हेतु सेवा पुस्तिका की आवश्यकता नही होती है, आवश्यकता होने पर पृथक से मांगा जाने पर ही सेवा पुस्तिका भेजी जावे।
5- विशिष्ट शासन सचिव शिक्षा (गुप 5) जयपुर के पत्र दिनांक 06.02.1900 के अनुसार ग्रामीण विकास एवं पचायत राज विभाग में से स्थानांतरित होकर आये कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के बाद आदेश जारी होने की तिथि से नियमित नियुक्ति मानी जायेगी ।
6- ऐसे कार्मिक जिनकी अध्यापक पद पर प्रथम नियुक्ति पंचायत समिति/जिला परिषद द्वारा की जाती है वह अध्यापक पद पर जिला स्थापना समिति द्वारा स्क्रीनिंग/चयनित आदेश की प्रति आवश्यक रूप से अपलोड करावें | जिला स्थापना समिति द्वारा स्क्रीनिंग/चयनित आदेश के पश्चात् कार्यग्रहण की तिथि ही नियमानुसार नियमित नियुक्ति तिथि होगी तदनुसार ही एसीपी हेतु काल की गणना कर प्रकरण निदेशालय को प्रस्तावित करावें ।
7- ऐसे कार्मिक जिनकी प्रथम नियुक्ति 31 दिसंबर के बाद होती थी उन कार्मिकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के पश्चात् पुनः कार्यग्रहण करना होता था एवं ग्रीष्मावकाश के वेतन का भुगतान नहीं किया गया था उनके सम्बन्ध में नियमानुसार पुनः कार्यग्रहण की तिथि ही नियमित नियुक्ति तिथि होगी तदनुसार ही एसीपी हेतु काल की गणना कर प्रकरण निदेशालय हो प्रस्तावित करावें ।
8- ऐसे वरिष्ठ अध्यापक जिनको पूर्व में 18 वर्षीय द्वितीय एसीपी स्वीकृत किया जा चुका है उनकी व्याख्याता/ प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति पूर्व वर्ती वर्षों की डीपीसी में सम्मिलित करने के कारण द्वितीय एसीपी देय तिथि से पूर्व की तिथि से हुई है उनका पूर्व में स्वीकृत 18 वर्षीय द्वितीय एसीपी आदेश निरस्त करवा कर 20 वर्षीय द्वितीय एसीपी स्वीकृत करावें तत्पश्चात ही तृतीय एसीपी हेतु प्रकरण निदेशालय को प्रस्तावित करावें ।
9- कई कार्मिकों का जिनकी नियमित नियुक्ति तिथि दिनांक 01.07.1990 मानते हुए स्थाईकरण किया गया है एवं दिनांक 01.07.1990 को नियमित नियुक्ति मानते हुए एसीपी प्रस्तावित किया गया है, जबकि दिनांक 01.07.1900 को राजकीय अवकाश रविवार है । अतः सीबीईओ कार्यालय नियमानुसार नियमित नियुक्ति का निर्धारण करते हुए एसीपी प्रस्तावित करावे ।
10- कई एसीपी प्रकरणों में पाया गया है कि संबंधित कार्मिक / संस्था प्रधान द्वारा जिस पे लेवल में एसीपी की मांग की जाती है परन्तु सीबीइओ कार्यालय द्वारा उससे भिन्न पे-लेवल में एसीपी प्रस्तावित किया जाता है ।
11- निदेशालय द्वारा एसीपी प्रकरणों में जांच उपरान्त नियमानुसार आक्षेपित कर प्रकरण पूर्ती हेतु सीबीइओ कार्यालय का लौटाया जाता है परन्तु सीबीआई कार्यालय/ नियंत्रण अधिकारी द्वारा उक्त आक्षेपों को बिना पालना किये ही एसीपी स्वीकृति हेतु निदेशालय को प्रस्तावित कर दिया जाता है । कई प्रकरणों में तो बार- बार आक्षेपित करने के बाद भी बिना आक्षेपों की पूर्ती किये ही सीधे ही एसीपी स्वीकृति हेतु प्रस्तावित कर दिये जाते है । अतः सीबीइओ कार्यालय/नियंत्रण अधिकारी नियमानुसार एसीपी प्रकरणों का परीक्षण कर ही एसीपी प्रस्तावित करावें ताकि समय एव श्रम का अपव्यय न हो और प्रकरणों को समय पर निस्तारित किया जा सके ।”