हे दयामय आप ही, संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो, हम सबके पालनहार हो।
जन्म दाता आप ही, माता पिता भगवान हो।
सर्व सुखदाता सखा, भ्राता हो सम प्राण हो।
आपके उपकार का हम, ऋण चुका सकते नहीं।
बिन कृपा के शान्ति सुख का, सार पा सकते नहीं।
दीजिये यह मति, बने हम सद्गुणी संसार में।
मन तो मंजुल धर्ममय, और तन लगे उपकार में।