प्रस्तावना

राज्य के समस्त राजकीय विभागों /उपक्रमों / बोर्ड / निगमो व अन्य समस्त स्वायत्त शासी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिक जिसमें मंत्रालयिक कर्मचारी, तकनीकी कर्मचारी, लेखाकर्मी व अन्य श्रेणी के सभी कार्मिकों सेवा काल के दौरान किये जाने वाले रथानान्तरण को सरल, पारदर्शी, एक निश्चित समय अवधि एवं एकरूपता बनाये रखने की दृष्टि से निम्नानुसार दिशा निर्देश जारी किये जाते है:-

(अ) उक्त दिशा-निर्देश निम्नाकिंतो पर लागू होगें:

1. स्थानान्तरण दिशा-निर्देश समस्त राजकीय विभागों /उपक्रमों /बोर्ड/निगमो व अन्य समस्त स्वायत्त शासी संस्थाओं में कार्यरत अराजपत्रित कर्मचारियों, जिसमें मंत्रालयिक कर्मचारी, तकनीकी कर्मचारी, लेखाकर्मी व अन्य श्रेणी के सभी कर्मचारी सम्मिलित है, पर लागू होगें, जिनका पे-बैण्ड-2 (9300-34800) लेवल 13 तक हैं।

2. प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग, संस्कृत शिक्षा विभाग के समस्त मंत्रालयिक एवं प्रधानाचार्य से नीचे के रैंक के समस्त शैक्षणिक कार्मिक, उच्च शिक्षा विभाग चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग के पॉलिटेक्निक महाविद्यालय एवं आई.टी.आई. में Assistant Professor की रैंक तक के शैक्षणिक कार्मिक, भले वे निर्धारित पे-बैण्ड में लेवल 13 से ऊपर हों, उन पर उक्त दिशा-निर्देश लागू होंगे।

3. यह दिशा निर्देश केवल प्रशिक्षण काल (Probationary period) को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले राजकीय कार्मिकों पर ही लागू होंगे अर्थात प्रशिक्षण काल के दौरान कार्मिकों का स्थानान्तरण नही किया जा सकेगा ।

(ब) उक्त दिशा-निर्देश निम्नाकिंतो पर लागू नहीं होगें:

  1. शासन सचिवालय
  2. राज्यपाल सचिवालय
  3. विधानसभा सचिवालय
  4. ऐसे विभाग जिनमें कतिपय कार्मिको को वर्दी पहनना आवश्यक हैं, जैसें पुलिस विभाग, गृह रक्षा व होम गार्ड विभाग आदि । परन्तु ऐसे विभागों के वर्दीधारी कार्मिकों के अलावा अन्य सभी कार्मिको पर उक्त दिशा-निर्देश लागू होंगे ।

(स) स्थानान्तरण प्रक्रिया-

  1.  सभी विभागों द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से स्थानांतरण किये जाने योग्य पद एवं स्थान/जिले में रिक्त पदो का विवरण प्रति वर्ष 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट / नोटिस बोर्ड पर प्रकटन/प्रकाशन किया जायेगा । विभागीय स्तर पर प्रशासनिक आधार पर भरे जाने वाले पदों को नोटिफाई करने की आवश्यकता नही है।
  2. स्थानान्तरण आवेदन पत्र का प्रारूप परिशिष्ठ ‘अ’ पर संलग्न है। स्थानान्तरण के इच्छुक कार्मिकों को उक्त निर्धारित प्रारूप में ऑफलाइन / ऑनलाइन जैसी भी सुविधा हो सम्बन्धित प्राधिकारी को 31 मार्च तक अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन-पत्र के अभाव में स्थानान्तरण पर विचार नहीं किया जायेगा।
  3.  स्थानान्तरण आवेदन पत्र प्राप्त होने पर विभाग द्वारा इच्छित जिला/ स्थान जैसी भी स्थिति हो, स्थानान्तरण हेतु उपरोक्त दिशा-निर्देशो को ध्यान में रखते हुए In Person counselling के माध्यम से कार्यवाही की जायेगी।
  4. आवेदन करने वाले कार्मिकों को ही counselling में सम्मिलित किया जा सकेगा।
  5.  विभाग द्वारा counselling की कार्यवाही में स्थानान्तरण करने हेतु सर्वप्रथम प्राथमिकता से दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाडी, पति-पत्नी प्रकरण व असाध्य रोग से पीड़ित अभ्यर्थियों एवं शहीद के आश्रित सदस्य को बुलाया जायेगा।
  6.  स्थानान्तरण करने वाले प्राधिकारी को इस तथ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक होगा कि किसी स्थानान्तरण से कोई कार्यालय कार्मिक रहित ना हो जाए, अर्थात एकल कार्मिक वाले कार्यालयों को उचित रिप्लेसमेंट मिलन पर ही स्थानांतरण किया जाए।
  7.  विभाग द्वारा counselling से सम्बन्धित दस्तावेजों/रिकार्ड को सुरक्षित रखा जायेगा ।

(द) स्वयं के आवेदन पर स्थानान्तरण

1. कार्मिक स्थानान्तरण हेतु आवेदन वर्तमान पदस्थापन की दिनांक से 2 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर ही कर सकेगा। 2 वर्ष पूर्ण की गणना प्रति वर्ष की 30 जून को माना जायेगा। अर्थात किसी वर्ष विशेष मे 30 जून को 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले कार्मिक उक्त वर्ष मे आवेदन कर सकेगा। परन्तु निम्नांकित विशेष श्रेणियों के कार्मिक 2 वर्ष की अवधि से पूर्व भी स्थानान्तरण हेतु आवेदन कर सकेंगे:

  1. दिव्यांगजन
  2. विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला
  3. भूतपूर्व सैनिक
  4. उत्कृष्ट खिलाडी
  5. पति-पत्नी, जो विभाग में अथवा अन्य विभाग में अलग-अलग जगह पदस्थापित हो तो जहाँ तक सम्भव हो उन्हें एक स्थान / जिले में जैसी भी स्थिति हो स्थानान्तरित किया जाये 6. निम्नाकिंत असाध्य रोग से पीड़ित होने पर (स्वयं, पति-पत्नी, आश्रित संतान एवं माता-पिता)
    (अ) कैंसर
    ( ब) गुर्दा प्रत्यारोपण
    (स) हृदय शल्य-चिकित्सा
  6. शहीद परिवार का आश्रित सदस्य होने की स्थिति में

2. कार्मिको के आपसी स्थानान्तरण (Mutual Transfer) यदि पदस्थापित स्थान पर 2 वर्ष से अधिक का समय हो चुका हैं बशर्ते उक्त प्राथमिकता का कार्मिक द्वारा अपने कार्यकाल में केवल एक ही बार उपयोग किया जाए, तो प्रचलित नियमो के प्रावधान के अनुसार उनके द्वारा आवेदन-पत्र प्रस्तुत करने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा किए जा सकेंगे।

(इ) प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण

कार्मिक को एक ही स्थान पर कार्यरत रहते हुए 3 वर्ष या अधिक का समय हो गया हो तो प्रशासनिक आधार पर उसका स्थानान्तरण किया जा सकेगा परन्तु 3 वर्ष की अवधि से पूर्व स्थानान्तरण निम्नाकिंत परिस्थितियों में ही किया जा सकेगा:

  1. कार्मिक के खिलाफ ऐसी गंभीर शिकायत हो, जो प्राथमिक जांच मे प्रथम दृष्टयाः सही पाई गई हो।
  2. कर्मचारी की पदोन्नति होने पर। जहां तक सम्भव हो पदोन्नत कर्मचारी को रिक्त स्थान पर पदस्थापित किया जायेगा ।

(ई) स्थानान्तरण हेतु विशेष प्रकरण

कार्मिकों का स्थानान्तरण निम्न प्रकरणों मे वर्ष के दौरान आवश्यकतानुसार कभी भी किया जा सकेगाः

  1. मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्मिको के स्थानान्तरण के लिए प्राप्त आदेश / निर्देशों की पालना सम्बन्धित विभाग द्वारा की जाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को तत्काल सूचित करेंगे। किसी प्रकरण विशेष मे स्थानांतरण किया जाना संभव ना हो या संशोधन की आवश्यकता हो तो भी तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय को पूर्ण विवरण एवं प्रस्ताव के साथ प्रकरण प्रस्तुत करेंगे।
  2. कार्मिक का एक विभाग से दूसरे विभाग में अंतर विभागीय समायोजन होने की स्थिति में अथवा किसी विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आने पर उक्त कार्मिक को विभाग में उपलब्ध रिक्त पद पर पदस्थापित किया जा सकेगा ।
  3. न्यायिक प्रकरणों के मामलों में ।
  4. किसी अन्य परिस्थिति में या कार्मिक का स्थानान्तरण 3 वर्ष पूर्व किया जाना आवश्यक हो तो सम्बधित विभाग कारणों सहित प्रस्ताव प्रशासनिक सुधार विभाग को अनुमति हेतु प्रेषित करेंगे।
  5. पद की समाप्ति अथवा कर्मचारी की पदावनति होने की स्थिति में।
  6. नव नियुक्त कार्मिकों को विभाग में उपलब्ध रिक्त पदों पर पदस्थापित किया जा सकेगा।
  7. APO प्रकरणों में 1 अप्रैल से 30 जून की अवधि को छोडकर स्थानांतरण/ पदस्थापन प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व सहमति से ही किया जावे। कार्मिक को पदस्थापन आदेश की प्रतिक्षा (APO) में रखे जाने के बाद उसका पदस्थापन पूर्व पदस्थापित स्थान पर नहीं किया जाकर उसे किसी अन्य रिक्त पद पर पदस्थापित किया जायेगा।

(उ) सामान्य दिशा-निर्देश

कार्मिको के स्थानान्तरण (काउंसलिंग/प्रशासनिक कारण से) प्रतिवर्ष 1 अप्रैल से 30 जून की अवधि में किये जा सकेंगे उक्त अवधि के अलावा ( दिशा निर्देश की बिंदु संख्या (ई), स्थानान्तरण हेतु विशेष प्रकरण के अलावा) स्थानान्तरण पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा।

  1. स्थानान्तरण दिशा-निर्देशों से भिन्न परिस्थिति में या प्रतिबंधित अवधि में या किसी अन्य विशेष परिस्थिति में किसी कार्मिक का स्थानान्तरण करना आवश्यक हो तो सम्बन्धित विभाग अपने प्रशासनिक विभाग के माध्यम से प्रस्ताव प्रशासनिक सुधार विभाग को प्रेषित कर स्वीकृति प्राप्त करेगा। स्वीकृति प्राप्त होने के उपरान्त ही स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
  2. प्रशासनिक सुधार विभाग प्राप्त प्रस्तावों का गुणावगुण के आधार पर परीक्षण कर आवश्यकतानुसार माननीय मुख्यमंत्री महोदय का अनुमोदन प्राप्त करेगा ।
  3. किसी कार्मिक की सेवानिवृत्ति में 1 वर्ष या इससे कम अवधि रह गई हो तो उसका स्थानान्तरण किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जायेगा, परन्तु यदि उक्त कार्मिक स्वयं स्थानान्तरण का इच्छुक हो तो स्थानान्तरण किया जा सकेगा ।
  4. कार्मिक का किसी स्थान से स्थानान्तरण होने के बाद उसी स्थान पर 2 वर्ष पूर्व पुनः स्थानान्तरित/ पदस्थापित नहीं किया जा सकेगा ।
  5.  विभाग का यह भी दायित्व होगा कि कोई कार्मिक एक ही स्थान पर / कार्यालय में जैसी भी स्थिति हो, 5 वर्ष या अधिक अवधि तक पदस्थापित ना हो (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छोड़कर)
  6.  एक ही विभाग में एक से अधिक नियुक्ति अधिकारी होने पर यदि नियमों में प्रावधान हो तो नामित प्राधिकारी (Designated Authority) द्वारा कार्मिकों को एक नियुक्ति अधिकारी के अधिकार क्षेत्र से दूसरे नियुक्ति अधिकारी के अधिकार क्षेत्र मे स्थानान्तरण किये जा सकेंगे।
  7.  कार्मिक का स्थानान्तरण समान पद पर ही किया जावे किसी अन्य पद के विरूद्ध स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा।
  8. कार्यव्यवस्थार्थ को आधार बनाकर कार्मिक का स्थानान्तरण नहीं किया जा सकेगा यदि स्थानान्तरण करना आवश्यक हो तो प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व अनुमति से ही स्थानान्तरण किया जा सकेगा।
  9. अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थापित कार्मिकों के स्थानान्तरण के मामलों में प्रचलित नियम/ आदेश/निर्देश यथावत् लागू रहेंगे।
  10. अनुसूचित क्षेत्र से गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानान्तरण के मामलों में विद्यमान नियम/ आदेश/निर्देश यथावत् लागू रहेंगे।
  11. यदि कोई विभाग विशेष परिस्थिति के मध्य नजर स्थानान्तरण करने हेतु counselling से सम्बन्धित कोई नई शर्त जोड़ना चाहता हैं तो ऐसे विभाग को प्रशासनिक सुधार विभाग की पूर्व अनुमति/सहमति प्राप्त की जानी आवश्यक होगी।

12. परिवेदनाः-

  • स्थानान्तरित कर्मचारी द्वारा सर्वप्रथम स्थानान्तरण आदेश की पालना की जायेगी।
  • कार्मिकों द्वारा स्थानान्तरण आदेश की पालना के पश्चात उक्त संबंध में कोई परिवेदना हो तो अपने नियुक्ति अधिकारी को स्थानान्तरण आदेश जारी होने के 30 दिन के अन्दर-अन्दर अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। संबंधित सक्षम अधिकारी उक्त परिवेदना का निस्तारण परिवेदना प्राप्त होने की तिथि से 45 दिन के अन्दर-अन्दर निस्तारित करेगा।
  •  स्थानान्तरण उपरोक्त दिशा-निर्देशो के अनुसार ही किए जायेंगे। इन दिशा-निर्देशों के विपरित यदि कोई विभाग, उपक्रम, बोर्ड, निगम एवं अन्य स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा कार्मिकों के स्थानान्तरण किए जाने पर उक्त स्थानान्तरण को निरस्त करने के साथ साथ स्थानान्तरण करने वाले अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
  •  इस सम्बन्ध में प्रशासनिक सुधार विभाग के निरीक्षण अनुभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिए जाते है कि सम्बन्धित विभाग का निरीक्षण करते समय वे इस बात का भी परीक्षण करेगें कि विभाग द्वारा स्थानान्तरण राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही किए गये हैं। जिन मामलों में निर्देशो की अवहेलना दृष्टिगत हो, उसकी सूचना सम्बन्धित अधिकारी के पूर्ण विवरण सहित इस विभाग एवं सम्बन्धित प्रशासनिक विभाग को प्रेषित करेंगे। स्थानान्तरण दिशा-निर्देशो की अवहेलना को गंभीरता से लिया जायेगा।
  • उक्त स्थानान्तरण दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे