मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना

राजस्थान सरकार
वित्त (बीमा) विभाग

क्रमांक:- प.5 (3) वित्त / बीमा / 2022                                                  जयपुर, दिनांक 28 APR 2022

आदेश

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवारों को दुर्घटनाओं के कारण होने वाली नृत्यु अथवा पूर्ण स्थायी अपंगता की स्थिति में आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से माननीय राज्यपाल महोदय दिनांक 01.05.2022 से निम्नानुसार मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना’ लागू किये जाने की एतद्द्वारा स्वीकृति प्रदान करते हैं:

1. योजना का नाम: – उक्त योजना का नाम मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना है।

2. परिभाषाएं :

  1. एम.सी.डी.बी.वाई. :- इससे तात्पर्य राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2022-23 में क्र. सं. 9 में अंकित मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना से है।
  2. बीमित परिवार :- बीमित परिवार से आशय मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवार से है। ये समस्त परिवार ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार माने जाएंगे।
  3. पात्र / लाभार्थी परिवार :- मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित समस्त परिवार, मुख्यमंत्री विरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के पात्र परिवार माने जायेंगे।
  4. बीमित सदस्य :- इस योजना में उन्हीं भरिवारों को योजना का लाभ दिया जा रहा है जो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवार का सम्बन्ध जन आधार कार्ड में अंकित परिवार से है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में उस परिवार का एक साल की आयु तक का वह शिशु भी सम्मिलित होता है जिसका नाम, पहचान पत्र (जनआधार कार्ड) में नहीं है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत भी बीमित सदस्यों के रूप में बीमित परिवार के वे सभी सदस्य सम्मिलित होंगे जिनका नाम जन आधार कार्ड में अंकित है। इसके अतिरिक्त बीमित परिवार का वह शिशु भी बीमित सदस्य माना जायेगा जिसका नाम छान आधार कार्ड में अंकित नहीं है।
  5. मुखिया : इससे तात्पर्य बीमित परिवार के जन आधार कार्ड में अंकित परिवार के मुखिया से है।
  6. बीमाधन :– इससे तात्पर्य लाभार्थी परिवार के सदस्यों की दुर्घटना मृत्यु / योजना में वर्णित स्थायी पूर्ण क्षति होने पर परिवार को नियमानुसार किये जाने वाले 5 लाख रु. तक के भुगतान से है।
  7. एस.आई.पी.एफ. :- राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जाना है।
  8. एम.सी.डी.बी.वाई. प्रोजेक्ट यूनिट :- इससे आशय राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के अन्तर्गत इस योजना के क्रियान्वयन हेतु गठित “मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना प्रोजेक्ट यूनिट” से है।
  9. एम.सी.डी.बी.वाई. वेब पोर्टल :- इससे आशय एम.सी.डी.बी.वाई. प्रोजेक्ट यूनिट (SIPF) द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन हेतु तैयार किये जाने वाले वेब पोर्टल से है।
  10. दुर्घटना में हुई मृत्यु / क्षति :- इस योजना के अन्तर्गत वर्णित सात प्रकार की दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु / क्षति से आशय ऐसी शारीरिक चोट से हुई मृत्यु / क्षति से है जो बाह्य (External), हिंसात्मक (Violent) एवं दृश्य ( Visible) माध्यम से उत्पन्न हुई हो। ऐसी मृत्यु / क्षति के दुर्घटना दिनांक से 12 कैलेण्डर गाहों के भीतर होने पर ही उसे दुर्घटना के कारण (Proximate Cause) के रूप में लिया जायेगा।
  11. बीमाकर्ता :- बीमाकर्ता से आशय राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के साधारण बीमा निधि कार्यालय से है।
  12. साधारण बीमा निधि :- साधारण बीमा निधि से तात्पर्य राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के अन्तर्गत साधारण बीगा हेतु गठित निधि से है जो साधारण बीगा के क्षेत्र में कार्य करते हुए आई.आर.डी.ए.आई. में रजिस्टर्ड है।
  13. योजना वर्ष :- योजना 1 मई 2022 से प्रारंभ होगी, अतः योजना वर्ष से आशय 1 मई से 30 अप्रेल की एक वर्ष की अवधि का माना जायेगा।

3. योजना का उद्देश्य

दुर्घटना घटित हो जाने पर परिवार को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिये राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना लागू की गई है। राज्य सरकार द्वारा पूर्व से संचालित की जा रही योजना – मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित समस्त परिवारों को योजना में वर्णित दुर्घटनाओं की स्थिति में बीमा कवर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह “मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना (MCDBY ) ” प्रारंभ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार को 5 लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा कवर निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। बीमित परिवार के सदस्य / सदस्यों की दुर्घटना में मृत्यु होने या दुर्घटना के कारण हाथ, पैर, आँख की स्थायी पूर्ण क्षति की स्थिति में इस योजना के नियमानुसार आर्थिक सम्बल बीमित परिवार को उपलब्ध कराया जायेगा।

4. पात्रता :

योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार की श्रेणी में वे परिवार सम्मिलित होंगे जो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार के रूप में सम्मिलित हों। इन परिवारों के अतिरिक्त अन्य कोई भी परिवार मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में सम्मिलित नहीं माना जायेगा।

5. वित्तीय प्रबंधन:–

मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना का संचालन बजट मदों 2235-60-105-(03)-[01] 43, 2235-60-789- (06) – [01]-43 तथा 2235-60-796-(06)- [01]-43 के माध्यम से किया जायेगा। वित्त विभाग, राजस्थान द्वारा इसी बजट मद में योजना संचालन हेतु राशि स्थानांतरित की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार से कोई अंशदान / प्रीमियम नहीं लिया जायेगा।

6. योजना के अन्तर्गत लाभ कब देय होंगे :

 मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत निम्नांकित दुर्घटनाओं में बीमित परिवार के सदस्य / सदस्यों की मृत्यु अथवा अन्य शारीरिक क्षतियों की दशा में योजना के प्रावधानों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। योजना के अन्तर्गत दुर्घटना में हुई क्षति का आशय किसी भी ऐसी शारीरिक वोट से है जो किसी बाह्य, हिंसात्मक एवं दृश्य माध्यम द्वारा लगी हो । शारीरिक चोट सन्दर्भित दुर्घटना से ही उत्पन्न हुई होनी चाहिए एवं दुर्घटना से पूर्व अस्तित्व में से नहीं होनी चाहिए। मृत्यु / क्षति का सीधा संबंध (Proximate Cause) दुर्घटना से होने पर ही योजना के तहत भुगतान देय होगा। उदाहरणार्थ मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के लाभ निम्न प्रकार की दुर्घटनाओं में हुई मृत्यु / क्षति पर देय होंगे:

(i) सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु / क्षति ।
(ii) ऊँचाई से गिरने के कारण होने वाली मृत्यु / क्षति
(iii)मकान के ढहने से होने वाली मृत्यु / क्षति ।
(iv) डूबने के कारण होने वाली मृत्यु / क्षति ।
(v) रासायनिक द्रव्यों के छिड़काव के कारण
(vi) बिजली के झटके से होने वाली मृत्यु / क्षति |
(vii)जलने वाली मृत्यु / क्षति ।

7. योजना के अन्तर्गत लाभ कब देय नहीं होंगे :–

योजना के अन्तर्गत केवल उन्हीं दुर्घटना प्रकरणों पर विचार किया जायेगा जो योजना के बिन्दु संख्या 5 में अंकित हैं तथा जिनमें मृत्यु अथवा शारीरिक क्षतियां दुर्घटनाओं से उत्पन्न होती है। मृत्यु / क्षति का सीधा संबंध (Proximate Cause) दुर्घटना से होना चाहिए। आशय यह है कि योजना के अन्तर्गत प्राकृतिक मृत्यु अथवा शारीरिक क्षतियों पर इस पॉलिसी के अन्तर्गत किसी प्रकार का लाभ देय नहीं होगा। उदाहरणार्थ- निम्न स्थितियों में लाभ देय नहीं होंगे:

(i) विभिन्न बीमारियों जैसे: केन्सर, टीबी, हृदयाघात (हार्ट अटैक) अथवा पागलपन इत्यादि से होने वाली मृत्यु अथवा अन्य क्षतियां
(ii) हत्या, हत्या का प्रयास, आत्मक्षति, आत्महत्या अथवा आत्महत्या का प्रयास ।
(iii) किसी बीमित सदस्य द्वारा नशीले द्रव्य / ड्रग्स / एल्कोहॉल के सेवन से होने वाली मृत्यु / क्षति ।
(iv) चिकित्सा अथवा शल्य क्रिया के दौरान होने वाली क्षति ।
(v) नाभिकीय विकिरण अथवा परमाण्विक अस्त्रों से होने वाली क्षति ।
(vi) युद्ध, विदेशी आक्रमण, विदेशी शत्रु के कृत्यों, गृह युद्ध, देशद्रोह अथवा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों इत्यादि से होने वाली क्षति।
(vii) गर्भधारण अथवा प्रसव के कारण होने वाली क्षति ।
(viii) बीमित व्यक्ति द्वारा आपराधिक उद्देशय से विधि द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन करते समय हुई क्षति
(ix) एविएशन में एन्गेज होने / बैलूनिंग / गाउन्टिंग / डिस्माउन्टिंग के समय अथवा एअरक्राफ्ट में पैसेंजर के अतिरिक्त किसी अन्य रूप में यात्रा करते समय हुई मृत्यु / क्षति ।
(x) विभिन्न दुर्घटनाओं में हाथ अथवा पैर का फ्रेक्चर इत्यादि होने की दशा में पॉलिसी के अन्तर्गत लाभ देय नहीं होंगे।
(xi) जहरीले जन्तु के कारण मृत्यु अथवा क्षति |
(xii) पॉलिसी की एक वर्ष की अवधि के दौरान योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार के सदस्यों के संबंध में एक से अधिक दावों के मामलों में बीगित परिवार को इस योजना के अन्तर्गत देय अधिकतम भुगतान रूपये 5 लाख से अधिक नहीं होगा।
(xiii) यदि पॉलिसी वर्ष में किसी सदस्य की दुर्घटनावश क्षति कारित होती है तथा उसी पॉलिसीवर्ष में पुनः कोई दुर्घटना घटित होती है तो बाद में घटित होने वाली दुर्घटना के विरूद्ध भुगतान करते समय पहले दावे में किये गये भुगतान की राशि को कम करते हुए दूसरे दावे के विरूद्ध भुगतान किया जायेगा।

उदाहरणार्थ:- उपरोक्त योजना की अवधि के दौरान यदि किसी बीमित सदस्य को पहले एक आंख, एक हाथ या एक पैर की क्षति पर 1.5 लाख रूपये का भुगतान किया जाता है तो पॉलिसी की उसी अवधि के दौरान बीमित की मृत्यु हो जाने के दशा में मृत्यु हेतु प्रस्तावित राशि में से उपरोक्त बीमित परिवार को पूर्व में स्वीकृत राशि कम करके भुगतान किया जायेगा। इसी प्रकार योजना के एक वर्ष में बीमित परिवार के एक से अधिक सदस्यों की मृत्यु होने पर बीमित परिवार को किया जाने वाला भुगतान पाँच लाख की सीमा के अधीन ही होगा। इसी प्रकार यदि योजना वर्ष में बीमित परिवार के किसी सदस्य के किसी अंग की क्षति पर यदि बीमित परिवार को भुगतान कर दिया जाता है तो योजना के उसी वर्ष में अन्य सदस्य के दुर्घटना में मृत्यु होने पर भी बीमित परिवार को किये जाने वाले भुगतान में से पूर्व में किये गये भुगतान की राशि को कम किया जायेगा।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत हाथ की क्षति से आशय, हाथ के कलाई अथवा ऊपर से पार्थक्य होने अथवा हाथ के स्थायी रूप से पूर्णत निष्क्रिय हो जाने से है। इसी प्रकार पैर की क्षति से आशय, पैर की एड़ी अथवा ऊपर से पार्थक्य होने अथवा पैर के स्थायी रूप से पूर्णत निष्क्रिय हो जाने से है।

8. योजना के अन्तर्गत परिवार को क्या लाभ देय होंगे :

क्र.सं.दुर्घटना में हुई क्षति का प्रकारदुर्घटना पर देय लाभ
1दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर5 लाख रूपये
2दुर्घटना में दोनों हाथों या दोनों पैरों या दोनों आँखों अथवा एक हाथ एवं एक पैर या
एक हाथ एवं एक आँख या एक पैर एवं एक आँख की पूर्ण क्षति पर (पार्थक्य होने / इन
अंगो के पूर्णतः निष्क्रिय होने पर )
3 लाख रूपये
3दुर्घटना में हाथ / पैर / आँख की पूर्ण क्षति पर (पार्थक्य होने / इन अंगो के पूर्णतः
निष्क्रिय होने पर )
1.5 लाख रूपये

9. योजना के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बिन्दु :

(i)योजना का संचालन, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के माध्यम से किया जायेगा। राज्य बीगा एवं प्रावधायी निधि विभाग के साधारण बीमा निधि कार्यालय द्वारा इस योजना का बीमा किया जायेगा।
(ii) योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार के सदस्य / सदस्यों की दुर्घटना में मृत्यु होने अथवा दुर्घटना के कारण परिवार के सदस्य / सदस्यों की स्थायी पूर्ण अपंगता की स्थिति में एक योजना वर्ष में कुल पाँच लाख रूपये तक का भुगतान ही परिवार को देय होगा।
(iii) यह योजना जनआधार कार्ड से जुड़ी होने के कारण जन आधार कार्ड में अंकित परिवार के मुखिया को ही बीमित परिवार का मुखिया माना जायेगा।
(iv) इस योजना के अन्तर्गत बीमित परिवार के किसी / किन्हीं सदस्यों की दुर्घटनावश मृत्यु होने/स्थायी पूर्ण अपंगता होने की स्थिति में नियमानुसार राशि का भुगतान परिवार की मुखिया के उस बैंक खाते में किया जायेगा जो जनआधार से लिंक हो । मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में पति तथा उसके भी जीवित नहीं होने पर परिवार में शेष रहे सदस्यों में भुगतान योग्य राशि समान अंशो में विभाजित कर सदस्यों के बैंक खातों में ऑनलाइन जमा कराई जायेगी।
(v) इस योजना का सम्बन्ध बीमित परिवार को दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है तथा बीमित परिवार से तात्पर्य मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवार से है। यह योजना जनआधार कार्ड से लिंक है। अतः यदि जनआधार कार्ड में अंकित परिवार की मुखिया एवं सदस्यों सभी की मृत्यु हो जाती है तो इस योजना के तहत कोई भुगतान देय नहीं होगा।
(vi) योजना के लाभ प्रत्येक बीमित परिवार को दुर्घटना के कारण मृत्यु अथवा योजना में उल्लेखित क्षतियाँ होने पर योजना के प्रभावी रहने की स्थिति में, किसी भी स्थान अथवा समय पर घटित होने पर देय होंगे।
(vii) आवश्यक होने पर किसी चिकित्साधिकारी अथवा अन्वेषणकर्ता द्वारा प्रकरण की जाँच कराई जा सकेगी।
(viii) इस योजना के लिये पात्र परिवारों से कोई अंशदान / प्रीमियम की राशि वसूल नहीं की जायेगी।
(ix) दुर्घटना के कारण मृत्यु / क्षति होने की पुष्टि करने का दायित्व दावेदार का होगा।

10 योजना के क्रियान्वयन हेतु वेब पोर्टल :

मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत दावा निस्तारण हेतु राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा पृथक से वेब पोर्टल तैयार कराया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत उन्हीं परिवारों को योजना का लाभ दिया जाना है, जो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमित हों। अतः मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के वेब पोर्टल हेतु मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के पोर्टल से डेटा प्राप्त किया जायेगा। दावा निस्तारण की समस्त प्रक्रिया इस वेब पोर्टल के माध्यम से ही संचालित की जायेगी।

11. दावे हेतु ऑनलाइन क्लेम फार्म के साथ अपलोड किये जाने वाले दस्तावेज :

श्रेणीदुर्घटना का प्रकारमृत्यूक्षति
1. सड़क दुर्घटना
2. ऊँचाई से गिरने
3. मकान के ढहने के कारण
1. मृत्यु प्रमाण-पत्र
2. इनमें से कम से कम कोई दस्तावेज :
(i) पोस्टमार्टम रिपोर्ट
(ii) एफ.आई.आर. / रोजनामचा / मर्ग रिपोर्ट
(iii) पंचनामा
(iv) चिकित्सालय द्वारा जारी डेथ समरी
1. चिकित्सालय की रिपोर्ट
2. एफ.आई.आर. / रोजनामचा (यदि कराई गई हो)
3.  डायग्नोस्टिक रिपोर्ट
4.  मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी स्थायी पूर्ण अपंगता का प्रमाण-पत्र
1. बिजली के झटके के कारण
2. रासायनिक द्रव्यों के छिड़काव के कारण
1. मृत्यु प्रमाण-पत्र
2. इनमें से कोई एकः-
(i) पोस्टमार्टम रिपोर्ट
(ii) चिकित्सालय द्वारा जारी डेथ समरी
3. एफ.आई.आर
4. इलाज का विवरण यदि चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
1. चिकित्सालय की रिपोर्ट
2.  डायग्नोस्टिक रिपोर्ट
3.  मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी स्थायी पूर्ण अपंगता का प्रमाण-पत्र
1 डूबने के कारण
2. जलने की स्थिति में।
1. मृत्यु प्रमाण-पत्र
2. एफ.आई.आर.
3. पोस्टमार्टम रिपोर्ट
4. एफ.आर
1. चिकित्सालय की रिपोर्ट
2. एफ.आई.आर.
3. एफ.आर
4.  डायग्नोस्टिक रिपोर्ट
5.  मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी स्थायी पूर्ण अपंगता का प्रमाण-पत्र

12. योजना के अन्तर्गत दावा निस्तारण की प्रक्रिया :

  1. परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु होने अथवा दुर्घटना के कारण पॉलिसी में उल्लेखित स्थायी पूर्ण क्षति होने की स्थिति में बीमित परिवार के किसी भी व्यस्क सदस्य द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर दावा प्रपत्र की पूर्ति की जायेगी।
  2. (ii) दुर्घटना दिनांक (मृत्यु होने की स्थिति में मृत्यु दिनांक) से 30 दिवस की अवधि में दावा प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
  3. विलम्ब के समुचित कारणों का उल्लेख करते हुए दावा प्रपत्र की दुर्घटना दिनांक / मृत्यु दिनांक से 60 दिवस की अवधि में पूर्ति की जा सकेगी।
  4. दावा प्रपत्र पोर्टल पर सबमिट करने पर जनआधार कार्ड से लिंक मोबाइल नम्बर पर ओ.टी.पी. भिजवाया जायेगा। मुखिया की मृत्यु की स्थिति में दावेदार द्वारा ऑनलाइन दावा प्रपत्र में अंकित मोबाइल नम्बर पर ओटीपी भिजवाया जायेगा। दावेदार द्वारा ओ. टी.पी. को सबमिट करने तथा पोर्टल द्वारा Authentication कर लिये जाने पर ही दावा पोर्टल पर Registered किया जायेगा।
  5. पोर्टल पर दावा दर्ज होने के बाद बीमाकर्ता द्वारा दावे का परीक्षण किया जायेगा तथा पॉलिसी के परिप्रेक्ष्य में उचित पाये जाने पर दावा स्वीकृत / अस्वीकृत किया जायेगा । अन्य दस्तावेज वांछित होने पर बीमाकर्ता द्वारा दावेदार से ऑनलाइन ही दस्तावेजों की मांग की जायेगी।
  6. सभी वांछित दस्तावेज प्राप्त होने / अन्वेषण रिपोर्ट प्राप्त होने के 30 दिवस में दावे का निस्तारण कर दिया जायेगा।
  7. बीमाकर्ता द्वारा दावेदार के मोबाइल नम्बर पर स्वीकृति / अस्वीकृति एवं आक्षेप के संबंध में मैसेज भिजवाया जायेगा।
  8. दावा स्वीकृति योग्य होने पर बीमाकर्ता कंपनी द्वारा जनआधार कार्ड से लिंक मुखिया के बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान की कार्यवाही की जायेगी।
  9. मुखिया की मृत्यु होने की स्थिति में पति तथा उनके भी जीवित नहीं होने पर परिवार में शेष रहे सदस्यों में भुगतान योग्य राशि समान अंशो में विभाजित कर बीमाकर्ता कम्पनी द्वारा बीमित परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में ऑनलाइन जमा कराई जायेगी।
  10. परिवार (जनआधार में अंकित) के सभी सदस्यों की मृत्यु होने की स्थिति में कोई राशि देय नहीं होगी।
  11. पारिवारिक विवाद की स्थिति अथवा न्यायिक प्रक्रिया लम्बित होने पर सक्षम न्यायालय के निर्णय के अनुसार भूगतान देय होगा।

13. अपील सुनवाई व्यवस्था :

1. दावे के निस्तारण की दिनांक से 30 दिवस की अवधि में निर्देशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग को ऑनलाईन अपील प्रस्तुत की जा सकेगी। इस स्तर पर 30 दिवस में अपील का निस्तारण किया जायेगा।

2. निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निर्णय के 30 दिवस की अवधि में निर्णय के विरूद्ध शासन सचिव, वित्त (व्यय) विभाग, शासन सचिवालय जयपुर, को द्वितीय अपील ऑनलाईन प्रस्तुत की जा सकेगी।

14 योजना का अंकेक्षण :

मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना का आन्तरिक अंकेक्षण कराने के साथ-साथ महालेखाकार के अंकेक्षण दल से भी अंकेक्षण कराया जायेगा।

राज्यपाल की आज्ञा से,
प्रमुख शासन सचिव, वित्त