Introduction of The Yoga Day (योग दिवस का परिचय)
21 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र को संबोधित करते हुए भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी ने विश्व समुदाय से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने का आवाहन किया l श्री नरेन्द्र भाई मोदी ने कहा, “योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन हैं l योग अभ्यास शरीर, मन, विचार, आत्म संयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है l यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है l योग मात्र व्यायाम नहीं है बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकृति के साथ एक तत्व खोजने का भाव है l योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन ला कर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक प्राकृतिक परिवर्तनों से शरीर में होने वाले बदलावों को शांत करने में सहायक हो सकता है आइए हम सब मिलकर योग को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्वीकार करने की दिशा में कार्य करें l” प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है l
दिनांक 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों ने रिकॉर्ड 177 समर्थकों के साथ 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने का संकल्प किया अपने संकल्प में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार किया कि योग स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए पूर्णतावादी दृष्टिकोण प्रदान करता हैl योग विश्व की जनसंख्या के स्वास्थ्य के लिए तथा उनके लाभ के लिए विस्तृत रूप में कार्य करेगा l योग जीवन के सभी पहलुओं में सामंजस्य बैठता है और इसीलिए बीमारी रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्धन और जीवनशैली संबंधी कई विकारों के प्रबंधन के लिए जाना जाता है l
संयुक्त राष्ट्र के संकल्प को अपनाने के बाद, भारत में कई आध्यात्मिक व्यक्तियों ने इस पहल के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “किसी भी दर्शन, धर्म या संस्कृति के लिए राज्य संरक्षण के बिना जीवित रहना बहुत मुश्किल है। योग अब तक अनाथ की तरह अस्तित्व रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता प्रदान करने से योग से पूरी दुनिया लाभान्वित होगी l”