मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश
1. प्रस्तावना
1.1 विद्यालयों के एकीकरण एवं समन्वयन के फलस्वरूप राज्य के 63315 उच्च माध्यमिक / माध्यमिक / उच्च प्राथमिक / प्राथमिक विद्यालयों में से अधिकांश विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाएं संचालित हैं।
1.2 राजस्थान में माध्यमिक से उच्च माध्यमिक की ट्रांजीशन दर केवल 48 प्रतिशत थी। अतः प्रत्येक ग्राम पंचायत में कक्षा 12 तक की शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 5,300 माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में कमोन्नत किया गया।
1.3 उपरोक्त कार्यवाही के फलस्वरूप राज्य स्थित कुल 13552 माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 13,301 विद्यालय कक्षा 1 से 10/12 के हो गए है (जिसमें से 9.543 विद्यालय कक्षा 1 से 12 एवं 3.758 कक्षा 1 से 10 विद्यालय)
1.4 राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालय को आदर्श विद्यालय व एक प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना कियान्वित की जा रही है। इस प्रकार 9,895 विद्यालयों को आदर्श व 9.631 विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालयों के रूप में विकसित किया जायेगा। विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं को विकास इस योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है।
1.5 समस्त राजकीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 5000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इस राशि की पूर्ति हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, जनसहयोग एवं Corporate Social Responsibility (CSR) के अन्तर्गत अधिकाधिक सहयोग प्राप्त करने के सतत प्रयास किये जा रहे है। गत वर्ष जनसहयोग व सीएसआर के अन्तर्गत 100 करोड रूपये से अधिक धनराशि विद्यालयों को प्राप्त हुई है।
1.6 Corporate Social Responsibility (CSR) एवं अन्य माध्यमों से उपलब्ध फण्ड का बेहतर उपयोग राज्य सरकार की प्राथमिकता की योजनाओं में सुनिश्चित किये जाने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पत्र क्रमांक प. 4 (7) शिक्षा – 1/2014 दिनांक 11-07-2017 के द्वारा ऑनलाईन प्लेटफार्म ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष की स्थापना की गई है।
1.7 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के माध्यम से राजकीय विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं का विकास एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु कार्य करवाये जायेंगे।
1.8 मुख्य मंत्री विद्यादान कोष के विकास एवं प्रबन्धन हेतु राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद, जयपुर नोडल एजेन्सी का कार्य करेगी।
1.9 ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में राशि ऑन लाईन जमा कराई जा सकती है। मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में जमा कराई गई राशि के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के अन्तर्गत छूट का प्रावधान है।
2. मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के उद्देश्य
2.1 एज्यूकेशन विजन 2020′ के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु जनसहयोग सुनिश्चित किया जाना।
2.2 काउड फंडिंग के माध्यम से राजकीय विद्यालयों में निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप आधारभूत सुविधाओं का विकास कर Centre “Excellence के रूप में विकसित करना।
2.3 राजकीय विद्यालयों के विकास में जनसमुदाय की वृहद् स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित करना।
3. मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में प्राप्त राशि से अनुमत कार्य
3.1 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में प्राप्त राशि से अनुमत कार्यों की सूची परिशिष्ट “क” पर उपलब्ध है।
3.2 परिशिष्ट ‘क’ में वर्णित कार्यों के अतिरिक्त कार्य राज्य सरकार से विशेष अनुमति प्राप्त कर करवाये जा सकेंगे।
परिशिष्ट क
मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के अन्तर्गत अनुमत कार्य
क्र.सं. | अनुमत कार्य |
1. | ज्ञान संकल्प पोर्टल पर प्रदर्शित वे परियोजनाएं, जिनके लिए 75 प्रतिशत या अधिक राशि दानदाताओं / संस्थाओं इत्यादि से प्राप्त हो चुकी है। शेष राशि मुख्यमंत्री विद्यादान कोष से (प्रति ईकाई गणना के आधार पर उपलब्ध कराई जा सकेगी। आवंटित की जाने वाली शेष राशि की गणना परियोजना की सम्पूर्ण लागत से न होकर अधिकतम एक ईकाई की राशि की पूर्ति के लिए की जावेगी। |
2 | राजकीय विद्यालयों/छात्रावासों में निर्धारित मानदण्डों के अनुसार निम्नलिखित कार्य शुद्ध पीने का पानी, शौचालय तथा पानी निकासी की व्यवस्थाकक्षा-कक्षों का निर्माण कार्य मय बरामदा विद्युत यंत्र व फिटिंग एवं फर्नीचरकम्प्यूटर कक्ष मय बरामदा व फर्नीचर एवं कम्प्यूटर व अन्य उपकरणप्रयोगशाला कक्ष मय बरामदा एवं फर्नीचर व प्रयोगशाला उपकरणपुस्तकालय कक्ष एवं पुस्तकें व फर्नीचरविद्यालय की चार दिवारी का निर्माणखेलकूद सुविधाओं का विकास मय खेल उपकरणकार्यालय कक्ष / संस्था प्रधान कक्ष / बालिका गतिविधि कक्ष / कला व शिल्प कक्ष विद्यालयों में मरम्मत कार्य हेतुविद्यार्थियों हेतु फर्नीचर स्मार्ट क्लास रूम एवं अन्य सम्बन्धित उपकरण |
3. | ज्ञान संकल्प पोर्टल पर प्रदर्शित अन्य परियोजनाएं |
4. | शिक्षा के गुणात्मक विकास एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु अन्य कार्य |
4. मुख्यमंत्री विद्यादान कोष से कार्यों की स्वीकृति
4.1 कोष में प्राप्त राशि का उपयोग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के समस्त राजकीय विद्यालयों हेतु किया जा सकेगा कोष में उपलब्ध राशि का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर यथा संभय समान रूप से सभी जिलों में कार्य हेतु आवंटन करने का प्रयास किया जायेगा।
4.2 राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद्, माध्यमिक / प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय, राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद् एवं जिला स्तरीय निष्पादक समितियों से मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में प्राप्त राशि से स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त करेगी।
4.3 राज्य सरकार के पत्र क्रमांक प4 (7) शिक्षा-1/2014 दिनांक 11-07-2017 द्वारा गठित राज्य उतरीय संवीक्षा समिति प्राप्त परियोजनाओं की उपयोगिता का आंकलन कर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की निष्पादक समिति के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करेगी।
4.4 राज्य निष्पादन समिति द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु स्कूलों के नामों का निर्धारण के प्रस्तावों का अनुमोदन करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्तुत किये जायेंगे।
4.5 आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अन्तर्गत आयकर की छूट प्राप्त करने के लिए प्राप्त राशि का उपयोग उसी वित्तीय वर्ष में किया जाना अनिवार्य है। अतः राज्य स्तरीय निष्पादक समिति मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में स्वीकृति हेतु कुल उपलब्ध राशि के कार्य स्वीकृत कर सकेगी ताकि मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में उपलब्ध राशि उसी वित्तीय वर्ष में शत प्रतिशत उपयोग हो सकें।
4.6 राज्य निष्पादक समिति परियोजनाओं के अनुमोदन के पश्चात् प्रत्येक परियोजना की प्रकृति के आधार पर समय सीमा व धनराशि का अवमोचन (Release of Instalments) निर्धारित करेगी।
4.7 राज्य निष्पादक समिति के अनुमोदन के पश्चात् राज्य परियोजना निदेशक राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी की जायेगी। प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति के पश्चात परियोजना तत्काल ज्ञान संकल्प पोर्टल पर प्रदर्शित की जायेगी।
4.8 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में प्राप्त राशि से कार्यों की स्वीकृति हेतु राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की निष्पादक समिति की बैठक माह में कम से कम एक बार आवश्यक रूप से आयोजित की जावेगी।
4.9 विद्यादान कोष में प्राप्त राशि के समय पर उपयोग एवं स्वीकृत परियोजनाओं को समय पर पूर्ण कराने की जिम्मेदारी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की निष्पादक समिति की होगी।
4.10 राज्य सरकार एवं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की शाषी परिषद् मुख्यमंत्री विद्यादान कोष से परियोजना / कार्यों की स्वीकृति हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश राज्य निष्पादक समिति / राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद को जारी कर सकेगी।
5. स्वीकृत कार्यों का क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण
5.1 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के अन्तर्गत माध्यमिक शिक्षा एवं माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालयों हेतु स्वीकृत परियोजनाओं / कार्यों का कियान्वयन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के मानदण्डानुसार राज्य स्तर पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जिला स्तर पर जिला परियोजना समन्वयक (रमसा) द्वारा एवं विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबन्धन एवं विकास समिति द्वारा कराया जावेगा।
5.2 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के अन्तर्गत प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों हेतु स्वीकृत परियोजनाओं / कार्यों का क्रियान्वयन सर्व शिक्षा अभियान के मानदण्डानुसार राज्य स्तर पर राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद् द्वारा जिला पर जिला परियोजना समन्वयक (एसएसए) द्वारा एवं विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा कराया जायेगा।
5.3 विशेष परिस्थितियों में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के अन्तर्गत स्वीकृत परियोजनाओं / कार्यों का निष्पादन अन्य कार्यकारी संस्था से करवा सकेगी।
5.4 राज्य स्तर पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् की निष्पादक समिति द्वारा मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों / परियोजनाओं के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जायेगी।
5.5 जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला निभादक समिति द्वारा मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों / परियोजनाओं के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जावेगी।
5.6 जिला परियोजना समन्वयक रमसा एवं एसएसए द्वारा स्वीकृत कार्यों / परियोजनाओं की प्रगति ज्ञान संकल्प पोर्टल पर नियमित रूप अद्यतन की जावेगी।
5.7 राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् एवं राज्य निष्पादक समिति द्वारा मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में प्राप्त राशि का उसी वित्तीय वर्ष में उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा।
5.8 जिला परियोजना समन्वयक, रमसा एवं एसएसए द्वारा कोष में प्राप्त राशि से कियान्वित होने वाली समस्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
6. प्रशासनिक व्यय
6.1 कोष में प्राप्त कुल राशि का अधिकतम 3.5 प्रतिशत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशासनिक मद में व्यय किया जा सकेगा।
6.2 प्रशासनिक मद से ज्ञान संकल्प पोर्टल तथा मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के प्रचार प्रसार के लिए भी राशि व्यय की जा सकेगी। यह राशि बिन्दु संख्या 6.1 में वर्णित प्रशासनिक मद हेतु अनुमत राशि 3.5 प्रतिशत का 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
7. धनराशि का अवमोचन
7.1 निर्माण कार्य (सिविल वर्क) से सम्बन्धित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर से जिलों को राशि दो किस्तों में जारी की जायेगी। परियोजना कार्य की लागत की 60 प्रतिशत प्रथम किस्त के रूप में वित्तीय स्वीकृति के पश्चात जारी की जायेगी। द्वितीय किस्त की राशि प्रथम किस्त की राशि के 75 प्रतिशत के उपयोग के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के पश्चात जारी की जायेगी।
7.2 अन्य परियोजनाओं / कार्यों हेतु कार्य की प्रकृति के अनुसार धनराशि का अवमोचन (Release of Instalments ) का निर्धारण कार्य / परियोजना की स्वीकृति के समय राज्य स्तरीय निष्पादक समिति द्वारा किया जावेगा।
8. पूर्णता प्रमाण पत्र
8.1 राजकीय कार्यकारी संस्था के द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली परियोजनाओं के उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् से जारी दिशा-निर्देशों में दी गई व्यवस्था के अनुरूप जारी किये जायेंगे।
9. अभिलेख / परिसम्पतियों का ब्यौरा संधारण
9.1 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष राशि के द्वारा निर्मित अचल एवं चल परिसम्पत्तियों का स्वामित्व राज्य सरकार को होगा तथा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अभिलेख / परिसम्पत्तियों के ब्यौरे का संधारण किया जावेगा।
9.2 पूर्ण तथा प्रगतिरत परियोजनाओं का विवरण तथा उनसे सम्बन्धित छाया चित्र ज्ञान संकल्प पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध करवाये जायेंगे।
10. अंकेक्षण
10.1 मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के लेखे का अकेक्षण सनदी लेखाकार के द्वारा नियमानुसार करवाया जायेगा।
10.2 प्रत्येक वर्ष अंकेक्षण प्रतिवेदन को ज्ञान संकल्प पोर्टल पर प्रदर्शित किया जायेगा।
11. मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में प्राप्त राशी एवं उपयोग का समस्त ग्यौरा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की शाषी परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा।