जयपुर, 8 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने मृतक राज्य कर्मचारियों के आश्रित परिवारजन को जल्द से जल्द अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने के लिए संवेदनशील निर्णय किया है। अब राज्य में मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रित सदस्य को त्वरित प्रभाव से अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिए प्रत्येक विभाग में राज्य नोडल अधिकारी एवं केस प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी कर दिया है।
परिपत्र के अनुसार, राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को नियुक्ति देने के लिए प्राप्त आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रत्येक विभाग में एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा, जो सामान्यतः विभागाध्यक्ष कार्यालय में पदस्थापित वरिष्ठ अधिकारी होगा। इसी प्रकार मृतक आश्रित नियुक्ति के प्रत्येक प्रकरण में शीघ्र कार्यवाही के लिए एक कर्मचारी को केस प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। केस प्रभारी उसी कार्यालय का कर्मचारी होगा, जिसमें मृतक कर्मचारी पदस्थापित था । राज्य नोडल अधिकारी एवं केस प्रभारी विभाग एवं कार्यालयाध्यक्ष स्तर पर अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करेंगे ।
राज्य नोडल अधिकारी को विभाग के अनुकम्पा नियुक्ति से संबंधित समस्त प्रकरणों का ब्यौरा संधारित करने के साथ ही किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर शीघ्र केस प्रभारी नियुक्त करवाना होगा। कार्यालयाध्यक्ष एवं केस प्रभारी के माध्यम से उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि मृतक कर्मचारी के परिवारजन को अनुकम्पा नियुक्ति नियमों एवं आवेदन प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी हो और पात्र आश्रित द्वारा निर्धारित अवधि में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन कर दिया जाए।
परिपत्र के अनुसार, राज्य नोडल अधिकारी को अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन के साथ लगाए जाने वाले विभागाध्यक्ष के स्तर पर जारी आदेश या प्रमाण-पत्र तथा अन्य दस्तावेज तैयार करवाने होंगे। साथ ही आवेदन की संपूर्ण जांच कर उसमें कोई कमी पाए जाने पर केस प्रभारी के सहयोग से .30 दिन में उस कमी को पूरा करना होगा तथा कार्मिक विभाग से कोई मार्गदर्शन या अनुमति आवश्यक होने पर उसके लिए समन्वय भी करना होगा। आवेदन प्राप्त होने के बाद उसका सक्षम स्तर से अनुमोदन करवाकर 45 दिन में नियुक्ति आदेश जारी करवाना और अवधिपार आवेदन पत्रों के संबंध में कार्मिक विभाग से समन्वय कर शीघ्र अनुमति एवं शिथिलन प्राप्त करने की जिम्मेदारी भी राज्य नोडल अधिकारी की होगी।
इसी प्रकार के प्रभारी को अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आश्रित परिजनों को आवश्यक जानकारी एवं आवेदन पत्र उपलब्ध करवाकर निर्धारित समय में आवेदन प्राप्त करना होगा । कार्यालयाध्यक्ष के स्तर पर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करना, आवेदन पत्र की कमियों को दूर करना, कार्यालयाध्यक्ष के पास आवेदन प्राप्त होने पर 15 दिन की अवधि में आवश्यक कार्यवाही करते हुए विभागाध्यक्ष कार्यालय को आवेदन प्रेषित किया जाना भी केस प्रभारी को सुनिश्चित करना होगा । साथ ही नोडल अधिकारी से सतत समन्वय कर आवेदन पत्र में रही कमियों की अविलंब पूर्ति सुनिश्चित करवाने और नियुक्ति आदेश जारी होने पर उसकी सूचना मृतक आश्रित को देने की जिम्मेदारी भी केस प्रभारी की होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने पर जानकारी के अभाव में या कार्यालय के स्तर पर अनुकम्पा नियुक्ति में अनावश्यक विलंब के मामले सामने आते थे। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार को तत्काल राहत प्रदान करने के उद्देश्य से यह पहल की है। इससे अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित हो सकेगी।