चेतना गीत- इसलिये राह संघर्ष की हम चुनें
इसलिये राह संघर्ष की हम चुनें
जिंदगी आँसुओं से नहायी न हो
शाम सहमी न हो रात हो न डरी
भोर की आँख फिर डबडबायी न हो
इसलिये sssss इसलिये SSSSS
सूर्य पर बादलों का न पहरा रहे
रोशनी रोशनाई में डूबी न हो
यूँ न ईमान फुटपाथ पर हो खड़ा
हर समय आत्मा सबकी ऊबी न हो
आसमाँ में टॅगी हो न खुशहालियां
कैद महलों में सबकी कमाई न हो,
इसलिये राह संघर्ष की हम चुनें
कोई अपनी खुशी के लिये गैर की
हर खुशी छीन ले हम नहीं चाहते
छींट कर थोड़ा चारा कोई उम्र का
हर खुशी बीन ले हम नहीं चाहते
हो किसी के लिये मखमली बिस्तरा
और किसी के लिये इक चटाई न हो,
इसलिये राह संघर्ष की हम चुनें
अब तमन्नाएँ फिर ना करें खुदकुशी
ख्वाब पर खौफ की चौकसी न रहे
श्रम के पाँवो में हो न पड़ी बेड़ियाँ
शक्ति की पीठ अब ज्यादती न सहे
दम न तोड़े कहीं भूख से बचपना
रोटियों के लिये फिर लड़ाई न हो,
इसलिये राह…..